14-01-2020, 11:52 AM
“ये क्या बदतमीज़ी है देहाती गँवार, मैं तेरी शिकायत मनीष से करूगी. अगर तुझे पूरे गाँव मे नही पिटवाया तो मेरा नाम भी निशा नही” मैने गुस्से से उसे हड़कते हुए कहा.
“हहहे.. मज़ाक अच्छा करती हो तुम.. भूल गयी वो रात… उस रात की कुछ यादे मेरे पास अभी भीहै..” कह कर वो फिर से मुस्कुरा दिया और मेरे पास कदम बढ़ाता हुआ आने लगा.
वो रात कैसे भूल सकती हू. सोच कर उस बीती रात की सारी घटना मेरे दिमाग़ मे घूमने लग गयी, जब अमित ने मेरे साथ वो सब किया था जो नही होना चाहिए था.
फ्लेश बॅक.....................................
कमरे मे आते ही मैने कमरे को अंदर से कुण्डी लगा कर बंद कर लिया. ऑर बेड पर लेट गयी. नहा लेने से अब कुछ हल्का हल्का अच्छा लग रहा था. पर मेरा दिमाग़ इस बात को लेकर काफ़ी गुस्से मे था कि वो हर वक़्त मुझ पर नज़र रखे हुए है. ऑर तो ऑर उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गयी है कि बाथरूम के अंदर मुझे नंगा देख रहा था.
क्या सोच रहा होगा मेरे बारे मे.? कही उसने बाथरूम मे मेरी फोटो तो नही ले ली ? उसका कोई भरोसा नही है. कुछ भी कर सकता है. अगर उसने वो सब अपने मोबाइल मे फीड कर लिया होगा तो ? गाँव मे जाकर सब को दिखाएगा.. सोच कर ही डर के मारे मेरी हालत खराब हो गयी. अब मैं क्या करू ?
मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि कैसे उसके मोबाइल से अपनी फोटो डेलीट की जाए. मैं अपने कमरे मे आ कर रात होने का इंतजार कर रही थी. कि कब रात हो और वो सोए तो मैं उसके कमरे मे जा कर उसके मोबाइल से अपनी पिक्चर डेलीट करू. धीरे-धीरे धड़कते दिल के साथ मैं रात का इंतजार करने लगी और रात भी हो गयी. रात के 11.30 बज रहे थे मुझे लग रहा था कि वो सो गया होगा. यही सोच कर मैने डरते हुए दिल के साथ अपने कमरे का दरवाजा खोल कर बाहर देखा. बाहर एक दम सन्नाटा फैला हुआ था. मैं डरते हुए कदमो के साथ अमित के कमरे की तरफ बढ़ती जा रही थी. जैसे जैसे मैं एक-एक कदम बढ़ा रही थी डर के मारे मेरी हालत खराब होती जा रही थी. मेरे दिमाग़ मे बार बार यही चल रहा था कि वो सोया भी होगा या नही. अगर वो जाग रहा होगा तो… तो क्या मैने वापस अपने कमरे मे आ जाउन्गि..
यही सब सोचते हुए मैं उसके कमरे की तरफ बढ़ रही थी. धीरे धीरे दबे कदमो के साथ मैं उसके कमरे के दरवाजे तक आ गयी. कमरे के दरवाजे पर आते ही मेरा दिल बुरी तरह से धड़कने लग गया. कमरे के दरवाजा भिड़ा हुआ था. पता नही अंदर से बंद है या खुला हुआ है. समझ मे नही आ रहा था. मुझे बोहोत डर लग रहा था दरवाजे को खोलने मे कही वो जाग रहा होगा तो..
पर उसके मोबाइल मे अपनी फोटो वाली बात सोच कर मैने अपने आप को हिम्मत बँधाई. और बोहोत धीमे से दरवाजे को अंदर की तरफ धकेल कर चेक किया कि वो खुल रहा है या बंद है. मुझे उम्मीद थी कि उसने अपने कमरे के दरवाजे की कुण्डी नही लगाई होगी और वैसा ही हुआ. हल्का सा पुश करते ही दरवाजा अंदर की तरफ को हो गया जिस से कमरे के अंदर देखने लायक जगह हो गयी. पर कमरे मे उसने नाइट बल्ब जल रहा था जिस वजह से मुझे अंदर की आक्टिविटी समझने काफ़ी टाइम लग रहा था. और जब समझ मे आया तो अंदर वो बेड पर सो रहा था. उसको सोता हुआ देख कर मुझे थोड़ा सुकून मिला और मैने हिम्मत करके थोडा और दरवाजा खोला जिस से बाहर से आई हुई लाइट अंदर आने लग गयी. और मैं जल्दी से अंदर आ कर इधर उधर देखने लग गयी ताकि उसका मोबाइल दिखाई दे. मैने इधर उधर देखा पर मुझे कही भी उसका मोबाइल नज़र नही आया और जब मैने उसकी बेड पर उसकी तरफ देखा तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी. वो बिस्तर पर एक दम नंगा लेटा हुआ था और उसका भीमकाय जैसा लिंग एक दम तना हुआ था. उसका तना हुआ लिंग देख कर एक पल के लिए मेरी नज़र वही की वही अटक गयी. और ना चाहते हुए भी मेरी साँसे अपने आप तेज़ी के साथ चलने लग गयी. थोड़ी देर यूँ ही एक तक उसके लिंग को देखने के बाद मैने अपने आप को संभाला और तुरंत अपनी निगाह उसके लिंग से हटा कर वापस दूसरी तरफ देखने लग गयी…
“हहहे.. मज़ाक अच्छा करती हो तुम.. भूल गयी वो रात… उस रात की कुछ यादे मेरे पास अभी भीहै..” कह कर वो फिर से मुस्कुरा दिया और मेरे पास कदम बढ़ाता हुआ आने लगा.
वो रात कैसे भूल सकती हू. सोच कर उस बीती रात की सारी घटना मेरे दिमाग़ मे घूमने लग गयी, जब अमित ने मेरे साथ वो सब किया था जो नही होना चाहिए था.
फ्लेश बॅक.....................................
कमरे मे आते ही मैने कमरे को अंदर से कुण्डी लगा कर बंद कर लिया. ऑर बेड पर लेट गयी. नहा लेने से अब कुछ हल्का हल्का अच्छा लग रहा था. पर मेरा दिमाग़ इस बात को लेकर काफ़ी गुस्से मे था कि वो हर वक़्त मुझ पर नज़र रखे हुए है. ऑर तो ऑर उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गयी है कि बाथरूम के अंदर मुझे नंगा देख रहा था.
क्या सोच रहा होगा मेरे बारे मे.? कही उसने बाथरूम मे मेरी फोटो तो नही ले ली ? उसका कोई भरोसा नही है. कुछ भी कर सकता है. अगर उसने वो सब अपने मोबाइल मे फीड कर लिया होगा तो ? गाँव मे जाकर सब को दिखाएगा.. सोच कर ही डर के मारे मेरी हालत खराब हो गयी. अब मैं क्या करू ?
मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि कैसे उसके मोबाइल से अपनी फोटो डेलीट की जाए. मैं अपने कमरे मे आ कर रात होने का इंतजार कर रही थी. कि कब रात हो और वो सोए तो मैं उसके कमरे मे जा कर उसके मोबाइल से अपनी पिक्चर डेलीट करू. धीरे-धीरे धड़कते दिल के साथ मैं रात का इंतजार करने लगी और रात भी हो गयी. रात के 11.30 बज रहे थे मुझे लग रहा था कि वो सो गया होगा. यही सोच कर मैने डरते हुए दिल के साथ अपने कमरे का दरवाजा खोल कर बाहर देखा. बाहर एक दम सन्नाटा फैला हुआ था. मैं डरते हुए कदमो के साथ अमित के कमरे की तरफ बढ़ती जा रही थी. जैसे जैसे मैं एक-एक कदम बढ़ा रही थी डर के मारे मेरी हालत खराब होती जा रही थी. मेरे दिमाग़ मे बार बार यही चल रहा था कि वो सोया भी होगा या नही. अगर वो जाग रहा होगा तो… तो क्या मैने वापस अपने कमरे मे आ जाउन्गि..
यही सब सोचते हुए मैं उसके कमरे की तरफ बढ़ रही थी. धीरे धीरे दबे कदमो के साथ मैं उसके कमरे के दरवाजे तक आ गयी. कमरे के दरवाजे पर आते ही मेरा दिल बुरी तरह से धड़कने लग गया. कमरे के दरवाजा भिड़ा हुआ था. पता नही अंदर से बंद है या खुला हुआ है. समझ मे नही आ रहा था. मुझे बोहोत डर लग रहा था दरवाजे को खोलने मे कही वो जाग रहा होगा तो..
पर उसके मोबाइल मे अपनी फोटो वाली बात सोच कर मैने अपने आप को हिम्मत बँधाई. और बोहोत धीमे से दरवाजे को अंदर की तरफ धकेल कर चेक किया कि वो खुल रहा है या बंद है. मुझे उम्मीद थी कि उसने अपने कमरे के दरवाजे की कुण्डी नही लगाई होगी और वैसा ही हुआ. हल्का सा पुश करते ही दरवाजा अंदर की तरफ को हो गया जिस से कमरे के अंदर देखने लायक जगह हो गयी. पर कमरे मे उसने नाइट बल्ब जल रहा था जिस वजह से मुझे अंदर की आक्टिविटी समझने काफ़ी टाइम लग रहा था. और जब समझ मे आया तो अंदर वो बेड पर सो रहा था. उसको सोता हुआ देख कर मुझे थोड़ा सुकून मिला और मैने हिम्मत करके थोडा और दरवाजा खोला जिस से बाहर से आई हुई लाइट अंदर आने लग गयी. और मैं जल्दी से अंदर आ कर इधर उधर देखने लग गयी ताकि उसका मोबाइल दिखाई दे. मैने इधर उधर देखा पर मुझे कही भी उसका मोबाइल नज़र नही आया और जब मैने उसकी बेड पर उसकी तरफ देखा तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी. वो बिस्तर पर एक दम नंगा लेटा हुआ था और उसका भीमकाय जैसा लिंग एक दम तना हुआ था. उसका तना हुआ लिंग देख कर एक पल के लिए मेरी नज़र वही की वही अटक गयी. और ना चाहते हुए भी मेरी साँसे अपने आप तेज़ी के साथ चलने लग गयी. थोड़ी देर यूँ ही एक तक उसके लिंग को देखने के बाद मैने अपने आप को संभाला और तुरंत अपनी निगाह उसके लिंग से हटा कर वापस दूसरी तरफ देखने लग गयी…