01-02-2019, 04:57 PM
Update 18
तनु को रमा ने कॉलेज के लिए त्यार होने के लिए सुबह 6.30 बजे उठाया । तनु के दिमाग में अभी भी कल रात की घटना घूम रही थी । उसे खुद यह समझ नहीं आ रहा था कि वो क्यों एक नोकर को इतनी इम्पोटेंस दे रही थी । एक बार तो उसका मन हुआ कि वो माँ को सब बता दे पर रमा क्यों उसकि बात का यकीन करेगी ? राहुल के खिलाफ उसके पास कोई सबूत तो था ही नहीं ।
रमा-तनु क्या सोच रही है जल्दी से नहाकर त्यार हो जा कॉलेज बस आती ही होगी ।
तनु-मेरा आज कॉलेज जाने का मन नहीं है ।
रमा(तनु के सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए )-क्या हुआ आज मेरी परी इतनी परेशान क्यों है ?
तनु-कुछ नहीं माँ मैं ठीक हूँ , गरिमा भी घर पर नहीं अकेले कॉलेज जाने का मन नहीं कर रहा बस ।
रमा-अरे अरे यह बात है , गरिमा तो सुबह ही वापिस आ गयी और त्यार होके ब्रेकफास्ट कर रही है ।
तनु गरिमा के घरपर होने की बात सुनकर खुश हो जाती है वो सोचती है गरिमा को बताती हूँ । वो फटाफट अपने कपड़े और तौलिया लेकर बाथरूम कि तरफ भागती है । लेकिन बाथरूम में जाते हुए तनु की नज़र राहुल पर पड़ती है जो अपने कमरे में सिर्फ निक्कर पहने एक्सरसाइज कर रहा था । तनु ने पहले कभी राहुल को बिना कपड़ों के नहीं देखा था लम्बा चोड़ा तो वो था ही ऊपर से बोडीबिल्डर्स जैसे उसकी छाती ,मसल्स से भरी हुई बाहें देखकर तनु के पूरे बदन में सिहरन दौड़ गयी । लेकिन जब उसकी नज़र निक्कर पर गयी तो उसका मुँह खुला का खुला रह गया वो राहुल की निक्कर में बन रहे लौड़े के बड़े से उभार को साफ-2 देख रही थी तनु के दिमाग मे रात को देखे हुए हब्शी मूसल लन्ड की छवि एक बार फिर घूम गयी ।
"बिल्कुल ऐसा ही बदन था उसका भी .....क्या मस्त चोद रहा था वो.... उफ्फ यह मैं क्या सोचने लगी फिर .....राहुल तो घर पर सो रहा था ....इसका भी लन्ड वैसा ही होगा ....कितना लम्बा और मोटा था....." तनु के विचार एक बार फिर भटक रहे थे बड़ी कठिनाई से उसने खुद को संभाला और नहाने चली गयी ।
तनु नाहा कर वापिस आई तो राकेश और गरिमा टीवी देखते हुए नाश्ता कर रहे थे । राहुल कॉलेज यूनिफॉर्म में था और राकेश की प्लेट में पराँठा परोस रहा था । कॉलेज की शर्ट में से भी राहुल की बाजुओं के उभरे हुए मसल्स तनु को साफ दिख रहे थे "इतनी बॉडी इसने बनाई कब ...पूरा साँड़ जैसा हो गया है" ।
रमा-राहुल जा पिंकि को खाना दे आ बेचारी को कॉलेज भी जाना होगा ।
राहुल-मां अभी जाता हूँ ।
तनु (गरिमा से)- हमारे लिए तो कभी यह इतना खुश होकर काम नहीं करता ।
गरिमा-तू क्यों बेचारे के पीछे पड़ी रहती उसके इलावा माँ की मदद करता कौन है ।
तनु-यार तू हमेशा उसकि साइड लेती है ।
गरिमा-ऐसा कुछ नहीं मैं तो सच ही बोलती हूँ तू कुछ ज्यादा ही चिढ़ती है उससे ।
तनु-मैं क्यों चिढ़ने लगी उससे ?
गरिमा-यह तो तू सोच की तू उस बेचारे से क्यों चिढ़ती है।
जैसे ही राहुल रसोई से पिंकि को खाना देने के लिए निकला राजेश ने न्यूज़ चैनल लगा लिया और जो पहला शब्द राहुल के कानों में पड़ा वो था "किडनैप......चंडीगढ़ में किडनैपर्स का कहर छठी लडक़ी हुई अगवा" न जाने क्यों राहुल को लगा कि इन किडनैपिंग के साथ वो किसी न किसी तरह से जुड़ा हुआ है ।
पिंकि को वो खाना देने गया तो उसने पिंकि के बिल्कुल नए ही रूप का सामना किया । परियों सी उसकी भोली सी सूरत ,लिप लिपग्लॉस लगे उसके नरम नरम होंठ , कसी हुई टॉप और उसकी निक्कर से दिखती उसकी लम्बी गोरी टाँगे ,और गोल-2 उभरी हुई गाँड़ हद तो तब हो गयी जब वो खाना लेकर बिस्तर पे बैठी तो उसका खूबसूरत तराशा हुआ नाज़ुक -मुलायम नेवल उसकी टॉप के ऊपर हो जाने से उभर आया । राहुल कोशिश करके भी अपनी नज़रें इस भोली सी दिखने वाली कामदेवी से हटा नहीं पा रहा था । राहुल को समझ ही नही आ रहा था कि क्या बात करे उसका दिमाग जैसे फ्रीज़ हो गया था । आखिर पिंकि ने ही चुप्पी थोड़ी -
"कल तो सारा दिन तुम मुझसे मिलने ही नहीं आए ...लगता है बबिता दीदी तुमको कुछ ज्यादा ही पसंद आ गईं हैं" उसने ताना मारा ।
"आह बड़ी मस्त माल है यह तेरा लौड़ा लेने के लिए तड़प रही पकड़ के चोद डाल....ऐसा कड़क माल नसीब वालों को मिलता है" राहुल को फिर वही अदृष्य आवाज़ सुनाई दी ।
राहुल(अपने दिमाग पर काबू पाने की कोशिश करते हुए)- सॉरी पिंकि मुझे माफ़ कर दे ना ,एक दो दिंनो से मेरे साथ न जाने क्या हो रहा है ।
पिंकि(होठों को "O" आकार में खोलकर एक निवाला खाती है)-अब तू बातें भी बनाने लगा है ,उस बबिता के साथ जाने कि तुझे बड़ी जल्दी थी ।मैं वहीं थी जब तू मेरे से बात किए बिना ही उसके साथ चला गया था ।
"देख कैसे जलन कर रही है ,बबिता की तरह यह भी रंडी है इसे भी बस लन्ड चाहिए लन्ड ...देख कैसे मुँह बना बना के खाना खा रही है जैसे रंडियां लन्ड चूसती है" वो ही आवाज़ फिर राहुल के अंदर का जानवर जगाने की कोशिश कर रही थी ।
"नहीं ऐसा कुछ नहीं है" राहुल बोल पड़ता है ।
पिंकि-क्या ?
राहुल-तुमसे नहीं कह रहा था ,पिंकि बबिता के पास कुछ है जिसके कारण मैं उसे न नहीं कह पाया और मुझे जाना ही पड़ा , मैं तो तुमसे ही मिलना चाहता था बातें करना चाहता था ।
इसी वक्त रमा की आवाज़ आती है " राहुल ...राहुल....बेटा कॉलेज का टाइम हो रहा है ...कॉलेज नहीं जाना क्या "
राहुल(चिल्लाते हुए ,रमा से)-आया मां ।
पिंकि-फिर जा रहे हो ,मुझे अकेला छोड़ के । उसके अंदर की प्यास उसे मिन्नत करने पे मजबूर कर रही थी ।
राहुल-जाना तो होगा ही न कॉलेज भी तो जाना है ,तुम्हे भी तो जाना होगा न ? वो पिंकि के खूबसूरत चेहरे पर उदासी देखते हुए कहता है ।
पिंकि(उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं )-तो जाओ न मैंने पकड़ के थोड़े रखा और मेरी आज छुट्टी है ।
राहुल(कुछ देर सोचते हुए , मैं कौनसा डॉक्टर-इंजीनियर बनने वाला हूँ एक दिन नहीं जाऊँगा तो कोई पूछेगा भी नहीं)- आधे घंटे में मुझे मंदिर के पीछे वाले ग्राउंड में मिलना ।
पिंकि(वो सब्र खो चुकी थी,उसका उसका दिल दुख रहा था)- नहीं आऊँगी मैं । तुम कॉलेज जाओ ।
राहुल (पिंकि के नरम गोरे गालों को हल्के से छू लेता है)- मैं वहीं खड़ा रहूँगा जबतक तुम आ नहीं जाती ।
और वो पलट कर अपने फ्लैट की तरफ चल देता है ।
रमा(थोड़ा गुस्सा करते हुए)-कँहा था रे इतनी देर ,गरिमा और तनु को उनकी कॉलेज बस तक छोड़ने जाना था ।
राहुल-वो तो दोनों रोज़ जाती हैं ।
रमा-सुना नहीं शहर में लड़कियों को किडनैप किया जा रहा है ? तेरे पापा जो जाना पड़ा ।
राहुल-सॉरी मां कल से ध्यान रखूँगा ।
रमा-चल अब जल्दी से कॉलेज जा वरना लेट हो जाएगा ।
राहुल अपने रूम में आकर जल्दी से बैग में जीन्स और टीशर्ट डालता है और घर से निकल जाता है । एक खाली पड़े बंगले में जाकर वो कपड़े बदलता है और पिंकि को बताई हुई जगह पर पहुँचता है ।वँहा पिंकि तो नहीं थी पर उसकी क्लास के दो बिगड़े हुए लड़के विक्रम और भानु कुछ नशा कर रहे थे । वो उसे देखते ही उसका मजाक बनाने लगते हैं ।
तनु को रमा ने कॉलेज के लिए त्यार होने के लिए सुबह 6.30 बजे उठाया । तनु के दिमाग में अभी भी कल रात की घटना घूम रही थी । उसे खुद यह समझ नहीं आ रहा था कि वो क्यों एक नोकर को इतनी इम्पोटेंस दे रही थी । एक बार तो उसका मन हुआ कि वो माँ को सब बता दे पर रमा क्यों उसकि बात का यकीन करेगी ? राहुल के खिलाफ उसके पास कोई सबूत तो था ही नहीं ।
रमा-तनु क्या सोच रही है जल्दी से नहाकर त्यार हो जा कॉलेज बस आती ही होगी ।
तनु-मेरा आज कॉलेज जाने का मन नहीं है ।
रमा(तनु के सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए )-क्या हुआ आज मेरी परी इतनी परेशान क्यों है ?
तनु-कुछ नहीं माँ मैं ठीक हूँ , गरिमा भी घर पर नहीं अकेले कॉलेज जाने का मन नहीं कर रहा बस ।
रमा-अरे अरे यह बात है , गरिमा तो सुबह ही वापिस आ गयी और त्यार होके ब्रेकफास्ट कर रही है ।
तनु गरिमा के घरपर होने की बात सुनकर खुश हो जाती है वो सोचती है गरिमा को बताती हूँ । वो फटाफट अपने कपड़े और तौलिया लेकर बाथरूम कि तरफ भागती है । लेकिन बाथरूम में जाते हुए तनु की नज़र राहुल पर पड़ती है जो अपने कमरे में सिर्फ निक्कर पहने एक्सरसाइज कर रहा था । तनु ने पहले कभी राहुल को बिना कपड़ों के नहीं देखा था लम्बा चोड़ा तो वो था ही ऊपर से बोडीबिल्डर्स जैसे उसकी छाती ,मसल्स से भरी हुई बाहें देखकर तनु के पूरे बदन में सिहरन दौड़ गयी । लेकिन जब उसकी नज़र निक्कर पर गयी तो उसका मुँह खुला का खुला रह गया वो राहुल की निक्कर में बन रहे लौड़े के बड़े से उभार को साफ-2 देख रही थी तनु के दिमाग मे रात को देखे हुए हब्शी मूसल लन्ड की छवि एक बार फिर घूम गयी ।
"बिल्कुल ऐसा ही बदन था उसका भी .....क्या मस्त चोद रहा था वो.... उफ्फ यह मैं क्या सोचने लगी फिर .....राहुल तो घर पर सो रहा था ....इसका भी लन्ड वैसा ही होगा ....कितना लम्बा और मोटा था....." तनु के विचार एक बार फिर भटक रहे थे बड़ी कठिनाई से उसने खुद को संभाला और नहाने चली गयी ।
तनु नाहा कर वापिस आई तो राकेश और गरिमा टीवी देखते हुए नाश्ता कर रहे थे । राहुल कॉलेज यूनिफॉर्म में था और राकेश की प्लेट में पराँठा परोस रहा था । कॉलेज की शर्ट में से भी राहुल की बाजुओं के उभरे हुए मसल्स तनु को साफ दिख रहे थे "इतनी बॉडी इसने बनाई कब ...पूरा साँड़ जैसा हो गया है" ।
रमा-राहुल जा पिंकि को खाना दे आ बेचारी को कॉलेज भी जाना होगा ।
राहुल-मां अभी जाता हूँ ।
तनु (गरिमा से)- हमारे लिए तो कभी यह इतना खुश होकर काम नहीं करता ।
गरिमा-तू क्यों बेचारे के पीछे पड़ी रहती उसके इलावा माँ की मदद करता कौन है ।
तनु-यार तू हमेशा उसकि साइड लेती है ।
गरिमा-ऐसा कुछ नहीं मैं तो सच ही बोलती हूँ तू कुछ ज्यादा ही चिढ़ती है उससे ।
तनु-मैं क्यों चिढ़ने लगी उससे ?
गरिमा-यह तो तू सोच की तू उस बेचारे से क्यों चिढ़ती है।
जैसे ही राहुल रसोई से पिंकि को खाना देने के लिए निकला राजेश ने न्यूज़ चैनल लगा लिया और जो पहला शब्द राहुल के कानों में पड़ा वो था "किडनैप......चंडीगढ़ में किडनैपर्स का कहर छठी लडक़ी हुई अगवा" न जाने क्यों राहुल को लगा कि इन किडनैपिंग के साथ वो किसी न किसी तरह से जुड़ा हुआ है ।
पिंकि को वो खाना देने गया तो उसने पिंकि के बिल्कुल नए ही रूप का सामना किया । परियों सी उसकी भोली सी सूरत ,लिप लिपग्लॉस लगे उसके नरम नरम होंठ , कसी हुई टॉप और उसकी निक्कर से दिखती उसकी लम्बी गोरी टाँगे ,और गोल-2 उभरी हुई गाँड़ हद तो तब हो गयी जब वो खाना लेकर बिस्तर पे बैठी तो उसका खूबसूरत तराशा हुआ नाज़ुक -मुलायम नेवल उसकी टॉप के ऊपर हो जाने से उभर आया । राहुल कोशिश करके भी अपनी नज़रें इस भोली सी दिखने वाली कामदेवी से हटा नहीं पा रहा था । राहुल को समझ ही नही आ रहा था कि क्या बात करे उसका दिमाग जैसे फ्रीज़ हो गया था । आखिर पिंकि ने ही चुप्पी थोड़ी -
"कल तो सारा दिन तुम मुझसे मिलने ही नहीं आए ...लगता है बबिता दीदी तुमको कुछ ज्यादा ही पसंद आ गईं हैं" उसने ताना मारा ।
"आह बड़ी मस्त माल है यह तेरा लौड़ा लेने के लिए तड़प रही पकड़ के चोद डाल....ऐसा कड़क माल नसीब वालों को मिलता है" राहुल को फिर वही अदृष्य आवाज़ सुनाई दी ।
राहुल(अपने दिमाग पर काबू पाने की कोशिश करते हुए)- सॉरी पिंकि मुझे माफ़ कर दे ना ,एक दो दिंनो से मेरे साथ न जाने क्या हो रहा है ।
पिंकि(होठों को "O" आकार में खोलकर एक निवाला खाती है)-अब तू बातें भी बनाने लगा है ,उस बबिता के साथ जाने कि तुझे बड़ी जल्दी थी ।मैं वहीं थी जब तू मेरे से बात किए बिना ही उसके साथ चला गया था ।
"देख कैसे जलन कर रही है ,बबिता की तरह यह भी रंडी है इसे भी बस लन्ड चाहिए लन्ड ...देख कैसे मुँह बना बना के खाना खा रही है जैसे रंडियां लन्ड चूसती है" वो ही आवाज़ फिर राहुल के अंदर का जानवर जगाने की कोशिश कर रही थी ।
"नहीं ऐसा कुछ नहीं है" राहुल बोल पड़ता है ।
पिंकि-क्या ?
राहुल-तुमसे नहीं कह रहा था ,पिंकि बबिता के पास कुछ है जिसके कारण मैं उसे न नहीं कह पाया और मुझे जाना ही पड़ा , मैं तो तुमसे ही मिलना चाहता था बातें करना चाहता था ।
इसी वक्त रमा की आवाज़ आती है " राहुल ...राहुल....बेटा कॉलेज का टाइम हो रहा है ...कॉलेज नहीं जाना क्या "
राहुल(चिल्लाते हुए ,रमा से)-आया मां ।
पिंकि-फिर जा रहे हो ,मुझे अकेला छोड़ के । उसके अंदर की प्यास उसे मिन्नत करने पे मजबूर कर रही थी ।
राहुल-जाना तो होगा ही न कॉलेज भी तो जाना है ,तुम्हे भी तो जाना होगा न ? वो पिंकि के खूबसूरत चेहरे पर उदासी देखते हुए कहता है ।
पिंकि(उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं )-तो जाओ न मैंने पकड़ के थोड़े रखा और मेरी आज छुट्टी है ।
राहुल(कुछ देर सोचते हुए , मैं कौनसा डॉक्टर-इंजीनियर बनने वाला हूँ एक दिन नहीं जाऊँगा तो कोई पूछेगा भी नहीं)- आधे घंटे में मुझे मंदिर के पीछे वाले ग्राउंड में मिलना ।
पिंकि(वो सब्र खो चुकी थी,उसका उसका दिल दुख रहा था)- नहीं आऊँगी मैं । तुम कॉलेज जाओ ।
राहुल (पिंकि के नरम गोरे गालों को हल्के से छू लेता है)- मैं वहीं खड़ा रहूँगा जबतक तुम आ नहीं जाती ।
और वो पलट कर अपने फ्लैट की तरफ चल देता है ।
रमा(थोड़ा गुस्सा करते हुए)-कँहा था रे इतनी देर ,गरिमा और तनु को उनकी कॉलेज बस तक छोड़ने जाना था ।
राहुल-वो तो दोनों रोज़ जाती हैं ।
रमा-सुना नहीं शहर में लड़कियों को किडनैप किया जा रहा है ? तेरे पापा जो जाना पड़ा ।
राहुल-सॉरी मां कल से ध्यान रखूँगा ।
रमा-चल अब जल्दी से कॉलेज जा वरना लेट हो जाएगा ।
राहुल अपने रूम में आकर जल्दी से बैग में जीन्स और टीशर्ट डालता है और घर से निकल जाता है । एक खाली पड़े बंगले में जाकर वो कपड़े बदलता है और पिंकि को बताई हुई जगह पर पहुँचता है ।वँहा पिंकि तो नहीं थी पर उसकी क्लास के दो बिगड़े हुए लड़के विक्रम और भानु कुछ नशा कर रहे थे । वो उसे देखते ही उसका मजाक बनाने लगते हैं ।
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