Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 1 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica सेक्स, उत्तेजना और कामुकता -
"बड़े मामा, मैं अब आने वाली हूँ. मेरी चूत झड़ने वाले है. मेरी चूत को झाड़िए, मामाजी..ई..ई..अँ अँ..अँ..आह्ह."


मैं जैसे ही मेरा यौन-स्खलन हुआ मैं बड़े मामा के विशाल शरीर से चुपक गयी. मारी सांस रुज-रुक गर मेरी वासना की तड़प को और


भी उन्नत कर रही थी. मेरी चूत मानो आग से जल उठी. अब मेरे चूत की तड़पन मेरी बड़े मामा के महाविशाल लंड की चुदाई के लिए आभारी थी.



मेरे रति-निष्पत्ति से मेरा सारा शरीर थरथरा उठा. मुझे कुछ क्षण संसार की किसी भी वस्तु का आभास नहीं था. मैं कामंगना की देवी


की गोद में कुछ क्षणों के लिए निश्चेत हो गयी.


बड़े मामा ने मेरे मुंह को चुम्बनों से भर दिया. बड़े मामा ने अब अपना लंड सुपाड़े को छोड़ कर पूरा बाहर निकाला और दृढ़ता से एक


लम्बी शक्तिशाली धक्के से पूरा मेरी चूत में जड़ तक पेल दिया. मेरे मुंह से ज़ोर की सित्कारी निकल पड़ी. पर इस बार मेरी चूत में दर्द की कराह के


अलावा उस दर्द से उपजे आनंद की सिसकारी भी मिली हुई थी.


बड़े मामा अपने वृहत्काय लंड की पूरी लम्बाई से मेरी कुंवारी चूत को चोदने लगे. मैं अगले दस मिनटों में फिर से झड़ गयी.


बड़े मामा ने मेरी चूत का मंथन संतुलित पर दृढ़तापूर्वक धक्के लगा कर निरंत्रण करते रहे. बड़े मामा ने मेरी चूत को अगले एक घंटे तक


चोदा. मैं वासना की उत्तेजना में अंट-शंट बक रही थी. मेरी चूत बार-बार मामाजी के लंड के प्रहार के सामने आत्मसमर्पण कर के झड़ रही थी. मेरे


बड़े मामा ने अपने विशाल लंड से मेरी चूत का मंथन कर मेरी नाबालिग, किशोर शरीर के भीतर की स्त्री को जागृत कर दिया.



"बड़े मामा, मेरी चूत को फाड़ दीजिये. मुझे और चोदिये.मुझे आपका लंड कितना दर्द करता है पर और दर्द कीजिये." मेरी बकवास मेरे बड़े


मामा के एक कान में घुस कर दूसरे कान से निकल गयी. बड़े मामा ने हचक-हचक अपने अत्यंत मोटे-लम्बे लौहे की तरह सख्त लंड से मेरी चूत का


लतमर्दन कर के मुझे लगातार आनंद की पराकाष्ठा के द्वार पर ला के पटकते रहे. मैं भूल गयी कि उस दिन मेरी पहली चुदाई के दौरान, मेरी चूत, बड़े


मामा के लंड की चुदाई से कितनी बार झड़ी थी.



बड़े मामा ने ने मेरे ऊपर लेट कर मेरे होंठों पर अपने होंठ जमा लिए और उपने मज़बूत चूतड़ों से मेरी चूत को और भी तेज़ी से छोड़ने


लगे, "नेहा बेटी, मुझे अब तुम्हारी चूत में आना है. मेरा लंड तुम्हारी चूत में झड़ने वाला है," बड़े मामा कामोन्माद के प्रभाव में फुसफुसाये.


मैंने अपनी बाँहों से इनकी पीठ सहलायी, "बड़े मामा आप अपना लंड मेरी चूत में खोल दीजिये. मेरी चूत को अपने मोटे लंड के वीर्य से


भर दीजिये."


बड़े मामा ने अपना पूरा लंड बाहर निकल कर पूरे शक्ति से मेरी चूत में जड़ तक घुसेड़ कर मेरे मुंह के अंदर ज़ोर से गुर्राए. उनके लंड ने मेरी


चूत के अंदर थरथरा कर बहुत दबाव के साथ गरम, लसलसे वीर्य की पिचकारी खोल दी. मेरी चूत इतनी उत्तेजना के प्रभाव से फिर झड़ गयी. बड़े


मामा का लंड बार बार मेरी चूत के भीतर बार बार विपुल मात्रा में वीर्य स्खलन कर रहा था. मुझे लगा कि बड़े मामा के लंड का वीर्य स्खलन कभी रुकेगा ही नहीं.


Like Reply


Messages In This Thread
RE: सेक्स, उत्तेजना और कामुकता - - by usaiha2 - 08-01-2020, 02:57 PM



Users browsing this thread: 9 Guest(s)