10-01-2020, 08:43 PM
मनीष एक पल के रुके और फिर मेरे से कहा “खाना तो मैने बाहर ही खा लिया पर चलो आज साथ मिलकर ही नहाते है ? वैसे भी बोहोत दिन हो गये एक साथ नहाए हुए.” ये कहने के साथ ही मनीष मुस्कुरा दिए. और मुझे अपनी बाहो मे कस कर जाकड़ लिया और फिर एक लंबी किस मेरे होंठो की लेने के बाद उन्होने मुझे अपनी गोद मे उठा लिया पता नही चला वो मुझे अपनी गोद मे ही उठाए हुए बाथरूम तक ले आए.
बाथरूम मे आने के बाद उन्होने मुझे अपनी गोद से उतार दिया और मैं वहाँ खड़ी हो गयी. बाथरूम मे आने के बाद उन्होने मेरे शरीर के एक-एक हिस्से को किस करते हुए मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए. उनके इस तरह से किस करने से मैं भी मदहोश होती चली जा रही थी. मेरी साँसे इस तरह से किस करने से उखड़ती जा रही थी और मेरी योनि जोरो से रिसाव करे जा रही थी. मैने भी मनीष को किस करना शुरू कर दिया और उनके भी कपड़े उतारने शुरू कर दिए. अब हम दोनो बिल्कुल नंगे हो गये थे. मनीष ने अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर शवर ओपन कर दिया. और अब हम दोनो पानी के नीचे खड़े हुए थे. पानी की ठंडी ठंडी फुहारे जैसे जैसे मेरे शरीर पर पड़ रही थी मेरी मदहोशी हद से ज़्यादा बढ़ रही थी.
मनीष ने शवर के नीचे खड़े हुए ही अपना मुँह मेरे स्तन पर लगा दिया उत्तेजना के कारण मेरे हाथ मनीष के बालो को सहलाने लग गये. मनीष ने अब ज़ोर ज़ोर से मेरे उरोज को मुँह मे लेकर सक करना शुरू कर दिया. मेरे मुँह से सिसकारिया निकलने लग गयी. मैने उत्तेजना के कारण अपने मनीष का सर अपने सीने पर दबा लिया और मज़े से और भी तेज़ी के साथ आवाज़े निकालने लग गयी. पूरे बाथरूम मे पानी के गिरने की आवाज़ के साथ-साथ मेरी सिसकारियो की आवाज़े गूँज रही थी. उत्तेजना के कारण मेरे दिमाग़ मे अभी थोड़ी देर पहले जैसे वान्या ने अपना हाथ बढ़ा कर लिंग को सहलाना शुरू कर दिया था वैसे ही ना जाने मुझे क्या हुआ वो सब याद करते ही उस एहसास को महसूस करते ही मेरे खुद के हाथ कब मनीष के लिंग पर पहुँच गया और कब उसे पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया पता ही नही चला. मेरा हाथ अपने लिंग पर इस तरह सहलाने से मनीष के मुँह से भी सिसकारिया निकलने लग गयी.
थोड़ी देर यूँ ही मनीष का लिंग अपने हाथ से सहलाने के बाद मैने पास मे ही रखे साबुन को हाथ मे लेकर मनीष के पूरे सरीर पर लगाना शुरू कर दिया. सब से पहले मैने मनीष के सीने पर साबुन लगाया और फिर उनको घुमा कर उनकी पीठ पर ओर फिर उनके सर पर साबुन लगा कर उनके चेहरे पर भी साबुन लगा दिया. अब केवल मनीष के पैर बचे थे साबुन लगाने के लिए इसलिए मैने अपने घुटनो पर बैठ गयी और मनीष के पैरो पर साबुन लगाने के लिए जैसे ही उनके पैर को पकड़ा उनका तना हुआ लिंग मेरे मुँह के सामने आ गया.
तना हुआ लिंग अपने चेहरे के सामने देख कर एक पल के लिए मैने शर्म से अपनी निगाह नीचे कर ली और चुप-चाप साबुन लगाने लग गयी. लेकिन निगाह नीचे कर लेने के बाद भी मेरा ध्यान लिंग पर ही अटका हुआ था और शायद इसी लिए ना चाहते हुए भी मेरी निगाह बार-बार उस लिंग पर जा कर अटक जा रही थी. पैरो पर साबुन लगाने के बाद अब केवल मनीष का लिंग ही रह गया था जिस पर साबुन लगा कर सॉफ करना था. मैने साबुन लेकर मनीष के लिंग पर लगाया और साबुन लगाने से मनीष का लिंग एक दम चिकना हो गया था. जिस वजह से जैसे ही मैने मनीष के लिंग को साबुन लगा कर उसको ज़रा सा सहलाया मनीष की खाल एक दम पीछे हो गयी और उनके लिंग का सूपड़ा सामने की तरफ आ गया जो एक दम गुलाबी रखा हुआ था.
बाथरूम मे आने के बाद उन्होने मुझे अपनी गोद से उतार दिया और मैं वहाँ खड़ी हो गयी. बाथरूम मे आने के बाद उन्होने मेरे शरीर के एक-एक हिस्से को किस करते हुए मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए. उनके इस तरह से किस करने से मैं भी मदहोश होती चली जा रही थी. मेरी साँसे इस तरह से किस करने से उखड़ती जा रही थी और मेरी योनि जोरो से रिसाव करे जा रही थी. मैने भी मनीष को किस करना शुरू कर दिया और उनके भी कपड़े उतारने शुरू कर दिए. अब हम दोनो बिल्कुल नंगे हो गये थे. मनीष ने अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर शवर ओपन कर दिया. और अब हम दोनो पानी के नीचे खड़े हुए थे. पानी की ठंडी ठंडी फुहारे जैसे जैसे मेरे शरीर पर पड़ रही थी मेरी मदहोशी हद से ज़्यादा बढ़ रही थी.
मनीष ने शवर के नीचे खड़े हुए ही अपना मुँह मेरे स्तन पर लगा दिया उत्तेजना के कारण मेरे हाथ मनीष के बालो को सहलाने लग गये. मनीष ने अब ज़ोर ज़ोर से मेरे उरोज को मुँह मे लेकर सक करना शुरू कर दिया. मेरे मुँह से सिसकारिया निकलने लग गयी. मैने उत्तेजना के कारण अपने मनीष का सर अपने सीने पर दबा लिया और मज़े से और भी तेज़ी के साथ आवाज़े निकालने लग गयी. पूरे बाथरूम मे पानी के गिरने की आवाज़ के साथ-साथ मेरी सिसकारियो की आवाज़े गूँज रही थी. उत्तेजना के कारण मेरे दिमाग़ मे अभी थोड़ी देर पहले जैसे वान्या ने अपना हाथ बढ़ा कर लिंग को सहलाना शुरू कर दिया था वैसे ही ना जाने मुझे क्या हुआ वो सब याद करते ही उस एहसास को महसूस करते ही मेरे खुद के हाथ कब मनीष के लिंग पर पहुँच गया और कब उसे पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया पता ही नही चला. मेरा हाथ अपने लिंग पर इस तरह सहलाने से मनीष के मुँह से भी सिसकारिया निकलने लग गयी.
थोड़ी देर यूँ ही मनीष का लिंग अपने हाथ से सहलाने के बाद मैने पास मे ही रखे साबुन को हाथ मे लेकर मनीष के पूरे सरीर पर लगाना शुरू कर दिया. सब से पहले मैने मनीष के सीने पर साबुन लगाया और फिर उनको घुमा कर उनकी पीठ पर ओर फिर उनके सर पर साबुन लगा कर उनके चेहरे पर भी साबुन लगा दिया. अब केवल मनीष के पैर बचे थे साबुन लगाने के लिए इसलिए मैने अपने घुटनो पर बैठ गयी और मनीष के पैरो पर साबुन लगाने के लिए जैसे ही उनके पैर को पकड़ा उनका तना हुआ लिंग मेरे मुँह के सामने आ गया.
तना हुआ लिंग अपने चेहरे के सामने देख कर एक पल के लिए मैने शर्म से अपनी निगाह नीचे कर ली और चुप-चाप साबुन लगाने लग गयी. लेकिन निगाह नीचे कर लेने के बाद भी मेरा ध्यान लिंग पर ही अटका हुआ था और शायद इसी लिए ना चाहते हुए भी मेरी निगाह बार-बार उस लिंग पर जा कर अटक जा रही थी. पैरो पर साबुन लगाने के बाद अब केवल मनीष का लिंग ही रह गया था जिस पर साबुन लगा कर सॉफ करना था. मैने साबुन लेकर मनीष के लिंग पर लगाया और साबुन लगाने से मनीष का लिंग एक दम चिकना हो गया था. जिस वजह से जैसे ही मैने मनीष के लिंग को साबुन लगा कर उसको ज़रा सा सहलाया मनीष की खाल एक दम पीछे हो गयी और उनके लिंग का सूपड़ा सामने की तरफ आ गया जो एक दम गुलाबी रखा हुआ था.