08-01-2020, 01:35 PM
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निराली ने उनके लिंगमुंड को चूमा. उसके होंठ लिंग के ऊपरी हिस्से को छू रहे थे और तीन-चार बार चूमने के बाद निराली ने अपनी जीभ लिंग पर फिरानी शुरू कर दी …. पंकज आँखें बंद कर के इस एहसास का आनंद ले रहे थे. निराली ने अपना मुंह खोला और लिंग को थोड़ा अंदर लेते हुए अपने होंठों से कस लिया. उसके ऐसा करते ही पंकज को अपने लिंग पर उसके मुह की आंतरिक गरमाहट महसूस हुई. उन्हें लगा कि उनका वीर्य उसी समय निकल जाएगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
