08-01-2020, 03:10 PM
बड़े मामा ने मौका देख कर अपने लोहे जैसे सख्त मोटे लंड की तीन इंच मेरी गांड में बलपूर्वक ठूंस दीं. मैं दर्द से बिलबिला कर चीख पड़ी. मेरे नाखून बड़े मामा की बाँहों में गड़ गए. मैंने बड़े मामा की बाँहों की खाल से अपने नाखूनों से खरोंच कर खून निकाल दिया. बड़े मामा ने एक बार भी उफ तक नहीं की. मेरी चीख रोने में बदल गयी.मेरी आँखों से आंसूं बहने लगे. मुझे ऐसा लगा जैसे किसीने मेरी गांड के ऊपर चाक़ू चला दिया हो. मैं सुबक-सुबक कर रो रही थी. बड़े मामा बेदर्दी से मेरी गांड में अपने अमानवीय विशाल लंड की एक इंच के बाद दूसरी इंच मेरी दर्द से बिलखती गांड की गहराइयों में डालते रहे जब तक उनके पेड़ के तने जितना मोटा लंड जड़ तक मेरी गांड में नहीं समा गया. मेरी गांड में उठे भयंकर दर्द से से बिलबिला उठी. मेरा शरीर पानी से बाहर फिकी मछली के समान तड़प रहा था. बड़े मामा के विशाल भारी शरीर ने मेरे थरथराते हुए नाबालिग शरीर को अपने नीचे कस दबा लिया. मैं सुबकियां और हिचकी मार मार कर रो रही थी. "नहीं...नहीं...बड़े..मा..आ..मा..मेरी गांड फट गयी..ई...अपना लंड बाहर निका..आ..ल..लिजी ..आ..आ..ये. मैं मर जाऊंगी , मामाजी,” मैं सुबक सुबक कर हिचकियों के बीच में से बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थी, “मुझे हुंह ....नहीं आन्नंह ....मरवानी ....अपनी गांड।” बड़े मामा ने अपने मुंह से मेरा मुंह दबोच लिया. मामाजी ने बेदर्दी से मेरे रोने की उपेक्षा कर मेरी गांड अपने लंड से मारने लगे. मेरी घुटी-घुटी चीखों और सिस्कारियों कमरे की दीवारों से टकरा कर मेरे कानों में गूँज रहीं थी. बड़े मामा ने अपने विशाल लंड की आधी लम्बाई अंदर बाहर कर मेरी गांड की चुदाई शुरू कर दी. बड़े मामा की बेरहमी ने मुझे दर्द से व्याकुल कर दिया। मेरे आंसूओं ने मेरे चेहरे को बिलकुल भिगो दिया। मुझे पता नहीं की कितनी देर तक मैं रो रो कर अपनी गांड फटने की दुहाई देती रही पर बड़े मामा का विशाल लंड मेरी मेरी गांड को निरंतर चोदता रहा. मेरे आंसूओं ने मेरा चेहरा गीला कर दिया. थोड़ी देर में मेरी नाक बहने लगी. मेरी सुबकिया मेरे दर्द की कहानी सुना रहीं थीं। बड़े मामा ने मेरा मुंह अभी भी अपने मुंह से दबा रखा था. बड़े मामा ने मेरी गांड मारना एक क्षण के लिए भी बंद नहीं किया. मैं न जाने कितनी देर तक दर्द से बिलबिलाती हुई बड़े मामा के विशाल शरीर के नीचे दबी सुबकती रही। मुझे लगा कि एक जनम जितने समय के बाद मेरी सुबकियां थोड़ी हल्की होने लगीं। मुझे बड़ी देर लगी समझने में कि मैंने रोना बंद कर दिया था। मेरा हिचकियाँ ले कर सुबकना भी बंद हो गया था। जब बड़े मामा को लगा िक मैंने रोना बंद कर दिया था तो उन्होंने मेरा मुंह मुक्त कर मेरे आंसू और नाक से गंदे चेहरे को चाट कर साफ़ करने लगे. बड़े मामा की जीभ मेरी नाक के अंदर समा गयी. बड़े मामा का लंड अभी भी मेरी गांड के अंदर-बाहर जा रहा था. मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मेरी गांड अब बड़े मामा के लंड को बिना तीव्र पीढ़ा के संभाल रही थी. बड़े मामा ने मेरी नाक को अपने मूंह में भर कर ज़ोर से चूसा. मामाजी ने मेरे दोनों नथुनों में अपने जीभ अंदर डाल कर मुझे हंसा दिया. "नेहा बेटा, अब कितना दर्द हो रहा है?" बड़े मामा ने चेहरे पर शैतानी भरी मुस्कान थी. मैं शर्मा गयी, "बड़े मामा मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था. आप कितने बेदर्द हैं. एक क्षण भी आप ने अपना लंड को मेरी गांड मारने से नहीं रोका." "नेहा बेटा, ऐसा दर्द तो सिर्फ पहली बार ही होता है. मुझे लगा कि जितनी जल्दी आपकी गांड मेरे लंड की आदी हो जाये आपका दर्द उतनी ही जल्दी कम हो जाएगा." बड़े मामा ने प्यार से मेरी नाक की नोक को अपने दाँतों से काटा. मैंने बड़े मामा की बाँहों पर गहरे खरोंचो को प्यार से चूम कर खून चाट लिया, "सॉरी मामाजी, मैंने आपके बाहें खरोंच डाली." बड़े मामा ने मुस्कुरा कर मुझे प्यार से चूम लिया। बड़े मामा ने मुझे चूम कर मेरी गांड मारनी शुरू कर दी. मेरी गांड अब बड़े मामा के विशाल लंड के अनुकूल रूप से चौड़ गयी थी. उनका अमानवीय लंड मेरी गांड के छेड़ को रगड़ कर अंडर बाहर जा रहा था। मेरे गांड मानों सुन्न हो चुकी थी। मेरी गांड का दर्द पूरा तो ठीक नहीं हुआ पर मुझे अब उस दर्द से कोई बहुत परेशानी नहीं हो रही थी। बड़े मामा ने अपने भीमाकार लंड को अविरत मेरी गांड के भीतर-बाहर करते रहे। मामू मेरी गांड को अपने लंड से बहुत जल्दी परिचित कराने के लिये उत्सुक थे। बड़े मामा ने अपने भारीभरकम कूल्हों का इस्तमाल कर अपनी कच्ची भांजी की गांड का मरदन निर्ममता से करना शुरू कर दिया। बड़े मामा अपने वृहत्काय लंड के सुपाड़े को छोड़ कर पूरा बाहर निकालने के बाद एक भीषण धक्के से उसे वापस मेरी गांड में ठूंस रहे थे। उनके जोरदार धक्कों से मेरी पूरा शरीर हिल रहा था। मेरी सिसकियाँ उनके मुंह में संगीत सा बजा रहीं थी। मैं अपनी गांड में बड़े मामा के लंड के हर धक्के को अपनी सिसकारी से स्वागत कर रही थी. बड़े मामा ने मेरी गांड की चुदाई के गति बड़ा दी. बड़े मामा अपना लंड सिवाय मोटे सुपाड़े को छोड़ कर पूरा बाहर निकाल कर एक भयंकर ठोकर से मेरी गांड की भीतरी गहराइयों में ठूंस रहे थे. कमरे की हवा मेरी गांड की मधहोश सुगंध से भर गयी. बड़े मामा का लंड मेरी गांड को चौड़ा कर आराम से अंदर बाहर जा रहा था. बड़े मामा ने मेरे दोनों चूचियों को मसलना शुरू कर दिया. मेरी सिस्कारियां अब अविरत मेरे मूंह से उबल रहीं थीं.बड़े मामा का लंड डेढ़ घंटे से मेरी गांड मार रहा था. अचानक मेरी सिसकारी मेरे दर्द भरे यौन चरमोत्कर्ष के तूफ़ान से और भी ऊंची हो गयी. बड़े मामा का वृहत्काय लंड अब मेरी गांड में रेल के इंजन की गति से अंदर बाहर हो रहा था. बड़े मामा ने मेरे दोनों उरोज़ों को बेदर्दी से मसल कर अपना लंड मेरी गांड में जड़ तक अंदर दबा कर मेरे ऊपर लेट गए. मैंने अपनी गुदाज़ गोल जांघें बड़े मामा की कमर इर्दगिर्द डाल कर अपनी एड़ियां मामाजी के विशाल कूल्हों पर कस कर दबा दीं.
बड़े मामा ने मेरे मुंह को चूमते हुए मेरी गांड मारना फिर से शुरू कर दिया. बड़े मामा का लंड ने मेरी गांड को फिर से मथ कर मेरे दुसरे कामोन्माद को परवान चड़ा दिया. बड़े मामा और मैं एक साथ अपने आनंद की पराकाष्ठा पर पहुँच गए. मेरा सारा शरीर कामुकता की मदहोशी में अकड़ गया. बड़े मामा का लंड मेरी गांड में झटके मार-मार कर स्खलित होने लगा. मेरी आँखे मादक चरम-आनंद की उन्मत्तता से बंद हो गयीं. बड़े मामा और मैं बड़ी देर तक अपने यौन स्खलन के आनंद से एक दुसरे की बाँहों में लेते रहे.
बड़े मामा ने मेरे मुंह को चूमते हुए मेरी गांड मारना फिर से शुरू कर दिया. बड़े मामा का लंड ने मेरी गांड को फिर से मथ कर मेरे दुसरे कामोन्माद को परवान चड़ा दिया. बड़े मामा और मैं एक साथ अपने आनंद की पराकाष्ठा पर पहुँच गए. मेरा सारा शरीर कामुकता की मदहोशी में अकड़ गया. बड़े मामा का लंड मेरी गांड में झटके मार-मार कर स्खलित होने लगा. मेरी आँखे मादक चरम-आनंद की उन्मत्तता से बंद हो गयीं. बड़े मामा और मैं बड़ी देर तक अपने यौन स्खलन के आनंद से एक दुसरे की बाँहों में लेते रहे.