03-02-2019, 08:52 AM
आज भी अमित ने ना उससे बात किया और ना ही उसके मैसेज का कोई रिप्लाई दिया। रात में भी पूनम अमित को कॉल लगायी तो भी उसने रिसीव नहीं किया। पूनम फिर से पिक्स और कहानी देख रही थी। लेकिन एक ही कहानी या पिक्स रोज मज़े नहीं दे सकते। पूनम अपनी ट्रोउजर और पैंटी नीचे किये अपनी चुत सहला रही थी जब उसके मोबाइल पे मैसेज आया। वो जल्दी से मोबाइल उठायी की शायद अमित को उसकी याद आ गयी होगी। लेकिन ये मैसेज उन लड़कों ने किया था। एक नॉनवेज शायरी थी, टूटे दिल का मज़ाक उड़ाने वाली।
थोड़ी देर में फिर एक मैसेज आया जो एक नॉनवेज चुटकुला था। पूनम को अच्छा लग रहा था। उसका हाथ अपने चुत पे चल रहा था। इसी तरह 5-6 चुटकुले आने के बाद मैसेज आया "चुत खोल कर रखो, आ रहा हूँ।" पूनम अपनी हालत देखी। उसके दोनों पैर फैले हुए थे और वो अपनी चुत सहला रही थी। वो इमेजिन की वो लड़का अंदर आया और उसे इस तरह देख कर मुस्कुराया और फिर उसके ऊपर चढ़ कर लण्ड को उसकी फैली हुई चुत में डाला और चोदने लगा। पूनम शर्मा गयी और जल्दी से अपने पैरों को आपस में सटा ली जैसे वो लड़का सच में रूम में खड़ा हो और उसे देख कर मुस्कुरा रहा हो।
थोड़ी देर बाद उस लड़के का कॉल आया लेकिन पूनम रिसीव नहीं की। फिर वो अपनी चुत में ऊँगली करके सो गयी। सुबह उसने सारे मैसेज को डिलीट कर दिया ताकि कोई देख न ले। आज फिर ऑफिस जाते वक़्त वो लड़के रोड पे खड़े थे और पूनम को देख कर कुछ बातें कर रहे थे। पूनम को लगा की वो लोग मेरी ही बात कर रहे हैं और शायद कल रात के मैसेज की ही बात कर रहे हैं। पूनम को एक मैसेज याद आ गया और उसके चेहरे पे हंसी फ़ैल गयी। हालाँकि पूनम दूसरी तरफ देख रही थी लेकिन वो लड़के तो पूनम की तरफ देख रहे थे। पूनम हंसी छुपाने की कोशिश कर रही थी तो उन लड़कों से नजर भी मिल गयी।
पूनम को फिर अपने आप पे बहुत गुस्सा आ रहा था कि पता नहीं उसके साथ ऐसा क्यू हो रहा है। वो लड़के जब सामने होते हैं तो मुझे हँसी क्यू आ जाती है। पूनम ऑफिस आयी और मोबाइल देखी तो 5 नये मैसेज आये हुए थे। पूनम मौका देखकर वो पढ़ी। उसी तरह के नॉनवेज चुटकुले। ना चाहते हुए भी पूनम के चेहरे पे मुस्कराहट फ़ैल गयी और वो ऑफिस में काम करने लगी।
शाम को पूनम घर आयी तो अमित को फिर कॉल लगायी। आज भी उसने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया था उसके मेसेजेस और कॉल्स का। अभी अमित ने दूसरी बार में कॉल रिसीव कर लिया और गुस्से में बोला "बोलो, क्या है?" पूनम को उम्मीद थी की वो इसी तरह से गुस्से में ही बात करेगा। पूनम उसके गुस्से को शांत करने की कोशिश करती हुई बोली "क्यू ऐसे कर रहे हो। मैंने किया क्या है जो मुझे खुद से दूर कर रहे हो।" इतने दिन बाद अमित की आवाज़ सुनकर पूनम खुद को रोक नहीं पाई और उसकी आँखों में आंसू छलक पड़े। उसकी आवाज़ रुआंसी थी, लेकिन अमित को इन सब से कोई मतलब नहीं था।
वो गुस्से में ही बोला "किसने क्या किया है और किसने क्या नहीं किया है, इसका कोई मतलब नहीं है। मुझे तुमसे कोई मतलब नहीं है और प्लीज़ मेरा रिक्वेस्ट है कि मुझे बार बार कॉल और मैसेज करके परेशान मत करो।" अमित के सीधे जवाब से पूनम की रही सही हिम्मत भी टूट गयी। उसे यकीं था कि अमित अभी गुस्सा है, लेकिन वो उसके पास जरूर आएगा। उसका प्यार सच्चा है। लेकिन अभी अमित की आवाज़ सुनकर उसे लग रहा था कि वो अपने अमित को खो दी है। उसे उन लड़कों पे बहुत गुस्सा आ रहा था और उसका बस चलता तो वो उनदोनो का खून कर देती।
पूनम रोती हुई बोली " तुम्हारे बिना मैं जी नहीं सकती। प्लीज़ मुझे इस तरह छोड़ कर मत जाओ। तुम्हारे बिना मैं बिलकुल अकेली हो जाऊँगी।" अमित ने कोई जवाब नहीं दिया। पूनम आगे बोली " मैंने तुम्हे अपना सब कुछ सौंप दिया है अमित, मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ। अपनी जानू को ऐसे मत तड़पाओ।" अमित अभी भी कुछ नहीं बोला। पूनम को लगा की पता नहीं वो सुन रहा भी है या नहीं।
वो फिर बोली "बोलो अमित, अब मेरे पास मेरा बचा क्या है। तन मन सब तुम्हे दे चुकी हुँ, और तुम मुझे उनके ......" पूनम की बात ख़त्म भी नहीं हुई थी की अमित का और गुस्से और नफरत से भरी हुआ आवाज़ आया "तो मैंने कहा था तुम्हे अपना तन देने। जब तक तुमने कहा नहीं, तब तक मैंने तुम्हे टच भी नहीं किया था। तुम बोली तभी अपने दोस्त के घर ले गया, तुम बुलाई तभी तुम्हारे घर आया।" पूनम कुछ नहीं बोली। उसके कानों में उस लड़के की आवाज़ सुनाई दे रही थी की जब एक लड़के को लड़की की चुत मिल जाती है तो फिर उसे उसमे कोई इंटरेस्ट नहीं रहता। अमित उसकी बात को सही साबित कर रहा था। अब भला उसे पूनम में क्या इंटरेस्ट रहता। उसकी सील तोड़ चूका था और रात भर उसके बिस्तर में उसके जवान जिस्म का मज़ा ले चुका था।
पूनम के पास अब बोलने के लिए कुछ बचा नहीं था। वो अपने आंसुओं का घूँट पी गयी और बोली "तुम्हे जैसा ठीक लगे वैसा करो अमित। सही है की मैं खुद सब कुछ करवाई तुमसे, तभी तुम किये। लेकिन तुम मुझे उन लड़कों के कारण ठुकरा रहे हो जिन्होंने कहा है कि वे मुझे बर्बाद कर देंगे अगर मैंने उनकी बात नहीं मानी। मुझे बस तुम्हारा ही सहारा था, लेकिन ....."
अमित फिर से आधे में ही उसकी बात काट कर बोला " मुझे बर्बाद नहीं होना है एक लड़की के लिए। मैं उन लोगों से दुश्मनी नहीं कर सकता। वो लोग पता नहीं मेरे साथ क्या करेंगे अगर उन्होंने मुझे फिर से तुमसे बात करते देख लिया तो। ज़िन्दगी रहेगी तो बहुत सी लड़कियाँ मिलेंगी। तुम्हारे साथ जो कुछ भी हुआ, उसे अब वापस तो नहीं किया जा सकता, लेकिन तुम्हे अगर बुरा लग रहा है कि मैं सब कुछ करके तुम्हे छोड़ा है तो मैं उसका हर्जाना देने के लिए तैयार हूँ। तुम जितने रूपये कहोगी उतने मैं तुम्हे पहुँचा दूँगा। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कर सकता। प्लीज़ अब मुझे फ़ोन या मैसेज करके परेशान मत करना।"
अमित की बात सुनकर तो पूनम के जैसे होश ही गुम हो गए। वो लड़का उसके प्यार की कीमत लगा रहा था। पूनम को समझ नहीं आया की क्या करे। कुछ देर तो वो इसी तरह खड़ी रही लेकिन जब उसके दिमाग ने काम करना स्टार्ट किया तो वो गुस्से और नफरत में बोली "बहुत अच्छे अमित। वाह !!! तो अब तुम मुझे उसकी कीमत दोगे जो तुमने मेरे साथ किया है। तो तुम्ही बताओ कितनी कीमत लगाये हो इस रण्डी की सील तोड़ने की। पूरी रात साथ बिताने की।" पूनम को अब अमित से नफरत था। नहीं चाहिए था उसे वो वापस। वो हरामी गिरा हुआ घटिया लड़का था। वो लड़के सही थे और उसका प्यार गलत। सारी दुनिया सही थी जो कहती है कि प्यार करोगे तो सिर्फ गम और आँसू मिलेंगे और उसका प्यार गलत।
उसे अमित की कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी। वो फ़ोन का स्क्रीन देखी तो फोन चालू था। वो फिर से बोली। वो रो रही थी। "बोलो अमित कितनी कीमत लगाये हो इस रण्डी की सील तोड़ने की। विश्वास तोड़ने की भी कीमत दोगे क्या?"
पूनम को फिर से अमित की कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी। दरअसल उसने फ़ोन कट कर दिया था और अपने पॉकेट में रख लिया था लेकिन गलती से फ़ोन कट हुआ नहीं था। पूनम को बाँकी आवाज़ सुनाई दे रही थी। वो फ़ोन कान में लगाये अमित के कुछ बोलने का वेट कर रही थी। तभी उसके कान में अमित की आवाज़ आयी "वही, साली रण्डी पूनम का, तबाह किये हुए है।" फिर किसी और की आवाज़ आयी "क्या बोल रही है अब।" फिर अमित की आवाज़ आयी "वही सब। मत जाओ, मैं जी नहीं सकती। वही जो ड्रामा होता है इन सबका।"
पूनम को समझ आ गया कि अमित ने गलती से कॉल डिसकनेक्ट नहीं किया है। वो अमित की बात सुनने लगी। शायद अमित अपने दोस्तों के साथ था और उसी के बारे में बातें हो रही थी। अमित की आवाज़ फिर से आयी "साला कौन पड़ने जायेगा विक्की और गुड्डू के चक्कर में। साली उनकी रण्डी बन गयी है तो बीच में मुझे क्यू मरवा रही है।" अमित के दोस्त की आवाज़ आयी "उन हरामियों के चक्कर में पड़ना भी मत बेटा। नहीं तो पता भी नहीं चलेगा कि कहाँ गायब हो जाओगे।" तभी एक और दोस्त की आवाज़ आयी "उन हरामियों की माल को कैसे पटा लिया बे तूने।"
अमित की हँसती हुई आवाज़ आयी "अबे साले, उनलोगों ने मेरी माल को पटा लिया है।" फिर एक और आवाज़ आयी "अबे मैं तो पहले ही कहता था कि रण्डी है साली। मज़े कर और फिर निकल ले। लेकिन तू ही चूतिया उसके पीछे लगा हुआ था।" एक दूसरे लड़के की आवाज़ आयी "माल भी तो टँच है, मैं तो उसे देखता था कि मेरा लण्ड टाइट हो जाता था। साली लाइन तो देती ही थी, लेकिन मैं तो इसलिए छोड़ा हुआ था कि भाई की माल है।"
पूनम को नफरत हो रही थी अमित से। अमित ने अपने दोस्तों के बीच में उसकी ऐसी इमेज बनायीं हुई थी। एक लड़के की आवाज़ आयी "ठीक किया जो छोड़ दिया। लेकिन छोड़ने से पहले चोदा की नहीं?" एक और आवाज़ आयी "बिना चोदे अगर किसी माल को छोड़ दिया, तो फिर तो गलत है बॉस, फिर तो नुकसान हो गया। इसलिए बाँकी सब बाद में, पहले ठुकाई करता हूँ मैं अपनी माल की।" फिर एक आवाज़ आयी "बोल न बे, चोदा की नहीं रण्डी को, की ऐसे ही खाली खर्चा करता रहा है।"
पूनम साँस रोककर सारी बात सुन रही थी। उनके मुँह से अपने लिए रण्डी शब्द सुनकर उसका अमित के प्रति नफरत और बढ़ रहा था। वो अमित का रिप्लाई सुनना चाहती थी की अमित क्या बोलेगा। अमित की आवाज़ आयी "चूतिया हूँ क्या बे मैं। पूछ लेना कुणाल से, उसी के घर में सील तोड़ा था। उसका चादर भर गया था खून से। धोने के बाद भी नहीं हटा था तो इसी तरह छोड़ दिया था हमने। कुणाल धोया था उसे हमारे जाने के बाद" अमित ये बात इतनी शान और अकड़ से बोल रहा था जैसे उसने कोई किला जीत लिया हो। पूनम शर्मिंदगी से डूब गयी। अमित अपने दोस्तों के बीच में उसकी इज़्ज़त उछाल रहा था। जो पूनम के लिए सबसे रोमांटिक क्षण था, अमित उस पल को सबके सामने ज़ाहिर करते हुए पूनम की इज़्ज़त उछाल रहा था। और उसकी बात सच साबित करने के लिए उसके पास गवाह भी था।
फिर एक आवाज़ आयी "उसके बाद भी चोदे की बस वही एक बार होकर रह गया?" अमित उसी अकड़ से बोला "काम से कम 10-15 बार चोदा होऊँगा। रात रात भर उसके घर में रहा हूँ। पुरे नंगे होकर,.... सबकुछ फुर्सत में....।" अमित पुरे स्टाइल और शान से बोल रहा था। उसके दोस्त पुरे इंटरेस्ट से उसकी बात सुन रहे थे। सच है कि पूनम जैसी माल की सील तोड़ने और चुदाई की बात कौन नहीं सुनना चाहेगा।
एक आवाज़ आयी "बोल न क्या क्या किया। गांड मारा?" अमित उसी रॉब के साथ फिर से चालू हो गया "अबे पूछो क्या क्या नहीं किये। गांड मारा, लण्ड चुसवाया, वीर्य भी पिलाया। कामसूत्र के हर आसन में चोदा हूँ उसे। पूरा उलट पुलट कर। फुल मज़ा देती थी।" एक आवाज़ आयी "हट साला फेंकता है।"
अमित चिढ़ कर बोला "अबे देख, बता इसे की मैं सच कह रहा हूँ की नहीं। यही मुझे रात में उसके घर तक पहुँचाता था।" एक लड़का बोला "सच कह रहा है ये।" तभी एक लड़का हँसता हुआ बोला "तभी तो साली की चुच्ची और गांड पहले से बड़ी हो गयी थी।" सब हँसने लगे।
अमित बोला "10-15 रात रहा हूँ उसके घर में, बस हम दोनों, और कोई नहीं। साला क्या वैसे हस्बैंड वाइफ रहते होंगे। पुरे टाइम नंगे। नंगी ही खाना बनाती थी मेरे लिए। जब चुदाई हो गयी तो मैं तो जैसे बेड पे ही रहता था, वो नंगी ही उठ कर पानी लाती थी, कॉफी बनाकर लाती थी, इधर उधर कुछ करती थी। एक दम बिंदास। साथ में नहाना। बाथरूम में चोदा हूँ उसे नहाते हुए साथ में, किचन में चोदा हूँ, वो खाना बना रही है और मैं पीछे से उसकी चुत और गांड में पेला हूँ, बैडरूम में तो क्या क्या नहीं किया। पूरा लण्ड मुँह में अंदर पेल कर फिर वीर्य पिलाया हूँ उसे। मज़े से पीती थी। मस्त एकदम। "
पूनम बस अमित की बात सुनती जा रही थी. कह तो वो सही ही रहा था, लेकिन बस थोडा बढ़ा चढ़ा कर बोल रहा था. पूनम को बहुत गुस्सा आ रहा था अमित पे की वो अमित जैसे लड़के को अपनी जवानी क्यू दी. फिर से एक लड़के की आवाज़ आई “तो छोड़ क्यू रहा है बे गांडू, इतना मज़ा तो दी रही है तुझे.” अमित चिढने के अंदाज़ में बोला “जितना मज़ा लेना था ले लिया. अब क्या जिन्दगी भर सर पे बिठा कर रखूं. अब गुड्डू विक्की से चुदवा रही होगी रंडी.”
अमित के मुँह से ये सुनते ही सारे लड़कों के एक साथ हँसने की आवाज़ आई और पूनम का खून खौल उठा. अमित का बोलना चालू था “अब पता नहीं कितनो से चुद्वायेगी. मेरा काम ख़तम हो गया उसके से. अब वो जहाँ गांड मरवाना चाहती है मरवाए, मुझे क्या.” अमित का एक दोस्त की आवाज़ आई “तुझे तो हम शरीफ समझते थे, तू तो साला एक नम्बर का हरामी है बे.” अमित भी हंस दिया और बांकी सारे लड़के भी फिर से एक साथ हँस दिया.
फिर एक आवाज़ आई “साले जब तुझे उसे छोड़ना ही था तो हमें भी तो टेस्ट करा दिया होता. साली माल तो बहुत टंच है.” एक दुसरे लड़के की आवाज़ आई “तो ये क्या तेरा लंड पकड़ कर उसकी चूत में डाल देता क्या. अब ये छोड़ दिया, अब तू उसे पटा ले और तू भी उसकी गांड मार ले.” सारे लड़के फिर से हँसने लगे. अमित बोला “बेटा नम्बर तो मैं दे दूँगा, लेकिन वो अब गुड्डू विक्की की रखैल है, तो सोच ले.” वो लड़का बोला “रहने दे भाई, नहीं खाना ऐसा चूत। वैसे भी अब वो फटी हुई रण्डी है। ऐसी माल विक्की गुड्डू को ही खाने दो." सब हँस दिए और फिर सब एक दुसरे को बाय बोलकर जाने लगे.
पूनम के मोबाइल पे उसकी मम्मी का कॉल वेटिंग में आ रहा था तो पूनम अमित का कॉल कट कर दी. वैसे भी जितना वो सुन चुकी थी, इससे ज्यादा सुनने की उसमे हिम्मत भी नहीं थी. उसे खुद पे रोना आ रहा था. कितना घमंड था उसे अपने आप पर और अपने प्यार पर. लेकिन अमित उसकी इज्ज़त को सरे आम अपने दोस्तों बीच उछाल रहा था. और ये काम वो पहले से करता आ रहा था। उनदोनो के बीच के प्राइवेट क्षण भी वो दोस्तों को बढ़ा चढ़ाकर पहले भी बताता रहा था।
पूनम थोड़ी देर किसी तरह अपने मम्मी से बात की और फिर कॉल रखने के बाद जोर जोर से रोने लगी. जिसे वो सबसे ज्यादा प्यार की वो लड़का बोल रहा था की मैं रंडी हूँ, वो सबको बता रहा था की मैं कैसे कैसे उसके साथ चुदाई की. पूनम फिर खुद को ठीक की और खाना बनाने लगी. उसके पापा के आने का वक़्त हो चला था. कल उसकी मम्मी भी आ जाने वाली थी.
थोड़ी देर में फिर एक मैसेज आया जो एक नॉनवेज चुटकुला था। पूनम को अच्छा लग रहा था। उसका हाथ अपने चुत पे चल रहा था। इसी तरह 5-6 चुटकुले आने के बाद मैसेज आया "चुत खोल कर रखो, आ रहा हूँ।" पूनम अपनी हालत देखी। उसके दोनों पैर फैले हुए थे और वो अपनी चुत सहला रही थी। वो इमेजिन की वो लड़का अंदर आया और उसे इस तरह देख कर मुस्कुराया और फिर उसके ऊपर चढ़ कर लण्ड को उसकी फैली हुई चुत में डाला और चोदने लगा। पूनम शर्मा गयी और जल्दी से अपने पैरों को आपस में सटा ली जैसे वो लड़का सच में रूम में खड़ा हो और उसे देख कर मुस्कुरा रहा हो।
थोड़ी देर बाद उस लड़के का कॉल आया लेकिन पूनम रिसीव नहीं की। फिर वो अपनी चुत में ऊँगली करके सो गयी। सुबह उसने सारे मैसेज को डिलीट कर दिया ताकि कोई देख न ले। आज फिर ऑफिस जाते वक़्त वो लड़के रोड पे खड़े थे और पूनम को देख कर कुछ बातें कर रहे थे। पूनम को लगा की वो लोग मेरी ही बात कर रहे हैं और शायद कल रात के मैसेज की ही बात कर रहे हैं। पूनम को एक मैसेज याद आ गया और उसके चेहरे पे हंसी फ़ैल गयी। हालाँकि पूनम दूसरी तरफ देख रही थी लेकिन वो लड़के तो पूनम की तरफ देख रहे थे। पूनम हंसी छुपाने की कोशिश कर रही थी तो उन लड़कों से नजर भी मिल गयी।
पूनम को फिर अपने आप पे बहुत गुस्सा आ रहा था कि पता नहीं उसके साथ ऐसा क्यू हो रहा है। वो लड़के जब सामने होते हैं तो मुझे हँसी क्यू आ जाती है। पूनम ऑफिस आयी और मोबाइल देखी तो 5 नये मैसेज आये हुए थे। पूनम मौका देखकर वो पढ़ी। उसी तरह के नॉनवेज चुटकुले। ना चाहते हुए भी पूनम के चेहरे पे मुस्कराहट फ़ैल गयी और वो ऑफिस में काम करने लगी।
शाम को पूनम घर आयी तो अमित को फिर कॉल लगायी। आज भी उसने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया था उसके मेसेजेस और कॉल्स का। अभी अमित ने दूसरी बार में कॉल रिसीव कर लिया और गुस्से में बोला "बोलो, क्या है?" पूनम को उम्मीद थी की वो इसी तरह से गुस्से में ही बात करेगा। पूनम उसके गुस्से को शांत करने की कोशिश करती हुई बोली "क्यू ऐसे कर रहे हो। मैंने किया क्या है जो मुझे खुद से दूर कर रहे हो।" इतने दिन बाद अमित की आवाज़ सुनकर पूनम खुद को रोक नहीं पाई और उसकी आँखों में आंसू छलक पड़े। उसकी आवाज़ रुआंसी थी, लेकिन अमित को इन सब से कोई मतलब नहीं था।
वो गुस्से में ही बोला "किसने क्या किया है और किसने क्या नहीं किया है, इसका कोई मतलब नहीं है। मुझे तुमसे कोई मतलब नहीं है और प्लीज़ मेरा रिक्वेस्ट है कि मुझे बार बार कॉल और मैसेज करके परेशान मत करो।" अमित के सीधे जवाब से पूनम की रही सही हिम्मत भी टूट गयी। उसे यकीं था कि अमित अभी गुस्सा है, लेकिन वो उसके पास जरूर आएगा। उसका प्यार सच्चा है। लेकिन अभी अमित की आवाज़ सुनकर उसे लग रहा था कि वो अपने अमित को खो दी है। उसे उन लड़कों पे बहुत गुस्सा आ रहा था और उसका बस चलता तो वो उनदोनो का खून कर देती।
पूनम रोती हुई बोली " तुम्हारे बिना मैं जी नहीं सकती। प्लीज़ मुझे इस तरह छोड़ कर मत जाओ। तुम्हारे बिना मैं बिलकुल अकेली हो जाऊँगी।" अमित ने कोई जवाब नहीं दिया। पूनम आगे बोली " मैंने तुम्हे अपना सब कुछ सौंप दिया है अमित, मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ। अपनी जानू को ऐसे मत तड़पाओ।" अमित अभी भी कुछ नहीं बोला। पूनम को लगा की पता नहीं वो सुन रहा भी है या नहीं।
वो फिर बोली "बोलो अमित, अब मेरे पास मेरा बचा क्या है। तन मन सब तुम्हे दे चुकी हुँ, और तुम मुझे उनके ......" पूनम की बात ख़त्म भी नहीं हुई थी की अमित का और गुस्से और नफरत से भरी हुआ आवाज़ आया "तो मैंने कहा था तुम्हे अपना तन देने। जब तक तुमने कहा नहीं, तब तक मैंने तुम्हे टच भी नहीं किया था। तुम बोली तभी अपने दोस्त के घर ले गया, तुम बुलाई तभी तुम्हारे घर आया।" पूनम कुछ नहीं बोली। उसके कानों में उस लड़के की आवाज़ सुनाई दे रही थी की जब एक लड़के को लड़की की चुत मिल जाती है तो फिर उसे उसमे कोई इंटरेस्ट नहीं रहता। अमित उसकी बात को सही साबित कर रहा था। अब भला उसे पूनम में क्या इंटरेस्ट रहता। उसकी सील तोड़ चूका था और रात भर उसके बिस्तर में उसके जवान जिस्म का मज़ा ले चुका था।
पूनम के पास अब बोलने के लिए कुछ बचा नहीं था। वो अपने आंसुओं का घूँट पी गयी और बोली "तुम्हे जैसा ठीक लगे वैसा करो अमित। सही है की मैं खुद सब कुछ करवाई तुमसे, तभी तुम किये। लेकिन तुम मुझे उन लड़कों के कारण ठुकरा रहे हो जिन्होंने कहा है कि वे मुझे बर्बाद कर देंगे अगर मैंने उनकी बात नहीं मानी। मुझे बस तुम्हारा ही सहारा था, लेकिन ....."
अमित फिर से आधे में ही उसकी बात काट कर बोला " मुझे बर्बाद नहीं होना है एक लड़की के लिए। मैं उन लोगों से दुश्मनी नहीं कर सकता। वो लोग पता नहीं मेरे साथ क्या करेंगे अगर उन्होंने मुझे फिर से तुमसे बात करते देख लिया तो। ज़िन्दगी रहेगी तो बहुत सी लड़कियाँ मिलेंगी। तुम्हारे साथ जो कुछ भी हुआ, उसे अब वापस तो नहीं किया जा सकता, लेकिन तुम्हे अगर बुरा लग रहा है कि मैं सब कुछ करके तुम्हे छोड़ा है तो मैं उसका हर्जाना देने के लिए तैयार हूँ। तुम जितने रूपये कहोगी उतने मैं तुम्हे पहुँचा दूँगा। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कर सकता। प्लीज़ अब मुझे फ़ोन या मैसेज करके परेशान मत करना।"
अमित की बात सुनकर तो पूनम के जैसे होश ही गुम हो गए। वो लड़का उसके प्यार की कीमत लगा रहा था। पूनम को समझ नहीं आया की क्या करे। कुछ देर तो वो इसी तरह खड़ी रही लेकिन जब उसके दिमाग ने काम करना स्टार्ट किया तो वो गुस्से और नफरत में बोली "बहुत अच्छे अमित। वाह !!! तो अब तुम मुझे उसकी कीमत दोगे जो तुमने मेरे साथ किया है। तो तुम्ही बताओ कितनी कीमत लगाये हो इस रण्डी की सील तोड़ने की। पूरी रात साथ बिताने की।" पूनम को अब अमित से नफरत था। नहीं चाहिए था उसे वो वापस। वो हरामी गिरा हुआ घटिया लड़का था। वो लड़के सही थे और उसका प्यार गलत। सारी दुनिया सही थी जो कहती है कि प्यार करोगे तो सिर्फ गम और आँसू मिलेंगे और उसका प्यार गलत।
उसे अमित की कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी। वो फ़ोन का स्क्रीन देखी तो फोन चालू था। वो फिर से बोली। वो रो रही थी। "बोलो अमित कितनी कीमत लगाये हो इस रण्डी की सील तोड़ने की। विश्वास तोड़ने की भी कीमत दोगे क्या?"
पूनम को फिर से अमित की कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी। दरअसल उसने फ़ोन कट कर दिया था और अपने पॉकेट में रख लिया था लेकिन गलती से फ़ोन कट हुआ नहीं था। पूनम को बाँकी आवाज़ सुनाई दे रही थी। वो फ़ोन कान में लगाये अमित के कुछ बोलने का वेट कर रही थी। तभी उसके कान में अमित की आवाज़ आयी "वही, साली रण्डी पूनम का, तबाह किये हुए है।" फिर किसी और की आवाज़ आयी "क्या बोल रही है अब।" फिर अमित की आवाज़ आयी "वही सब। मत जाओ, मैं जी नहीं सकती। वही जो ड्रामा होता है इन सबका।"
पूनम को समझ आ गया कि अमित ने गलती से कॉल डिसकनेक्ट नहीं किया है। वो अमित की बात सुनने लगी। शायद अमित अपने दोस्तों के साथ था और उसी के बारे में बातें हो रही थी। अमित की आवाज़ फिर से आयी "साला कौन पड़ने जायेगा विक्की और गुड्डू के चक्कर में। साली उनकी रण्डी बन गयी है तो बीच में मुझे क्यू मरवा रही है।" अमित के दोस्त की आवाज़ आयी "उन हरामियों के चक्कर में पड़ना भी मत बेटा। नहीं तो पता भी नहीं चलेगा कि कहाँ गायब हो जाओगे।" तभी एक और दोस्त की आवाज़ आयी "उन हरामियों की माल को कैसे पटा लिया बे तूने।"
अमित की हँसती हुई आवाज़ आयी "अबे साले, उनलोगों ने मेरी माल को पटा लिया है।" फिर एक और आवाज़ आयी "अबे मैं तो पहले ही कहता था कि रण्डी है साली। मज़े कर और फिर निकल ले। लेकिन तू ही चूतिया उसके पीछे लगा हुआ था।" एक दूसरे लड़के की आवाज़ आयी "माल भी तो टँच है, मैं तो उसे देखता था कि मेरा लण्ड टाइट हो जाता था। साली लाइन तो देती ही थी, लेकिन मैं तो इसलिए छोड़ा हुआ था कि भाई की माल है।"
पूनम को नफरत हो रही थी अमित से। अमित ने अपने दोस्तों के बीच में उसकी ऐसी इमेज बनायीं हुई थी। एक लड़के की आवाज़ आयी "ठीक किया जो छोड़ दिया। लेकिन छोड़ने से पहले चोदा की नहीं?" एक और आवाज़ आयी "बिना चोदे अगर किसी माल को छोड़ दिया, तो फिर तो गलत है बॉस, फिर तो नुकसान हो गया। इसलिए बाँकी सब बाद में, पहले ठुकाई करता हूँ मैं अपनी माल की।" फिर एक आवाज़ आयी "बोल न बे, चोदा की नहीं रण्डी को, की ऐसे ही खाली खर्चा करता रहा है।"
पूनम साँस रोककर सारी बात सुन रही थी। उनके मुँह से अपने लिए रण्डी शब्द सुनकर उसका अमित के प्रति नफरत और बढ़ रहा था। वो अमित का रिप्लाई सुनना चाहती थी की अमित क्या बोलेगा। अमित की आवाज़ आयी "चूतिया हूँ क्या बे मैं। पूछ लेना कुणाल से, उसी के घर में सील तोड़ा था। उसका चादर भर गया था खून से। धोने के बाद भी नहीं हटा था तो इसी तरह छोड़ दिया था हमने। कुणाल धोया था उसे हमारे जाने के बाद" अमित ये बात इतनी शान और अकड़ से बोल रहा था जैसे उसने कोई किला जीत लिया हो। पूनम शर्मिंदगी से डूब गयी। अमित अपने दोस्तों के बीच में उसकी इज़्ज़त उछाल रहा था। जो पूनम के लिए सबसे रोमांटिक क्षण था, अमित उस पल को सबके सामने ज़ाहिर करते हुए पूनम की इज़्ज़त उछाल रहा था। और उसकी बात सच साबित करने के लिए उसके पास गवाह भी था।
फिर एक आवाज़ आयी "उसके बाद भी चोदे की बस वही एक बार होकर रह गया?" अमित उसी अकड़ से बोला "काम से कम 10-15 बार चोदा होऊँगा। रात रात भर उसके घर में रहा हूँ। पुरे नंगे होकर,.... सबकुछ फुर्सत में....।" अमित पुरे स्टाइल और शान से बोल रहा था। उसके दोस्त पुरे इंटरेस्ट से उसकी बात सुन रहे थे। सच है कि पूनम जैसी माल की सील तोड़ने और चुदाई की बात कौन नहीं सुनना चाहेगा।
एक आवाज़ आयी "बोल न क्या क्या किया। गांड मारा?" अमित उसी रॉब के साथ फिर से चालू हो गया "अबे पूछो क्या क्या नहीं किये। गांड मारा, लण्ड चुसवाया, वीर्य भी पिलाया। कामसूत्र के हर आसन में चोदा हूँ उसे। पूरा उलट पुलट कर। फुल मज़ा देती थी।" एक आवाज़ आयी "हट साला फेंकता है।"
अमित चिढ़ कर बोला "अबे देख, बता इसे की मैं सच कह रहा हूँ की नहीं। यही मुझे रात में उसके घर तक पहुँचाता था।" एक लड़का बोला "सच कह रहा है ये।" तभी एक लड़का हँसता हुआ बोला "तभी तो साली की चुच्ची और गांड पहले से बड़ी हो गयी थी।" सब हँसने लगे।
अमित बोला "10-15 रात रहा हूँ उसके घर में, बस हम दोनों, और कोई नहीं। साला क्या वैसे हस्बैंड वाइफ रहते होंगे। पुरे टाइम नंगे। नंगी ही खाना बनाती थी मेरे लिए। जब चुदाई हो गयी तो मैं तो जैसे बेड पे ही रहता था, वो नंगी ही उठ कर पानी लाती थी, कॉफी बनाकर लाती थी, इधर उधर कुछ करती थी। एक दम बिंदास। साथ में नहाना। बाथरूम में चोदा हूँ उसे नहाते हुए साथ में, किचन में चोदा हूँ, वो खाना बना रही है और मैं पीछे से उसकी चुत और गांड में पेला हूँ, बैडरूम में तो क्या क्या नहीं किया। पूरा लण्ड मुँह में अंदर पेल कर फिर वीर्य पिलाया हूँ उसे। मज़े से पीती थी। मस्त एकदम। "
पूनम बस अमित की बात सुनती जा रही थी. कह तो वो सही ही रहा था, लेकिन बस थोडा बढ़ा चढ़ा कर बोल रहा था. पूनम को बहुत गुस्सा आ रहा था अमित पे की वो अमित जैसे लड़के को अपनी जवानी क्यू दी. फिर से एक लड़के की आवाज़ आई “तो छोड़ क्यू रहा है बे गांडू, इतना मज़ा तो दी रही है तुझे.” अमित चिढने के अंदाज़ में बोला “जितना मज़ा लेना था ले लिया. अब क्या जिन्दगी भर सर पे बिठा कर रखूं. अब गुड्डू विक्की से चुदवा रही होगी रंडी.”
अमित के मुँह से ये सुनते ही सारे लड़कों के एक साथ हँसने की आवाज़ आई और पूनम का खून खौल उठा. अमित का बोलना चालू था “अब पता नहीं कितनो से चुद्वायेगी. मेरा काम ख़तम हो गया उसके से. अब वो जहाँ गांड मरवाना चाहती है मरवाए, मुझे क्या.” अमित का एक दोस्त की आवाज़ आई “तुझे तो हम शरीफ समझते थे, तू तो साला एक नम्बर का हरामी है बे.” अमित भी हंस दिया और बांकी सारे लड़के भी फिर से एक साथ हँस दिया.
फिर एक आवाज़ आई “साले जब तुझे उसे छोड़ना ही था तो हमें भी तो टेस्ट करा दिया होता. साली माल तो बहुत टंच है.” एक दुसरे लड़के की आवाज़ आई “तो ये क्या तेरा लंड पकड़ कर उसकी चूत में डाल देता क्या. अब ये छोड़ दिया, अब तू उसे पटा ले और तू भी उसकी गांड मार ले.” सारे लड़के फिर से हँसने लगे. अमित बोला “बेटा नम्बर तो मैं दे दूँगा, लेकिन वो अब गुड्डू विक्की की रखैल है, तो सोच ले.” वो लड़का बोला “रहने दे भाई, नहीं खाना ऐसा चूत। वैसे भी अब वो फटी हुई रण्डी है। ऐसी माल विक्की गुड्डू को ही खाने दो." सब हँस दिए और फिर सब एक दुसरे को बाय बोलकर जाने लगे.
पूनम के मोबाइल पे उसकी मम्मी का कॉल वेटिंग में आ रहा था तो पूनम अमित का कॉल कट कर दी. वैसे भी जितना वो सुन चुकी थी, इससे ज्यादा सुनने की उसमे हिम्मत भी नहीं थी. उसे खुद पे रोना आ रहा था. कितना घमंड था उसे अपने आप पर और अपने प्यार पर. लेकिन अमित उसकी इज्ज़त को सरे आम अपने दोस्तों बीच उछाल रहा था. और ये काम वो पहले से करता आ रहा था। उनदोनो के बीच के प्राइवेट क्षण भी वो दोस्तों को बढ़ा चढ़ाकर पहले भी बताता रहा था।
पूनम थोड़ी देर किसी तरह अपने मम्मी से बात की और फिर कॉल रखने के बाद जोर जोर से रोने लगी. जिसे वो सबसे ज्यादा प्यार की वो लड़का बोल रहा था की मैं रंडी हूँ, वो सबको बता रहा था की मैं कैसे कैसे उसके साथ चुदाई की. पूनम फिर खुद को ठीक की और खाना बनाने लगी. उसके पापा के आने का वक़्त हो चला था. कल उसकी मम्मी भी आ जाने वाली थी.