13-01-2020, 09:59 PM
(12-01-2020, 09:26 PM)@Raviraaj Wrote: कोमल जी बहुत ही कामुख अपडेट,हर बार की तरह एक बार ओर आप ने दिल जीत लिया,, बहुत ही उत्तेजक ओर कामुख वर्णन किया है,,ये साथ बना रहे !!
इस्मत आपा की रजाई कहानी का आप ने सोलहवाँ सावन में उल्लेख किया था,,वो मिली नहीं है ना उस मे जो हुआ (मम्मी ओर उन का कन्या रस प्रेम )और आप ने पढ़ा उस का वहां आप ने वर्णन किया है,,भाभी ओर चंपा भाभी या कोई और थी गुड्डी की भाभी उस का वर्णन भी आप ने वहां बैकग्राउंड में रख दिया,,वो लेस्बियन रेसलिंग कहीं ना कहीं रखो plz ओर रजाई कहानी का कोई pdf या कोई सोर्स हो या उस का वो लेस्बियन वर्णन आप करो निवेदन है कोमल भौजी ??????
वो कहानी उर्दू में लिहाफ के नाम से छपी थी , जिसका हिंदी में अनुवाद कई जगहों पर रजाई एक नाम से किया गया था और अंग्रेजी में क्विल्ट ( quilt) के नाम से। यहाँ लिंक देना वर्जित है परन्तु मैं यह कह सकती हूँ की विकिपीडिया में ' लिहाफ ' के शीर्षक से इस कहानी के बारे में है और गूगल कर के उसके लिंक ढूंढ सकते हैं , गद्य कोष जो हिंदी कहानियों का अद्भुत संग्रह है , वहां भी यह कहानी मौजूद है।
इस कहानी पर लाहौर हाईकोर्ट में इस्मत जी पर मुकदमा चला था जो बाद में खारिज हो गया।
हाँ और इस कहानी में एक प्रौढ़ा और एक कमसिन , कम उम्र की लड़की के बारे में है ,
आपने सोलहवां सावन का जी जिक्र किया है उसमे जो रिश्ता भाभी की माँ और सोलहवे सावन वाली के बीच में उसी तरह का पीढ़ियों का अंतर वहां भी है ,
और कन्या रस की हलकी सी छेड़छाड़ की बौछार आपके मेरे मोहे रंग दे के इस पोस्ट में मिल सकती है , पढ़ कर जरूर देखियेगा। अगर आप मेरी होली की कहानी , मजा लूटा होली में ,... पढ़ रहे हों तो उसके आखिरी भाग में भी ,...
साथ बनाये रखिये।