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Adultery सोलवां सावन
#35
पूरबी 


[Image: Teej-807e93ede4ffad71fbac6e684b4e2b5a.md.jpg]


 मेरी भाभी मेरे बगल में आकर बैठ गयीं थीं। मेरी कलाईयों की ओर देखती हुई बोलीं- “अरे तुम्हारी चूड़ियां क्या हुईं… किसके साथ तुड़वा के आयी…” 


“नहीं भाभी, बरसात है, फिसलन में गिर पड़ी थी…” मैं भोली बन के बोली। 


“गिर पड़ी थी या किसी के साथ कुश्ती लड़ रही थी…” पूरबी ने मुझे छेड़ते हुए पूछा

[Image: Manju-bai-aaaa.md.jpg]


तब तक कामिनी भाभी आ गयीं खूब लहीम-शहीम लंबा कद, ताकतवर, पकड़ लें तो कोई तगड़ा मर्द भी न छुड़ा पाये, गोरा रंग, कम से कम 38डी जोबन लेकिन एकदम कड़े और फर्म, मजाक करने और गालियां देने में चम्पा भाभी से भी दो हाथ आगे। मैं उनसे मिली नहीं थी पर सुना बहुत था। 



मेरा चेहरा पकड़कर ध्यान से उन्होंने देखा और बोलीं- “जितना सुना था उससे भी बहुत अच्छा पाया…” 


और फिर भाभी को छेड़तीं बोलीं- 



“इसको इत्ता छेड़ रही हो, पर भूल गयी। इससे कम से कम तुम दो साल छोटी रही होगी, जब श्यामू ने तुम्हारे साथ… और उसके बाद…” 

हँसते हुए, भाभी ने उन्हें रोकते हुये कहा- 



“अरे जाने दीजिये भाभी आप तो इसके सामने मेरी सारी पोल ही खोल देंगी…” 

पर मेरे गाल पर चिकोटी काटती चम्पा भाभी बोलीं- “अरे अब इससे क्या छिपाना, अब ये भी तो हमारी गोल की हो गयी है…” 



पूरबी, मुझसे थोड़ी ही बड़ी रही होगी, और वह मेरी भाभी की बहन लगती थी। तीन चार महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी और वह शादी के बाद पहली बार सावन में अपने मायके आयी थी, और अपनी ननद को छेड़ने का कोई मौका, कामिनी या चमेली भाभी क्यों छोड़तीं। 



[Image: Geeta-bangles.md.jpg]


“इससे तो पूछ रही थी कि इसकी चूड़ी कहां… किसके साथ टूटी, तू बता… पहली रात में कितनी चूड़ियां टूटीं…” कामिनी भाभी ने पूछा। 
“भाभी सच बताऊँ, दो दरज़न पहनी थीं अगली सुबह एक दरजन बचीं…” मुश्कुराती हुई पूरबी ने कबूला। 

अच्छा बता आने के पहले झूला झूला की नहीं…” चमेली भाभी ने पूछा। 

पूरबी- “वो तो मैं रोज…” 

उसकी बात काटकर चम्पा भाभी बोलीं- 



“अरे वो तो मुझे मालुम है दिन रात चुदवाती होगी, मुझे मालूम है कि मेरी ननदों का एक दिन बिना मोटे लण्ड के नहीं कट सकता, पर आने के पहले कभी झूले पे…” 



पूरबी बोली- “धत्त… हां… यहां आने के एक दिन पहले… घर में कोई नहीं था, बादल खूब जोर से बरस रहे, और मैं, उनकी गोद में बैठी झूला झूल रही थी कि उन्होंने मेरी पहले तो चोली खोलकर जोबन दबाने शुरू किये और फिर साड़ी उठाकर करने लगे…” 





“अरे मैं तेरी साड़ी उठाकर अपना हाथ तेरी चूत के अंदर कलाई तक कर दूंगी। साफ-साफ बता… डिटेल में…” कामिनी भाभी बोलीं। 

अब पूरबी के पास कोई चारा नहीं बचा था, वह सुनाने लगी- 



“मेरी चूची दबाते-दबाते, और मेरे चूतड़ों के रगड़ से उनका लण्ड एकदम खड़ा हो गया था, उन्होंने मुझसे जरा सा उठने को कहा और मेरी साड़ी साया उठाकर कमर तक कर दिया और अपना पाजामा भी नीचे कर लिया। 
मेरी चूत फैलाकर मेरे चूत को सेंटर करके उन्होंने धक्का लगाया और पूरा सुपाड़ा अंदर चला गया, फिर वह मेरी चूचियां पकड़ के धक्का लगाते और मैं झूले की रस्सी पकड़ के पेंग लगाती, खूब खच्चाखच्च अंदर जा रहा था। 

वो मेरा कभी गाल काटते, कभी चूम लेते। काफी देर बाद उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उठकर झूले पे उनकी गोद में आ जाऊँ। मैं उनको फेस करते हुये, उनकी गोद में बैठ गयी, उन्होंने सुपाड़े को मेरी चूत में घुसाके मेरी पीठ पकड़के कसके मुझे अपनी ओर खींचा और अबकी बार तो पूरा लण्ड जड़ तक अंदर तक घुस गया था, मेरी चूचियां उनकी छाती से दब पिस रहीं थीं, अब तक बारिश भी खूब तेज हो गयी थी और तेज हवा के चलते बौछार भी एकदम अंदर आ रही थी।

हम दोनों अच्छी तरह से भीग रहे थे, पर चुदाई के मजे में कौन रुकता। 

वो एक हाथ से मेरी पीठ पकड़ के धक्के लगाते और दूसरी से मेरी चूचियां, क्लिट मसलते और मैं दोनों हाथों से झूले की रस्सी पकड़ के पेंग लगाती… झड़ने के बाद भी हम लोग वैसे ही झूलते रहे…”
 

औरों का तो नहीं मालूम पर ये हाल सुनके मैं एकदम गरम हो गयी थी। मेरे मुँह से निकला- 

“पर… कैसे… झूले पर… झूलते…” 

“अरे मेरी बिन्नो, आज मैं झूले पर तुम्हारे ठीक पीछे बैठूंगी, और तुम्हारे ये दोनों रसीले जोबन दबाते, जिसके इस गांव के सारे लड़के दीवाने हैं, तुम्हें अच्छी तरह ट्रेनिंग दे दूंगी…” 

वास्तव में मेरे जोबन कसके पकड़कर, दबाते, पूरबी बोली। 

[Image: geeta-tumblr-p7bgrv-Xl-Lr1ulv4rso1-540.jpg]


“पूरबी सही कह रही है, देखो तुम, (मेरी भाभी से वो बोलीं) पूरबी, मेरी सारी ननदें पक्की छिनाल हो, और ये तुम्हारी ननदें है तो जब ये यहां से वापस जाय तो तब तक तो दर-छिनाल हो जानी चाहिये, इसकी ट्रेनिंग तो पक्की होनी चाहिये…” कामिनी भाभी ने कहा।

“इसकी ट्रेनिंग मेरे सारे देवर देंगे…” चमेली भाभी ने हँसकर कहा- 



“और यहां से लौटने के बाद मेरा देवर, इसका टेस्ट लेगा, क्यों ठीक है ना…” मुझसे पूछते हुए, मेरी आँखों में आँखें डालकर, भाभी बोली। 



“हां और जब ये कातिक में वापस आयेगी ना तो फाईनल इम्तहान राकी के साथ, क्यों…” चम्पा भाभी कहां चुप रहने वालीं थीं। 



“इसकी तो ऐसी ट्रेनिंग होनी चाहिये की ऐसी छिनार कहीं ना हो, बाकी “खास” ट्रेनिंग हम तुम मिलकर दे देंगे…” अर्थ पूर्ण ढंग से मुश्कुराते हुये, कामिनी भाभी चम्पा भाभी से बोलीं। 



“दीदी, तुम कहो तो मैं भी कुछ इसकी ट्रेनिंग करवा दूं…” पूरबी मेरी भाभी से मुश्कुरा के बोली। 

“और क्या, तुम ससुराल से इत्ती प्रैक्टिस करके आयी हो, और… आखिर ये तुम्हारी भी तो ननद है…” भाभी बोलीं। 

[Image: Geeta-w.jpg]
हमलोग झूले के लिये निकलने ही वाले थे की जमकर बारिश शुरू हो गयी और हमारा प्रोग्राम धरा का धरा रह गया। 
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 03-02-2019, 12:41 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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