03-02-2019, 12:42 PM
पिया मिलन को जाना
बारिश खूब देर तक चली और बारिश के कारण चन्दा भी नहीं आ पायी।
पर पूरबी, गीता, कामिनी भाभी के साथ खूब चुहलबाजी हुई, सब शर्म छोड़कर, और खास कर तो पूरबी मेरे पीछे ही पड़ी थी। जब कोई भाभी उसे चिढ़ाते हुये पूछती- “लगाता है, खूब स्तन मर्दन हुआ है, तुम्हारी चोली तंग हो गयी है…”
तो वह चोली के ऊपर से ही मेरे जोबन दबा के दिखाते हुये कहती- “हां भाभी वो ऐसे ही दबाते थे…”
पूरबी तो मेरे पीछे थी ही, पर जिस तरह कामिनी भाभी मुझे मीठी तिरछी निगाहों से देख रहीं थी, मैं समझ गयी कि उनके भी इरादे कम खतरनाक नहीं।
दो-तीन घंटे में मैं पूरबी और कामिनी भाभी से काफी खुल गयी। जब शाम होने को थी तब बारिश बंद हुई और सब लोग जा रहे थे की चन्दा आयी। चलते समय, कामिनी भाभी मुझसे गले मिली और बोली-
“ननद रानी मैं तो तुम्हें इतना एक्सपर्ट बना दूंगी कि जितना चार-चार बच्चों की मां नहीं होती…”
![[Image: bride-1121.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/16/bride-1121.jpg)
चन्दा ने मुझे नीचे से ऊपर तक देखा, और धीरे से बोली- “इतना श्रिंगार, किसी के पास जाने वाली थी क्या…”
मैं भी उसी सुर में बोली- “तुम्हारे बिना कौन ले जाने वाला है…”
“उसी लिये तो आयी हूँ सुबह तुमने किसी से वादा किया था…” मेरे गाल पर कस के चिकोटी काटती वो बोली।
“भाभी, जरा इसको मैं बाहर की हवा खिला लाऊँ, गांव के बाग बगीचे दिखा लाऊँ…” वह चम्पा भाभी से बोली।
“ले जाओ, बेचारी सुबह से घर में बैठी है, बरसात के चक्कर में झूला भी नहीं जा पायी…” चम्पा भाभी ने इजाजत दे दी।
हम दोनों तेजी से घर के बाहर निकले। मैं चन्दा से भी तेज चल रही थी।
“हे बहुत बेकरार हो रही हो यार से मिलने के लिये…” चन्दा ने मुझे छेड़ा।
“और क्या…” मैं भी उसी अंदाज में बोली।
बरसात के बाद जमीन से जो भीनी-भीनी सुगंध निकल रही थी, ठंडी मदमस्त सावन की बयार बह रही थी, हरी कालीन की तरह धान के खेत बिछे थे, झूलों पर से कजरी गाने की आवाजें आ रही थीं, मौसम बहुत ही मस्त हो रहा था। चन्दा मेरा हाथ पकड़कर एक आम के बाग में खींच ले गयी।
बहुत ही घनाबाग़ था और अंदर जाने पर एक अमराई के झुंड के अंदर वो मुझे ले गई।
बारिश खूब देर तक चली और बारिश के कारण चन्दा भी नहीं आ पायी।
पर पूरबी, गीता, कामिनी भाभी के साथ खूब चुहलबाजी हुई, सब शर्म छोड़कर, और खास कर तो पूरबी मेरे पीछे ही पड़ी थी। जब कोई भाभी उसे चिढ़ाते हुये पूछती- “लगाता है, खूब स्तन मर्दन हुआ है, तुम्हारी चोली तंग हो गयी है…”
तो वह चोली के ऊपर से ही मेरे जोबन दबा के दिखाते हुये कहती- “हां भाभी वो ऐसे ही दबाते थे…”
पूरबी तो मेरे पीछे थी ही, पर जिस तरह कामिनी भाभी मुझे मीठी तिरछी निगाहों से देख रहीं थी, मैं समझ गयी कि उनके भी इरादे कम खतरनाक नहीं।
दो-तीन घंटे में मैं पूरबी और कामिनी भाभी से काफी खुल गयी। जब शाम होने को थी तब बारिश बंद हुई और सब लोग जा रहे थे की चन्दा आयी। चलते समय, कामिनी भाभी मुझसे गले मिली और बोली-
“ननद रानी मैं तो तुम्हें इतना एक्सपर्ट बना दूंगी कि जितना चार-चार बच्चों की मां नहीं होती…”
![[Image: bride-1121.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/16/bride-1121.jpg)
चन्दा ने मुझे नीचे से ऊपर तक देखा, और धीरे से बोली- “इतना श्रिंगार, किसी के पास जाने वाली थी क्या…”
मैं भी उसी सुर में बोली- “तुम्हारे बिना कौन ले जाने वाला है…”
“उसी लिये तो आयी हूँ सुबह तुमने किसी से वादा किया था…” मेरे गाल पर कस के चिकोटी काटती वो बोली।
“भाभी, जरा इसको मैं बाहर की हवा खिला लाऊँ, गांव के बाग बगीचे दिखा लाऊँ…” वह चम्पा भाभी से बोली।
“ले जाओ, बेचारी सुबह से घर में बैठी है, बरसात के चक्कर में झूला भी नहीं जा पायी…” चम्पा भाभी ने इजाजत दे दी।
हम दोनों तेजी से घर के बाहर निकले। मैं चन्दा से भी तेज चल रही थी।
“हे बहुत बेकरार हो रही हो यार से मिलने के लिये…” चन्दा ने मुझे छेड़ा।
“और क्या…” मैं भी उसी अंदाज में बोली।
बरसात के बाद जमीन से जो भीनी-भीनी सुगंध निकल रही थी, ठंडी मदमस्त सावन की बयार बह रही थी, हरी कालीन की तरह धान के खेत बिछे थे, झूलों पर से कजरी गाने की आवाजें आ रही थीं, मौसम बहुत ही मस्त हो रहा था। चन्दा मेरा हाथ पकड़कर एक आम के बाग में खींच ले गयी।
बहुत ही घनाबाग़ था और अंदर जाने पर एक अमराई के झुंड के अंदर वो मुझे ले गई।
![[Image: mango-grove-3.md.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/10/16/mango-grove-3.md.jpg)