08-01-2020, 11:24 AM
(06-01-2020, 02:15 PM)neerathemall Wrote:
(06-01-2020, 02:59 PM)marathi.hubby Wrote: nice start
keep writting
(07-01-2020, 05:02 PM)neerathemall Wrote:![]()
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यह सुनते ही पंकज खुश हो गए. उन्होंने निराली को टोकते हुए कहा, ‘‘मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर है. तुम बस हां कह दो.’’
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
