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Misc. Erotica मजा पहली होली का ससुराल में ,
#37
गाँव की होली , ननदों भौजाइयों के साथ 


[Image: wet-hot-girls-enjoying-holi-5.jpg]











उन सबसे निपटने के बाद मैंने साड़ी ब्लाउज फिर से पहना और खेत से बाहर निकली|


मैं घर की ओर मुड़ हीं रही थी कि कुछ औरतों का झुंड मिल गया| वो मुझे ले के चंपा भाभी के घर पहुँची, जहाँ गाँव भर की औरतें इकट्ठा होती थीं और होली का जम के हुड़दंग होता था| 




क्या हंगामा था| मेरे साथ जो औरतें पहुँची, पहले तो बाकी सबने मिल के उनके कपड़े फाड़े| 

[Image: a65bd87545606171ce0d84236a80079c.jpg]


मेरे साथ गनीमत ये थी कि चंपा भाभी ने मुझे अपने आसरे ले लिया था और मेरे आने से वो बहुत खुश थीं| एक से एक गंदे गाने, कबीरा, जोगीड़ा...जो अब तक मैं सोचती थी सिर्फ आदमी हीं गाते हैं, एक ने मुझे पकड़ा और गाने लगी|

दिन में निकले सूरज और रात में निकले चंदा..अरे हमरे यार ने...|
किसकी पकड़ी चूचि और किसको चोदा..अरे हमरे यार ने|
भाभी की चूचि पकड़ी और संगीता को चोदा...अरे कबीरा सा रा रा रा|

[Image: 15-Photos-Of-Hot-Pakistani-Model-Sofia-H...tion-9.jpg]


चंपा भाभी ने सबको भांग मिली ठंडाई पिलाई थी, इसलिए सबकी सब खूब नशे में थीं| 





उन्होंने कंडोम में गुलाल भर भर के ढेर सारे डिल्डो भी बना रखे थे और चार पांच मुझे भी दिये| 

तब तक एक ननद ने मुझे पीछे से पकड़ा, (वो भी शादीशुदा थी और जो स्थान भाभियों में चंपा भाभी का था वही ननदों में उनका था|) मुझे पकड़ के पटकते हुए वो बोलीं, 

“चल देख तुझे बताती हूँ, होली की चुदाई कैसे होती है?” 


उनके हाथ में एक खूब लंबा और मोटा, निरोध में मोमबत्ती डाल के बनाया हुआ डिल्डो था|

तब तक चंपा भाभी ने मुझे इशारा किया और मैंने उन्हें उल्टे पटक दिया| 

उधर चंपा भाभी ने उनके हाथ से डिल्डो छीन के मुझे थमा दिया और बोलीं, 

लगता है नंदोई अब ठंडे पड़ गये हैं जो तुम्हें इससे काम चलाना पड़ रहा है| अरे ननद रानी, हम लोगों से मजे ले लो ना|” 

फिर मुझे इशारा किया कि जरा ननद रानी को मजा तो चखा दे| मैं सिक्स्टी नाइन की पोज में उनके ऊपर चढ़ गई और पहले अपनी चूत, फिर गांड़ सीधे उनके मुँह पे रख के कस के एक बार में हीं ६ इंच डिल्डो सीधे पेल दिया|



वो बिलबिलाती रहीं, गों गों करती रही, लेकिन मैं कस-कस के अपनी गांड़ उनके मुँह पे रगड़ के बोलती रही, 

“अरे ननद रानी, जरा भौजी का स्वाद तो चख लो, तब मैं तुम्हारे इस कुत्ते गधे के लंड की आदि भोंसड़े की भूख मिटाती हूँ|” चंपा भाभी ने गुलाल भरा एक डिल्डो ले के सीधे उनकी गांड़ में ठेल दिया|

[Image: Lez-face-sitting-14271176.gif]


वहाँ से निकल के चंपा भाभी के साथ और लड़कियों के यहाँ गये| 

संगत में मैं पूरी तरह ट्रेन हो गई| सुनील की बहन गुड़िया मिली तो चंपा भाभी के इशारे पे मैंने उसे धर दबोचा| 


वो अभी कच्ची कली थी, ९ वें में पढ़ती थी| 

लेकिन तब फ्रॉक के अंदर हाथ डाल के उसकी उठ रही चूचियों को, कस-कस के रगड़ा और चड्ढी में हाथ हाथ डाल के उसकी चूत में भी जम के तब तक उंगली की जब तक वो झड़ नहीं गई| यहाँ तक की मैंने उससे खूब गंदी-गंदी गालियाँ भी दिलवाई, उसके भाई सुनील के नाम भी|

कोई लड़की, कोई औरत बच नहीं पा रही थी| 



एक ने जरा ज्यादा नखड़ा किया तो भाभी ने उसका ब्लाउज खोल के पेड़ पे फेंक दिया और आगे पीछे दोनों ओर गुलाल भरे कंडोम जड़ तक डाल के छोड़ दिया और बोलीं, 

“जा के अपने भाई से निकलवाना|” 


और जिन-जिन की हम रगड़ाई करते थे, वो हमारे ग्रुप में ज्वाइन हो जाती थीं और दूने जोश से जो अगली बार पकड़ में आती थी उसकी दुरगत करती थीं| 




यहाँ तक की भाभी लड़कों को भी नहीं बख्शती थीं| एक छोटा लड़का पकड़ में आया तो मुझसे बोलीं, 

“खोल दे, इस साल्ले का पजामा|”

मैं जरा सा झिझकी तो बोलीं, 

“अरे तेरा देवर लगेगा, जरा देख अभी नूनी है कि लंड हो गया| चेक कर के बता, इसने अभी गांड़ मरवानी शुरू की या नहीं, वरना तू हीं नथ उतार दे साल्ले की|” 

वो बेचारा भागने लगा, लेकिन हम लोगों की पकड़ से कहाँ बच सकता था|

मैंने आराम से उसके पजामे का नाड़ा खोला, और लंड में, टट्टे में खूब जम के तो रंग लगाया हीं, उसकी गांड़ में उंगली भी की और गुलाल भरे कंडोम से गांड़ भी मार के बोला, 

“जा जा, अपनी बहन से चटवा के साफ करवा लेना|” 

कई कई बार लड़कों का झुंड एक दो को पकड़ भी लेता या वो खुद हीं कट लेतीं और मजे ले के ग्रुप में वापस| 

तीन चार बार तो मैं भी पकड़ी गई और कई बार मैं खुद भी कट के...मजे ले के
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RE: ससुराल की पहली होली - by komaalrani - 03-02-2019, 11:39 AM



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