14-01-2020, 11:53 AM
“तो तुम मेरा रॅप करके मुझे प्यार करोगे ??” अपने बारे मे उसकी सोच जान कर मुझे ज़रा भी हैरत नई हुई क्यूकी उसकी हरकते देख कर मुझे उसकी सोच का पता चल गया था कि वो मेरे बारे मे क्या सोचता है इसलिए मैने एक दम मासूम बनते हुए उसकी आँखो मे देखते हुए कहा. उसका लिंग अब भी तन कर उपर नीचे की तरफ झटके मार रहा था जिसे मैं चोर नज़रो से देख रही थी.
“नही भाभी जी मैं… मुझे माफ़ कर दो अब आप जैसा बताओगे मैं वैसा ही करूगा” उसने इस तरह से जवाब दिया जैसे उसे उसकी ग़लती समझ मे आ गयी हो..
“देखो तुम अच्छे से जानते हो कि मैं मनीष से प्यार करती हू और मैं उसे धोखा नही दे सकती हू” मैने उसे थोड़ा और एमोशनल हो कर समझाते हुए कहा.
“तो भाभी मैं कब आप को धोका देने को कह रहा हू.” उसने अपना बुरा सा मुँह बनाते हुए कहा.
“अमित ये धोका नही तो और क्या है..”
“भाभी तो आप ही बताओ मैं क्या करू..” उसने उदास से लहजे मे कहा..
“अच्छा एक बात बताओ कि तुम्हे मुझ मे क्या अच्छा लगा… मुझे तो खुद मे कुछ भी ऐसा नही दिखता है कि जिसे देख कर तुम पागल ही हो जाओ और मेरा रॅप करने पर उतर आओ..”
“ मैने उसे और उकसाते हुए कहा ताकि वो मेरी ज़्यादा से ज़्यादा तारीफ करे..
“भाभी जी आप तो सर से पाँव तक तारीफ ही तारीफ हो. क्या नही है आप मे उपर वाले ने आप को बोहोत फ़ुर्सत से बनाया है. आप के शरीर का हर एक हिस्सा उसने बड़ी बारीकी से सेट किया है. आप की छाती की दोनो गोलाइयाँ हो या आप की गांद…. मतलब आप के दोनो तरबूज जैसे गुंबद, आप के रसीले पंखुड़ियो जैसे होंठ हो या फिर आप का चाँद जैसा चेहरा सब कुछ आप का कमाल है. बस भाभी अगर एक बार इस सब को अपने हाथ से छूने को इसे प्यार करने को मिल जाए तो मैं अपने आप को इस दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान समझुगा.” कहते हुए वो फिर से मेरे करीब आ गया,
पता नही मुझे क्या हुआ मैं भी उसके थोड़ा करीब हो कर उसकी आँखो मे देखने लगी कि वो सच मे मेरी तारीफ कर रहा है या ये सब मुझे रिझाने के लिए कह रहा है पर जो भी था अपने बारे इस तरह की तारीफ सुन कर मुझे अच्छा लग रहा था जैसा की हर औरत या लड़की को अपने हुस्न की तारीफ सुन ना अच्छा लगता है वैसे ही मैं भी अपनी तारीफ सुन कर फुल्ले नही समा रही थी. उसका हाथ उसके लिंग को सहला रहा था एक पल के लिए मेरी निगाह उसके लिंग पर गयी और मेरी आँखे के आगे रूपा का चेहरा घूम गया जब रूपा अमित के लिंग को अपने मुँह मे ले कर चूस रही थी.
उस सीन को याद करते ही मेरी नज़र शर्म से नीचे झुक गई.. “शरमाओ मत भाभी आप का ही है लो हाथ लगा कर देख लो” कहकर उसने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लिंग पर टिका दिया.
,मैने अपना हाथ हटाने की कोसिस की पर उसने मेरे हाथ को मजबूती से पकड़ रखा था और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर आगे पीछे चला रहा था. थोड़ी देर तक वो इसी तरह से अपने हाथ को चलाता रहा फिर उसने अपना हाथ हटा लिया. और मेरा हाथ वैसे ही उसके लिंग पर चलने लग गया.
जब मुझे होश आया कि मैं क्या कर रही हू मैने फॉरन अपना हाथ वहाँ से हटा लिया. “क्या हुआ भाभी अच्छा नही लगा क्या” उसने मेरे हाथ हटा ते ही मुझसे कहा.
“मैं तुम्हारे साथ कुछ भी नही कर सकती तुम समझने की कोसिस क्यू नही करते हो. मैं एक शादी शुदा औरत हू और मैं मनीष को धोका नही दे सकती हू. फिर तुम क्यू मेरे साथ ये सब करने की ज़िद कर रहे हो” मैने फिर से उसे समझाते हुए कहा.
“भाभी किसी को कुछ पता नही चलेगा. और वैसे भी हम दोनो के अलावा है ही कॉन यहाँ पर” उसने मेरे और करीब आ कर मेरे चेहरे को अपने हाथ से अपनी तरफ करते हुए कहा. और अपने होंठो को मेरे होंठ से टिका दिया.
उसकी इस हरकत से मैं एक दम हैरान रह गयी थी. वो मस्ती के साथ मेरे होंठो को चूसे जा रहा था. और उसके हाथ मेरी कमर को सहला रहे थे. मैने अपने आप को उस से अलग करने की कोसिस की पर नाकाम रही. थोड़ी देर तक होंठ चूसने के बाद वो मुझसे अलग हुआ तो उसके चेहरे पर एक विजयी मुस्कान थी. और मुस्कुराते हुए ही बोला “भाभी कसम से मज़ा आ गया आप के होंठ तो बोहोत रसीले है मनीष भैया को तो मज़ा ही आ जाता होगा आप के होंठो चूस कर.”
मैं तो शर्म से ज़मीन मे धसि जा रही थी. क्या कहती क्या करती कुछ नही सूझ रहा था इस लिए मैने उस से डाइरेक्ट ही कह दिया “अमित देखो तुमने जो मेरी फोटो अपने मोबाइल से खींची है वो सब डेलीट कर दो प्लीज़ अगर किसी और ने देख ली तो मेरी बोहोत बदनामी होगी.” मैने उस से रिक्वेस्ट करते हुए कहा.
“ठीक है भाभी जी जैसा आप कहो. मैं सब फोटो डेलीट कर दूँगा पर उस से पहले एक शर्त है. आप को अपने पूरे कपड़े उतार कर मुझे दिखाना होगा.” कह कर उसने अपने तकिये के पास से अपने मोबाइल को उठाया और अपने हाथ मे ले लिया.
“तुमने सब कुछ तो देख लिया है फिर क्यू मुझे ये सब करने पर मजबूर कर रहे हो प्लीज़ डेलीट कर दो” मैन
“नही भाभी जी मैं… मुझे माफ़ कर दो अब आप जैसा बताओगे मैं वैसा ही करूगा” उसने इस तरह से जवाब दिया जैसे उसे उसकी ग़लती समझ मे आ गयी हो..
“देखो तुम अच्छे से जानते हो कि मैं मनीष से प्यार करती हू और मैं उसे धोखा नही दे सकती हू” मैने उसे थोड़ा और एमोशनल हो कर समझाते हुए कहा.
“तो भाभी मैं कब आप को धोका देने को कह रहा हू.” उसने अपना बुरा सा मुँह बनाते हुए कहा.
“अमित ये धोका नही तो और क्या है..”
“भाभी तो आप ही बताओ मैं क्या करू..” उसने उदास से लहजे मे कहा..
“अच्छा एक बात बताओ कि तुम्हे मुझ मे क्या अच्छा लगा… मुझे तो खुद मे कुछ भी ऐसा नही दिखता है कि जिसे देख कर तुम पागल ही हो जाओ और मेरा रॅप करने पर उतर आओ..”
“ मैने उसे और उकसाते हुए कहा ताकि वो मेरी ज़्यादा से ज़्यादा तारीफ करे..
“भाभी जी आप तो सर से पाँव तक तारीफ ही तारीफ हो. क्या नही है आप मे उपर वाले ने आप को बोहोत फ़ुर्सत से बनाया है. आप के शरीर का हर एक हिस्सा उसने बड़ी बारीकी से सेट किया है. आप की छाती की दोनो गोलाइयाँ हो या आप की गांद…. मतलब आप के दोनो तरबूज जैसे गुंबद, आप के रसीले पंखुड़ियो जैसे होंठ हो या फिर आप का चाँद जैसा चेहरा सब कुछ आप का कमाल है. बस भाभी अगर एक बार इस सब को अपने हाथ से छूने को इसे प्यार करने को मिल जाए तो मैं अपने आप को इस दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान समझुगा.” कहते हुए वो फिर से मेरे करीब आ गया,
पता नही मुझे क्या हुआ मैं भी उसके थोड़ा करीब हो कर उसकी आँखो मे देखने लगी कि वो सच मे मेरी तारीफ कर रहा है या ये सब मुझे रिझाने के लिए कह रहा है पर जो भी था अपने बारे इस तरह की तारीफ सुन कर मुझे अच्छा लग रहा था जैसा की हर औरत या लड़की को अपने हुस्न की तारीफ सुन ना अच्छा लगता है वैसे ही मैं भी अपनी तारीफ सुन कर फुल्ले नही समा रही थी. उसका हाथ उसके लिंग को सहला रहा था एक पल के लिए मेरी निगाह उसके लिंग पर गयी और मेरी आँखे के आगे रूपा का चेहरा घूम गया जब रूपा अमित के लिंग को अपने मुँह मे ले कर चूस रही थी.
उस सीन को याद करते ही मेरी नज़र शर्म से नीचे झुक गई.. “शरमाओ मत भाभी आप का ही है लो हाथ लगा कर देख लो” कहकर उसने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लिंग पर टिका दिया.
,मैने अपना हाथ हटाने की कोसिस की पर उसने मेरे हाथ को मजबूती से पकड़ रखा था और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर आगे पीछे चला रहा था. थोड़ी देर तक वो इसी तरह से अपने हाथ को चलाता रहा फिर उसने अपना हाथ हटा लिया. और मेरा हाथ वैसे ही उसके लिंग पर चलने लग गया.
जब मुझे होश आया कि मैं क्या कर रही हू मैने फॉरन अपना हाथ वहाँ से हटा लिया. “क्या हुआ भाभी अच्छा नही लगा क्या” उसने मेरे हाथ हटा ते ही मुझसे कहा.
“मैं तुम्हारे साथ कुछ भी नही कर सकती तुम समझने की कोसिस क्यू नही करते हो. मैं एक शादी शुदा औरत हू और मैं मनीष को धोका नही दे सकती हू. फिर तुम क्यू मेरे साथ ये सब करने की ज़िद कर रहे हो” मैने फिर से उसे समझाते हुए कहा.
“भाभी किसी को कुछ पता नही चलेगा. और वैसे भी हम दोनो के अलावा है ही कॉन यहाँ पर” उसने मेरे और करीब आ कर मेरे चेहरे को अपने हाथ से अपनी तरफ करते हुए कहा. और अपने होंठो को मेरे होंठ से टिका दिया.
उसकी इस हरकत से मैं एक दम हैरान रह गयी थी. वो मस्ती के साथ मेरे होंठो को चूसे जा रहा था. और उसके हाथ मेरी कमर को सहला रहे थे. मैने अपने आप को उस से अलग करने की कोसिस की पर नाकाम रही. थोड़ी देर तक होंठ चूसने के बाद वो मुझसे अलग हुआ तो उसके चेहरे पर एक विजयी मुस्कान थी. और मुस्कुराते हुए ही बोला “भाभी कसम से मज़ा आ गया आप के होंठ तो बोहोत रसीले है मनीष भैया को तो मज़ा ही आ जाता होगा आप के होंठो चूस कर.”
मैं तो शर्म से ज़मीन मे धसि जा रही थी. क्या कहती क्या करती कुछ नही सूझ रहा था इस लिए मैने उस से डाइरेक्ट ही कह दिया “अमित देखो तुमने जो मेरी फोटो अपने मोबाइल से खींची है वो सब डेलीट कर दो प्लीज़ अगर किसी और ने देख ली तो मेरी बोहोत बदनामी होगी.” मैने उस से रिक्वेस्ट करते हुए कहा.
“ठीक है भाभी जी जैसा आप कहो. मैं सब फोटो डेलीट कर दूँगा पर उस से पहले एक शर्त है. आप को अपने पूरे कपड़े उतार कर मुझे दिखाना होगा.” कह कर उसने अपने तकिये के पास से अपने मोबाइल को उठाया और अपने हाथ मे ले लिया.
“तुमने सब कुछ तो देख लिया है फिर क्यू मुझे ये सब करने पर मजबूर कर रहे हो प्लीज़ डेलीट कर दो” मैन