07-01-2020, 09:15 AM
(This post was last modified: 19-03-2021, 08:30 AM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
डबल धमाका
और सच में जोरदार धक्कों के साथ मंजू बाई को चोदने के साथ जिस मस्त ढंग से वो अपनी सास की रसभरी बुर चूस रहे थे ,
दस पंद्रह मिनट तक लगातार ,
और साथ में गालियों की बारिश के साथ मंजू बाई कभी अपनी बड़ी बड़ी कड़ी चूँचियों से उनके सीने को रगड़ देती तो
कभी अपनी ऊँगली झुक के उनकी गांड के छेद पे कस के रगड़ देती , तो कभी कचकचा के उनके निप्स काट लेतीं ,
लेकिन मंजू बाई सिर्फ उन्हें तंग नहीं कर रही थीं ,उनकी पूरी कोशिश थी की किसी तरह वो उससे पहले झड़ जाएँ।
लेकिन वही हुआ ,
पहले मंजू बाई
फिर उनकी सास ,
और जब वो दोनों हटी तो मंजू बाई ने तारीफ़ की नजर से मुझे देखा ,
वो नहीं झड़े , उनका झंडा वैसे ही ऊँचा का ऊंचा
और उनकी सास और मंजू बाई दो दो बार झड़ गयीं .
एक को चोद कर झाड़ा उन्होंने एक को चूस चूस कर के ,
अरे आखिर वो किसी को चोदें ,
किसी से भी चुदे ,
माल तो मेरे ही थे।
और मैंने ओनरशिप और तारीफ़ की निगाह से उनकी ओर देखा।
झंडा अभी भी लहरा रहा था ,
लेकिन वो भी बस अब झड़ने के कगार पर ही थे ,
अब गए तब गए।
बस मंजू बाई ने उनके लन्ड के बेस पर खूब जोर से , पूरी ताकत से चुटकी काट ली।
और उनका जोश एकदम से ,
'वो ' अभी भी खड़ा ,तना था लेकिन झड़ने का ख़तरा नहीं था।
उनकी सास और मंजू बाई दोनों ही लस्तपस्त थकी पड़ी थीं ,
कभी एक दूसरे को देख के मुस्कराती तो कभी उनको देख के।
मस्त झड़ी थीं दोनों , उनकी सास और मंजूबाई। हिलने की हालत भी नहीं थी।
मैं ख़ुशी से तारीफ़ से उन्हें देख रही थी और वो मुझे , टू मिनट वंडर तो वो कभी भी नहीं थे।
पहली रात ही उन्होंने मुझे तोड़कर रख दिया था। ८-१० मिनट से ज्यादा ही
जो मेरी भाभियों ने सहेलियों ने सीखा पढ़ा के भेजा था ,
कम से कम कम १५ -२० मिनट ,
लेकिन आज तो एक साथ दोनों प्रौढ़ाओं ,
इस खेल में एक्सपर्ट ,
और वो भी नीचे लेटे लेटे ,
आधे घंटे तो कम से कम , ...
और सबसे पहले मंजू बाई एक्टिव हुयी , उनकी माँ , मेरी सास का नाम लेकर उन्हें चढाने ,चिढ़ाने लगी।
" ठीक है ,ठीक है , लेकिन कम से कम दो बार झाड़ के लस्त पस्त करोगे न अपनी माँ को और बिना रुके तीसरी बार चोदोगे ,
मेरी गारंटी है एकदम तेरे लौंड़े की छिनार दीवानी हो जायेगी।
सब सरम लिहाज भूल के ,खुद ही तेरे पीछे पड़ेगी , सबके सामने चुदने को तैयार हो जायेगी , ... "
और मैंने भी मजा लेते हुए टुकड़ा लगाया ,
" मंजू बाई एकदम सही कह रही है , अरे जंगल में मोर नाचा किसने देखा ,
जब तक हमारे सामने मेरी सास पे चढ़ाई न हुयी तो कैसे हम माने की तुम असली मादरचोद हो की नहीं। "
मॉम भी ना , कुछ भी हो जाए वो हरदम अपने दामाद की तरफदारी ही करती थीं , बोलीं ,
" अरे तू समझती क्या है मेरे दामाद को ,आने दो तेरी सास को , अब १५-१६ दिन तो ही बचे हैं न।
हाथ कंगन को आरसी क्या , अरे इसी कमरे में ,बरामदे में सारे घर में , जैसे कातिक में कुतिया चुदती है न ,
वैसे घिर्रा घिर्रा के , रगड़ रगड़ के ,तेरे सामने ,मेरे सामने ,मंजू बाई के सामने चोदेगा।
अरे इसमें कौन सरम ,बोल मुन्ना चोदेगा न हम सबके सामने , ... "
और वो तो मुझसे ज्यादा उनके गुलाम , जोर जोर से उन्होंने सर हिलाया।
मैंने मुश्किल से मुस्कराहट रोकी।
शादी के बाद कभी मजाक में ही सही ,चिढाने के लिए ,गारी वारी गाने में मैं उनके किसी मायके वाली का नाम ले के ,
कुछ बोल देती तो वो एकदम अलफ ,
लेकिन अब खुल के उनकी माँ के बारे में , और वो ,... मुस्करा के हामी में सर हिला रहे हैं।
लेकिन मम्मी ने मंजू बाई की बात की ताईद की।
" बात वो सही कह रही है , पहली बार हचक के चोद चोद के अपनी माँ के भोसड़े की ऐसी तैसी कर देना , कम से कम दो बार झाड़ना ,ठीक है न मुन्ना ,उसके बाद अपनी मलायी जब वो तीसरी बार झड़ें न तो बस सीधे बच्चेदानी में उड़ेल देना , "
मम्मी की बात अबकी मैंने काटी ,
" अरे मम्मी आप क्या कह रही है , अरे अगर ये अपनी गाढ़ी मलाई मेरी सास की सीधे बच्चेदानी में ,... कहीं गाभिन हो गयीं तो। "
मैंने बनावटी घबराहट से कहा।
" अरे गाभिन हो गयी तो क्या हुआ , पेट फुलाये घूमेंगी , नौ महीने बाद सोहर होगा।
तुझे एक मस्त ननद मिलेगी और इन्हें एक बहन ,बस उसकी झांटे निकलने का इन्तजार करना, ... "
मंजू बाई बोल रही थी लेकिन अबकी मैंने फिर बात काटी ,
" अरे मंजू बाई इनकी वो बहन लगेगी की बेटी , भले भोसड़ा इनकी माँ का होगा लेकिन लन्ड तो इनका , ... "
मैंने फिर अपना शक जाहिर किया।
अबकी मुझे डांट पड़ गयी , और कौन डाँटता। मम्मी। झुंझला के बोलीं ,
" तू भी न , तुझसे मेरे मुन्ना का कोई फायदा देखा नहीं जाता , अरे बहन या बेटी , बिना चोदे उसे मेरा मुन्ना छोड़ेगा नहीं , अरे मादरचोद ,बहनचोद तू उसे बना सकती है तो बेटीचोद , .... "
और अबकी बात उन्होंने काटी।
बिचारे बड़ी देर से बोलने की कोशिश कर रहे थे लेकिन हम तीनों के बीच में उनकी कौन सुनता ,लेकिन अबकी जोर से वो बोले ,
" ऐसा कुछ नहीं होने वाला। "
मतलब , .... हम तीनों एकसाथ चीखे।
कुछ देर बिचारे रुके फिर उन्होंने राज खोला ,
" आप लोग भी न " ,...
फिर उन्होंने थूक घोंटा , गहरी सांस ली और बोले ,
" बात ये है की जब मैं पैदा हुआ था , तभी , उसके तुरंत बाद , माँ ने ऑपरेशन करवा लिया था की अब दो बच्चे हो गए तो , इसके बाद नहीं , बस ,... तब से , तब इसलिए उनके , ... "
जो बात कहने में वो हिचक रहे थे मैंने पूरी कर दी , आखिर पत्नी थी उनकी , उनकी माँ की छोटी बहू।
" तो तेरा मतलब ये है की तुम कितना भी मेरी सास को हचक हचक के चोदोगे ,मलाई उनकी बुर में डालोगे , सीधे बच्चेदानी में भी ,तब भी वो गाभिन नहीं होगीं। "
मैंने मुद्दा साफ़ किया।
जोर जोर से सर हिलाने के साथ उन्होंने खुल के हाँ बोला .
और सच में जोरदार धक्कों के साथ मंजू बाई को चोदने के साथ जिस मस्त ढंग से वो अपनी सास की रसभरी बुर चूस रहे थे ,
दस पंद्रह मिनट तक लगातार ,
और साथ में गालियों की बारिश के साथ मंजू बाई कभी अपनी बड़ी बड़ी कड़ी चूँचियों से उनके सीने को रगड़ देती तो
कभी अपनी ऊँगली झुक के उनकी गांड के छेद पे कस के रगड़ देती , तो कभी कचकचा के उनके निप्स काट लेतीं ,
लेकिन मंजू बाई सिर्फ उन्हें तंग नहीं कर रही थीं ,उनकी पूरी कोशिश थी की किसी तरह वो उससे पहले झड़ जाएँ।
लेकिन वही हुआ ,
पहले मंजू बाई
फिर उनकी सास ,
और जब वो दोनों हटी तो मंजू बाई ने तारीफ़ की नजर से मुझे देखा ,
वो नहीं झड़े , उनका झंडा वैसे ही ऊँचा का ऊंचा
और उनकी सास और मंजू बाई दो दो बार झड़ गयीं .
एक को चोद कर झाड़ा उन्होंने एक को चूस चूस कर के ,
अरे आखिर वो किसी को चोदें ,
किसी से भी चुदे ,
माल तो मेरे ही थे।
और मैंने ओनरशिप और तारीफ़ की निगाह से उनकी ओर देखा।
झंडा अभी भी लहरा रहा था ,
लेकिन वो भी बस अब झड़ने के कगार पर ही थे ,
अब गए तब गए।
बस मंजू बाई ने उनके लन्ड के बेस पर खूब जोर से , पूरी ताकत से चुटकी काट ली।
और उनका जोश एकदम से ,
'वो ' अभी भी खड़ा ,तना था लेकिन झड़ने का ख़तरा नहीं था।
उनकी सास और मंजू बाई दोनों ही लस्तपस्त थकी पड़ी थीं ,
कभी एक दूसरे को देख के मुस्कराती तो कभी उनको देख के।
मस्त झड़ी थीं दोनों , उनकी सास और मंजूबाई। हिलने की हालत भी नहीं थी।
मैं ख़ुशी से तारीफ़ से उन्हें देख रही थी और वो मुझे , टू मिनट वंडर तो वो कभी भी नहीं थे।
पहली रात ही उन्होंने मुझे तोड़कर रख दिया था। ८-१० मिनट से ज्यादा ही
जो मेरी भाभियों ने सहेलियों ने सीखा पढ़ा के भेजा था ,
कम से कम कम १५ -२० मिनट ,
लेकिन आज तो एक साथ दोनों प्रौढ़ाओं ,
इस खेल में एक्सपर्ट ,
और वो भी नीचे लेटे लेटे ,
आधे घंटे तो कम से कम , ...
और सबसे पहले मंजू बाई एक्टिव हुयी , उनकी माँ , मेरी सास का नाम लेकर उन्हें चढाने ,चिढ़ाने लगी।
" ठीक है ,ठीक है , लेकिन कम से कम दो बार झाड़ के लस्त पस्त करोगे न अपनी माँ को और बिना रुके तीसरी बार चोदोगे ,
मेरी गारंटी है एकदम तेरे लौंड़े की छिनार दीवानी हो जायेगी।
सब सरम लिहाज भूल के ,खुद ही तेरे पीछे पड़ेगी , सबके सामने चुदने को तैयार हो जायेगी , ... "
और मैंने भी मजा लेते हुए टुकड़ा लगाया ,
" मंजू बाई एकदम सही कह रही है , अरे जंगल में मोर नाचा किसने देखा ,
जब तक हमारे सामने मेरी सास पे चढ़ाई न हुयी तो कैसे हम माने की तुम असली मादरचोद हो की नहीं। "
मॉम भी ना , कुछ भी हो जाए वो हरदम अपने दामाद की तरफदारी ही करती थीं , बोलीं ,
" अरे तू समझती क्या है मेरे दामाद को ,आने दो तेरी सास को , अब १५-१६ दिन तो ही बचे हैं न।
हाथ कंगन को आरसी क्या , अरे इसी कमरे में ,बरामदे में सारे घर में , जैसे कातिक में कुतिया चुदती है न ,
वैसे घिर्रा घिर्रा के , रगड़ रगड़ के ,तेरे सामने ,मेरे सामने ,मंजू बाई के सामने चोदेगा।
अरे इसमें कौन सरम ,बोल मुन्ना चोदेगा न हम सबके सामने , ... "
और वो तो मुझसे ज्यादा उनके गुलाम , जोर जोर से उन्होंने सर हिलाया।
मैंने मुश्किल से मुस्कराहट रोकी।
शादी के बाद कभी मजाक में ही सही ,चिढाने के लिए ,गारी वारी गाने में मैं उनके किसी मायके वाली का नाम ले के ,
कुछ बोल देती तो वो एकदम अलफ ,
लेकिन अब खुल के उनकी माँ के बारे में , और वो ,... मुस्करा के हामी में सर हिला रहे हैं।
लेकिन मम्मी ने मंजू बाई की बात की ताईद की।
" बात वो सही कह रही है , पहली बार हचक के चोद चोद के अपनी माँ के भोसड़े की ऐसी तैसी कर देना , कम से कम दो बार झाड़ना ,ठीक है न मुन्ना ,उसके बाद अपनी मलायी जब वो तीसरी बार झड़ें न तो बस सीधे बच्चेदानी में उड़ेल देना , "
मम्मी की बात अबकी मैंने काटी ,
" अरे मम्मी आप क्या कह रही है , अरे अगर ये अपनी गाढ़ी मलाई मेरी सास की सीधे बच्चेदानी में ,... कहीं गाभिन हो गयीं तो। "
मैंने बनावटी घबराहट से कहा।
" अरे गाभिन हो गयी तो क्या हुआ , पेट फुलाये घूमेंगी , नौ महीने बाद सोहर होगा।
तुझे एक मस्त ननद मिलेगी और इन्हें एक बहन ,बस उसकी झांटे निकलने का इन्तजार करना, ... "
मंजू बाई बोल रही थी लेकिन अबकी मैंने फिर बात काटी ,
" अरे मंजू बाई इनकी वो बहन लगेगी की बेटी , भले भोसड़ा इनकी माँ का होगा लेकिन लन्ड तो इनका , ... "
मैंने फिर अपना शक जाहिर किया।
अबकी मुझे डांट पड़ गयी , और कौन डाँटता। मम्मी। झुंझला के बोलीं ,
" तू भी न , तुझसे मेरे मुन्ना का कोई फायदा देखा नहीं जाता , अरे बहन या बेटी , बिना चोदे उसे मेरा मुन्ना छोड़ेगा नहीं , अरे मादरचोद ,बहनचोद तू उसे बना सकती है तो बेटीचोद , .... "
और अबकी बात उन्होंने काटी।
बिचारे बड़ी देर से बोलने की कोशिश कर रहे थे लेकिन हम तीनों के बीच में उनकी कौन सुनता ,लेकिन अबकी जोर से वो बोले ,
" ऐसा कुछ नहीं होने वाला। "
मतलब , .... हम तीनों एकसाथ चीखे।
कुछ देर बिचारे रुके फिर उन्होंने राज खोला ,
" आप लोग भी न " ,...
फिर उन्होंने थूक घोंटा , गहरी सांस ली और बोले ,
" बात ये है की जब मैं पैदा हुआ था , तभी , उसके तुरंत बाद , माँ ने ऑपरेशन करवा लिया था की अब दो बच्चे हो गए तो , इसके बाद नहीं , बस ,... तब से , तब इसलिए उनके , ... "
जो बात कहने में वो हिचक रहे थे मैंने पूरी कर दी , आखिर पत्नी थी उनकी , उनकी माँ की छोटी बहू।
" तो तेरा मतलब ये है की तुम कितना भी मेरी सास को हचक हचक के चोदोगे ,मलाई उनकी बुर में डालोगे , सीधे बच्चेदानी में भी ,तब भी वो गाभिन नहीं होगीं। "
मैंने मुद्दा साफ़ किया।
जोर जोर से सर हिलाने के साथ उन्होंने खुल के हाँ बोला .