06-01-2020, 03:46 PM
मे उनके गले से लेकर बाहों तक चूमने लगा दीदी मस्त हुये जा रही थी और सिसकियाँ ले रही थे मे उनके बूब्स को ब्लाउज के उपर से दबा रहा था बूब्स का जो हिस्सा बाहर निकला हुआ था उसे चूम रहा था मैने दीदी की तरफ देखा तो दीदी आँखे बंद करके मज़े ले रही थी मे धीरे धीरे उनके पेट तक पहुँचा और धीरे धीरे किस कर रहा था झट से दीदी ने मुझे अपने उपर से हटा कर खुद मेरे उपर आ गयी उन्होने मेरा टी-शर्ट उतार दिया और मुझे चूमने लगी दीदी के नरम हाथो का स्पर्श मुझे बहुत अच्छा लग रहा था उन्होने अपने सारे कपड़े निकाल दिये और मेरे कपड़े भी निकाल दिये मेने दीदी से पूछा दीदी आप शादी से पहले तो इतना बोल्ड नही थी अब ये सब क्या हुआ कैसे हुआ? दीदी बोली तेरे जीजा बुझे रोज़ एक बार चोदते है कभी बेडरूम मे कभी किचन मे कभी बाथरूम मे तेरे जीजा ने मुझे चुदक्कड बना दिया है.
अब बिना चुदे मे एक भी दिन मे रह नही सकती और कितना उंगली डालु बोर हो जाती हूँ और आज कल हर किसी से चुदवाने का मन करता है तेरे जीजा के दोस्त घर आते है उनमे से एक है राहुल बहुत सुन्दर लड़का है मेरे साथ बहुत गंदे गंदे मज़ाक करता है मुझे पहले शर्म आती थी लेकिन अब मे उसे खुल के जबाब देती हूँ उससे भी कभी चुदवाने का मन करता है अब मे उनके बूब्स चूस रहा था मे बहुत मन लगा कर बूब्स चूस रहा था दीदी ने मुझे बूब्स से अलग किया और अपनी चूत की तरफ इशारा किया मे नीचे जाकर ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत चूस रहा था कुछ देर चूसते ही दीदी का पानी निकल आया मे हिचकिचाता हुआ उनका पानी पी गया अब मेरी बारी थी मेने अपना लंड दीदी के मुँह की तरफ किया दीदी ने आसानी से उसे मुँह मे ले लिया वो बड़े प्यार से उसे चूस रही थी जैसे की वो ये प्रेक्टीस बहुत दिनो से कर रही है मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
अब बिना चुदे मे एक भी दिन मे रह नही सकती और कितना उंगली डालु बोर हो जाती हूँ और आज कल हर किसी से चुदवाने का मन करता है तेरे जीजा के दोस्त घर आते है उनमे से एक है राहुल बहुत सुन्दर लड़का है मेरे साथ बहुत गंदे गंदे मज़ाक करता है मुझे पहले शर्म आती थी लेकिन अब मे उसे खुल के जबाब देती हूँ उससे भी कभी चुदवाने का मन करता है अब मे उनके बूब्स चूस रहा था मे बहुत मन लगा कर बूब्स चूस रहा था दीदी ने मुझे बूब्स से अलग किया और अपनी चूत की तरफ इशारा किया मे नीचे जाकर ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत चूस रहा था कुछ देर चूसते ही दीदी का पानी निकल आया मे हिचकिचाता हुआ उनका पानी पी गया अब मेरी बारी थी मेने अपना लंड दीदी के मुँह की तरफ किया दीदी ने आसानी से उसे मुँह मे ले लिया वो बड़े प्यार से उसे चूस रही थी जैसे की वो ये प्रेक्टीस बहुत दिनो से कर रही है मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
