11-01-2020, 11:22 AM
मैं- “जानू अब नही रहा जा रहा है अपना लिंग डाल दो ना” जब मुझसे बर्दाश्त नही हुआ तो मैने मनीष को कह दिया.
मनीष- “हाँ मेरी जान… मुझसे भी अब नही रहा जा रहा है लंड बेताब हो रहा है तुम्हारी चूत मे जाने को.”
मैं- “क्यूँ तडपा रहे हो मनीष अब करना शुरू भी करो ना” मैने बैचैन होते हुए मनीष से कहा.
मनीष- “ओह्ह मेरी जान… ये ही तो मे सुनना चाह रहा था लो मेरी जान.” मनीष ने वापस मेरी टाँगो मे बीच मे बैठते हुए कहा.
मानिीश ने एक दम से अपना लिंग मेरी योनि मे डाल दिया.
आआहह मेरी मूह से दर्द और मज़े से मिली जुली आवाज़ निकली आअहह मज़ा आ गया जान करते रहो ना
मनीष ने भी अब फुल स्पीड पकड़ ली थी और तेज़ी के साथ अपने लिंग को योनि मे अंदर बाहर कर रहे थे जिस कारण मेरे मूह से सेक्सी आवाज़े बाहर आनी शुरू हो गयी.
पूरा बेड हिल रहा था लेकिन उस टाइम किस को परवाह थी इन चीज़ो की मैं तो बस चुदवाना चाहती थी. मनीष का लिंग मेरी योनि से चिपक कर अंदर बाहर हो रहा था. मनीष के साथ सेक्स करने मे जो ख़ासियत थी कि वो पूरा लिंग बाहर निकल फिर अंदर डालते है हर बार योनि मे इससे फुल मज़ा मिलता है. मनीष फुल स्पीड के साथ सेक्स कर रहे थे जिस से मेरी योनि को और मुझे फुल मज़ा आ रहा था. पूरे कमरे मे हमारी सिसकारिया की और मनीष के लिंग के अंदर जाते ही उसके टॅटू के टकराने से ठप-ठप की आवाज़ घूंज रही रही.
थोड़ी देर बाद ही मैं झाड़ गयी पर मनीष थे कि रुकने का नाम ही नही ले रहे थे. सेक्स का मज़ा तो आ रहा था पर जो मज़ा अमित के साथ आया था वो मज़ा नही आ रहा था. अमित का लिंग सीधे मेरी बच्चे दानी को चोट करता था पर मनीष का बाहर ही रह जाता था मज़ा तो आ रहा था पर कुछ कमी सी महसूस हो रही थी. मैं मन ही मन मे दुआ कर रही थी कि काश की मनीष का थोडा बड़ा और होता. लेकिन… मनीष लगातार योनि मे धक्के पर धक्के लगाए जा रहे थे. थोड़ी देर और धक्के लगाने के बाद मनीष का भी शरीर अकड़ने लग गया और उन्होने मेरे उरोजो को पकड़ कर मेरे होंठो को किस करना शुरू कर दिया. और झटके लेता हुआ उनका लिंग मेरी योनि मे पानी छोड़ने लग गया.
सेक्स करने के बाद हम दोनो नंगे ही बेड पर सो गये कब हम दोनो को नींद आ गयी पता ही नही चला. सुबह जब आँख खुली तो 7 बाज रहे थे. मैने जल्दी से बेड से उठी ही थी की मनीष ने फिर से मेरा हाथ पकड़ लिया.
“सो कर उठ गयी तुम ?” कहते हुए मनीष ने वापस मुझे अपने उपर खींच लिया. “छ्चोड़िए ना क्या कर रहे है सुबह हो गयी है, आप भी उठ जाइए मैं जा कर आप के लिए चाइ बना कर लाती हू.” मैने मनीष के सर पर प्यार से हाथ फिरते हुए कहा.
“गरम चाइ मे क्या मज़ा मिलेगा जो सुबह-सुबह तुम्हारे होंठो को किस करने मे आता है” कहने के साथ ही मनीष ने मेरे होंठो को अपने होंठो के बीच मे कस कर जाकड़ लिया और किस करना शुरू कर दिया. किस करने मे मैने भी मनीष का साथ दिया और मैने भी उनके होंठो को किस करने लगी. थोड़ी देर यूँ ही किस करने के बाद मैं मनीष से अलग हो गयी और उठ कर किचन मे जाने लगी तो मनीष ने मुझे फिर से पकड़ लिया.
“जान बिना चुम्मा दिए कहाँ जा रही हो ? बिना चुम्मा लिए मेरा दिन कैसे होगा ?” मनीष ने फिर से मुझे पकड़ लिया.
मुझे अच्छे से पता था कि मनीष किस चुम्मा की बात कर रहे है पर मैने अंजान बनते हुए कहा “अभी तो किस किया ना दोनो ने और कॉन सा चुम्मा चाहिए तुम्हे. हहहे” कह कर मैं हंस दी. और बेड से उतर कर किचन की तरफ चल दी, इस से पहले की मैं एक कदम भी आगे बढ़ाती मनीष ने बेड से लेटे लेटे ही मेरा हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ खींच लिया.
“तो आप को नही पता कि मैं किस चुम्मे की बात कर रहा हू” कहते हुए मनीष ने मेरे हाथ को छ्चोड़ कर अपने दोनो हाथो से मेरी दोनो थाइ पकड़ ली.
मैं मनीष के चेहरे पर एक दम झुक गयी जिस कारण मनीष के चेहरे पर मेरे बाल फैल गये और मैने ना मे गर्दन हिला दी और हल्के से हंस दी.
“अभी आप को पता चल जाएगा कि हम किस चुम्मा की बात कर रहे थे.” कहते हुए मनीष बेड से उठ कर अपने चेहरे को एक दम मेरी योनि की तरफ ले आए.
मनीष के चेहरे को अपनी तरफ आता देख मैने मनीष की पकड़ से छूटने की कोसिस की ताकि मनीष को परेशान कर सकु. उस वक़्त हम दोनो ही एक दम नंगे थे. और मैं उनकी क़ैद से छूटने मे भी कामयाब हो गयी और मनीष की पकड़ से छूट कर थोड़ा दूर पीछे की तरफ हो गयी. और उन्हे दूर खड़े हो कर चिढ़ाने लग गयी.
मनीष इतनी फुर्ती के साथ बेड से उठे कि मुझे पता ही नही चला कि कब वो मेरे पास तक आ गये और मुझे पकड़ अपनी गोद मे उठा लिया. गोद मे उठाए हुए ही मनीष ने मेरे गालो को अपने मुँह मे भर लिया और हल्के से काट लिया. “अओुच्च क्या कर रहे हो” मनीष के यूँ मेरे गाल पर काट लेने से नखरे दिखाते हुए मनीष से कहा और अपने चहरे को शर्म के मारे दोनो हाथो से ढक लिया.
मनीष- “हाँ मेरी जान… मुझसे भी अब नही रहा जा रहा है लंड बेताब हो रहा है तुम्हारी चूत मे जाने को.”
मैं- “क्यूँ तडपा रहे हो मनीष अब करना शुरू भी करो ना” मैने बैचैन होते हुए मनीष से कहा.
मनीष- “ओह्ह मेरी जान… ये ही तो मे सुनना चाह रहा था लो मेरी जान.” मनीष ने वापस मेरी टाँगो मे बीच मे बैठते हुए कहा.
मानिीश ने एक दम से अपना लिंग मेरी योनि मे डाल दिया.
आआहह मेरी मूह से दर्द और मज़े से मिली जुली आवाज़ निकली आअहह मज़ा आ गया जान करते रहो ना
मनीष ने भी अब फुल स्पीड पकड़ ली थी और तेज़ी के साथ अपने लिंग को योनि मे अंदर बाहर कर रहे थे जिस कारण मेरे मूह से सेक्सी आवाज़े बाहर आनी शुरू हो गयी.
पूरा बेड हिल रहा था लेकिन उस टाइम किस को परवाह थी इन चीज़ो की मैं तो बस चुदवाना चाहती थी. मनीष का लिंग मेरी योनि से चिपक कर अंदर बाहर हो रहा था. मनीष के साथ सेक्स करने मे जो ख़ासियत थी कि वो पूरा लिंग बाहर निकल फिर अंदर डालते है हर बार योनि मे इससे फुल मज़ा मिलता है. मनीष फुल स्पीड के साथ सेक्स कर रहे थे जिस से मेरी योनि को और मुझे फुल मज़ा आ रहा था. पूरे कमरे मे हमारी सिसकारिया की और मनीष के लिंग के अंदर जाते ही उसके टॅटू के टकराने से ठप-ठप की आवाज़ घूंज रही रही.
थोड़ी देर बाद ही मैं झाड़ गयी पर मनीष थे कि रुकने का नाम ही नही ले रहे थे. सेक्स का मज़ा तो आ रहा था पर जो मज़ा अमित के साथ आया था वो मज़ा नही आ रहा था. अमित का लिंग सीधे मेरी बच्चे दानी को चोट करता था पर मनीष का बाहर ही रह जाता था मज़ा तो आ रहा था पर कुछ कमी सी महसूस हो रही थी. मैं मन ही मन मे दुआ कर रही थी कि काश की मनीष का थोडा बड़ा और होता. लेकिन… मनीष लगातार योनि मे धक्के पर धक्के लगाए जा रहे थे. थोड़ी देर और धक्के लगाने के बाद मनीष का भी शरीर अकड़ने लग गया और उन्होने मेरे उरोजो को पकड़ कर मेरे होंठो को किस करना शुरू कर दिया. और झटके लेता हुआ उनका लिंग मेरी योनि मे पानी छोड़ने लग गया.
सेक्स करने के बाद हम दोनो नंगे ही बेड पर सो गये कब हम दोनो को नींद आ गयी पता ही नही चला. सुबह जब आँख खुली तो 7 बाज रहे थे. मैने जल्दी से बेड से उठी ही थी की मनीष ने फिर से मेरा हाथ पकड़ लिया.
“सो कर उठ गयी तुम ?” कहते हुए मनीष ने वापस मुझे अपने उपर खींच लिया. “छ्चोड़िए ना क्या कर रहे है सुबह हो गयी है, आप भी उठ जाइए मैं जा कर आप के लिए चाइ बना कर लाती हू.” मैने मनीष के सर पर प्यार से हाथ फिरते हुए कहा.
“गरम चाइ मे क्या मज़ा मिलेगा जो सुबह-सुबह तुम्हारे होंठो को किस करने मे आता है” कहने के साथ ही मनीष ने मेरे होंठो को अपने होंठो के बीच मे कस कर जाकड़ लिया और किस करना शुरू कर दिया. किस करने मे मैने भी मनीष का साथ दिया और मैने भी उनके होंठो को किस करने लगी. थोड़ी देर यूँ ही किस करने के बाद मैं मनीष से अलग हो गयी और उठ कर किचन मे जाने लगी तो मनीष ने मुझे फिर से पकड़ लिया.
“जान बिना चुम्मा दिए कहाँ जा रही हो ? बिना चुम्मा लिए मेरा दिन कैसे होगा ?” मनीष ने फिर से मुझे पकड़ लिया.
मुझे अच्छे से पता था कि मनीष किस चुम्मा की बात कर रहे है पर मैने अंजान बनते हुए कहा “अभी तो किस किया ना दोनो ने और कॉन सा चुम्मा चाहिए तुम्हे. हहहे” कह कर मैं हंस दी. और बेड से उतर कर किचन की तरफ चल दी, इस से पहले की मैं एक कदम भी आगे बढ़ाती मनीष ने बेड से लेटे लेटे ही मेरा हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ खींच लिया.
“तो आप को नही पता कि मैं किस चुम्मे की बात कर रहा हू” कहते हुए मनीष ने मेरे हाथ को छ्चोड़ कर अपने दोनो हाथो से मेरी दोनो थाइ पकड़ ली.
मैं मनीष के चेहरे पर एक दम झुक गयी जिस कारण मनीष के चेहरे पर मेरे बाल फैल गये और मैने ना मे गर्दन हिला दी और हल्के से हंस दी.
“अभी आप को पता चल जाएगा कि हम किस चुम्मा की बात कर रहे थे.” कहते हुए मनीष बेड से उठ कर अपने चेहरे को एक दम मेरी योनि की तरफ ले आए.
मनीष के चेहरे को अपनी तरफ आता देख मैने मनीष की पकड़ से छूटने की कोसिस की ताकि मनीष को परेशान कर सकु. उस वक़्त हम दोनो ही एक दम नंगे थे. और मैं उनकी क़ैद से छूटने मे भी कामयाब हो गयी और मनीष की पकड़ से छूट कर थोड़ा दूर पीछे की तरफ हो गयी. और उन्हे दूर खड़े हो कर चिढ़ाने लग गयी.
मनीष इतनी फुर्ती के साथ बेड से उठे कि मुझे पता ही नही चला कि कब वो मेरे पास तक आ गये और मुझे पकड़ अपनी गोद मे उठा लिया. गोद मे उठाए हुए ही मनीष ने मेरे गालो को अपने मुँह मे भर लिया और हल्के से काट लिया. “अओुच्च क्या कर रहे हो” मनीष के यूँ मेरे गाल पर काट लेने से नखरे दिखाते हुए मनीष से कहा और अपने चहरे को शर्म के मारे दोनो हाथो से ढक लिया.