08-01-2020, 03:14 PM
गंगा बाबा की पत्नी का देहांत १२ साल पहले हो गया. जानकी सिर्फ दस साल की थी. जानकी का शारीरिक विकास अत्यंत कालपूर्व हो रहा था.उस उम्र में भी उनका वक्षस्थल किसी पन्द्रह साल की लड़की के सामान गर्व से उनके ब्लाउज़ को भर देता था. गंगा बाबा और जानकी एक दुसरे के बहुत नज़दीक और संलग्न थे. बाप बेटी का रिश्ता इस दुःखद घटना के बाद, गंगा बाबा के शोक में डूब गया. जानकी अपने पिता को हर दिन ज्यादा शराब पीते देखती. तीन साल तक गंगा बाबा अपने विधुर्ता के दुःख में भूल गए कि उनकी बेटी का शोक अपनी माँ को खोने में उतना ही दुःख दाई था. जानकी के धैर्य ने अस्त्र फैंक दिये । अत्यंत में हार मान कर जानकी ने मेरे मम्मी से अपना दर्द बांटा. एक रात को जब गंगा बाबा ने काफी शराब पी रखी थी तब जानकी अपनी मम्मी की साड़ी में अपने पिता जी के कमरे गयीं. गंगा बाबा नशे में अपनी सुंदर अर्धांग्नी को देख कर पागल हो गए. गंगा बाबा ने जानकी के कपडे फाड़ कर उन्हें बिस्तर पर पटक दिया. गंगा बाबा ने अपने विशाल स्थूल लंड से जानकी की कुंवारी चूत की बेदर्दी से चुदाई की. गंगा बाबा ने जानकी को उस रात चार बार चोद कर बेहोश कर दिया. सुबह जब दोनों पिता-पुत्री जगे तो गंगा बाबा को समझने में कुछ देर नहीं लगी कि उनकी प्यारी इकलौती बेटी उन्हें कितना प्यार करती है. अपने पिता के महाकाय लंड से चुदवाने के बाद जानकी दीदी और उनका प्यार अपने पिता की तरफ और भी मज़बूत हो गया. तब से दोनों बाप-बेटी रोज़ अगम्यगामी रतिक्रिया के सुख में डूबे रहते थे. गंगा बाबा ने समाज की फ़िक्र से जानकी दीद का विवाह एक साल पहले एक अमीर घर में कर दिया. पर कुछ महीनों के बाद सब को साफ़ हो गया कि जानकी का पति आलसी और निकम्बा था. जानकी की तरफ उसका व्यवहार भी अस्वीकार्य था. तब से जानकी दीदी सिर्फ नाम के लिए विवाहित थीं. *************************** बड़े मामा ने समाप्ती में कहा, "मैंने दोनों को सलाह दी है कि इस विवाह के नाटक में छुप कर दोनों अपना परिवार शुरू कर सकते हैं. फिर जानकी अपने पति से कानूनी तौर से अलग हो सकती है. उनके लिए इस घर से जुड़ा ५ शयनकक्ष का घर बना तैयार है." मैंने बड़े मामा के लंड तो चूस कर साफ़ कर दिया. बड़े मामा ने मेरा मूत्र्पान किया. बड़े मामा ने मेरी स्नान के बीच एक बार फिर से मनमोहक पर भयंकर चुदाई की. नाश्ते के बाद बड़े मामा और मैं झील की तरफ घूमने चल दिए. मुझे सारी रात और सुबह चोद कर भी बे मामा का मन नहीं भरा था। उन्होंने झील के किनारे की सैर के बीच मुझे तीन बार और चोदा। ************************** गंगा बाबा ने सुरेश अंकल और नम्रता चाची के आगमन की इत्तिला दी. अंकल आंटी कमरे में अपने कपडे अलमारी में रख रहे थे. सुरेश शर्मा अंकल ६ फुट ऊंचे ४९ साल के बहुत मोटे मर्द थे. उनकी तोंद का मज़ाक हम सब लोग बनाते थे. नम्रता शर्मा आंटी भी , ५'५" के ४५ साल की उम्र की, थोड़ी मोटी स्त्री थीं.उनका गदराया हुए शरीर और अत्यंत सुंदर चेहेरा किसी भी मर्द को आकर्षित कर सकता था. मैं खुशी से चीख कर दौड़ कर सुरेश अंकल की खुली बाँहों में समा गयी. अंकल ने मुझे बाँहों में उठा कर मेरा मूंह चुम्बनों से भर दिया. बड़े मामा ने आंटी को गले लगाया,"नम्रता भाभी आप हमेशा की तरह किसी अप्सरा जैसी सुंदर लग रहीं है." आंटी शर्म से लाल हो गयीं, " रवि भैया आप तो मेरी प्रशंसा बस अपने प्यार के वजह से करते हैं." मैंने खुशी से किलकारी मारते हुए आंटी के आलिंगन में समा गयी. आंटी ने मेरे चेहरे को चूम चूम कर गीला कर दिया, फिर मेरे कान में फुसफुसा कर पूछा, "नेहा बेटी, रवि भैया ने तुम्हारी चूत की पूरी देखबाल की ना? मैं तो तुम्हे बिस्तर में कराहते हुए देखने की अपेक्षा कर रही थी." मैं शर्म से लाल हो गयी. अंकल आंटी दोनों को बड़े मामा और मेरे कौटुम्बिक व्यभिचार के बारे में पता था. मैंने शरमाते हुए पर इठला कर कहा कहा,"आंटी बड़े मामा ने हमें बहुत बेदर्दी से चोदा है." "रवि भैया, नेहा बेटी पर थोड़ा तो रहम करना था ना. अभी बेचारी कमसिन है और आपका लंड घोड़े से भी बड़ा है," नम्रता आंटी ने बड़े मामा को प्यार से धक्का दिया, "पर नेहा बेटी अब आप किसी भी लंड से चुदवाने के लिए तैयार हो." मैं शर्मा गयी. "नम्रता भाभी, नेहा बेटी ने हमसे कोई शिकायत नहीं की." बड़े मामा ने मुझे अपनी बाँहों में भर कर प्यार से चूमा. सुरेश अंकल ने बड़े मामा की तरफदारी की, "नेहा बेटी आप जैसी अप्सरा सुन्दरी का कौमार्य-भंग कर स्त्री बनाना कोई आसान काम नहीं है. मुझे विश्वास है कि रवि ने ज़रुरत से ज्यादा दर्द नहीं किया होगा."