11-01-2020, 11:26 AM
“तुम तो सच मे आज कयामत लग रही हो. आज तो जो भी तुम्हे देखेगा तुम्हारा दीवाना ही हो जाएगा.” मनीष ने मुझे तैयार देख कर कहा.
“क्या फालतू की बात कर रहे हो आप” मैने भी बनते हुए कहा.
मनीष- “नही जान सच मे आज तुम सच मे कयामत लग रही हो गाँव हम बाद मे चलेगे चलो पहले एक बार हो जाए” मनीष ने मेरे करीब आते हुए कहा.
“ऐसा कुछ भी नही है. और अब आप ये बाते बनाना बंद कीजिए और चुप चाप गाँव के लिए चलिए.” मैने अपने हाथ मे सामान पकड़ कर मनीष को पकड़ते हुए कहा.
“तुम भी ना एक दम पूरे मूड की वॉट लगा देती हो” मनीष ने मायूसी भरा चेहरा बनाते हुए कहा.
और हम दोनो ने अपना सामान पूरा कार के अंदर रख लिया. सब सामान रखने के बाद मैने सूटकेस की चाभी वगेरह मनीष को दे दी. जिसे उन्होने अपनी पेंट की जेब मे रख लिया. पूरा सामना गाड़ी मे रखने के बाद हम दोनो कार मे बैठ कर गाँव के लिए
मनीष गाड़ी चलते समय मुझे देख कर मुकुरा रहे थे. “ऐसे मेरी तरफ देख कर क्यू मुस्कुरा रहे है ? सामने देख कर गाड़ी चलाइए ना” मैने मनीष से चुटकी भरे अंदाज मे कहा.
“देख रहा हू की तुम कितनी खूबसूरत लग रही हो. आज तो तुम शादी वाले दिन से भी ज़्यादा खूबसूरत लग रही हो” कह कर मनीष ने गाड़ी चलते हुए ही मेरे गले मे हाथ डाल दिया और मेरे गाल को पकड़ कर कूची मूची मूष करने लगे.
“आप को तो बस बहाना चाहिए” मैने भी मनीष की इस हरकत पर मुस्कुराते हुए कहा.
“आइ लव यू निशा. सच मे आज तुम बोहोत खूबसूरत लग रही हो मन कर रहा है कि” मनीष अपनी बात पूरी करते इस से पहले ही मैने उन्हे बीच मे ही टोक दिया.
“तो क्या अब रोड पर ही करोगे क्या ?” मैने भी मनीष से मज़े लेने के लिए रोमॅंटिक अंदाज मे कहा जैसे मुझे भी वही फीलिंग आ रही हो जैसे मनीष को आ रही थी.
अभी हम आधे रास्ते मे ही आए थे कि मनीष ने कार बीच रास्ते मे ही रोक दी. “क्या हुआ मनीष गाड़ी क्यू रोक दी ?” मैने घबराते हुए पूछा.
हमारी कार खेतो से कुछ दूरी पर रुकी हुई थी. मनीष ने मुझे अपने हाथ से इशारा करते हुए कहा “निशा उधर देखो सामने”
मैने मनीष के हाथ की दिशा मे देखा जिस तरफ उन्होने देखने को कहा था मेरी तो आँखे खुली की खुली रह गयी. एक नयी उमर की लड़की दो लड़को के साथ जो उस से उमर मे थोड़े ही बड़े लग रहे थे के साथ मे बैठी हुई थी. और उसकी कमीज़ के बटन खुले थे और उसके छोटे छोटे उरोजो को वो दोनो लड़के अपने हाथ से पकड़ कर मसल रहे थे.
“देखो निशा कैसे मज़ा कर रहे है ये लोग और एक तुम हो जो मुझे कुछ करने नही देती हो.” मनीष ने मुझे एक तक उस तरफ देखते हुए कहा.
“ये सब क्या है मनीष आप फॉरन गाड़ी स्टार्ट कीजिए और चलिए यहाँ से” मैने मनीष पर थोड़ा सा गुस्सा करते हुए कहा.
“अरे रूको ना जानेमन थोड़ा देखने तो दो की ये लड़के आख़िर करते क्या है उस लड़की के साथ” मनीष ने मुझे चुप होने का इशारा करते हुए कहा.
“उन्हे जो करना है आप उन्हे करने दीजिए और आप यहा से चुप-चाप कार स्टार्ट करके चलिए” मैने मनीष से चलने को कहा क्यूकी मुझे पता था कि ये सब देख कर इनका भी मूड बन जाएगा और ये भी शुरू हो जाएगे.
मनीष का मन नही हो रहा था वहाँ से हटने का पर मैने ज़ोर दे कर उन्हे वहाँ से चलने को कहा. जाते हुए मैने एक नज़र दोबारा उनकी तरफ देखा वहाँ पर उन लड़को के साथ कॅमरा भी रखा हुआ था. कॅमरा को देख कर मैं सोच मे पड़ गयी की पता नही क्या होने वाला है, कही ये उस लड़की की ब्लूफिल्म तो नही बना रहे है. पर फिर ख़याल आया कि मुझे क्या लेना देना ये उस लड़की की अपनी पर्सनल लाइफ है. वो चाहे जो करे मैं कॉन हू उसके बीच मे बोलने वाली. उस लड़की का चेहरा मेरी आँखो मे बस गया था. मनीष को शायद लड़की का चेहरा नही दिखा था इसलिए वो बार बार मेरी सीट की तरफ आ कर देखने की कोसिस कर रहे थे पर मेरे चेहरे पर गुस्से के भाव को देख कर वो वापस अपनी सीट पर बैठ जाते.
कार दोबारा अपनी स्पीड से चलने लगी. मनीष का चेहरा बोहोत बुझा बुझा सा हो गया था क्यूकी मैने उन्हे वो सब नही देखने दिया था इसलिए. थोड़ी देर कार मे एक दम खामोशी सी च्छा गयी और फिर मनीष ने एक ठंडी आह भरते हुए कहा “तुम बोहोत गंदी हो कुछ भी नही देखने दिया अच्छा ख़ासा लाइव शो देखने को मिल रहा था. तुमको नही देखना था तो नही देखती मुझे तो देखने देती, कैसे वो लड़के उसके बूब्स दबा रहे थे.” कहते हुए मनीष ने अपने पेंट मे अपने लिंग को ठीक करते हुए कहा.
“तुम्हे तो बस मौका चाहिए ये सब के लिए जहाँ देखो वाहा शुरू हो जाते हो” मैने फिर से गुस्से मे कहा.
“क्या फालतू की बात कर रहे हो आप” मैने भी बनते हुए कहा.
मनीष- “नही जान सच मे आज तुम सच मे कयामत लग रही हो गाँव हम बाद मे चलेगे चलो पहले एक बार हो जाए” मनीष ने मेरे करीब आते हुए कहा.
“ऐसा कुछ भी नही है. और अब आप ये बाते बनाना बंद कीजिए और चुप चाप गाँव के लिए चलिए.” मैने अपने हाथ मे सामान पकड़ कर मनीष को पकड़ते हुए कहा.
“तुम भी ना एक दम पूरे मूड की वॉट लगा देती हो” मनीष ने मायूसी भरा चेहरा बनाते हुए कहा.
और हम दोनो ने अपना सामान पूरा कार के अंदर रख लिया. सब सामान रखने के बाद मैने सूटकेस की चाभी वगेरह मनीष को दे दी. जिसे उन्होने अपनी पेंट की जेब मे रख लिया. पूरा सामना गाड़ी मे रखने के बाद हम दोनो कार मे बैठ कर गाँव के लिए
मनीष गाड़ी चलते समय मुझे देख कर मुकुरा रहे थे. “ऐसे मेरी तरफ देख कर क्यू मुस्कुरा रहे है ? सामने देख कर गाड़ी चलाइए ना” मैने मनीष से चुटकी भरे अंदाज मे कहा.
“देख रहा हू की तुम कितनी खूबसूरत लग रही हो. आज तो तुम शादी वाले दिन से भी ज़्यादा खूबसूरत लग रही हो” कह कर मनीष ने गाड़ी चलते हुए ही मेरे गले मे हाथ डाल दिया और मेरे गाल को पकड़ कर कूची मूची मूष करने लगे.
“आप को तो बस बहाना चाहिए” मैने भी मनीष की इस हरकत पर मुस्कुराते हुए कहा.
“आइ लव यू निशा. सच मे आज तुम बोहोत खूबसूरत लग रही हो मन कर रहा है कि” मनीष अपनी बात पूरी करते इस से पहले ही मैने उन्हे बीच मे ही टोक दिया.
“तो क्या अब रोड पर ही करोगे क्या ?” मैने भी मनीष से मज़े लेने के लिए रोमॅंटिक अंदाज मे कहा जैसे मुझे भी वही फीलिंग आ रही हो जैसे मनीष को आ रही थी.
अभी हम आधे रास्ते मे ही आए थे कि मनीष ने कार बीच रास्ते मे ही रोक दी. “क्या हुआ मनीष गाड़ी क्यू रोक दी ?” मैने घबराते हुए पूछा.
हमारी कार खेतो से कुछ दूरी पर रुकी हुई थी. मनीष ने मुझे अपने हाथ से इशारा करते हुए कहा “निशा उधर देखो सामने”
मैने मनीष के हाथ की दिशा मे देखा जिस तरफ उन्होने देखने को कहा था मेरी तो आँखे खुली की खुली रह गयी. एक नयी उमर की लड़की दो लड़को के साथ जो उस से उमर मे थोड़े ही बड़े लग रहे थे के साथ मे बैठी हुई थी. और उसकी कमीज़ के बटन खुले थे और उसके छोटे छोटे उरोजो को वो दोनो लड़के अपने हाथ से पकड़ कर मसल रहे थे.
“देखो निशा कैसे मज़ा कर रहे है ये लोग और एक तुम हो जो मुझे कुछ करने नही देती हो.” मनीष ने मुझे एक तक उस तरफ देखते हुए कहा.
“ये सब क्या है मनीष आप फॉरन गाड़ी स्टार्ट कीजिए और चलिए यहाँ से” मैने मनीष पर थोड़ा सा गुस्सा करते हुए कहा.
“अरे रूको ना जानेमन थोड़ा देखने तो दो की ये लड़के आख़िर करते क्या है उस लड़की के साथ” मनीष ने मुझे चुप होने का इशारा करते हुए कहा.
“उन्हे जो करना है आप उन्हे करने दीजिए और आप यहा से चुप-चाप कार स्टार्ट करके चलिए” मैने मनीष से चलने को कहा क्यूकी मुझे पता था कि ये सब देख कर इनका भी मूड बन जाएगा और ये भी शुरू हो जाएगे.
मनीष का मन नही हो रहा था वहाँ से हटने का पर मैने ज़ोर दे कर उन्हे वहाँ से चलने को कहा. जाते हुए मैने एक नज़र दोबारा उनकी तरफ देखा वहाँ पर उन लड़को के साथ कॅमरा भी रखा हुआ था. कॅमरा को देख कर मैं सोच मे पड़ गयी की पता नही क्या होने वाला है, कही ये उस लड़की की ब्लूफिल्म तो नही बना रहे है. पर फिर ख़याल आया कि मुझे क्या लेना देना ये उस लड़की की अपनी पर्सनल लाइफ है. वो चाहे जो करे मैं कॉन हू उसके बीच मे बोलने वाली. उस लड़की का चेहरा मेरी आँखो मे बस गया था. मनीष को शायद लड़की का चेहरा नही दिखा था इसलिए वो बार बार मेरी सीट की तरफ आ कर देखने की कोसिस कर रहे थे पर मेरे चेहरे पर गुस्से के भाव को देख कर वो वापस अपनी सीट पर बैठ जाते.
कार दोबारा अपनी स्पीड से चलने लगी. मनीष का चेहरा बोहोत बुझा बुझा सा हो गया था क्यूकी मैने उन्हे वो सब नही देखने दिया था इसलिए. थोड़ी देर कार मे एक दम खामोशी सी च्छा गयी और फिर मनीष ने एक ठंडी आह भरते हुए कहा “तुम बोहोत गंदी हो कुछ भी नही देखने दिया अच्छा ख़ासा लाइव शो देखने को मिल रहा था. तुमको नही देखना था तो नही देखती मुझे तो देखने देती, कैसे वो लड़के उसके बूब्स दबा रहे थे.” कहते हुए मनीष ने अपने पेंट मे अपने लिंग को ठीक करते हुए कहा.
“तुम्हे तो बस मौका चाहिए ये सब के लिए जहाँ देखो वाहा शुरू हो जाते हो” मैने फिर से गुस्से मे कहा.