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Adultery मेहमान बेईमान
#57
अभी दोनो बात कर ही रहे थे कि वान्या के पर्स मे रखा फ़ोन. बजने लग जाता है. वान्या अपने पर्स से मोबाइल निकलती है ऑर बात करने लग जाती है. मैं उसके बगल मे ही बैठी थी इस लिए मुझे फ़ोन मे से आ रही आवाज़ भी साफ सुनाई दे रही थी.

वान्या- हेलो मानव हाउ आर यू ?

मानव- आइ एम फाइन. तो तुम आ रही हो ना ?

वान्या- हां घर से निकल गयी हू थोड़ी ही देर मे पहुँच जाउन्गि.

मानव- ब्लॅक ब्रा ऑर पनटी पहनी है ना ?

वान्या- हां बाबा वही पहना हुआ है.

मैने दोनो की बात सुन रही थी. वान्या को लग रहा था कि मुझे कुछ सुनाई नही दे रहा है क्यूकी मैं दूसरी तरफ अपना मुँह करे हुए थी. मेरे दिमाग़ मे यही बात चल रही थी कि ये किस से इस तरह से बात कर रही है. ये मानव कॉन है.

मानव- ब्लॅक ब्रा ऑर पनती की सोच कर ही मेरा खड़ा हो रहा है.

वान्या- आ तो रही हू उसे ठंडा करने के लिए. हहे

मानव- जल्दी आ जाओ अब इंतजार नही हो रहा है. तुम्हे ब्लॅक ब्रा ऑर पॅंटी मे नंगा देखने का बड़ा मन कर रहा है.

वान्या- सिर्फ़ देखना ही हैतो मैं नही आ रही..हुहन

मानव- देखूँगा नही जानेमन, सब कुछ करूगा,

वान्या- सब कुछ मे क्या क्या करोगे ?

मानव- अरे तुम्हे बिस्तर पर जम कर चोदुगा. हहे

वान्या- ऐसे नही शुरू से बताओ क्या क्या करोगे. इमॅजिन करो कि मैं तुम्हारे सामने ब्रा ओर पॅंटी मे खड़ी हुई हू.

मानव- तुम्हे अपने कमरे मे देख कर मैं बोहोत खुश हो गया, ओर जल्दी से कमरे का दरवाजा बंद कर लिया.

उन दोनो की फ़ोन पर हो रही बात सुन कर मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था मुझे विश्वास ही नही हो रहा था कि वान्या इस तरह की लड़की भी हो सकती है. ऑर उस से भी बड़ी बात उनकी गंदी गंदी बाते सुन कर मेरी खुद की योनि बेकाबू होने लग गयी थी ऑर उसने रिसना शुरू कर दिया था..

वान्या- और मैं आगे बढ़कर तुमसे लिपट गयी.

मानव - मुझसे इंतेज़ार नही हो रहा था इसलिए बिना कुच्छ कहे मैं अपने होंठ तुम्हारे होंठों पर रख दिए और एक हाथ से तुम्हारी छाती पकड़ ली ऑर उसे ज़ोर ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया

वान्या- कौन सी वाली? राइट या लेफ्ट?

मानव- राइट वाली जानेमन

वान्या- तुम्हारे चुचि को पकड़ते ही मेरे मुँह से आवाज़े निकलना शुरू हो जाती है आआहह….अहह जान. ज़ोर से दबाओ. मज़ा आ रहा है.

मानव- मैने तुम्हारे होंठों को चूस्ते हुए तुम्हें दीवार के साथ लगा दिया ऑर अपने दोनो हाथों से अब तुम्हारी चुचियाँ दबा रहा हूँ. दोनो ही चुचियाँ तन कर एक दम सख़्त हो गयी है.

वान्या- अपने लंड को भी तो चूत पर रागडो ना, कब से बेचैन हो रही है देखो कितना पानी बहा चुकी.

मानव- हां जानेमन बिल्कुल.. मैं अब अपना लंड पॅंटी के उपेर से ही तुम्हारी चूत पर रगड़ रहा हूँ. मेरा लंड तुम्हारी चूत को महसूस करते ही ओर भी ज़्यादा टाइट हो गया है. ओर तुम्हारी चूत को ज़ोर ज़ोर से झटके ले कर सलामी दे रहा है.

वान्या- तुम्हारे लंड को अपनी चूत पर महसूस कर के मुझसे नही रहा जा रहा है ओर अब मैने अपने एक हाथ को नीचे ले जाकर तुम्हारे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.

मानव- लंड को चूसोगी नही? सिर्फ़ सहलाती ही रहोगी ? हहे

वान्या- हां बाबा चुसुन्गि पर पहले तुम मुझे पूरी तरह नंगी तो करो.

मानव- अब मैं तुम्हें धीरे चूमता हुआ धीरे धीरे बिस्तर की तरफ ले जा रहा हूँ. बिस्तर के पास ले जाकर मैने तुम्हें बिस्तर पर धक्का देकर गिरा दिया.

वान्या- अब चढ़ भी जाओ मेरे उपेर. एक रंडी की तरह चोदो मुझे. देखो मेरी चूत कितनी देर से आँसू बहा रही है. कुछ तो दर्द समझो उसका.

मुझको वान्या के इस तरह से बात करने पर बोहोत अटपटा लग रहा था. मैं सोच रही थी कि वान्या इस तरह की भी हो सकती है…. कभी उसे देख कर लगा नही था, और ये मानव है कॉन जिस से ये इस तरह की बात कर रही है. पर इन सब के बीच, फ़ोन पर चल रही बाते सुन कर मेरी खुदकी पॅंटी बुरी तरह से गीली हो चुकी थी.

वान्या- “अच्छा अब मैं फ़ोन रखती हू. 2 मिनट के बाद मैं तुम्हारेे  कलीनिक
 मे आजाउंगी.” कह कर उसने फ़ोन काट दिया. उसके चेहरे पर बोहोत ही खिली खिली मुस्कुराहट थी.
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 07-01-2020, 06:55 AM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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