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Misc. Erotica सेक्स, उत्तेजना और कामुकता -
जब हम सब लोगों की कामाग्नि कम से कम कुछ क्षणों के लिए शांत हो गयी तब नम्रता चाची ने खाने की घोषणा कर दी। 

"उब सारे पुरुषों के लंडों को थोडा भी है। आखिर इन विशाल हाथी जैसे लण्डों को मेरी बहिन के रन्डीपने की समस्या तो 
भी सुलझानी है। " नम्रता चाची ने बड़े मामा और सुरेश चाचा के लंडों को मेरी और मीनू की चोलियों से पोंछ कर हमें इनाम की तरह पेश किया, "देखो तुम दोनों के कौमार्यहरण की साक्षीण हैं खून से सनी तुम्हारी चोलिया। इन्हें सम्भाल कर रखना। "

मीनू और मैं दर्द के मारे टांगें चौड़ा कर चल रहे थे। 


भोजन वाकई स्वादिष्ट था। सब पुरुष बियर और वाइन पी रहे थे। स्त्रियों ने शैम्पेन का रसा स्वाद कर रहीं थीं। 

मीनू और मैंने भी उस क्षणों की मादकता में तीन गिलास पी लिए और थोड़ी मतवाली हो उठीं। 

नम्रता चाची अपनी अश्लील टिप्प्णियों से अविरत ऋतू मौसी को अविरत भोजन के बीच चिढ़ाती रही। 

" अरे,देखते रहो। आज इस रंडी की चूत और गांड फट कर ही रहेगी। मैंने सब महाकाय लंडों को सेहला कर फुसला दिया है। 

सारे लंडों ने मेरे कान में फुसफुसा कर घोषणा कर दी है कि आज शाम वो मेरी के भेष में चुद्दक्कड़ रंडी के हर चुदाई के छेदों को विदीर्ण कर भिन्न-भीं करने के लिए उत्सुक हैं। आज के बाद मेरी छोटी बहिन की चूत में रेल गाड़ी भी चली जाएंगीं और गांड में तो बस का गैराज बन जायेगा। " नम्रता चाची ने खिलखिला कर ऋतू को चिड़ाया। 

हम सब पहले तो खूब हंसें फिर ऋतू मौसी तो नम्रता चाची को उचित उतना ही श्लील सरोत्कर के लिए उत्साहित करने लगे। 

"थोड़ी देर में ऋतू मौसी ने मनमोहक मुस्कान के साथ जवाब दिया , "नम्मो दीदी, आप क्या बक-शक रहीं हैं। अरे जब क़ुतुब मीनार खो गयी थी तो दिल्ली की सिक्युरिटी ने उसे आपकी चूत से ही तो बरामद किया था। " मुश्किल से रुक पा रही थी। 

लेकिन अभी ऋतू मौसी का सरोत्कर समाप्त नहीं हुआ था , "और पिताजी के लंड से सालों से चुद कर आपकी गांड और चूत इतनी फ़ैल गयीं हैं कि जब बस-चालक रास्ता भूल कर इन गहरायों में खों जाते है तो उन्हें महीनों लगते हैं वापस बहार आने में। "

हम सब ने तालियां बजा कर ऋतू मौसी के लाजवाब टिप्पिणि की कर प्रंशसा की। 

नम्रता चाची भी अपने प्यारी बेटी जैसे छोटी बहिन के उत्तर से कुछ क्षणों के लिए लाजवाब हो गयीं पर फिर भी खूब ज़ोरों से हंसीं। 

दोनों का इसी तरह का अश्लील आदान प्रदान चलता रहा। सारे पुरुष भी इसका आनंद उठाने लगी.

जब सब लोगों केई उदर-संतुष्टी हो गयी तो सबकी उदर के नीचे की भूख फिर से जाग उठी। 

हम सब ऋतू मौसी को तैयार करने के लिए शयन-कक्ष में ले गए। जैसे जैसे उनके वस्त्र उतरे वैसे ही उनके दैव्य-सौंदर्य की 
उज्जवल धुप से हम सब चका-चौंध हो गए। ऋतू मौसी के बालकपन लिए चेहरे का अवर्णनीय सौंदर्य उनके देवी जैसे गदराये सुडौल घुमावों से भरे शरीर के स्त्री जनन मादकता से इंद्र भी उन्मुक्त नहीं रह पाते। 

ऋतू मौसी ने सिर्फ चोली और लहंगा पहनने का निश्चय किया। उन्होंने न तो कंचुकी पहनी और न कोई झाँगिया। 

उनका प्राकृतिक रूप से दमकता माखन जैसा कोमल शरीर और चेहरे को किसी भी श्रृंगार की आवश्यकता नहीं थी। 

हम सब कुछ क्षणों के लिए ऋतू मौसी के अकथ्य सौंदर्य से अभीभूत हो चुप हो गए। 

"अरे मैं इतनी बुरी लग रहीं तो बोल दो। चुप होने से तो काम नहीं चलेगा ना ," ऋतू मौसी लज्जा से लाल हो गयीं और उनके सौंदर्य में और भी निखार आ गया। 


नम्रता चाची ने जल्दी से अपनी छोटी बहिन को अपने आलिंगन में ले कर उनका माथा चूम लिया, "अरे मेरी बिटिया को किसी की नज़र न लग जाये।" नम्रता चाची के प्यार की कोई सीमा नहीं थी।
अगले घंटे में हम सब फिर 'रस-वभन' में एक बार फिर से इकट्ठे हो गए। इस बार सारे मर्द दूसरी तरफ थे। हमारा प्यारा 
संजू लम्बे भारी भरकम पुरुषों के बीच में उसके बालकों जैसे चहरे से वो और भी नन्हा लग रहा था। पर उसके लोहे के 
खम्बे जैसे खड़े लंड में कोई भी नन्हापन नहीं था। 

नम्रता चाची ने सब पुरुषों के लिए गिलासों ओ फिर से भर दिया। संजू उस दिन व्यक्त मर्दों में शामिल हो गया था। सही
मात्र में मदिरा पान कामुकता को बड़ा सकता है। उसके प्रभाव से पुरुष यदि कोई अवरोधन हों भी तो मुक्त हो चलेंगें। 

नम्रता चाची अपनी बहिन के लिए सारे पुरुषों की निर्दयी चुदाई के चाहत से विव्हल थीं। 

नम्रता चाची ने सारे पुरुषों के बचे-कूचे न्यूनतम वस्त्रों को उत्तर दिया। छः महाकार के लंडों को देख कर हम सब नारियों 
की योनियों में रति-रस का सैलाब आ गया। 

नम्रता चाची ने नाटकीय अंदाज़ में घोषणा की ,"अब आपके उपभोग के लिए आज रात की रंडी को अर्पण करने का समय 
आ गया है। आप सब मोटे, लम्बे, विकराल लंडों के स्वामियों से अनुरोध है कि इस रंडी की वासना की प्यास को पूरी 
तरह से भुझा दें। इस रंडी के हर चुदाई के छिद्र को अपने घोड़े जैसे लंडों से फाड़ दें। इसकी गांड की अपने हाथी जैसे 
वृहत्काय लंडों से धज्जियां उड़ा दें। उसकी गाड़ आज इतनी फट जानी चाहिये कि अगले तीन हफ़्तों तक इस रंडी को 
मलोत्सर्ग में होते दर्द से यह बिलबिला उठे।"

हम सब नम्रता चाची के अश्लील उद्घोषण से हसने की बजाय कामोन्माद से गरम हो गए। छह पुरुषों के पहले से ही 
थरकते लंडों में और भी उठान आ गया। मेरा तो छः महाकाय लंडों को इकठ्ठा देख कर हलक सूख गया। मुझे ऋतू मौसी 
के फ़िक्र होने लगी। 

हम सब नम्रता चाची के अश्लील उद्घोषण से हसने की बजाय कामोन्माद से गरम हो गए। छह पुरुषों के पहले से ही 
थरकते लंडों में और भी उठान आ गया। मेरा तो छः महाकाय लंडों को इकठ्ठा देख कर हलक सूख गया। मुझे ऋतू मौसी 
के फ़िक्र होने लगी। 

नम्रता चाची अभी पूर्ण रूप से संतुष नहीं थीं, "जो भी स्त्री इस सामूहिक सम्भोग के लिए रंडी बनने का सौभाग्य प्राप्त 
करती है वो इस लिए कि आप सब सब मर्यादा भूल कर अपने भीमकाय लंडों से उसकी हर वासनामयी क्षुदा की पूर्ण 
संतुष्टि करेंगें। और उसकी हार्दिक अपेक्षा कि आप सब उसे निम्न कोटि की सस्ती रंडी से भी निकृष्टतर मान कर उसे उसी 
तरह बर्ताव करें। "

नम्रता चाची ने अपने कोमल हाथों से बारी-बारी छः उन्नत विशाल लंडों को सहला कर अपनी छोटी सी घोषणा को 
समापन की और मोड़ा ," अंत में इस रंडी की हार्दिक चाहत है कि आज रात इसे आप निम्न कोटी की रंडी की तरह 
समझ कर इसे शौचालय की तरह इस्तेमाल करें। "

नम्रता चाची ने ऋतू मौसी का हाथ पकड़ कर एक बकरी की तरह खींच कर उन्हें छः निर्मम कठोर लंडों के हवाले कर 
दिया।


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RE: सेक्स, उत्तेजना और कामुकता - - by usaiha2 - 08-01-2020, 03:50 PM



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