13-01-2020, 10:07 AM
तभी म्यूज़िक सिस्टम पर फिर से किसी ने “मेरे हाथो मे 9-9 चूड़िया है” सॉंग प्ले कर दिया. मैने भी अपना मन पक्का कर लिया और अपनी साडी के पल्लू को नवल से नीचे कमर के अंदर की तरफ कर लिया. क्यूकी मैं नही चाहती थी कि डॅन्स करते हुए मेरी साड़ी का पल्लू हवा मे उड़े और मुझे बार बार उसे समेटने मे परेशानी हो. पर पल्लू को कमर मे कसने से मेरा पूरा शरीर खिल कर सामने आ गया था. एक तो वैसे ही कपड़े एक दम चुस्त थे जिस पर मैने डॅन्स करना है.
पर मुझे मेरे डॅन्स पर पूरा भरोसा था कि मैं बढ़िया डॅन्स करूगी. डॅन्स को छ्चोड़े हुए काफ़ी लंबा टाइम हो गया था और अपने देवर की शादी मे नही करूगी तो कब करूगी सोच कर मैने डॅन्स करने की ठान ली. जैसे ही गाना शुरू हुआ मैने मेरे पैरो के साथ अपने कूल्हे मटकाना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर मैं मेरे कुल्हो ने गाने की धुन पर मटकना शुरू कर दिया.
जैसे गाने मे श्री देवी ने कई जगह जंप की थी मुझे भी गाने मे डॅन्स करते हुए जंप करनी पड़ी. मैं जैसे ही जंप करने के लिए उछलती मेरे दोनो उरोज भी उछल कर मेरे मुँह को आने लगते. जो पास से देखने मे आधे से ज़्यादा बाहर निकल आते थे. पर इस समय यहाँ पर सभी औरते बैठी थी इसलिए मुझे इस बात की कोई चिंता नही थी. गाना ख़तम होते होते मैं पूरे जोश मे आ कर डॅन्स करने लग गयी थी. जैसे ही गाना ख़तम हुआ वहाँ पर मौजूद सभी औरतो ने ताली बजा कर मेरी प्रशन्शा की. तालियो की आवाज़ सुन कर मुझे बोहोत ख़ुसी महसूस हो रही थी.
डॅन्स करके मैं पूरी तरह से पसीने से भीग चुकी थी और आ कर वही बैठ गयी. लेकिन वहाँ पर बैठी नयी उमर की लड़कियो ने शोर करना शुरू कर दिया “एक और डॅन्स एक और डॅन्स” मैं बोहोत खुस हो रही थी वो आवाज़े सुन कर कि सभी लोगो ने मेरा डॅन्स पसंद किया.
“अरे निशा भाभी ने तो सुजाता की भी छुट्टी कर दी” मेरे पास बैठी एक लड़की ने ज़ोर से चिल्लाते हुए कहा.
“अरे सुजाता भी तो अच्छा डॅन्स करती है दोनो ही अच्छा डॅन्स करते है” सुजाता के पास बैठी एक लड़की ने कहा.
“ इस बार सुजाता और निशा एक साथ डॅन्स करेंगी देखते है कों अच्छा डॅन्स करता है” वही पास मे ही बैठी एक और लड़की ने कहा. अब ये बिना मतलब के कॉंपिटेशन जैसा होता जा रहा था.
“ हां हां क्यू नही मे तो भाभी के साथ डॅन्स करूँगी” सुजाता ने बड़े विश्वास के साथ मुस्कुराते हुए कहा..
अभी कोई कुछ कहता उस से पहले ही लाइट चली गयी. एक दो बल्ब को छ्चोड़ कर बाकी सब तरफ अंधेरा ही अंधेरा हो गया सब फॅन भी बंद हो गये जिस वजह से मुझे बुरी तरह से गर्मी लगने लगी एक तो वैसे ही गर्मी थी उपर से ये लाइट भी चली गयी. मैने मन ही बड़बड़ाया. तभी किसी ने आवाज़ लगा कर कहा “अरे पीनू कहा मर गया म्यूज़िक सिस्टम पर ही बैठा रहेगा या लाइट भी चालू करवाएगा” पीनू म्यूज़िक सिस्टम पर बैठा हुआ था यानी वो मुझे डॅन्स करते हुए देख रहा था. एक पल के लिए मैं सोच कर घबरा गयी पर अगले ही पल मैने सोचा अच्छा है.. देख देख कर जलने दो. मैं गर्मी की वजह से भीड़ से थोड़ा दूर हट कर खड़ी हो गयी ताकि कुछ राहत मिल सके तभी मेरे कानो मे पीनू की आवाज़ आई..
“अरे कोई नही देखेगा तू बस मौका देख कर छत पर आ जा जल्दी से” उसकी आवाज़ सुन कर मैं सोच मैं पड़ गयी ये किस से कह रहा है छत पर आने की.. कह रहा होगा किसी से मुझे क्या.
“तुम समझते क्यू नही हो.. विकास भैया छत पर ही टहल रहे है.” ये आवाज़ सुन कर मैं चौंक गयी.. ये आवाज़ कुछ सुनी सुनी सी लग रही थी पर खुस-फूसाने की वजह से साफ साफ समझ नही आ रही थी कि कॉन है
“मुझे कुछ नही पता 11 बजे मे छत पर तेरा इंतजार करूगा, अब मैं जा रहा हू लाइट चालू करने के लिए तू मस्त डॅन्स कर निशा के साथ एक दम मस्त माल है निशा भी” जब उसने डॅन्स की बात करी तब मेरी समझ मे आया की वो सुजाता से कह रहा था छत पर आने के लिए.
अमित की इस तरह की बात सुन अमित की वो हरकत याद आ गयी जो उसने मेरे साथ की थी. किस तरह उसने मुझे अपने कमरे मे पकड़ लिया था और मुझे टेबल के साथ झुका कर मेरे मे धक्के लगाना शुरू कर दिया था. रूपा के साथ भी उसने वही किया था. रूपा को भी उसने अपने जाल मे फँसा लिया था और अब वो इस सुजाता को भी... मैं अपनी सोच मे डूबी हुई ये सब सोच ही रही थी कि पीछे से सुजाता ने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया गर्मी की वजह से मेरे चेहरे पर वैसे ही पसीना था पर अमित के साथ घर वाली घटना याद करते ही मेरा चेहरा पसीने से तर बतर हो गया उस पर सुजाता का पीछे से हाथ रखना मैं बुरी तरह से घबरा गयी.
पर मुझे मेरे डॅन्स पर पूरा भरोसा था कि मैं बढ़िया डॅन्स करूगी. डॅन्स को छ्चोड़े हुए काफ़ी लंबा टाइम हो गया था और अपने देवर की शादी मे नही करूगी तो कब करूगी सोच कर मैने डॅन्स करने की ठान ली. जैसे ही गाना शुरू हुआ मैने मेरे पैरो के साथ अपने कूल्हे मटकाना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर मैं मेरे कुल्हो ने गाने की धुन पर मटकना शुरू कर दिया.
जैसे गाने मे श्री देवी ने कई जगह जंप की थी मुझे भी गाने मे डॅन्स करते हुए जंप करनी पड़ी. मैं जैसे ही जंप करने के लिए उछलती मेरे दोनो उरोज भी उछल कर मेरे मुँह को आने लगते. जो पास से देखने मे आधे से ज़्यादा बाहर निकल आते थे. पर इस समय यहाँ पर सभी औरते बैठी थी इसलिए मुझे इस बात की कोई चिंता नही थी. गाना ख़तम होते होते मैं पूरे जोश मे आ कर डॅन्स करने लग गयी थी. जैसे ही गाना ख़तम हुआ वहाँ पर मौजूद सभी औरतो ने ताली बजा कर मेरी प्रशन्शा की. तालियो की आवाज़ सुन कर मुझे बोहोत ख़ुसी महसूस हो रही थी.
डॅन्स करके मैं पूरी तरह से पसीने से भीग चुकी थी और आ कर वही बैठ गयी. लेकिन वहाँ पर बैठी नयी उमर की लड़कियो ने शोर करना शुरू कर दिया “एक और डॅन्स एक और डॅन्स” मैं बोहोत खुस हो रही थी वो आवाज़े सुन कर कि सभी लोगो ने मेरा डॅन्स पसंद किया.
“अरे निशा भाभी ने तो सुजाता की भी छुट्टी कर दी” मेरे पास बैठी एक लड़की ने ज़ोर से चिल्लाते हुए कहा.
“अरे सुजाता भी तो अच्छा डॅन्स करती है दोनो ही अच्छा डॅन्स करते है” सुजाता के पास बैठी एक लड़की ने कहा.
“ इस बार सुजाता और निशा एक साथ डॅन्स करेंगी देखते है कों अच्छा डॅन्स करता है” वही पास मे ही बैठी एक और लड़की ने कहा. अब ये बिना मतलब के कॉंपिटेशन जैसा होता जा रहा था.
“ हां हां क्यू नही मे तो भाभी के साथ डॅन्स करूँगी” सुजाता ने बड़े विश्वास के साथ मुस्कुराते हुए कहा..
अभी कोई कुछ कहता उस से पहले ही लाइट चली गयी. एक दो बल्ब को छ्चोड़ कर बाकी सब तरफ अंधेरा ही अंधेरा हो गया सब फॅन भी बंद हो गये जिस वजह से मुझे बुरी तरह से गर्मी लगने लगी एक तो वैसे ही गर्मी थी उपर से ये लाइट भी चली गयी. मैने मन ही बड़बड़ाया. तभी किसी ने आवाज़ लगा कर कहा “अरे पीनू कहा मर गया म्यूज़िक सिस्टम पर ही बैठा रहेगा या लाइट भी चालू करवाएगा” पीनू म्यूज़िक सिस्टम पर बैठा हुआ था यानी वो मुझे डॅन्स करते हुए देख रहा था. एक पल के लिए मैं सोच कर घबरा गयी पर अगले ही पल मैने सोचा अच्छा है.. देख देख कर जलने दो. मैं गर्मी की वजह से भीड़ से थोड़ा दूर हट कर खड़ी हो गयी ताकि कुछ राहत मिल सके तभी मेरे कानो मे पीनू की आवाज़ आई..
“अरे कोई नही देखेगा तू बस मौका देख कर छत पर आ जा जल्दी से” उसकी आवाज़ सुन कर मैं सोच मैं पड़ गयी ये किस से कह रहा है छत पर आने की.. कह रहा होगा किसी से मुझे क्या.
“तुम समझते क्यू नही हो.. विकास भैया छत पर ही टहल रहे है.” ये आवाज़ सुन कर मैं चौंक गयी.. ये आवाज़ कुछ सुनी सुनी सी लग रही थी पर खुस-फूसाने की वजह से साफ साफ समझ नही आ रही थी कि कॉन है
“मुझे कुछ नही पता 11 बजे मे छत पर तेरा इंतजार करूगा, अब मैं जा रहा हू लाइट चालू करने के लिए तू मस्त डॅन्स कर निशा के साथ एक दम मस्त माल है निशा भी” जब उसने डॅन्स की बात करी तब मेरी समझ मे आया की वो सुजाता से कह रहा था छत पर आने के लिए.
अमित की इस तरह की बात सुन अमित की वो हरकत याद आ गयी जो उसने मेरे साथ की थी. किस तरह उसने मुझे अपने कमरे मे पकड़ लिया था और मुझे टेबल के साथ झुका कर मेरे मे धक्के लगाना शुरू कर दिया था. रूपा के साथ भी उसने वही किया था. रूपा को भी उसने अपने जाल मे फँसा लिया था और अब वो इस सुजाता को भी... मैं अपनी सोच मे डूबी हुई ये सब सोच ही रही थी कि पीछे से सुजाता ने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया गर्मी की वजह से मेरे चेहरे पर वैसे ही पसीना था पर अमित के साथ घर वाली घटना याद करते ही मेरा चेहरा पसीने से तर बतर हो गया उस पर सुजाता का पीछे से हाथ रखना मैं बुरी तरह से घबरा गयी.