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Adultery नरगिस
#4
मैं आप लोगों को बता दूं मैं एक नॉर्मल लड़की हूँ मेरी हाइट 5’5” है और मेरा फिग साइज़ .. 34”27”32” है.. मेरी चुचियाँ कुच्छ ज़्यादा ही बड़ी है.. जिनको देख के मुझे खुद शरम आती है.. मुझसे ज़्यादा रोज़ी मुझे ले के खुश थी उसने मुझे तय्यार किया और पूरे हफ्ते वो मुझे ब्लू फिल्म की सीडी दिखाती रही .. मैने कई तरह से चुद्ना देख लिया था.. और ये ही मुझे उस व्यापारी के साथ करना था.. ..

मैं अपनी तरंग मे डूबी शाम को सोई अगले दिन सॅटर्डे था.. मैं तय्यार होके बताई गई जगह पे पहुँच गई .. वो एक फार्म हाउस था.. वहाँ मुझे एक गार्ड अंदर ले गया .. मैं वहाँ एक लोन मे पड़ी कुर्सी पे बैठ गई . बहुत बड़ा बंगला अंदर बना था.. नौकर चाकर दिखाई नही पड़ रहे थे शायड छुट्टी पे होंगे..

थोड़ी देर मे एक आदमी के आने का एहसास मुझे हुआ मैने मूड के देखा तो एक बड़ी सी उमर का एक आदमी मेरे सामने खड़ा था.. उसकी उमर .. लगभग 52-53 साल की रही होगी .. मोटा सेठ था.. उसने मुझे भूके भेड़िए की नज़र से देखा मैं अंदर तक काँप गई .. ये .. क्या.. अम्मी ने मेरे साथ बहुत ग़लत किया . ऐसा आदमी.. ये तो मेरे बाप से भी बड़ी उमर का है.. ये सोच के मैं गुस्सा सी हो रही थी . तभी वो मेरे पास आ गया और बोला . “

हेलो.. मिस नरगिस .. मैं .. राज .. सॅंको इंडस्ट्रीस का मलिक हूँ .. आप को देख के मुझे बहुत खुशी हुई है… “ “ जी. .. म्‍म्म मुझे भी.. “ … “ आप घबराईय नही. .. मैं लड़कियों का कदरदान हूँ आप को यहाँ किसी किसम की दिक्कत नही होगी .. “ आप मेरे साथ आइए.. “ मैं उनके साथ चल दी ..

अंदर बहुत बड़ा हॉल कमरा था.. उसने कमरे के छोर पे सोफे पे बैठने को कहा मैं बैठ गई फिर उसने मुझे एक पेग बना के दिया.. मैने कसमसा के पीलिया. .. बड़ा आजीब सा स्वाद था… फिर वो मेरे सामने मुझसे आजीब आजीब सी बातें करते हुए पीता रहा फिर उसने मुझे कमरे मे चलने को कहा मैं उसके साथ साथ चल दी..

मैं उस दिन ब्लॅक ड्रेस पहेने हुए थी .. ब्लॅक जम्पर और सलवार .. उसने मुझे अपनी बीवी का कबाड़ दिखाया और बोला .. इसमे से कुच्छ पहेन लो.. ये सब टाइट फिट है .. मैने वैसे ही किया उसका दिया हुआ ड्रेस मैने पहेन लिया क्यो कि सेक्सी ड्रेस मेरे पास तो थे ही नही सो ..

उसे मैं अच्छी नही लग रही हूँगी जो उसने ड्रेस दिए उसने मेरे शरीर का एक एक भाग देखाई पड़ने लगा..वो ऑफ वाइट ड्रेस थी .. मेरी चुचियाँ उसने खूब उभर के आई थी.. और मेरे चूतड़ कस गये थे ये एक मिडी विथ ऊपर थी .. .. उसके नीचे स्लॅक्स पहेना जाता होगा..

मगर उसने मुझे स्लॅक्स नही दिया था.. मेरी गोरी गोरी टाँगे .. नीचे नज़र आने लगी थी .. मिडी .. मेरी घुटनो के उपर ही ख़तम हो गया था… और मेरी नरम नरम टाँगे दिखने लगी थी.. तभी .. वो मेरी चुचियों को देख के बोला.. .. “ आरे नरगिस तुम्हारी संतरे तो बहुत रसीले है .. मुझे चूसने दोगि .. “

मैं ऐसी बातें करने की आदि नही थी मुझे शरम आ रही थी .. लेकिन मैं उसे सेक्स भी करना चाह रही थी .. मैने मुस्कुरा के उसको देखा वो मुस्कुराता हुआ ..मेरे करीब आया और मेरी दाईं चुचि को पकड़ के ऊपर से ही दबाने लगा.. मेरा सारा शरीर मचलने लगा.. मैं तड़प सी गई थी क्यो कि आज मेरी चुचियों को किसी मर्द का पहेली बार हाथ लगा था..

मेरा दिल ज़ोरों से धड़कने लगा था.. तभी उसने मेरी कमर मे हाथ डालके मुझे अपनी ओर खींच लिया.. मैं उसे चिपक गई.. मेरा मेरा चेहरा उसके चेहरे के पास आ गया था.. उसकी गरम सांसो को मैं अपने चेहरे पे महसूस कर सकती थी.. तभी उसने अपने एक हाथ को मेरे चुतड़ों पे ले जा के मेरे एक तरफ के चूतड़ को दबाने लगा.. और मिडी उठा के मेरी पैंटी मे अपना हाथ पीछे से डाल दिया.

मैं उसे चिपक गई .. वो मेरी बाप की उमर का ज़रूर था मगर उसका शरीर खूब गाथा हुआ था.. मैं उसे किस करने लगी मैं मचल रही थी .. वो मुझे अपनी आगोश मे लिए चूम रहा था.. मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी.. लेकिन तभी मुझे दर्द महसूस हुआ .. उसने अपनी एक उंगली मारी गान्ड मे घुसेड दी थी.. ईईईईईईई आआआआआः

ये क्या कर रहे हू.. मैं उसे चिल्ला के बोली.. “ अरे रानी ..ये तुम्हारी गांद तो बड़ी मस्त नज़र आ रही है.. मैने उसे कहा .. ये मुझे अच्छा नही लग रहा है.. मैं ये सब तो पहले ही पॉर्न मूवी मे देख चुकी थी.. मगर मुझे उसको ये दिखाना था. कि मैं एक कुवारि शर्मीली लड़की हूँ उसने मेरे साथ सेक्स करने के मेरी अम्मी को 100000रुपये दिए थे और मुझे उसके साथ अब पूरे 3दिन गुज़ारने थे ..

यानी सारी रातें और सारे दिन मुझे सिर्फ़ उसके साथ चुद्ना था.. और कुच्छ नही .. अब वो मेरी ऊपर बढ़ा और मेरी ड्रेस को खोलने लगा.. मैने बिना .. विरोध के अपने कपड़े उतार लेने दिए.. और मैं अब बिल्कुल नंगी हो गई थी .. नंगी होने की कला मुझे रोज़ी ने खूब सिखा दी थी.. .

मैं नंगी होने के बाद उसके कपड़े खोलने लगी और थोड़ी देर मे ही मैने उसको भी नंगा कर दिया.. और हम दोनो.. अब मज़े से एक दूसरे के जिस्मो से खेलने लगे .. उसके सीने पे लगभग सारे बाल सफेद हो गये थे .. मगर .. उसका सीना बहुत चौड़ा था.. मैं उसके सीने पे हाथ फेर के उसे किस करने लगी उसने मुझे रोका और मेरी चुचियों को अपने हाथो मे ले के दबाने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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नरगिस - by neerathemall - 06-01-2020, 02:20 PM
RE: नरगिस - by neerathemall - 06-01-2020, 02:24 PM
RE: नरगिस - by neerathemall - 06-01-2020, 02:24 PM
RE: नरगिस - by neerathemall - 06-01-2020, 02:25 PM
RE: नरगिस - by neerathemall - 06-01-2020, 02:26 PM
RE: नरगिस - by neerathemall - 20-03-2020, 12:04 PM
RE: नरगिस - by neerathemall - 16-08-2022, 06:30 PM



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