14-01-2020, 11:54 AM
मैं तो उसकी बाते सुन कर शरम से ज़मीन मे धँसी जा रही थी. मरती क्या ना करती मैं पलट गयी. मेरा मुँह टेबल की तरफ हो गया और वो पीछे बैठा हुआ मुझे देखे जा रहा था. “देख लिया अब मैं अपने कपड़े पहन लू.” मैने वैसे ही खड़े खड़े उस से पूछा..
“भाभी जी अपने दोनो हाथो से अपने चूतरो को थोड़ा चौड़ा तो करो आप का हसीन छेद दिखाई नही दे रहा है.” उसकी बात सुन कर मुझे बोहोत शरम आ रही थी. मैने अपने दोनो हाथो से अपने नितंबो को खींच कर फैला दिया और उस से पूछा “अब ठीक है अब तो देख लिया.” मैं अभी पूछ ही रही थी कि मैं बुरी तरह से हड़बड़ा गयी.
वो मेरे ठीक पीछे आ कर बैठ गया था. और अपने हाथो से मेरे दोनो नितंबो को पकड़ कर फैला रहा था. उसके हाथ लगाने से मैं थोड़ा हड़बड़ा गयी जिसकी वजह से मैं गिरने को हुई तो मैने अपने दोनो हाथ टेबल पर टिका दिए जिस कारण मेरे दोनो नितंब और भी ज़्यादा खुल कर उसके सामने आ गये. उसने अपने मुँह से थूक गिरा कर मेरे नितंब छेद गिरा दिया और अपने हाथ से उसे घिस कर छेड़ पर मलने लगा.
“ये क्या कर रहे हो तुम?” मैने गुस्से से कहा..
“कुछ नही भाभी देख रहा था” वो अभी अपनी बात पूरी करता उस से पहले ही मैं उस से गुस्से मे बोली “तुमने वादा किया था कि तुम हाथ नही लगाओगे फिर तुमने मुझे छुआ कैसे”
“भाभी जी दूर से कुछ दिखाई नही दे रहा था और जब पास से देखा तो आप की गांद के बालो ने आप के छेद को ढँक रखा था इस लिए थूक लगा कर उन्हे सही कर रहा था.” वो इतनी गंदी तरह से बात करता कि मैं शर्म से पानी पानी हो जाती..
“अब तो देख लिया अब छ्चोड़ो मुझे और कपड़े पहनने दो.” मैने अपने आप को उससे दूर करने की कोसिस की पर उसकी पकड़ बोहोत मजबूत थी. मैं ज़रा भी हिल डूल नही पा रही थी. मैने अपनी गर्दन घुमा कर देखा तो उसका भीमकाय जैसा लिंग एक दम तना हुआ ठीक मेरे नितंबो के उपर ही था और उसने अपने लिंग पर भी तमाम सारा थूक लगा रखा था.
मैं ये देख कर बुरी तरह से डर गयी की ये क्या कर रहा है. पर इस से पहले की मैं कुछ समझ पाती या कह पाती वो पीछे से मुझसे एक दम चिपक सा गया. उसका तना हुआ लिंग मेरे गुदा छेद से एक दम जुड़ गया. उसने मुझे टेबल पर थोड़ा सा आयेज की तरफ ओर झुका दिया जिस वजह से उसका लिंग एक दम मेरे छेद के अंदर की तरफ होने की कोसिस करने लगा. मैं उसे अपने से दूर करने की कोसिस करने ही वाली थी कि उसने एक ज़ोर दार धक्का मेरे गुदा छेद पर लगा दिया उसके लिंग का सूपड़ा मेरे अंदर घुस गया.
दर्द के मारे मेरी हालत बोहोत बुरी हो गयी थी पर उसने मुझे टेबल पर इस तरह से झुका दिया था कि मैं कुछ नही कर पा रही थी बस दर्द के कारण चीखे जा रही थी…”आआआअहह मार्र गाइिईईईईईईईई निकाआाालल्ल्ल्ल्ल्ल लीईई डीएहहाआटीईई…… मैंन्न्न् मारीइ जाआअ रहियीईईईईईईई हुउऊउउ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ निकलल्ल्ल्ल लूओ ईसीईईई” पर उस समय तो जैसे उसपर भूत सा स्वार था…
“कुछ नही होगा भाभी बस थोड़ा हिम्मत से काम लो बस हो गया” बोल कर उसने अपनी पकड़ मेरे उपर और मजबूत करके एक धक्का और तेज़ी के साथ दिया जिस से उसका आधे से ज़्यादा लिंग मेरे गुदा छेद मे चला गया. मेरी हालत तो दर्द से इतनी खराब हो गयी थी.. कि ऐसा लग रहा था कि मैं अभी मर जाउन्गि.. उस पर उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मैं हिल डॉल भी नही सकती थी. मैं बुरी तरह दर्द से छटपटा रही थी. और वो मज़े से अपने लिंग को मेरे गुदा छेद मे डाल कर अंदर बाहर कर रहा था. थोड़ी ही देर मैं उसके अंदर बाहर लिंग करने के बाद मुझे कुछ राहत मिली ही थी कि उसने अपना बचा हुआ लिंग भी एक धक्के के साथ अंदर कर दिया. मेरी फिर से दर्द के कारण चीख निकल गयी.
वो अपनी मस्ती मे मस्त मेरे मे आराम से धक्के लगा रहा था. थोड़ी ही देर मे उसके धक्के लगाने से मुझे दर्द कुछ कम हुआ. पर मेरा गुस्सा अब भी बरकरार था. मेरी आँखो मे आँसू आ गये थे. दर्द के कारण जिन्हे मैने खून का घूँट समझ कर पी लिया. थोड़ी ही देर मे उसने अपने धक्को की रफ़्तार तेज कर दी.. जैसे जैसे उसकी रफ़्तार तेज होती गयी मुझे भी मज़ा आने लगा. और मज़े मे होने के कारण मैं उसे और तेज़ी के साथ धक्के लगाने को बोलने लगी..
“भाभी जी अपने दोनो हाथो से अपने चूतरो को थोड़ा चौड़ा तो करो आप का हसीन छेद दिखाई नही दे रहा है.” उसकी बात सुन कर मुझे बोहोत शरम आ रही थी. मैने अपने दोनो हाथो से अपने नितंबो को खींच कर फैला दिया और उस से पूछा “अब ठीक है अब तो देख लिया.” मैं अभी पूछ ही रही थी कि मैं बुरी तरह से हड़बड़ा गयी.
वो मेरे ठीक पीछे आ कर बैठ गया था. और अपने हाथो से मेरे दोनो नितंबो को पकड़ कर फैला रहा था. उसके हाथ लगाने से मैं थोड़ा हड़बड़ा गयी जिसकी वजह से मैं गिरने को हुई तो मैने अपने दोनो हाथ टेबल पर टिका दिए जिस कारण मेरे दोनो नितंब और भी ज़्यादा खुल कर उसके सामने आ गये. उसने अपने मुँह से थूक गिरा कर मेरे नितंब छेद गिरा दिया और अपने हाथ से उसे घिस कर छेड़ पर मलने लगा.
“ये क्या कर रहे हो तुम?” मैने गुस्से से कहा..
“कुछ नही भाभी देख रहा था” वो अभी अपनी बात पूरी करता उस से पहले ही मैं उस से गुस्से मे बोली “तुमने वादा किया था कि तुम हाथ नही लगाओगे फिर तुमने मुझे छुआ कैसे”
“भाभी जी दूर से कुछ दिखाई नही दे रहा था और जब पास से देखा तो आप की गांद के बालो ने आप के छेद को ढँक रखा था इस लिए थूक लगा कर उन्हे सही कर रहा था.” वो इतनी गंदी तरह से बात करता कि मैं शर्म से पानी पानी हो जाती..
“अब तो देख लिया अब छ्चोड़ो मुझे और कपड़े पहनने दो.” मैने अपने आप को उससे दूर करने की कोसिस की पर उसकी पकड़ बोहोत मजबूत थी. मैं ज़रा भी हिल डूल नही पा रही थी. मैने अपनी गर्दन घुमा कर देखा तो उसका भीमकाय जैसा लिंग एक दम तना हुआ ठीक मेरे नितंबो के उपर ही था और उसने अपने लिंग पर भी तमाम सारा थूक लगा रखा था.
मैं ये देख कर बुरी तरह से डर गयी की ये क्या कर रहा है. पर इस से पहले की मैं कुछ समझ पाती या कह पाती वो पीछे से मुझसे एक दम चिपक सा गया. उसका तना हुआ लिंग मेरे गुदा छेद से एक दम जुड़ गया. उसने मुझे टेबल पर थोड़ा सा आयेज की तरफ ओर झुका दिया जिस वजह से उसका लिंग एक दम मेरे छेद के अंदर की तरफ होने की कोसिस करने लगा. मैं उसे अपने से दूर करने की कोसिस करने ही वाली थी कि उसने एक ज़ोर दार धक्का मेरे गुदा छेद पर लगा दिया उसके लिंग का सूपड़ा मेरे अंदर घुस गया.
दर्द के मारे मेरी हालत बोहोत बुरी हो गयी थी पर उसने मुझे टेबल पर इस तरह से झुका दिया था कि मैं कुछ नही कर पा रही थी बस दर्द के कारण चीखे जा रही थी…”आआआअहह मार्र गाइिईईईईईईईई निकाआाालल्ल्ल्ल्ल्ल लीईई डीएहहाआटीईई…… मैंन्न्न् मारीइ जाआअ रहियीईईईईईईई हुउऊउउ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ निकलल्ल्ल्ल लूओ ईसीईईई” पर उस समय तो जैसे उसपर भूत सा स्वार था…
“कुछ नही होगा भाभी बस थोड़ा हिम्मत से काम लो बस हो गया” बोल कर उसने अपनी पकड़ मेरे उपर और मजबूत करके एक धक्का और तेज़ी के साथ दिया जिस से उसका आधे से ज़्यादा लिंग मेरे गुदा छेद मे चला गया. मेरी हालत तो दर्द से इतनी खराब हो गयी थी.. कि ऐसा लग रहा था कि मैं अभी मर जाउन्गि.. उस पर उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मैं हिल डॉल भी नही सकती थी. मैं बुरी तरह दर्द से छटपटा रही थी. और वो मज़े से अपने लिंग को मेरे गुदा छेद मे डाल कर अंदर बाहर कर रहा था. थोड़ी ही देर मैं उसके अंदर बाहर लिंग करने के बाद मुझे कुछ राहत मिली ही थी कि उसने अपना बचा हुआ लिंग भी एक धक्के के साथ अंदर कर दिया. मेरी फिर से दर्द के कारण चीख निकल गयी.
वो अपनी मस्ती मे मस्त मेरे मे आराम से धक्के लगा रहा था. थोड़ी ही देर मे उसके धक्के लगाने से मुझे दर्द कुछ कम हुआ. पर मेरा गुस्सा अब भी बरकरार था. मेरी आँखो मे आँसू आ गये थे. दर्द के कारण जिन्हे मैने खून का घूँट समझ कर पी लिया. थोड़ी ही देर मे उसने अपने धक्को की रफ़्तार तेज कर दी.. जैसे जैसे उसकी रफ़्तार तेज होती गयी मुझे भी मज़ा आने लगा. और मज़े मे होने के कारण मैं उसे और तेज़ी के साथ धक्के लगाने को बोलने लगी..