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34 40.00%
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3.53%
3 3.53%
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Romance मोक्ष : तृष्णा से तुष्टि तक
#4
तृष्णा

अनादि काल से संसार के जीव विभिन्न प्रकार की तृष्णाओं में जीवन जीते हुए तुष्टि की कामना करते रहे हैं और करते रहेंगे. संसार में 5 रूप में तृष्णा को परिभाषित किया गया है :-

१- काम

२- क्रोध

३- मद

४- लोभ

५- मोह

यही पांचों तृष्णायें जीवन को जीने के लिए प्रोत्साहित करती हैं और सभी जीवों को परस्पर सामंजस्य से रहने को प्रोत्साहित करती हैं क्योंकि सभी को अपनी तृष्णा की पूर्ति के लिए अन्य के सहयोग की लालसा ही समाज का निर्माण करती है.
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RE: मोक्ष : तृष्णा से तुष्टि तक - by kamdev99008 - 07-01-2020, 01:14 AM



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