02-02-2019, 10:21 PM
(This post was last modified: 16-12-2023, 02:44 PM by badmaster122. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
मैने नोटिस किया की समधी जी भी अपनी बेटी के बहुत सारे आपत्ति जनक फोटो खीचे, समधी जी ने ख़ास तौर पे बहु के उभार और उसकी मादक गांड के फोटो लिए।
शाम तक हम सब ने खूब एन्जॉय किया उसके बाद जैसा की बहु चाहती थी मैं अपने कमरे में सोने चला गया और बहु और समधी अपने कमरे में। मेरी नींद आज उड़ चुकि थी मैं जानता था की आज रात कुछ होने वाला है। मैं अपने कमरे में आकर लाइट्स ऑफ कर दिया ताकि बहु और समधी जी को लगे की मैं सो गया हू।
मैं सामने वाली खिड़की के पास बैठ गया। कमरा पास होने की वजह से मुझे उनकी बातें साफ़ सुनाइ दे रही थी। बहु अपने सेक्सी ब्लैक कलर नाईट ड्रेस में थी।, और उसके पापा बेड पे बैठे टीवी देख रहे थे। बहु अपने पापा से सोने के लिए रिक्वेस्ट कर रही थी।
सरोज - पापा अब सो जाइये चलिये आप थक गए होंगे।
प्यारेलाल - हाँ बेटा ठीक है, कमरे में तो बहुत गर्मी है और तुम ये ब्लैक गाउन पहन के लेटोगी?
सरोज - हाँ पापा मैं तो रात को अक्सर ये पहन के सोती हूँ।
प्यारेलाल - बेटी तुम झूठ क्यों बोल रही हो? मैं समझ सकता हूँ तुम अकेली सोती थी तो इस गर्मी में कैसे सोती होगी। तुम जो इतना स्वेट कर रही हो इसी से मुझे पता चलता है की तुम्हे इसकी आदत नही
सरोज - ओके पापा, आपने ठीक पहचाना।
प्यारेलाल - तो फिर सरोज बेटा लाइट्स ऑफ करो और नाईट गाउन उतार कर सो जाओ।
समधि जी आज अपनी बेटी को बिना नाइटी के अपने पास चाहते थे, और बहु ने भी बिना लाइट्स बुझाये उनके सामने अपनी नाइटी उतार खड़ी हो गई।
मै खिड़की से बहु को सिर्फ ब्लैक ब्रा पेंटी में देख कर अपना लंड बाहर निकाल लिया और मुट्ठ मारने लगा। बहु बेशरमी से अपने पापा के सामने अपनी गदराई जवानी दिखाते हुए खड़ी थी। उसकी जाँघे बहुत गोरी दिख रही थी वो अपनी पेंटी में दोनों तरफ से अँगूठा डाले खड़ी थी ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने पापा के एक इशारे पे अपनी पेंटी उतार देगी। बहु ने लाइट बंद कर दी और नाईट लैंप जला कर अपने पापा को हग करके सो गई। मैंने अपना मुट्ठ नहीं निकाला मुझे एक उम्मीद थी कुछ होने की इसलिए क़रीब १ घंटे बाद मुझे पास वाले कमरे से कुछ हलचल महसूस हुई और मैं दूबारा उठ कर बहु के कमरे में झाँकने लगा।
मैने देखा बहु सो रही है और समधी जी अपने लंड को लेटे लेटे लोअर के ऊपर से ही रगड रहे है। बहु की पीठ खुली थी जिसे देख कर समधी जी अपना लंड बाहर निकाल जोर जोर से मुट्ठ मारने लगे।
वो बार बार बहु के तरफ ध्यान दे रहे थे की कहीं बहु जग न जाए।समधीजी ने बहु की ब्रा खोल दिया था और उन्होंने बहु की पेंटी भी सरका दिए और तेज़ी से लंड की स्कीन ऊपर नीछे करने लगे। उनकी साँसे तेज़ होती जा रही थी और साथ-साथ हिम्मत भी। बहु के तरफ से कोई हलचल न देख कर वो अपना लंड मुट्ठी में लिए बहु के चेहरे के काफी क़रीब आ गए और फिर उनका सारा वीर्य बहु के चेहरे पे गिर गया।
एक बाप को अपनी बेटी के मुह पे मुट्ठ मारता देख मेरा लंड जोश से भर आया मैं बहु के समधी जी के मुट्ठ से सने चेहरे को देख कर मुट्ठ मारने लगा।। मैं मुट्ठ मार - मार कर थकता जा रहा था। मैंने कभी नहीं सोचा था की अपनी रंडी बहु के नाम पे मैं इतना मुट्ठ मारूँगा।। मैं बहु को रंडी बनते देखना चाहता था।। जो किसी का भी लंड अपनी चुत में ले ले चाहे वो उसका अपना भाई हो या फिर पिता।। ए सब सोचते हुए मेरे लंड से फच-फच कर पानी निकल गया।
मुझे ये सब काफी अच्छा लग रहा था लेकिन मैं बहु के मन की बात जानना चाहता था। मुझे लगता था की बहु अपने पापा से चुदवाना चाहती है लेकिन मैं उसके पापा की ये करतूत बता कर सब खेल बिगाड़ना नहीं चाहता था। मुझे तो उस पल का इंतज़ार था जब बहु खुद चुदने के लिए अपने पापा को सेडयूस करे।।।।
शाम तक हम सब ने खूब एन्जॉय किया उसके बाद जैसा की बहु चाहती थी मैं अपने कमरे में सोने चला गया और बहु और समधी अपने कमरे में। मेरी नींद आज उड़ चुकि थी मैं जानता था की आज रात कुछ होने वाला है। मैं अपने कमरे में आकर लाइट्स ऑफ कर दिया ताकि बहु और समधी जी को लगे की मैं सो गया हू।
मैं सामने वाली खिड़की के पास बैठ गया। कमरा पास होने की वजह से मुझे उनकी बातें साफ़ सुनाइ दे रही थी। बहु अपने सेक्सी ब्लैक कलर नाईट ड्रेस में थी।, और उसके पापा बेड पे बैठे टीवी देख रहे थे। बहु अपने पापा से सोने के लिए रिक्वेस्ट कर रही थी।
सरोज - पापा अब सो जाइये चलिये आप थक गए होंगे।
प्यारेलाल - हाँ बेटा ठीक है, कमरे में तो बहुत गर्मी है और तुम ये ब्लैक गाउन पहन के लेटोगी?
सरोज - हाँ पापा मैं तो रात को अक्सर ये पहन के सोती हूँ।
प्यारेलाल - बेटी तुम झूठ क्यों बोल रही हो? मैं समझ सकता हूँ तुम अकेली सोती थी तो इस गर्मी में कैसे सोती होगी। तुम जो इतना स्वेट कर रही हो इसी से मुझे पता चलता है की तुम्हे इसकी आदत नही
सरोज - ओके पापा, आपने ठीक पहचाना।
प्यारेलाल - तो फिर सरोज बेटा लाइट्स ऑफ करो और नाईट गाउन उतार कर सो जाओ।
समधि जी आज अपनी बेटी को बिना नाइटी के अपने पास चाहते थे, और बहु ने भी बिना लाइट्स बुझाये उनके सामने अपनी नाइटी उतार खड़ी हो गई।
मै खिड़की से बहु को सिर्फ ब्लैक ब्रा पेंटी में देख कर अपना लंड बाहर निकाल लिया और मुट्ठ मारने लगा। बहु बेशरमी से अपने पापा के सामने अपनी गदराई जवानी दिखाते हुए खड़ी थी। उसकी जाँघे बहुत गोरी दिख रही थी वो अपनी पेंटी में दोनों तरफ से अँगूठा डाले खड़ी थी ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने पापा के एक इशारे पे अपनी पेंटी उतार देगी। बहु ने लाइट बंद कर दी और नाईट लैंप जला कर अपने पापा को हग करके सो गई। मैंने अपना मुट्ठ नहीं निकाला मुझे एक उम्मीद थी कुछ होने की इसलिए क़रीब १ घंटे बाद मुझे पास वाले कमरे से कुछ हलचल महसूस हुई और मैं दूबारा उठ कर बहु के कमरे में झाँकने लगा।
मैने देखा बहु सो रही है और समधी जी अपने लंड को लेटे लेटे लोअर के ऊपर से ही रगड रहे है। बहु की पीठ खुली थी जिसे देख कर समधी जी अपना लंड बाहर निकाल जोर जोर से मुट्ठ मारने लगे।
वो बार बार बहु के तरफ ध्यान दे रहे थे की कहीं बहु जग न जाए।समधीजी ने बहु की ब्रा खोल दिया था और उन्होंने बहु की पेंटी भी सरका दिए और तेज़ी से लंड की स्कीन ऊपर नीछे करने लगे। उनकी साँसे तेज़ होती जा रही थी और साथ-साथ हिम्मत भी। बहु के तरफ से कोई हलचल न देख कर वो अपना लंड मुट्ठी में लिए बहु के चेहरे के काफी क़रीब आ गए और फिर उनका सारा वीर्य बहु के चेहरे पे गिर गया।
एक बाप को अपनी बेटी के मुह पे मुट्ठ मारता देख मेरा लंड जोश से भर आया मैं बहु के समधी जी के मुट्ठ से सने चेहरे को देख कर मुट्ठ मारने लगा।। मैं मुट्ठ मार - मार कर थकता जा रहा था। मैंने कभी नहीं सोचा था की अपनी रंडी बहु के नाम पे मैं इतना मुट्ठ मारूँगा।। मैं बहु को रंडी बनते देखना चाहता था।। जो किसी का भी लंड अपनी चुत में ले ले चाहे वो उसका अपना भाई हो या फिर पिता।। ए सब सोचते हुए मेरे लंड से फच-फच कर पानी निकल गया।
मुझे ये सब काफी अच्छा लग रहा था लेकिन मैं बहु के मन की बात जानना चाहता था। मुझे लगता था की बहु अपने पापा से चुदवाना चाहती है लेकिन मैं उसके पापा की ये करतूत बता कर सब खेल बिगाड़ना नहीं चाहता था। मुझे तो उस पल का इंतज़ार था जब बहु खुद चुदने के लिए अपने पापा को सेडयूस करे।।।।