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Misc. Erotica अनोखी ताक़तों का मालिक।
#79
(02-02-2019, 08:43 PM)Tanu Wrote: Update 19

अब तक-:

राहुल अपने रूम में आकर जल्दी से बैग में जीन्स और टीशर्ट डालता है और घर से निकल जाता है । एक खाली पड़े बंगले में जाकर वो कपड़े बदलता है और पिंकि को बताई हुई जगह पर पहुँचता है ।वँहा पिंकि तो नहीं थी पर उसकी क्लास के दो बिगड़े हुए लड़के विक्रम और भानु कुछ नशा कर रहे थे । वो उसे देखते ही उसका मजाक बनाने लगते हैं ।

भानु-ओ ...पागल तू यँहा क्या रहा है ।

अब आगे-:

दिनेश-लगता है घर वालों ने निकाल दिया होगा ।
भानु-हाहाहा....सही कहा भाई पागल कौन रखेगा घर में ।
इसी समय पिंकि पार्क में दाखिल होती है ।
[Image: thumb.php?id=FF13_5C55AFCB]
 पिंकि ने लाल और काले चेक वाली शर्ट पहन रखी थी जिसे उसने अपनी नींली जीन्स के अंदर डाला हुआ था जिसके कारण उसके उन्नत और सुडौल स्तंन बड़े-2 सेबों की भांति लग रहे थे जो उसके हर कदम के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे । उसके खुले हुए लम्बे बालों की लटों के घुँराले छल्ले उसकी पतली कमर पर उछल रहे थे । टाइट जीन्स में उसके नितम्ब मटकों की तरह लग रहे थे ।
भानु-अबे पागल राहुल तेरे लिए ही आ रही है यह राँड़ ।
विक्रम(राहुल ने देखा कि विक्रम अपना लन्ड मसल रहा है)- भाई इसके मोम्मे तो देख कितने बड़े हैं ...दूध के टैंक हैं यह ।
भानु-सही कहा भाई , इसे कुतिया की तरह करके इसकी बड़ी गाँड़ को चोदने में बड़ा मजा आएगा तब इसके मोम्मे गुबारों की तरह ऊपर नीचे होंगे ।
पिंकि सीधे आकर राहुल को अपनी बाहों में भर लेती है । राहुल को ऐसा प्यार भरा आगोश पहली बार मिला था । पिंकि के बदन की महक उसे पागल सी करने लगी थी ।
भानु(ज़ोर से बोलता है ताकि पिंकि सुन ले)- रंडी इस छक्के से कुछ नहीं होगा आ मैं अपने लौड़े से तेरी अच्छी खातिर करूँगा ।
राहुल के नथुने गुस्से से फड़कने लगे थे वो भानु और विक्रम की तरफ मुड़ता है पर पिंकि उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लेती है । "राहुल बोलने दो उन्हें चलो हम कहीं और चलते हैं" पिंकी राहुल को अपनी ओर खींचते हुए कहती है ।
विक्रम-इससे तेरी आग नहीं भुजेगी जानेमन ,तेरे लिए मेरे जैसा असली मर्द चाहिए ।
राहुल (पिंकि के माथे को चूमता है और उसकी डरी हुई आंखों में देखकर ,अपना हाथ उसके हाथ से छुड़वाते हुए कहता है )- पिंकि विश्वास करो मेरा इनको सबक सीखना ज़रूरी है ,बस एक मिनट दो मुझे ।तुम बस एक मिनट आँख बंद करलो और सोचो कि तुम यँहा हो नहीं ।
राहुल विक्रम और भानु के पास चला जाता है और हेल्लो करने के लिए आपना हाथ आगे करता हुआ कहता है ,और दोस्तों कैसे हो ? "यह है अपना असली दोस्त अपनी माशूका को हमसे चुदवाने की बात करने आया है " भानु कहते हुए अपना हाथ राहुल की और बड़ा देता है । हड्डियों के कडने की तेज आवाज के साथ भानु की एक चीख निकलती है ।
राहुल(अपनी पकड़ को थोड़ा और कसते हुए)-तो चलो मिलोगे नहीं उससे ?
भानु(रोते हुए)-भाई छोड़ दे गलती हो गयी ।
राहुल-पक्का या कुछ बाकी है । वो अपनी पकड़ को थोड़ा और कसता है ...एक हड्डी के टूटने की आवाज़ होती है और वो भानु का हाथ छोड़ देता है और पिंकि को लेकर पार्क से निकल जाता है ।
पिंकि-तुमने उनके साथ क्यों लड़ाई की ,बस बोल ही तो रहे थे । तुम्हें कुछ हो जाता तो ? 
राहुल-मैं कोई झगड़ा करने थोड़े ही गया था ,मेरी क्लास के थे दोनों बस मिलने गया था हेल्लो किया और आ गया ।
पिंकि-फिर मुझे चीखें क्यों सुनाई दीं ।
राहुल-वो भानु था उसे मज़ाक करने की आदत है । अब यह सब छोड़ो और बताओ कि अब कँहा चलें ?
पिंकि -जँहा हमें कोई तंग करने वाला न हो ,बस हम दोनों अकेले हों ।
राहुल को उन्ही पहाड़ों का ख्याल आता है जँहा वो कल गया था । "हम्म वँहा मैं पिंकि को सब बता सकता हूँ ....पर वो तो काफी दूर है ...पर मैं अगर अपनी शक्तियों का प्रयोग करूँ तो ? " वो मन में सोचता है ।
पिंकि-कुछ बोलो भी ,तुम तो कँही गुम ही हो जाते हो । 
राहुल-एक जगह के बारे में सोच रहा था जहाँ हमें तंग करने वाला कोई नहीं होगा । 
पिंकि- तो वंही चलते हैं ।
राहुल-पर मेरी एक शर्त है ।
पिंकि-वो क्या ? 
राहुल -अगले 10 मिनटों में जब तक मैं नहीं कहता तुम अपनी आँखें नहीं खोलोगी ।
पिंकि-ठीक है प्रॉमिस । वो आँखे बंद करते हुए कहती है ।
राहुल झट से पिंकि को गोद में उठा लेता और बिजली की रफ्तार से भागने लगता है । अगले कुछ ही मिनटों में वो एक पहाड़ की चोटी पर थे । 
राहुल(पिंकि को गोद से उतारते हुए)- अब तुम आँखें खोल सकती हो पिंकि ।
पिंकि(खुद को इतनी जल्दी पहाड़ों पे देखकर चककरा जाती है)--ह्म्म्म हम यँहा कैसे ?
राहुल (उसे पिंकि के चेहरे पर डर दिखाई देता है)- तुम्हें डर लग रहा है ?
पिंकि(राहुल से लिपटते हुए)- नहीं बस थोड़ी हैरान हूँ कि इतनी जल्दी हम यँहा कैसे पहुँचे ।
राहुल (एक पेड़ का सहारा लेकर बैठ जाता है)-आओ न बैठो यह एक लम्बी कहानी है ।
पिंकि(उससे चिपक कर बैठ जाती है और उसका हाथ पकड़ लेती है)-जितनी भी लम्बी कहानी हो मैं सुनूँगी।
राहुल अपनी कहानी शुरू करता है "3-4 दिन पहले की बात है उसी दिन कि जिस रात आखिरी बार हम छत पर मिले थे .........." 
पाठक इस कहानी को अच्छे से जानते हैं कि जब पहली बार बबिता ने राहुल को सिड्यूस किया था और उसे अनोखी शक्तियां मिली थी इसलिए जितनी देर राहुल पिंकि को अपनी दास्तान सुनाता हम रमा के पास चलते हैं जो इस समय घर का सारा काम खत्म करके रवि से मिलने उसके घर जा रही थी। रमा आज अपनी ही बेटी के मुँह से उसकी पहली और फुद्दी फाड़ चुदाई के बारे में सुनने वाली थी वो अपने घर से बाहर निकली ही थी कि उसे मनोज मिल गया(तनु का ट्यूटर)।
रमा-मनोज जी आप यँहा वो भी इस समय बच्चे तो कॉलेज गए हैं ।
मनोज-रमा जी क्या बताऊँ बड़ी मुसीबत में फंस गया हूँ कुछ रुपयों की ज़रूरत आप अगले 5 महीनों की फीस एडवांस में दे सकें तो आप मेरे लिए भगवान से बढ़कर हो जाएंगी ।
रमा-आइए अंदर आइए मैं पैसे निकाल कर लाती हूँ , वैसे क्या हुआ मनोज जी बड़े परेशान लग रहे हैं ?
मनोज-यह एहसान कैसे चुका पाऊँगा मैं आपका ,घर से फ़ोन आया था पता चला माता जी को दिल का दौरा पड़ा है बस उन्ही के इलाज के लिए दो लाख की ज़रूरत थी बाकी की अरेंजमेंट तो मैंने कर ली है बस कुछ रुपयों की ज़रूरत थी ।
रमा ने मनोज को पैसे लाकर दे दिए । मनोज को पैसों की ज़रूरत तो थी पर किसी और काम के लिए । उसके साथ जो हुआ वो इस प्रकार है --
पिछली रात बबिता के घर से निकलने के बाद मनोज ने प्रिया यानी बबिता के कॉलेज के प्रिंसिपल की बेटी को खूब घुमाया और कार में ही उसको चोद दिया और उसकि वीडियो बना ली यह सोचकर कि प्रिया के बाप को ब्लैकमेल करके पैसे ऐंठ लेगा ।पर उसने यह नहीं सोचा था कि उसे अपना भी बाप मिल जाएगा । उसने सुबह 6 बजे के आसपास वीडियो प्रिया के बाप को भेज दी और 1 लाख रुपए की माँग की । आधे एक घंटे के बाद प्रिया के बाप ने उसे अपने फार्म हाउस पर बुलाया । वो यह सोचकर खुश होता हुआ मित्तल (प्रिया का बाप) के फार्म हाउस में दाखिल हुआ कि उसे यामी गौतम(प्रिया यामी जैसी लगती थी दिखने में) जैसी कड़क माल भी चोद दी ऊपर से 1 लाख जेब में आ रहे हैं सो अलग । मनोज ऐसा कई बार कर चुका था इसलिए उसे अपने प्लान पर पूरा भरोसा था ।
मित्तल(सोफ़े पे बैठा दारू पी रहा था)-आओ मनोज आओ , बैठो पेग पियो ।
मनोज(उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि जिस बाप की बेटी की इज़्ज़त दाँव पे लगी हो वो इतने आराम से दारू कैसे पी सकता है)-मित्तल साब बस मेरी पेमेंट कर दो मैं चलता हूँ ।
मित्तल(हँसते हुए)- तुमने मुझे यामी गौतम की वीडियो दिखाई है तो मैं भी तुमको जाह्नवि कपूर की वीडियो दिखाता हूँ । यह कहकर उसने टेबल पे रखा लैपटॉप मनोज की तरफ घुमा दिया । 
मनोज के पाँव तले से ज़मीन ही खिसक गई जैसे यह जाह्नवि कपूर कि नहीं बल्कि उसकी सगी छोटी बहन आएशा की वीडियो थी जो उसके बाथरूम में नहाते वक्त बनाई गयी थी । मनोज किसी पागल कुत्ते की तरह गालियाँ निकालते हुए मित्तल पे झपटा ।
मित्तल(हँसते हुए)-रुक जा शूल फ़िल्म के मनोज वाजपेयी ....यँहा तूने मुझे हाथ लगाया और वँहा वीडियो नेट पे अपलोड हुआ और जहाँ तक प्रिया के वीडियो की बात है तो कुछ देर हंगामा होगा पर अमीरजादी मज़े सोचकर सब भूल जाएँगे पर तेरी बहन का क्या होगा ऊपर से प्रिया के बलात्कार के केस में तू जेल जाएगा सो अलग । 
मनोज(मित्तल के पैर पकड़ता हुआ)-गलती हो गयी मित्तल साब माफ कर दो ।
मित्तल-कर दूँगा माफ पर गलती का सूद देने के बाद । यह कह मित्तल ने अपनी पैंट खोलकर अपना 10इंच लम्बा और 3.5 इंच मोटा लौड़ा बाहर निकाल लिया और हँसते हुए बोला तूने आठ इंच की गलती की थी मैं 10 इंच की करूँगा और वो भी तेरे सामने । 
मनोज -(उसकी बात सुनकर मनोज फूट-2 कर रोने लगा)-बच्ची है मित्तल साब माफ कर दो वो कैसे करेगी ।
मित्तल(हँसते हुए)-तेरा मतलब है कि कुँवारी है इतना मोटा और बड़ा लन्ड कैसे लेगी ? ...देख कैसे लेती है तैयार बैठी है ।इतना कहकर उसने आवाज लगाई "आएशा रानी बाहर तो आ....देख तो तेरा भाई आया है "
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आएशा बाहर आती है उसने फूलों के प्रिंट वाली एक फ्रॉक पहनी हुई थी जो मुश्किल से उसके घुटनों तक थी ,और इतनी डीप नेक थी कि उसकि क्लीवेज भरपूर नज़र आ रही थी वो रोते हुए अपने भाई के सीने से लिपट जाती है ।
मित्तल(जो अब तक पूरा नँगा होकर सोफ़े पर अपनी टाँगे खोले बैठा था ।उसका मोटा लम्बा काला लन्ड छत की तरफ तना हुआ था । वो अपने लन्ड को सहलाते हुए कहता है)- आह आएशा रानी ,बडी मुठ मारी है रोज़ तुझे नहाते हुए देखकर ,आ मेरे पास आ वरना तेरे भाई के साथ क्या होगा तू अच्छे से जानती है ।
आएशा की नज़र मित्तल के मूसल लन्ड पर पड़ती है तो वो सहम जाती है ,लेकिन मित्तल पहले ही अच्छे से आएशा को धमका चुका था कि अगर उसने ज़रा भी आनाकानी करने की कोशिश की तो वो मनोज को मरवा देगा । मित्तल की धमकी को याद करके वो मित्तल की तरफ बढ़ने लगती है । मनोज अपने चेहरे को अपने हाथों में छुपा लेता है ।
मित्तल-मनोज अपनी बहन की खैरियत चाहता है तो अपनी आँखें खोल ,और जा उस कुर्सी पे बैठ जा ....और तू आएशा रानी इधर आ मेरी गोद में बैठ ।
मनोज अपनी आँखें खोलता है तो देखता है कि आएशा मित्तल के पट पर बैठी हुई पर इस तरह की मित्तल का लन्ड उससे छुए न । मनोज से देखा नहीं जा था "हाय बेचारी की बाजू से भी मोटा लन्ड है कुत्ते का ," मनोज सोचते हुए भी काँप उठता है ।
मित्तल(आएशा के फ्रॉक में से उभर रहे स्तंनो को सहलाते हुए)- यार मनोज क्या साइज होगा इसके मम्मों का ? 
मनोज (वो अपनी आँखें दूसरी तरफ घुमा लेता है ) -मुझे नहीं पता । 
पर तभी उसे आएशा की चीख सुनाई देती है उसकी आँखें बरबस अपनी बहन की ओर चली जाती है वो अपना बाएं स्तन को सहला रही थी ...यानी मित्तल ने आएशा के मम्में को बहुत ज़ोर से दबाया होगा ।
मित्तल (आएशा के गाल को कि-अरे मनोज तूने बताया नहीं कि तेरी बहन के मम्मों क्या क्या साइज है ?
मनोज-नहीं पता मुझे ....कहते कहते उसकी रुलाई छूट जाती है ।
मित्तल-तेरे सामने बैठी है देख के बता यार मुझे पता है इस मामले में तू काफी पारखी है । वरना अपने गुंडों को बोल दिया मैंने तो इसके मोम्मे काट के साइज पता करेंगे ।
मनोज(अपनी बहन के स्तंनो का मुयाना करता है )-34 ।
मित्तल(वो आएशा की फ्रॉक ऊपर करके उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही टटोलने लगता है)-वाह वाह यह हुई न बात , तो रानी तेरे भाई का जवाब सही है या गलत ?
आएशा-उफ्फ्फ....आह...सही है ।
मित्तल-मनोज अब बता इसका कप साइज क्या होगा ।
मनोज(उसकी की आँखे अपनी बहन की उभरी हुई क्लीवेज को नापती है ।)- d ।
मित्तल-काफी मोटे हैं मज़ा आएगा । आह ताज़े मिल्क टैंक ।...चल उतार अपनी यह फ्रॉक और नंगी हो जा ।
मित्तल कुछ मिनट आएशा के गले ,कन्धों बाजुओं और को चाटते चूमते आएशा की चूत को बेहद प्यार से पैंटी के ऊपर से ही सहलाता रहा और फिर अचानक उसने एक झटके से आएशा की फ्रॉक और ब्रा उतार डाली मनोज ने देखा कि उसकी बहन अपने कोमल हाथों से अपने बड़े सेबों को छुपाने की कोशिश कर रही है। 
मित्तल-उफ्फ सच कहता हूँ मनोज ऐसी कड़क जवानी कई सालों बाद देख रहा हूँ । और आएशा देखा तेरे भाई ने तेरे मम्मों का साइज तो बिल्कुल सही बताया था , यानी वो खिलाड़ी आदमी ...साले ने बड़ा मस्त चोदा मेरी बेटी को ....चल आएशा अब तू भी मेरा लन्ड चूस के साबित कर दे कि तू मनोज की बहन है ....चल आ जा मेरी टाँगों के बीच ।
मनोज-बच्ची है वो....मत करवा उससे यह सब ।
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मित्तल-बच्ची तो प्रिया भी थी मनोज ,दोनों सेकंड ईयर में ही तो हैं ,दोनों सहेलियां भी हैं ,पूछले चाहे...बस फर्क यह है कि लन्ड ले चुकी और यह हब्शियों की वीडियोस देख-देखकर चूत में उंगली करती ।बच्ची.... मेरा मतलब है आएशा जी क्या सोच रही हैं ? घुटनों के बल बैठ जाओ और चूस लन्ड मेरा(अचानक मित्तल की आवाज़ कड़क हो गयी थी)। आएशा ज़मीन पर घुटनों के बल रेंगती हुई मित्तल की खुली हुई टाँगों के बीच आ जाती है ।
मित्तल ताली बजा कर अपने दो गुंडों को बुलाता है और उनसे मनोज को नँगा करके कुर्सी पर बाँध देने को कहता है  मनोज को बहन के सामने नँगा होना धरती में गड जाने जैसे लग रहा था वो गुंडों से हाथापाई करने की बेकार कोशिश करता वो उसके बदन से एक एक कपड़ा उतार कर उसे कुर्सी से बाँध देते है । आएशा मित्तल की टाँगों के बीच कुतिया बनी हुई थी और मित्तल उसके भरे हुए नाज़ुक होंठो पे अपना लन्ड रगड़ रहा था ।मनोज ने देखा कि मित्तल ने आएशा से कुछ कहा जिसे वो सुन नहीं सका ।आएशा अपने छोटे -पतले नाज़ुक गोरे हाथों से मित्तल के बड़े अंडकोष सहलाने लग गयी ।
मित्तल सोफ़े पर टेक लगा कर बैठ गया और उसने लंड सहलाते हुए आएशा से कहा- जैसे तू आइसक्रीम को चाटती और चूसती है ना.. ठीक वैसे ही चूसना.. तब मज़ा रस बाहर आएगा।
आएशा  अब घुटनों के बल बैठ गई और मित्तल किसी बड़ी सी स्ट्राबेरी जैसे सुपारे को जीभ से चाटने लगी। धीरे-धीरे वो मुँह को पूरा खोल कर टोपा मुँह में भर के चूसने लगी। वैसे तो उसके छोटे से मुँह में मित्तल का हब्शी विशाल लंड जाना मुश्किल था.. मगर वो कोशिश पूरी कर रही थी कि ज़्यादा से ज्यादा लंड अन्दर ले सके।
मित्तल(आँखें बंद किए मज़ा लेता हुआ)-बहुत अच्छा लन्ड चूसती है तेरी बहन मनोज ,मज़ा आ गया । 
मनोज के सामने उसकी बहन किसी अनजान आदमी का लन्ड चूस रही थी ,वो आएशा की बड़ी गोल गाँड़ को हिलते देख रहा था । उफ्फ क्या नज़ारा था मनोज का लन्ड भी खड़ा होने लगा था ।
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मित्तल के लंड से हल्का पानी रिसने लगा था जिसका स्वाद आएशा को थोड़ा अजीब लगा। एक बार तो उसने लंड मुँह से निकाल भी दिया।
मित्तल- आह.. क्या हुआ ...आएशा .. चूसो ना..!
आएशा-  थोड़ा-थोड़ा रस आ रहा है मगर ये नमकीन सा है.. कुछ अजीब सा लग रहा है।
मित्तल- अरे ये तो शुरूआत है.. असली क्रीम तो बाद में आएगी.. तू बस चूसती रह।...देख तेरे भाई का लन्ड भी खड़ा हो गया है तुझे लन्ड चूसते देख ..
आएशा फिर शुरू हो गई.. लंड की चुसाई करने लगी। वो अपने हाथ से लंड को पकड़ कर दबाने लगी और होंठ दबा कर लंड से रस खींचने लगी। आएशा के नर्म होंठ और उसकी गर्मी मित्तल को बहुत सुकून दे रही थी, वो अब धीरे-धीरे कमर को हिलाने लगा था।
मित्तल- आह.. आ ...आएशा..श...आह चूस उफ़ तू बहुत अच्छा चूसती है आह.. निकाल दे आह.. सारा रस उफ़ मेरी जान आह.. ऐसे ही उफ़ आह..
अगले दस मिनट तक आएशा दिलोजान से लंड को चूसती रही। मित्तल तो पहले ही बहुत गरम था, ऊपर से आएशा के टाइट होंठ की चुसाई.. उसको चरम पे ले आई।
मित्तल- आह.. आह पूजा जोर से कर आह.. रस आने वाला है आह.. फास्ट फास्ट मेरी जान उफ..मित्तल अब पूरा गर्म हो चुका था वो किसी भी पल झड़ सकता था ...वो खड़ा हो गया और उसने आएशा के सिर को पकड़ते हुए उसके मुँह को चोदना शुरू कर दिया वो ऐसे ज़ोरदार झटके मार रहा था जितने कभी मनोज ने चूत चुदाई के दौरान भी नहीं लागए थे आखिर उसने आएशा के सिर को पकड़कर अपना लन्ड जड़तक उसके मुँह में घुसा दिया । मनोज ने देखा कि सफेद रस आएशा के मुँह से बाहर रिस रहा है एक दो मिनट तक मित्तल इसी पोजीशन में आएशा के मुँह में ही अपना वीर्य छोड़ता रहा । उसने जब अपना लन्ड आएशा के मुँह से निकाला तो मनोज ने देखा आएशा का पूरा मुँह मित्तल के वीर्य से भरा हुआ है ।मित्तल ने झट से आएशा के होंठो को अपने मजबूत हाथों से बंद कर उसे सारा वीर्य पीने पर मजबूर कर दिया था । 
मनोज-मित्तल भगवान के लिए मेरी बहन को छोड़ दे ....
मित्तल -छोड़ दूँगा यार इनसे इतना मज़ा दिया है मुझे वापिस तो करना पड़ेगा न ? और देख तेरा लन्ड भी कैसे फड़फड़ा रहा है ? इसका मतलब तू मज़े लेकर अपनी को लन्ड चूसता देख रहा था ....हाहाहा...। और तू आएशा ...मेरी जान...मेरी रंडी ...चल सोफ़े पे अपनी टाँगे खोलकर लेट जा । 
मनोज नहीं नहीं चिल्लाता रहा पर मजबूरी की मारी उसकी बहन सोफ़े पे लेट गयी ।अब मित्तल उसकी टाँगों के बीच आ गया  और उसने अपने मुँह को आयेश की कुँवारी चूत पे लगा दिया ।
मित्तल कुत्ते की तरह अपनी जीभ से उसकी चुत को चाटने लगा। वैसे तो वो किसी सील बंद तिजोरी की तरह थी, जीभ की नोक भी अन्दर नहीं जा पा रही थी.. मगर मित्तल नोक से उसको कुरेद रहा था और पूरी चुत को होंठों में दबा कर चूस रहा था।
आएशा अब किसी दूसरी ही दुनियां में पहुँच गयी थी ,उसे मजबूरी में ही सही दुनिया का सबसे हसीन तोहफा मिल गया था। वो हवा में उड़ने लगी थी और उसका जिस्म आग की तरह तपने लगा। मनोज से अपनी बहन की हालत देखी नहीं जा रही थी ।
आएशा- आह आह आह सस्स प्रिंसिपल ससस...ररर...उफ़फ्फ़ ये क्या आह.. इतना मज़ा आह.. मेरी आह.. चूत.. आह.. पता नहीं आह.. उफ़फ्फ़..मत करो भाई देख रहा है.....आह ज़ोर से आह...
मज़े और वासना के चलते आएशा अब कुछ बोल भी नहीं पा रही थी और मित्तल तो पक्का खिलाड़ी था। उसने ऐसी ज़बरदस्त चुत की चुसाई की कि बेचारी पूजा 3 मिनट भी नहीं टिक पाई।
आएशा- आह.. आईईइ सर् आह.. मैं आ गई आह.. मेरा आह.. जोर से करो आह.. जोर से करो आह.. मेरा मज़ा रस आह.. निकलने वाला है उफ़ अफ आह.. एयाया आआ आह..
पर मित्तल अचानक रुक गया । और हँसते हुए मनोज को देखने लगा ।
आएशा-आह...रुक क्यों गए....करो न...आह...प्लीज़ मर जाऊँगी मैं ...चूसो...।
मनोज(उससे आएशा की यह हालत देखी नहीं जा रही थी)-मित्तल कुत्ते मत तड़पा उसे ...अपने यह गंदे खेल मत खेल रहम खा हम पर ।
मित्तल(आएशा के होंठ मसलते हुए)-सुना मेरी जान तेरा भाई क्या कह रहा है अब जा जल्दी से सोफ़े की टेक पकड़ के खड़ी हो जा मैं आता हूं ।आएशा किसी आज्ञाकारी छात्र की तरह उठी और सोफ़े के पीछे जाकर उसकी टेक को पकड़ कर खड़ी हो गयी ।
मित्तल(मनोज के पास आता है और अपना मूसल लन्ड आगे करते हुए कहता है)- जितना गीला कर सकता है कर ले क्योंकि अब मैं तेरी बहन को कली से फूल बनाने जा रहा हूँ ।


आएशा के साथ आगे क्या हुआ जानने के अगली अपडेट का वेट करिए .......
Good morning tanu ,after reading this update my expectations are climbing high ....gr8 ...
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RE: अनोखी ताक़तों का मालिक। - by rahulraj - 03-02-2019, 09:10 AM



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