10-01-2020, 08:46 PM
बाथरूम से निकल कर मनीष मुझे बेड रूम मे ले आए…. हम दोनो के ही बदन गीले थे बेड रूम मे आ कर मनीष ने मुझे अपनी गोद से उतार दिया. मनीष की गोद से उतर कर मैने अलमारी से टवल निकाल लिया और टवल ले कर मनीष के बालो को सुखाने लगी बॉल पोंच्छने के बाद मैने मनीष के हाथ पैर सब पोंछ कर सॉफ कर दिए. मनीष का शरीर को जैसे ही पोंछ कर मैं उस से दूर होने लगी मनीष ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खींच कर अपने सीने से चिपका लिया. हम दोनो का चेहरा एक दूसरे के आमने सामने था. मनीष की आँखे मेरे चेहरे को देखे जा रही थी उनकी आँखो मे मेरे लिए बे-पनाह प्यार था. मनीष की आँखो मे अपने लिए इतना प्यार देख कर मेरी अंतर आत्मा ने मुझे धिक्कार दिया.
मुझे वो धोका याद आने लगा जो मैने मैने मनीष के पीठ पीछे उसे दिया था. वो प्यार देख कर आत्म-ग्लानि से मेरी आँखे नम हो गयी और मेरी आँखो मे आँसू आ गये. मेरी आँखो मे आँसू देख कर मनीष एक दम बेचैन हो गये. “क्या हुआ मेरी जान को उसकी आँखो मे ये आँसू” कह कर मनीष ने मेरी आँखो से आँसू को सॉफ किया. मैं कुछ नही बोल पाई और मनीष के सीने से चिपक गयी.
मनीष ने मेरी आँखो से बहते हुए आँसू को सॉफ किया और मेरी आँखो को किस करने लग गये. मैं भी अब शांत हो गयी थी. और मैं भी उनके चेहरे को चूमने लग गयी. धीरे धीरे हमारे एक दूसरे को किस करने का सिलसिला और भी तेज़ी के साथ चलने लग गया. मनीष ने अपने होंठो के मेरे होंठो पर रख कर उसे चूमने लग गये और उनका एक हाथ मेरे कमर से होता हुआ मेरे नितंब पर आ गया. मनीष मेरे नितंब को दबा-दबा कर उसके साथ खेलने लग गये. थोड़ी देर यूँ ही खेलने के बाद उन्होने अपना हाथ आगे की तरफ ला कर मेरी योनि पर लगा दिया और उस पर गोल-गोल फिराते हुए मेरी योनि की मालिश करना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर यूँ ही मालिश करने के बाद मनीष अपनी उंगली मेरी योनि के मुँह तक ले गये और मेरी योनि के दोनो फान्खो को अलग कर के उसके अंदर कर दिया. मनीष ने अपनी उंगली को जैसे ही मेरी योनि मे अंदर किया मैने अपने पैर थोड़े चौड़े कर लिए ताकि वो मेरी योनि मे अच्छे तरीके से उंगली कर सके. थोड़ी ही देर मे मेरे पैर चौड़े करते ही मनीष ने अपनी उंगली योनि के बीच मे उपर नीचे घुमानी शुरू कर दी. मनीष की उंगली जैसे ही मेरे भज्नासे से टकराती मेरे पूरे शरीर मे एक सनसनी सी फैल जाती. मैने भी अपना हाथ नीचे की तरफ ले जा कर मनीष के लिंग को अपने हाथ मे ले कर उसको सहलाना शुरू कर दिया. मेरे हाथ लगाने से मनीष का लिंग लोहे की रोड के जैसे एक दम गरम और सख़्त हो गया.
आआआअहह………………. आआआआआआआअहह….. माआनीइिशह तेजज़्ज़्ज्ज और तेज…. मेरे मुँह से आवाज़े निकालने लग गयी.
मनीष ने अपनी उंगली की रफ़्तार मेरी योनि मे और भी तेज कर दी. मनीष की उंगली जैसे जैसे मेरे योनि के भज्नासे से टकराती मैं उत्तेजना के मारे एक नयी दुनिया मे खोने लग गयी. मैने भी मज़े मे होने के कारण अपने नितंब को आगे पीछे करना शुरू कर दिया ताकि मनीष की उंगली आसानी से अंदर बाहर हो सके. मनीष ने तेज़ी से उंगली घुमानी शुरू कर दी जिस वजह से कुछ ही देर मे मेरा पूरा शरीर अकड़ने लग गया और मेरे घुटने कंप-कपाने लग गये मैने मनीष के लिंग को कस कर पकड़ कर उसकी खाल को पूरा का पूरा पीछे कर दिया. और दूसरे हाथ को मनीष के गले मे डाल कर अपना चेहरा उसके सीने मे च्छूपा लिया. मनीष का पूरा हाथ मेरी योनि से निकले रस के कारण पूरा का पूरा भीग गया.
अब मनीष बोहोत धीरे-धीरे अपनी उंगली को मेरी योनि मे घुमा रहे थे. मुझे बोहोत मज़ा आ रहा था. मैने भी अब मनीष के लिंग को ज़ोर ज़ोर से आगे-पीछे करना शुरू कर दिया. मैं भी मनीष के लिंग का पानी निकाल कर उनको भी मज़ा देना चाहती थी पर अब मैने महसूस किया किया की मनीष ने अपनी उंगली को मेरी योनि मे घुमाना बंद कर दिया. मनीष ने अपनी आँखे बंद कर ली और धीरे धीरे उनके भी मुँह से सिसकारिया निकलना शुरू हो गयी थी. मेरा हाथ अब मनीष के लिंग पर तेज़ी के साथ आगे-पीछे चल रहा था की अचानक मनीष का शरीर भी अकड़ने लग गया और उनके लिंग ने हलचल करते हुए झटके लेना शुरू कर दिया. मनीष के लिंग से निकला हुआ वीर्य मेरे पैर और मेरी जाँघो पर गिरने लग गया. मैने मनीष के लिंग को जब तक आगे पीछे किया जब तक की उनके लिंग से पानी की एक-एक बूँद ना निकल गयी.
मनीष के लिंग से पानी निकलते ही मनीष ने कस कर मुझे अपने सीने से चिपका लिया और मेरे लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया. थोड़ी देर तक यूँ ही किस करने के बाद मनीष ने मुझे अपने आप से अलग किया और बेड पर पड़े हुए टवल से ही अपने लिंग और मेरी योनि को अच्छे से सॉफ कि
मुझे वो धोका याद आने लगा जो मैने मैने मनीष के पीठ पीछे उसे दिया था. वो प्यार देख कर आत्म-ग्लानि से मेरी आँखे नम हो गयी और मेरी आँखो मे आँसू आ गये. मेरी आँखो मे आँसू देख कर मनीष एक दम बेचैन हो गये. “क्या हुआ मेरी जान को उसकी आँखो मे ये आँसू” कह कर मनीष ने मेरी आँखो से आँसू को सॉफ किया. मैं कुछ नही बोल पाई और मनीष के सीने से चिपक गयी.
मनीष ने मेरी आँखो से बहते हुए आँसू को सॉफ किया और मेरी आँखो को किस करने लग गये. मैं भी अब शांत हो गयी थी. और मैं भी उनके चेहरे को चूमने लग गयी. धीरे धीरे हमारे एक दूसरे को किस करने का सिलसिला और भी तेज़ी के साथ चलने लग गया. मनीष ने अपने होंठो के मेरे होंठो पर रख कर उसे चूमने लग गये और उनका एक हाथ मेरे कमर से होता हुआ मेरे नितंब पर आ गया. मनीष मेरे नितंब को दबा-दबा कर उसके साथ खेलने लग गये. थोड़ी देर यूँ ही खेलने के बाद उन्होने अपना हाथ आगे की तरफ ला कर मेरी योनि पर लगा दिया और उस पर गोल-गोल फिराते हुए मेरी योनि की मालिश करना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर यूँ ही मालिश करने के बाद मनीष अपनी उंगली मेरी योनि के मुँह तक ले गये और मेरी योनि के दोनो फान्खो को अलग कर के उसके अंदर कर दिया. मनीष ने अपनी उंगली को जैसे ही मेरी योनि मे अंदर किया मैने अपने पैर थोड़े चौड़े कर लिए ताकि वो मेरी योनि मे अच्छे तरीके से उंगली कर सके. थोड़ी ही देर मे मेरे पैर चौड़े करते ही मनीष ने अपनी उंगली योनि के बीच मे उपर नीचे घुमानी शुरू कर दी. मनीष की उंगली जैसे ही मेरे भज्नासे से टकराती मेरे पूरे शरीर मे एक सनसनी सी फैल जाती. मैने भी अपना हाथ नीचे की तरफ ले जा कर मनीष के लिंग को अपने हाथ मे ले कर उसको सहलाना शुरू कर दिया. मेरे हाथ लगाने से मनीष का लिंग लोहे की रोड के जैसे एक दम गरम और सख़्त हो गया.
आआआअहह………………. आआआआआआआअहह….. माआनीइिशह तेजज़्ज़्ज्ज और तेज…. मेरे मुँह से आवाज़े निकालने लग गयी.
मनीष ने अपनी उंगली की रफ़्तार मेरी योनि मे और भी तेज कर दी. मनीष की उंगली जैसे जैसे मेरे योनि के भज्नासे से टकराती मैं उत्तेजना के मारे एक नयी दुनिया मे खोने लग गयी. मैने भी मज़े मे होने के कारण अपने नितंब को आगे पीछे करना शुरू कर दिया ताकि मनीष की उंगली आसानी से अंदर बाहर हो सके. मनीष ने तेज़ी से उंगली घुमानी शुरू कर दी जिस वजह से कुछ ही देर मे मेरा पूरा शरीर अकड़ने लग गया और मेरे घुटने कंप-कपाने लग गये मैने मनीष के लिंग को कस कर पकड़ कर उसकी खाल को पूरा का पूरा पीछे कर दिया. और दूसरे हाथ को मनीष के गले मे डाल कर अपना चेहरा उसके सीने मे च्छूपा लिया. मनीष का पूरा हाथ मेरी योनि से निकले रस के कारण पूरा का पूरा भीग गया.
अब मनीष बोहोत धीरे-धीरे अपनी उंगली को मेरी योनि मे घुमा रहे थे. मुझे बोहोत मज़ा आ रहा था. मैने भी अब मनीष के लिंग को ज़ोर ज़ोर से आगे-पीछे करना शुरू कर दिया. मैं भी मनीष के लिंग का पानी निकाल कर उनको भी मज़ा देना चाहती थी पर अब मैने महसूस किया किया की मनीष ने अपनी उंगली को मेरी योनि मे घुमाना बंद कर दिया. मनीष ने अपनी आँखे बंद कर ली और धीरे धीरे उनके भी मुँह से सिसकारिया निकलना शुरू हो गयी थी. मेरा हाथ अब मनीष के लिंग पर तेज़ी के साथ आगे-पीछे चल रहा था की अचानक मनीष का शरीर भी अकड़ने लग गया और उनके लिंग ने हलचल करते हुए झटके लेना शुरू कर दिया. मनीष के लिंग से निकला हुआ वीर्य मेरे पैर और मेरी जाँघो पर गिरने लग गया. मैने मनीष के लिंग को जब तक आगे पीछे किया जब तक की उनके लिंग से पानी की एक-एक बूँद ना निकल गयी.
मनीष के लिंग से पानी निकलते ही मनीष ने कस कर मुझे अपने सीने से चिपका लिया और मेरे लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया. थोड़ी देर तक यूँ ही किस करने के बाद मनीष ने मुझे अपने आप से अलग किया और बेड पर पड़े हुए टवल से ही अपने लिंग और मेरी योनि को अच्छे से सॉफ कि