02-02-2019, 10:05 PM
(This post was last modified: 15-12-2023, 09:55 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
सरोज - इसका मतलब क्या पापा ट्रैन के सफ़र में इस फोटो पे मुट्ठ मारे हैं?
मै - हाँ बहु और कौन करेंगा।। ये तुम्हारे पापा का ही मुट्ठ है।।
सरोज - आप इतने यकीन के साथ कैसे कह सकते हैं?
मै - मुझे आदमी के सेक्सुअल जरुरत मालूम है ये मुट्ठ ही है, यकीन न आये तो चाट के देख लो नमकीन सा टेस्ट होगा
सरोज - छी: बाबूजी।। अगर आप सही कह रहे होंगे तो क्या मैं अपने पापा का मुट्ठ चाटूँगी ??
मै - अरे बहु कोई बात नही।। तुमने मेरा भी तो मुट्ठ पिया है कितनी बार।। चाट के देख लो।।
सरोज - (मुट्ठ को स्मेल करती हुई।। चाट लूँ सच्ची? )
मै - हाँ बहु।। (मेरे हाँ कहते ही बहु जीभ लगा कर मुट्ठ चाटने लगी।।)
सरोज - ओह बाबूजी आप सच कह रहे हैं ये तो मुट्ठ का ही टेस्ट है।।
मै - और चाट लो बहु।। (और बहु आँखे बंद कर मस्ती में अपने पापा का मूठ चाट गई)
मै - ओह बहु।। लगता है तुम्हे अपने पापा के लंड का मुट्ठ बहुत पसंद आया।।
सरोज - छी: बाबूजी आप भी न।। मैं तो बस कन्फर्म करने के लिए चाटी।।
मै - काश तुम समधी जी का लंड चाटती तो वो तेरे मुह में ही अपना मुठ छोड़ देते।।
सरोज - ओह बाबूजी ये आप क्या कह रहे है।। मैं अपने पापा का लंड चूसूंगी।।
मै - कोई बात नहीं बहु।। सेक्स के जरुरत में रिश्ता नहीं देखा जाता। और तुम्हारी उभरी हुई निप्पल बता रही है की तुम ये सोच कर बहुत एक्साईटेड हो गई हो।।
सरोज - बाबूजी।। चुप रहिये आप भी न।।
मै - मेरा यकीन करो बहु।। अगर समधी जी के पास तुम्हारी फोटो होती तो वो अबतक दूसरे लड़कियों पे अपना मुट्ठ बर्बाद नहीं करते।। बल्कि सारा दिन तुम्हारी फोटो पे ही मुट्ठ मारा करते।।
सरोज - बस करिये न बाबूजी।। (बहु शर्मा गई।।)
मै - बहु इससे पहले की समधी जी देखें मैगज़ीन वापस रख दो।
सरोज - ओके बाबूजी।।
बहु ने मैगज़ीन वापस रख दिया और फिर कमरे से बाहर चलि गई। समधी जी भी बाथरूम से बाहर आये और अपने कपडे चेंज कर डाइनिंग हॉल में चले गये।
शाम को हम सभी तैयार हो कर बहु के बर्थडे के अवसर पे फोटो खीच रहे थे, बहु ने पहले मेरे लाये हुए जीन्स और टीशर्ट ट्राई किया। हमेशा की तरह बहु भी किस्सी न किसी बहाने से हमे अपनी कमर और नवेल दिखाती रही।
बाद में वो कपडे बदल कर अपने पापा के लाये हुए कपडे भी ट्राई की। हमलोगों ने बहुत सारी फोटो खींची लेकिन सबसे ज्यादा फोटो बहु की ही थी। हर एंगल से जहां से भी उसके मादक बदन की झलक मिल जाती मैं फोटो खीच लेता।
मै - हाँ बहु और कौन करेंगा।। ये तुम्हारे पापा का ही मुट्ठ है।।
सरोज - आप इतने यकीन के साथ कैसे कह सकते हैं?
मै - मुझे आदमी के सेक्सुअल जरुरत मालूम है ये मुट्ठ ही है, यकीन न आये तो चाट के देख लो नमकीन सा टेस्ट होगा
सरोज - छी: बाबूजी।। अगर आप सही कह रहे होंगे तो क्या मैं अपने पापा का मुट्ठ चाटूँगी ??
मै - अरे बहु कोई बात नही।। तुमने मेरा भी तो मुट्ठ पिया है कितनी बार।। चाट के देख लो।।
सरोज - (मुट्ठ को स्मेल करती हुई।। चाट लूँ सच्ची? )
मै - हाँ बहु।। (मेरे हाँ कहते ही बहु जीभ लगा कर मुट्ठ चाटने लगी।।)
सरोज - ओह बाबूजी आप सच कह रहे हैं ये तो मुट्ठ का ही टेस्ट है।।
मै - और चाट लो बहु।। (और बहु आँखे बंद कर मस्ती में अपने पापा का मूठ चाट गई)
मै - ओह बहु।। लगता है तुम्हे अपने पापा के लंड का मुट्ठ बहुत पसंद आया।।
सरोज - छी: बाबूजी आप भी न।। मैं तो बस कन्फर्म करने के लिए चाटी।।
मै - काश तुम समधी जी का लंड चाटती तो वो तेरे मुह में ही अपना मुठ छोड़ देते।।
सरोज - ओह बाबूजी ये आप क्या कह रहे है।। मैं अपने पापा का लंड चूसूंगी।।
मै - कोई बात नहीं बहु।। सेक्स के जरुरत में रिश्ता नहीं देखा जाता। और तुम्हारी उभरी हुई निप्पल बता रही है की तुम ये सोच कर बहुत एक्साईटेड हो गई हो।।
सरोज - बाबूजी।। चुप रहिये आप भी न।।
मै - मेरा यकीन करो बहु।। अगर समधी जी के पास तुम्हारी फोटो होती तो वो अबतक दूसरे लड़कियों पे अपना मुट्ठ बर्बाद नहीं करते।। बल्कि सारा दिन तुम्हारी फोटो पे ही मुट्ठ मारा करते।।
सरोज - बस करिये न बाबूजी।। (बहु शर्मा गई।।)
मै - बहु इससे पहले की समधी जी देखें मैगज़ीन वापस रख दो।
सरोज - ओके बाबूजी।।
बहु ने मैगज़ीन वापस रख दिया और फिर कमरे से बाहर चलि गई। समधी जी भी बाथरूम से बाहर आये और अपने कपडे चेंज कर डाइनिंग हॉल में चले गये।
शाम को हम सभी तैयार हो कर बहु के बर्थडे के अवसर पे फोटो खीच रहे थे, बहु ने पहले मेरे लाये हुए जीन्स और टीशर्ट ट्राई किया। हमेशा की तरह बहु भी किस्सी न किसी बहाने से हमे अपनी कमर और नवेल दिखाती रही।
बाद में वो कपडे बदल कर अपने पापा के लाये हुए कपडे भी ट्राई की। हमलोगों ने बहुत सारी फोटो खींची लेकिन सबसे ज्यादा फोटो बहु की ही थी। हर एंगल से जहां से भी उसके मादक बदन की झलक मिल जाती मैं फोटो खीच लेता।