Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery मेहमान बेईमान
#92
मुझे समझ नही आ रहा था कि उसने अपने मोबाइल को कहाँ रखा हुआ है. “कहाँ ढूंढू अब” मैने थक हार कर अपने आप से ही कहा. मेरा ध्यान बार-बार ना जाने क्यू अमित के तने हुए लिंग की तरफ चला जा रहा था. मैने अपने आप को बड़ी मुश्किल से समझाया उसके लिंग को ना देखने के लिए और टेबल की तरफ मोबाइल को देखने के लिए पलट गयी. मैं टेबल पर देख ही रही थी कि तभी दो हाथो ने मुझे पीछे से पकड़ लिया. उन हाथो को अपने शरीर पर महसूस करते ही मेरे पूरे शरीर मे एक बिजली सी कोंध गयी.

“तो आप आ ही गयी मेरे पास अपनी प्यास बुझाने के लिए” उसने मेरे कान मे धीमे से कहा और अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर कमरे की लाइट ऑन कर दी.

अब पूरा कमरे लाइट से जाग मगा रहा था. वो मेरे से इस तरह से चिपक कर खड़ा हुआ था कि उसका मोटा भीमकाय लिंग मुझे मेरे दोनो नितंब के बीच मे गढ़ता हुआ महसूस हो रहा था. वो वैसे ही खड़े खड़े अपने लिंग को मेरे नितंब की दरार मे उपर नीचे करने लग गया.उसकी पकड़ बोहोत मजबूत थी. मैने उसकी पकड़ से छूटने की कोसिस की पर कामयाब ना हो सकी.

“छ्चोड़ो मुझे क्या कर रहे हो तुम” मैने थक हार कर उस से गुस्से से कहा.

“वही कर रहा हू जिसके लिए आप अपने कमरे से यहाँ पर आई हो.” कहते हुए उसने मेरी गर्दन को किस कर लिया.

उसकी पकड़ से निकलने के लिए मैने हाथ पाँव चलाने शुरू कर दिए जिसका नतीजा ये हुआ कि मैं टेबल पर और भी झुक गयी जिसकी वजह से उसका मोटा लिंग अब पूरी तरह से मुझे नितंब छेद पर महसूस हो रहा था. उसके लिंग की रगड़ से मैं भी अपने आप को मदहोश होने से रोक नही पा रही थी पर मुझे ये पता था कि ये सब बिल्कुल ग़लत है. और ऐसा बिल्कुल नही होना चाहिए. “छोड़ दे देहाती मुझे… क्या कर रहा है.” मैने फिर से एक बार गुस्से मे उस से कहा.

“छ्चोड़ दे नही भाभी जी कहो कि चोद दे मुझे.. हहहे” कह कर वो हस्ने लग गया और फिर से मेरी गर्दन को किस करने लग गया. उसके दोनो हाथ मेरी छाती पर थे. उसने अपने दोनो हाथो से मेरे दोनो उरोज थाम लिए. और उन्हे हल्के हल्के मसलने लग गया. “मज़ा आ रहा है ना भाभी जी…” उसने फिर से अपनी गंदी सी हँसी हंसते हुए कहा.

मज़ा तो आ रहा था पर ये सब ग़लत था. और मुझे ये सब जो हो रहा था वो सब नही होने देना था. एक बात तो मेरी समझ मे आ गयी थी की ज़ोर ज़बरदस्ती करने से कोई भी फ़ायडा नही है. इस लिए इसको प्यार से ही समझाना होगा. अगर मैं इसका पानी निकलवा दू तो फिर ये झड़ने के बाद शांत हो जाएगा और कुछ भी नही कर पाएगा. और ये काम मैं अपनी छाती दिखा कर और इसके साथ सेक्सी बाते करके बड़े प्यार से कर सकती हू… और फिर बातो मे फँसा कर अपनी पिक्चर भी इसके मोबाइल से डेलीट करवा दुगी.

“ये क्या कर रहे हो… अमित अपनी भाभी के साथ ज़बरदस्ती करोगे..” मैने एक दम मदहोश होने वाले अंदाज मे कहा ताकि उसे लगे कि मैं पूरी तरह से मदहोश हो गयी हू.

मेरी बात सुन कर वो एक पल के रुक गया. और कुछ सोचने के बाद अपनी पकड़ हल्के करते हुए बोला “नही भाभी जी कोई ज़बरदस्ती नही.. “

“तो फिर पहले मुझे छ्चोड़ो.. ये हम आराम से भी तो कर सकते है..” मैने उसे लालच देने वाले अंदाज मे कहा.. और वो मेरे लालच मे आ गया और उसने मुझ पर अपनी पकड़ बिल्कुल हटा ली.. पर अब भी उसके दोनो हाथ मेरे उरोज पर रखे हुए थे.

मैने बड़े प्यार से उसके दोनो हाथो को अपने उरोज से हटा कर नीचे किया और पलट कर उसकी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. “तुम्हे ज़रा भी भी नही पता कि तुम इस तरह मेरे साथ ये जो भी कुछ कर रहे थे इसको रॅप कहते है… रॅप मतलब समझते हो बलात्कार…..” कह कर मैं उसकी तरफ बस एक तक देखे जा रही थी कि मेरी बात का उस पर क्या असर होता है.

“सॉरी भाभी मुझे माफ़ कर दो…. मैं एक दम पागल हो गया हू जब से आप को देखा है मुझे कुछ समझ मे ही नही आता है. हर वक़्त आप ही आप नज़र आते हो.. आप की उपर नीचे होती मोटी मोटी मस्त चुचिया मेरी आँखो के आगे घूमती रहती है.. और आप की गांद की थिरक ने तो मुझे पागल ही कर दिया है.. मैं बस आप को एक बार जी भर कर प्यार करना चाहता हू…” कह कर वो मेरी तरफ देखने लग गया
[+] 4 users Like Deadman2's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 14-01-2020, 11:52 AM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



Users browsing this thread: 8 Guest(s)