06-01-2020, 03:47 PM
मैं एक दिन कॉलेज़ नहीं गया था और घर में ही पोर्न फिल्म देख रहा था। तभी अचानक डोर-बेल बजी।
मैंने सोचा कोई पड़ोसी होगा इसलिए मैं मूवी को पॉज़ करके डोर खोलने चला गया.. डोर खोला तो देखा कि मेरी मौसी की लड़की हमारे घर आई थी।
मौसी की लड़की की चूत की सील तोड़ी इस कहानी में मैंने आपको बताया था की मेरी मौसी की दो लड़कियाँ है जिनमें से बड़ी की शादी हो चुकी है.. और वो शादी के बाद पहली बार घूमने आई थी। जीजा जी को बाजार में कुछ काम था तो दीदी मम्मी से मिलने आ गई।
वैसे दीदी मुझसे भी खुल कर बात करती थी। शादी से पहले तो वो साधारण ही लगती थी.. पर आज तो वो कमाल की लग रही थी.. पीले रंग के सूट सलवार में वो एक मस्त माल लग रही थीं।
दीदी घर पर आई तो मैं बहुत खुश हुआ.. मैंने दीदी को नमस्ते की.. दीदी ने मुझसे पूछा- मौसी और सब लोग कहाँ हैं?
मैंने कहा- दीदी.. घर में आज और कोई नहीं है। मम्मा-पापा बुआ के घर गए है..
तो दीदी बोली- और क्या चल रहा है आजकल फिर..?
मैंने कहा- दीदी कुछ नहीं.. बस इम्तिहान आने वाले हैं.. तो पढ़ रहा हूँ।
लेकिन बातों-बातों में मैं भूल गया कि अन्दर लैपटॉप पर पॉर्न मूवी चलती छोड़ आया हूँ।
जैसे ही दीदी ने कमरे में प्रवेश किया और मेरा लैपटॉप देखा तो मैं डर गया..
दीदी ने पूछा- तो ये पढ़ाई कर रहा है तू?
मैंने सोचा कोई पड़ोसी होगा इसलिए मैं मूवी को पॉज़ करके डोर खोलने चला गया.. डोर खोला तो देखा कि मेरी मौसी की लड़की हमारे घर आई थी।
मौसी की लड़की की चूत की सील तोड़ी इस कहानी में मैंने आपको बताया था की मेरी मौसी की दो लड़कियाँ है जिनमें से बड़ी की शादी हो चुकी है.. और वो शादी के बाद पहली बार घूमने आई थी। जीजा जी को बाजार में कुछ काम था तो दीदी मम्मी से मिलने आ गई।
वैसे दीदी मुझसे भी खुल कर बात करती थी। शादी से पहले तो वो साधारण ही लगती थी.. पर आज तो वो कमाल की लग रही थी.. पीले रंग के सूट सलवार में वो एक मस्त माल लग रही थीं।
दीदी घर पर आई तो मैं बहुत खुश हुआ.. मैंने दीदी को नमस्ते की.. दीदी ने मुझसे पूछा- मौसी और सब लोग कहाँ हैं?
मैंने कहा- दीदी.. घर में आज और कोई नहीं है। मम्मा-पापा बुआ के घर गए है..
तो दीदी बोली- और क्या चल रहा है आजकल फिर..?
मैंने कहा- दीदी कुछ नहीं.. बस इम्तिहान आने वाले हैं.. तो पढ़ रहा हूँ।
लेकिन बातों-बातों में मैं भूल गया कि अन्दर लैपटॉप पर पॉर्न मूवी चलती छोड़ आया हूँ।
जैसे ही दीदी ने कमरे में प्रवेश किया और मेरा लैपटॉप देखा तो मैं डर गया..
दीदी ने पूछा- तो ये पढ़ाई कर रहा है तू?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.