09-01-2020, 08:38 PM
(This post was last modified: 19-03-2021, 08:55 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मेरी सास
जो बात कहने में वो हिचक रहे थे मैंने पूरी कर दी , आखिर पत्नी थी उनकी , माँ की छोटी बहू।
" तो तेरा मतलब ये है की तुम कितना भी मेरी सास को हचक हचक के चोदोगे ,मलाई उनकी बुर में डालोगे , सीधे बच्चेदानी में भी ,तब भी वो गाभिन नहीं होगीं। "
मैंने मुद्दा साफ़ किया।
जोर जोर से सर हिलाने के साथ उन्होंने खुल के हाँ बोला , और ये साफ़ साफ़ बोला की उनके पैदा होने के बाद से ही , ...
और एक बात मम्मी के मन में भी साफ़ हो गयी ,हंस के बोली ,
" अब समझी , तभी तेरे शादी में कितने जोश से अपनी बड़ी बड़ी चूंचियां झलकाते ,उठा उठा के कैसे सारे घरातियों को ललचा रही थीं ,चुनौती दे रही थी. कोई पकड़ चोद भी देता तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ,
तेरे ससुरालवाले तभी से मेरी समधन के दीवाने है , सब उनके साया के अंदर घुसना चाहते है ,
तेरे चचिया ससुर ,मौसेरे ससुर ,यहाँ तक की घर में,गाँव में काम करने वाले , ... कहांर ,नाऊ , ... "
और वो मुस्करा रहे थे।
डंडा वैसे ही खड़ा कडा था।
तब तक मंजू बाई की निगाह पलंग पर पड़े खेल खिलौने पर गयीं , और काक रिंग को उठा के उन्होंने पूछा ये क्या है ,
मम्मी ने मुझे इशारा किया की मैं समझा दूँ , और मैं मानती थी समझाने का बेस्ट तरीका है इस्तेमाल करने का , डिमांस्ट्रेशन और एक कॉक रिंग मैंने उन्हें पहना दी।
डंडे के बेस पर जाकर एकदम टाइट फिट , एकदम बेसिक वाली थी और
मंजू बाई को बोला चढ़ जाएँ वो मीठी शूली पर ,
" चल अगर तूने मुझे अबकी फिर झाड़ दिया न तो मैंने समझूँगी की तू एकदम पक्का मादरचोद बनेगा , फाइनल इम्तहान ,
जो बात कहने में वो हिचक रहे थे मैंने पूरी कर दी , आखिर पत्नी थी उनकी , माँ की छोटी बहू।
" तो तेरा मतलब ये है की तुम कितना भी मेरी सास को हचक हचक के चोदोगे ,मलाई उनकी बुर में डालोगे , सीधे बच्चेदानी में भी ,तब भी वो गाभिन नहीं होगीं। "
मैंने मुद्दा साफ़ किया।
जोर जोर से सर हिलाने के साथ उन्होंने खुल के हाँ बोला , और ये साफ़ साफ़ बोला की उनके पैदा होने के बाद से ही , ...
और एक बात मम्मी के मन में भी साफ़ हो गयी ,हंस के बोली ,
" अब समझी , तभी तेरे शादी में कितने जोश से अपनी बड़ी बड़ी चूंचियां झलकाते ,उठा उठा के कैसे सारे घरातियों को ललचा रही थीं ,चुनौती दे रही थी. कोई पकड़ चोद भी देता तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ,
तेरे ससुरालवाले तभी से मेरी समधन के दीवाने है , सब उनके साया के अंदर घुसना चाहते है ,
तेरे चचिया ससुर ,मौसेरे ससुर ,यहाँ तक की घर में,गाँव में काम करने वाले , ... कहांर ,नाऊ , ... "
और वो मुस्करा रहे थे।
डंडा वैसे ही खड़ा कडा था।
तब तक मंजू बाई की निगाह पलंग पर पड़े खेल खिलौने पर गयीं , और काक रिंग को उठा के उन्होंने पूछा ये क्या है ,
मम्मी ने मुझे इशारा किया की मैं समझा दूँ , और मैं मानती थी समझाने का बेस्ट तरीका है इस्तेमाल करने का , डिमांस्ट्रेशन और एक कॉक रिंग मैंने उन्हें पहना दी।
डंडे के बेस पर जाकर एकदम टाइट फिट , एकदम बेसिक वाली थी और
मंजू बाई को बोला चढ़ जाएँ वो मीठी शूली पर ,
" चल अगर तूने मुझे अबकी फिर झाड़ दिया न तो मैंने समझूँगी की तू एकदम पक्का मादरचोद बनेगा , फाइनल इम्तहान ,