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Adultery शादीशुदा मर्द की वासना
#24
(06-01-2020, 02:15 PM)neerathemall Wrote:
उन्होंने अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर के अपनी उत्तेजना और रोमांच पर काबू किया. फिर उन्होंने अपने हिप्स उसके मुह की तरफ उठा दिये जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लिंग उसके मुह मे जा सके और वो उसके पूरे मुह की गरमाहट अपने लिंग पर महसूस कर सके. लेकिन उनकी उत्तेजना इतनी बढ़ गई थी कि वे निराली का सर पकड़ कर उसे अपने लिंग पर ऊपर नीचे करने लगे. अब निराली का मुह पूरे लिंग को अपने अंदर समा चुका था.



निराली कुछ देर और उनके लिंग को अपने मुह में लिए चूसती रही पर पंकज का यौन-तनाव अब बर्दाश्त के बाहर हो गया था. उन्होंने माला को चित लिटा दिया. वो समझ गई कि अब वक्त आ चुका है. उसने अपनी टाँगे चौड़ी कर दी. पंकज उस की फैली हुई टाँगों के बीच आये और उसके ऊपर लेट गये. वे उसके गरम और मांसल शरीर का स्पर्श पा कर और भी कामातुर हो गए. उनका उत्तेजित लिंग निराली की योनि से टकरा रहा था. उनकी बाँहें निराली के गिर्द भिंच गयीं और उनके नितम्ब बरबस ऊपर-नीचे होने लगे. निराली ने अपनी टांगें ऊपर उठा दी. लिंग ने अनजाने में ही अपना लक्ष्य पा लिया और योनी के अन्दर घुस गया.



पंकज अपने लिंग पर योनि की गरमाहट को पूरी तरह से महसूस कर पा रहे थे. योनी की जकड़ उतनी मजबूत नहीं थी जितनी उनकी पत्नी की योनी की होती थी. लेकिन लिंग पर नई योनी कि गिरफ्त रोमांचकारी तो होती ही है और पंकज भी इसका अपवाद नहीं थे. लिंग पर नई योनी का स्पर्श, शरीर के नीचे नई स्त्री का शरीर और आँखों के सामने एक नई स्त्री का चेहरा – इन सब ने पंकज को उतेजना की पराकाष्ठ पर पंहुचा दिया.



उनका लिंग जल्दी वीर्यपात न कर दे इसलिये अपना ध्यान योनी से हटाने के लिए पंकज ने निराली के निचले होंठ को अपने होंठों में दबाया और उसे चूसने लगे. निराली ने भी उनका साथ दिया और वो उनका ऊपर वाला होंठ चूसने लगी. अब पंकज ने अपनी जीभ निराली के मुह में घुसा दी. निराली भी पीछे नहीं रही. दोनों की जीभ एक-दूसरी से लड़ने लगीं. इसका परिणाम यह हुआ कि पंकज अपनी उत्तेजना पर काबू खो बैठे. उनके नितम्ब उन के वश में नहीं रहे और बेसाख्ता फुदकने लगे. उनका लिंग सटासट योनि के अंदर-बाहर हो रहा था. उसमे निरंतर स्पंदन हो रहा था. उनकी साँसे तेज हो गई थी. उनके मचलने के कारण लिंग योनि के बाहर निकल सकता था.



निराली ने इस सम्भावना को ताड़ लिया. उसने अपने पैर उनके नितम्बों पर कस कर उनके धक्कों को नियंत्रित करने की कोशिश की. वह सफल भी हुई पर एक मिनट बाद पंकज का लिंग फिर से बेलगाम घोड़े की तरह सरपट दौड़ने लगा. उनका मुंह खुला हुआ था और उससे आहें निकल रही थी. लिंग तूफानी गति से अंदर बाहर हो रहा था. अचानक पंकज का शरीर अकड़ गया और उनके लिंग ने योनी में कामरस निकाल दिया. वे निराली के ऊपर एक कटी हुई पतंग की तरह गिर गए. … वे अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझ रहे थे कि एक लम्बे अर्से के बाद आज उन्हें एक पूर्ण तृप्ति देने वाले संभोग का अनुभव हुआ था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: शादीशुदा मर्द की वासना - by neerathemall - 09-01-2020, 11:01 AM
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 24-01-2020, 11:08 AM



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