Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery नरगिस
#5
झे पूरी पॉर्न मूवी ध्यान आने लगी, मुझे लगा मेरी ही पॉर्न मूवी बन रही हो.. राज अब तो एक दम ऐसे मुझे चूम रहा था.. कि उसको देख के मुझे मूवी के कई कॅरक्टर ध्यान आने लगे थे.. मैं उसका पूरा सहयोग कर रही थी तभी पास पड़े बेड पे उसने मुझे लिटाया और मेरे ऊपर टूट पड़ा .. मेरी चुचियों का बुरा हाल कर दिया था ..

वो उनको चूस रहा था. और दबा दबा के वह कुच्छ पीने की कोशिश कर रहा था.. मगर मेरी चुचियो से कुच्छ निकल नही रहा था.. .. वो उनको दबा दबा के चूस्ता ही जा रहा था फिर राज मेरे पेट को चूमते हुए मेरी टाँगो के बीच पहुँच गया .. वो एक शातिर आदमी था.. वो मेरी भावनाओ को भड़काने का पूरा तरीका जानता था..

उसने अपनी जीभ मेरी .. चूत पे रख दी.. मैने आँखे बंद कर ली . मेरा पूरा बदन एक तरंग मे मस्त हो रहा था.. पूरा बदन लहरा ने लगा था.. तभी मुझे लगा कि उसकी जीभ मेरी चूत मे अंदर जाने लगी थी .. वो उसको भी चूसने लगा.. मैं बुरी तरह से पागल हो गई ..

मुझे लग रहा था. कि मेरी चूत आग मे फँस गई हो मैं बुरी तरह से निढाल हो रही थी .. उसका एक हाथ मेरी चुचि पे था.. मैं अपनी चुचियों को खुद दबाने लगी थी उसे मुझे कुच्छ आराम मिल रहा था.. मैं बल खा रही थी और वो मेरी चूत को मज़े से चूस रहा था.. थोड़ी ही देर मे मेरी चूत पानी छ्चोड़ गई…

फिर उसने मुझे उठाया और मेरे मुँह मे अपना लंड दे दिया.. या खुदा कितना मोटा लंड था.. बड़ा भी मगर उसे देख के मुझे जाने क्या हुआ मैने उसे साथ से मुँह मे ले लिया और चूसने लगी .. थोड़ी ही देर मे वो खूब चिकना और मोटा तगड़ा सा तय्यार हो गया .. अब मैं समझ गई कि अब मेरी चुदाई की इच्छा पूरी हो जायगी .. तब

राज ने मुझे .. चित लिटाया और .. मेरी चूत को खोल के अपने लंड को मेरी चूत के मूँह पे रख दिया मैने अपनी कमर को कुच्छ उठा दिया जिससे लंड जाने मे कुच्छ परेशानी ना हो तभी वो मेरे ऊपर कुच्छ झुका और मैं कुच्छ समझ पाती तभी उसने मेरे कंधों को पकड़ के एक कस के धक्का मारा मेरी टाँगे पूरी फैली थी .. इस लिए लंड को जगह बनाने मे कोई दिक्कत नही हुई मगर मेरी मा चुद गई.. मैं पूरी कस के चिल्ला दी.. मेरा पूरा बदन .. तड़प गया मुझे लगा कि मेरी चूत पूरी फट गई हो.

उसका पूरा लंड एक बार मे मेरी चूत की दीवारों पे दबाव डालता हुआ … मेरी चूत मे जा के धँस गया था.. वो हिल भी नही पा रह आ था .. मैं तड़प के उसे लिपट गई .. तब उसने मेरी चिन को अपने मुँह मे लिया और चूसने लगा .. और दोनो हाथो से मेरी चुचियों को दबाने लगा.. फिर तभी मुझे एहसास हुआ कि उसका लंड अब आगे पीछे होने लगा है ..

उसका लंड मेरी चूत की दीवारों पे रगड़ डालता हुआ मेरी चूत मे अंदर बाहर जाने आने लगा था.. तब मुझे धीमे धीमे मज़ा आने लगा.. और मैं उसका साथ देने लगी तब उसकी रफ़्तार तेज़ होने लगी .. और मैं कमर उचका उचका के उसका साथ देने लगी अब मैं मस्त हो गई थी .. मुझे चुदने मे बहुत मज़ा आ रहा था…

वो काफ़ी देर मेरी चुदाई करता रहा.. उसकी टक्कारें मेरे हौसले को और बढ़ा रही थी.. कभी वो मेरी गर्दन चूमता कभी मेरे होंठो पे अपने होंठो को रख के चूमता और धक्के पे धक्के दिए जा रहा था.. अब उसके धक्के मेरी चूत की जड़ पे लग रहे थे.. और मैं मस्ती मे चुदने लगी थी… उसका लंड मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था..

मैं पूरी टाँगो को फैला चुकी थी .. वो खूब मज़े से चुदाई करने लगा.. जब उसका लंड मेरी चूत मे अंदर जाता मैं उचक जाती और जब बाहर निकलता तो अपने स्थान पे वापिस आजाती .. ये करते करते उसके धक्के मेरी चूत पे तेज़ हो गये और थोड़ी देर मे एक घायल शेर की तरह कुच्छ कस के धक्के मार मार के वो मेरे ऊपर ही गिर गया उसके लंड ने शायद मेरी चूत के अंदर कुच्छ छ्चोड़ दिया था..

और वो गरम गरम द्रव मेरी चूत से बह कर बाहर आने लगा था.. उसका लंड आभी भी मेरी चूत मे ही घुसा हुआ था.. मैं वैसी ही पड़ी रही वो भी मेरी चुचियों पे अपना सिर रख के लेटा रहा और थोड़ी देर मे उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया.. उसका लंड अब लंड नही रह गया था.. वो मुरझा के लोलो बन गया था..

मुझे अपने पहली चुदाई मे बहुत मज़ा आया था .. मैने उठ के देखा .. बेड पे कुछ खून के दाग मौजूद थे मैं समझ गई कि मेरी झिल्ली फट गई थी .. आज मैं एक कुँवारी कली से फूल बन गई थी .. राज थोड़ी देर वैसे ही लेटा रहा फिर मुझे प्यार करने लगा मैं उसके बालों मे उंगलिया डाल के सहलाती रही और .. प्यार करती रही .. थोड़ी ही देर मे वो फिर गरम हो गया और बोला .. “ जान और कुच्छ करना चाहोगी .. “

मैने शर्मा के हां कर दी .. वो खुश हो गया और .. मेरी चुचियों को फिर से चूमने लगा .. अब मेरी चुचिया दर्द कर रही थी .. पूरी लाल हो रही थी क्यो कि राज ने उनको खूब कस कस के चूसा था.. और दबाया भी था.. तभी वो मेरे सीने पे आके बोला लो मेरे इस शेर को जगा लो उसने अपना लंड मेरे मुँह के पास कर दिया मैने अपने हाथो से उसके लंड को पकड़ा उस पे उसका माल लगा हुआ था.. यानी वीर्य ..

मैने उसे मुँह मे लिया आजीब सा स्वाद था वो .. मगर मुझे अच्छा लगा था.. और मैं मज़े से उसे चूसने लगी थोड़ी ही देर मे उसका लंड पूरी तरह खड़ा हो गया.. और मेरी लार से चिकना और मोटा लगने लगा था.. उसने मेरे सिर पे हाथ रख के मेरे मुँह को अपने लंड पे दबाया उसका लंड मेरी गर्दन तक चला गया था.. मेरी साँस सी रुकने लगी मैने खों खों करते हुए झटके से उसके लंड को मुँह से निकाला ..

मेरी आँखों से आँसू निकलने लगे थे.. उसका लंड बहुत मोटा था जो मेरी गर्दन मे अटक गया था.. .. थोड़ी देर के लिए.. मेरी पूरी लार उसके लंड को भिगो गई थी.. मैं काफ़ी संतुष्ट थी वो भी मज़े से मेरे साथ सेक्स का मज़ा लूट रहा था.. तब उसने मुझे पलट के कुतिया की तरह खड़े होने को कहा मैं अपनी कोहनी और घुटनो के बल खड़ी हो गई .. मैं चौपाए की तरह खड़ी थी.. वो मेरे पीछे पहुँच गया

और मेरे चुतड़ों को अपने हाथो से फैला के मेरी गांद देखने लगा.. मैं समझ गई कि आब ये मेरी गांद मारेगा.. .. मैं खुश हो रही थी.. कि .. आज मैं सारे तरीके सीख जाउन्गि .. तभी उसने बेड के पास से एक तेल की शीशी उठाई और मेरी गांद पे कुच्छ बूंदे डाली .. और अपनी एक उंगली से उसने वो तेल मेरी गांद के द्वार पे फैला दिया और उंगली मेरी गांद मे घुसा के उसकी दीवारो को भी चिकना कर दिया ..

फिर शायद उसने अपने लंड पे भी तेल लगाया और फिर मेरी गांद को अपने हाथो से दौनो चुतड़ों की सहयता से खोला और अपना लंड मेरी गांद पे रख के अंदर पुश करने लगा .. मुझे लगा कि मेरी गांद फट के छितरे छितरे हो जायगी .. बहुत कस के पेन हो रहा था.. मगर मैं उससे गांद मरवाने मे इतनी मस्त हो रही थी कि मुझे आज फटने चिरने का कोई गम नही था .. आहह..हाइईईईईईईईईईई कस के एक धक्का मेरी गांद पे पड़ा अओर मेरी साँस ही रुक गई ..

पूरा लंड मेरी गांद मे धंसता चला गया आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मुझसे सहेन नही हो रहा था वो दर्द .. तभी उसने अपने दोनो हाथो से मेरी कमर पकड़ के अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया मैं कुतिया की तरह ही झुकी रही और उसका लंड मेरी गांद मे आगे पीछे जाने आने लगा.. अब मेरा दर्द कम होने लगा. .

और थोड़ा .. मज़ा भी आने लगा.. राज मेरी कमर को कस के पकड़ के मेरी गांद मारने लगा था.. और कस कस के उसके धाक्के मेरी गांद पे पड़ रहे थे .. मैं मस्ती के साथ अपनी गांद मरवा रही थी.. और थोड़ी ही देर मे वो .. मेरी गांद मे ही झाड़ गया ..

और ..फिर पास मे ही कटे पेड़ की तरह ढह गया.. … हम दोनो को बहुत मज़ा आया था.. मैं काफ़ी खुश थी और अम्मी को दुआएँ दे रही थी .. . उन 3 दिनो मे ना जाने राज ने मुझे कितनी बार चोदा.. मगर ये ज़रूर जानती हूँ कि पहली चुदाई मुझे बहुत मज़ा दे गई थी .. अब मेरी चूत पूरे शहेर के लिए खुल गई थी .. .. उस रात राज ने मुझे 6-7 बार चोदा..

फिर अगले दिनो तो उसने मुझे बेड चोदने नही दिया.. मैं 3दिन और 4रातें उसके पास थी.. वो मेरी चूत का खूब मज़ा उठाता रहा.. ऐसी चुदाई मैने आज तक दुबारा नही करवाई … और उस दिन के बाद से राज ने मुझे कभी नही बुलाया.. उसे कुँवारी लड़कियों का ही शौक है.. और मैं अब पुरानी हो चुकी थी.. .. लेकिन राज मेरा पहला चोद्ने वाला है .. मैं उसे कभी नही भूल सकती

समाप्त
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
नरगिस - by neerathemall - 06-01-2020, 02:20 PM
RE: नरगिस - by neerathemall - 06-01-2020, 02:24 PM
RE: नरगिस - by neerathemall - 06-01-2020, 02:24 PM
RE: नरगिस - by neerathemall - 06-01-2020, 02:25 PM
RE: नरगिस - by neerathemall - 06-01-2020, 02:26 PM
RE: नरगिस - by neerathemall - 20-03-2020, 12:04 PM
RE: नरगिस - by neerathemall - 16-08-2022, 06:30 PM



Users browsing this thread: