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Adultery मेहमान बेईमान
#63
(09-01-2020, 09:55 AM)Deadman2 Wrote: मानव अब भी वान्या की योनि सक कर रहा था, उसने अपने दोनो हाथ नीचे वान्या के नितंबो पर लगा कर उन्हे उँचा कर दिया था जिस से वान्या की योनि पूरी तरह से खुल कर मानव के सामने आ गयी थी. योनि सक करते करते मानव ने अपनी एक उंगली वान्या के नितंब छेद मे डाल दी. जिस से वन्या की एक दर्द भरी सिसकारी निकल गयी.

थोड़ी देर यूँ ही चलता रहा फिर मानव ने वान्या को उसके घुटनो पर कर दिया और खुद उसके पीछे आ गया. मानव के पीछे आते ही वान्या अपना एक हाथ पीछे करके मानव के लिंग को पकड़ कर अपनी दोनो टाँगो के बीच अपनी योनि पर लगाने लगी.

मानव ने वान्या की कमर को पकड़ा और एक ज़ोर दार धक्के के साथ ही अपना पूरा लिंग एक ही बार मे वान्या की योनि मे घुसा दिया. वान्या के मुँह से अचानक निकली आह सुन कर मैं समझ गयी कि मानव ने अपना पूरा लिंग अंदर कर दिया है और वान्या को बोहोत मज़ा आ रहा है.

वान्या ने अपना हाथ लिंग से हटा कर सामने बेड पर टिका दिया. वान्या ने अपने नितंबो को थोड़ा और उपर की तरफ कर दिया ताकि मानव का लिंग आसानी से अंदर बाहर हो सके. मानव भी अब पीछे से अपनी स्पीड बढ़ा चुका था और तेज़ी के साथ अपने लिंग को योनि के अंदर बाहर कर रहा था. मानव की एक उंगली अब भी वान्या के नितंब छेद मे चल रही थी, जिसे देख कर मुझे ये ख़याल आया कि शायद अब ये वान्या के साथ अनल सेक्स भी करेगा.

अनल सेक्स का ख़याल आते ही मुझे अमित का वो एहसास याद आ गया जब उसने मेरे दोनो नितंबो को पकड़ कर बुरी तरह से मसल कर रख दिया था. अमित ने भी मुझे पीछे से पकड़ कर अपना लिंग मेरे नितंबो के बीच दबा दिया था, और मुझे पूरी तरह से झुका दिया था. जिस से उसके लिंग का एहसास मैं अपने नितंब छेद पर सॉफ महसूस कर पा रही थी. उसने काफ़ी देर तक मेरे नितंबो के बीच अपने लिंग को रगड़ा रहा. मेरे भरे हुए नितंब उसको बोहोत मज़ा दे रहे थे और मुझे भी धीरे धीरे उसके लिंग को अपने नितंबो के बीच रगड़ने से मज़ा आने लगा.

मैने अब अंदर की तरफ देखा तो मानव अब भी वान्या के पीछे से लगातार उसकी योनि पर धक्के लगाए जा रहा था. मानव के दोनो हाथ अब वान्या के पूरे जिस्म पर चल रहे थे और वान्या भी खूब मज़े से उसका भरपूर साथ दे रही थी. मानव जब भी उसको आगे की तरफ धक्का मारता वान्या अपने नितंब पीछे को कर लेती जिस वजह से पूरा लिंग आसानी से अंदर तक जा रहा था. ये सब देख कर मैं भी काफ़ी जोश मे आ गयी थी और कब मेरा हाथ मेरी साड़ी के अंदर घुस गया पता ही नही चला. मैने पॅंटी के अंदर से ही अपनी एक उंगली अपनी योनि मे डाल कर उसको अंदर बाहर करने लग गयी. मेरी खुद की साँसे बोहोत तेज़ी से चल रही थी और मुँह से हल्की हल्की सिसकारिया निकलने लग गयी. मेरा दूसरा हाथ मेरे उरोज पर आ गया और उसे हल्के हल्के दबाने लग गया.

मैं अभी अपने आप ही मज़े लेना शुरू किया था कि मुझे दरवाजे पर किसी के नॉक करने के आवाज़ सुनाई दी. आवाज़ को सुन कर मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी मैं वहाँ से जल्दी से निकल कर वापस उसी जगह आ गयी और चुप चाप बैठ गयी. मैं अपना मन मसोस कर रह गयी पता नही कहाँ से कॉन चला आया था. तभी अंदर की तरफ एक कॉमपाउंडर आया उसके हाथ मे तीन कप चाइ और नाश्ता था. उसने वो नाश्ता वहाँ रखा और वापस चला गया. मेरी अब हिम्मत ही नही हो रही थी कि मैं वापस जा कर वो सब देखु. वहाँ से हटते हुए जब मैने एक नज़र डाली थी तो मानव ने वान्या को बिस्तर पर सीधा लेटा दिया था और उसके दोनो पैर अपने कंधे पर रख लिए थे, और मानव वान्या को बराबर धक्के लगाए जा रहा था. वो सब सोच कर मैने एक लंबी आह भरी और चुप चाप वही बैठ गयी.

मेरा हाल इस समय बिन पानी मछली जैसा हो गया था एक तरफ तो मेरी खुद की हालत खराब होती जा रही थी जिसे मैं बड़ी मुश्किल से कंट्रोल कर पा रही थी. दूसरा मेरा मन अब भी अंदर उस कमरे की तरफ ही लगा हुआ था जहा इस समय मानव और वान्या थे… मेरा एक मन कह रहा था कि मैं वापस अंदर जा कर देखु पर डर लग रहा था कि कही फिर से कोई आ गया तो.. यही सोच कर मैं बैठी हुई थी कि तभी थोड़ी ही देर मे मानव और वान्या भी आ गये.

वान्या अपनी साड़ी सही करते हुए आ रही थी और मानव अपने हाथ मे से दस्ताने निकालते हुए. मानव आ कर सीधे अपनी कुर्सी पर बैठ गया. वान्या भी मेरे बगल मे ही आकर बैठ गयी. मानव ने जब टेबल पर चाइ देखी फिर एक बार मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा “ आप ने चाइ नही ली…. लीजिए चाइ लीजिए” और एक कप चाइ उठा कर मेरी तरफ बढ़ा दी. मैने उसके हाथ से चाइ ले कर अपने सामने रख ली. मानव ने एक कप चाइ वान्या की तरफ भी बढ़ा दी.
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RE: मेहमान बेईमान - by Kam1nam2 - 10-01-2020, 09:37 AM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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