05-01-2020, 02:24 PM
(This post was last modified: 14-03-2021, 08:40 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
पहचान कौन
" जानते हो ये हील कहां जायेगी , ... ? "
" अच्छी तरह और तुम छोड़ भी दोगी तो मेरी सास नहीं छोड़ने वाली। जाए तो जाए। " हंस के वो बोले।
थोड़ी देर में ढेर सारा शापिंग बैग लटकाये हम सब एक रेस्टोरेंट में थे , उन्होंने ग्रीन कांटेक्ट लेंस फिर से लगा लिया था और मेकअप भी फ्रेश कर लिया था।
' इनकी सास न पहचाने तो फाइनल जीत तेरी , " सोफी से हाई फाइव करते मैं बोलीं।
थिंक आफ डेविल , और तभी मम्मी और सुजाता भी दाखिल हुयी दोनों केहाथ शापिंग बैग से लदे , और सीधे हमारी टेबल पे।
सोफी ने ' उनकी ' ओर इशारा करके बोला , मेरी फ्रेंड।
मम्मी और सुजाता ने ध्यान से देखा , सुजाता तो ठीक बगल में बैठ गयी , उनके मेरे बीच में। मम्मी मेरे बगल में , और 'उनके ' सामने।
बिना मेरे कहे , मम्मी ने अपनी शापिंग दिखानी शुरू कर दी , और सोफी ने हम सब के लिए बियर आर्डर कर दिया।
पहले तो सुजाता ने साड़ियों का पैकेट खोला , कांजीवरम , जार्जेट ,शिफॉन ,...
सोफी और सुजाता के बीच सैंडविच ये भी देख रहे थे , कभी छू कर कभी सहला कर ,
और सोफी के साथ हलकी आवाज में ही सही ,तारीफ़ भी कर रहे थे।
लेकिन मम्मी से नहीं रहा गया , बियर का दूसरा ग्लास खाली करते वो सुजाता से बोलीं ,
" अरे असली पैकेट्स तो खोल न स्पेशल वाले। "
मेरी कुछ समझ में नहीं आया ,
लेकिन जब सुजाता ने पैकेट एक ब्लैक बैग से निकाला तो मैं और सोफीएक दूसरे की ओर देखकर मुस्कराये ,
उसी 'खेल खिलौने ' वाली दूकान का बैग था।
सोफी ने एक खूब लंबा मोटा रफ़ डिलडो निकाल के सोफी की 'सहेली' के हाथ में रख दिया ,
हम लोगों ने जो स्ट्रैप आन डिल्डो ख़रीदे थे ,उससे भी बहुत लम्बा और बहुत मोटा ,
" अरे पकड़ के देख न , "
सुजाता ने उनसे बोला और मेरी ओर इशारा करके कहने लगी ,
" अरे इसके हब्बी , मेरे जीजू , बस उन्ही के लिए ,एकदम चिकने मस्त माल हैं , लौंडिया मात। मेरी और उनकी सास दोनों की ज्वाइंट पसंद , सरप्राइज गिफ्ट। है न खूब मोटा , बिचारे अभी कोरे हैं , ...अरे ज़रा दबा के देख न कित्ता कड़ा है। "
बिचारे , उनकी तो हालत खरा,ब , लेकिन अबकी मम्मी ने उनको थोड़ी हिम्मत दिलाई। बोलीं
" तुम भी ,न अरे ये ये उनकी माँ और मेरी समधन के लिए है ,
लेकिन सुजाता तेरा आइडिया बुरा नहीं है , दर्द तो उसे बहुत होगा लेकिन ट्राई करने में क्या हर्ज है। "
मैंने बात बदलने की कोशिश की ,और मॉम से पुछा ,
" लेकिन मम्मी आप मेरी सास पर तो अपने दामाद को चढाने की बात कर रही थीं न। "
" अरे मैं क्या अब तो तेरी सास खुद तैयार है मेरे दामाद का घोंटने को , एकदम चढ़ेगा मेरा मुन्ना लेकिन उस छिनार के पिछवाड़े का क्या होगा। जब वो तेरी सास के आगे के छेद की सेवा करेगा तो उनकी चबुतरे ऐसी चौड़ी गांड में , सटासट ,गपागप ,... फिर एक बार मलाई खिलाने के बाद कुछ तो रिचार्ज होने में टाइम लगेगा तो बिचारी के भोसड़े में , ... है न मस्त। "
और बियर की तीसरी ग्लास ख़तम करते बोलीं ,
लेकिन ये मत सोचो की तेरे उसके लिए हम कुछ नहीं लाये हैं ,सुजाता दिखा न।
और सुजाता ने एक और पैकेट खोला और एक नया जखीरा उनके सामने रख दिया ,
हैंडकफ्स स्टील ग्रे लेकिन अंदर से वेलवेट पैडिंग ,
ब्लाइंडफोल्ड ,
तरह तरह के गैग्स
और वो भी सोफी की 'सहेली ' के हाथ में दे दिया।
और उस के साथ ही एक सरप्राइज पैकेट भी ,
" खोल के देख न , ये असली चीज है मेरे जीजू के लिए मेरी ओर से गिफ्ट ,"
सिलिकॉन बट प्लग्स और जो पहला उन्होंने खोला ,वही खतरनाक था ,जायन्ट साइज ,
कम से कम साढ़े चार इंच अंदर और ढाई इंच मोटा , डेढ़ इंच बाहर रहता।
सोफी की 'सहेली ; बोल पड़ी ,
कुछ ज्यादा बड़ा तो नहीं है , चेहरे पर चिन्ता की रेखा साफ़ साफ़ दिख रही थी।
" अरे वो तो है लेकिन कुछ दिन के बाद शुरू के लिए ये है"
और सुजाता ने एक और पैकेट खोल के दिखाया ,
बिगनर्स ऐनल ट्रेनींग किट उस पर लिखा था और उस की साइज अंदर की मुश्किल से ढाई इंच रही होगी।
कुछ दिन ये ट्राई करने के बाद मीडियम साइज और फिर जो अभी तू देख रही थी न वो , फिर जीजू को पिछवाड़े का पूरा मजा मिलेगा।
और भी चीजें थीं ऐनल , ऐनल डाइलेटर ,एनिमा किट जो एक बट प्लग में फिट हो जाता था।
बियर का चौथा ग्लास ख़तम हो रहा था ,साथ में स्नैक्स।
मम्मी को लगता है कुछ शक होगया था ,सोफी से बोलीं ,
तेरी सहेली को लगता है पहले भी कभी देखा है और सोफी की सहेली को बुला के पास बैठा लिया।
मुझे लगा की चोरी अब पकड़ी गयी ,
लेकिन सोफी बोली , शायद आप लोग जब पहली बार मेरे पार्लर में आयी थीं तब देखा होगा ,उस दिन वो ,...
वो मॉम के पास में 'बैठी ' और मम्मी एकदम ध्यान से देख रही थीं ,
" हाँ हो सकता है लेकिन लगता है की कभी उससे पहले भी ,... ' वो बोलीं।
अब मुझसे नहीं रहा गया। सोफी तो बाजी जीत ही चुकी थी , मम्मी इतनी देर में भी नहीं पहचान पायी।
मैं जोर जोर से हंसने लगी ,
" अरे मम्मी आपने मेरी शादी में देखा होगा इन्हें सबसे पहले। "
और मेरे साथ सोफी और वो भी हंसने लगे , अब पहचानी मम्मी ,
मम्मी खुश भी बहुत हुयी ,तुरंत उन्होंने सोफी की उनकी नजर उतारी लेकिन हजार गारिया पड़ी उनपर ,
" अइसन मस्त माल चलो घर बताती हूँ तुझे। '
" जानते हो ये हील कहां जायेगी , ... ? "
" अच्छी तरह और तुम छोड़ भी दोगी तो मेरी सास नहीं छोड़ने वाली। जाए तो जाए। " हंस के वो बोले।
थोड़ी देर में ढेर सारा शापिंग बैग लटकाये हम सब एक रेस्टोरेंट में थे , उन्होंने ग्रीन कांटेक्ट लेंस फिर से लगा लिया था और मेकअप भी फ्रेश कर लिया था।
' इनकी सास न पहचाने तो फाइनल जीत तेरी , " सोफी से हाई फाइव करते मैं बोलीं।
थिंक आफ डेविल , और तभी मम्मी और सुजाता भी दाखिल हुयी दोनों केहाथ शापिंग बैग से लदे , और सीधे हमारी टेबल पे।
सोफी ने ' उनकी ' ओर इशारा करके बोला , मेरी फ्रेंड।
मम्मी और सुजाता ने ध्यान से देखा , सुजाता तो ठीक बगल में बैठ गयी , उनके मेरे बीच में। मम्मी मेरे बगल में , और 'उनके ' सामने।
बिना मेरे कहे , मम्मी ने अपनी शापिंग दिखानी शुरू कर दी , और सोफी ने हम सब के लिए बियर आर्डर कर दिया।
पहले तो सुजाता ने साड़ियों का पैकेट खोला , कांजीवरम , जार्जेट ,शिफॉन ,...
सोफी और सुजाता के बीच सैंडविच ये भी देख रहे थे , कभी छू कर कभी सहला कर ,
और सोफी के साथ हलकी आवाज में ही सही ,तारीफ़ भी कर रहे थे।
लेकिन मम्मी से नहीं रहा गया , बियर का दूसरा ग्लास खाली करते वो सुजाता से बोलीं ,
" अरे असली पैकेट्स तो खोल न स्पेशल वाले। "
मेरी कुछ समझ में नहीं आया ,
लेकिन जब सुजाता ने पैकेट एक ब्लैक बैग से निकाला तो मैं और सोफीएक दूसरे की ओर देखकर मुस्कराये ,
उसी 'खेल खिलौने ' वाली दूकान का बैग था।
सोफी ने एक खूब लंबा मोटा रफ़ डिलडो निकाल के सोफी की 'सहेली' के हाथ में रख दिया ,
हम लोगों ने जो स्ट्रैप आन डिल्डो ख़रीदे थे ,उससे भी बहुत लम्बा और बहुत मोटा ,
" अरे पकड़ के देख न , "
सुजाता ने उनसे बोला और मेरी ओर इशारा करके कहने लगी ,
" अरे इसके हब्बी , मेरे जीजू , बस उन्ही के लिए ,एकदम चिकने मस्त माल हैं , लौंडिया मात। मेरी और उनकी सास दोनों की ज्वाइंट पसंद , सरप्राइज गिफ्ट। है न खूब मोटा , बिचारे अभी कोरे हैं , ...अरे ज़रा दबा के देख न कित्ता कड़ा है। "
बिचारे , उनकी तो हालत खरा,ब , लेकिन अबकी मम्मी ने उनको थोड़ी हिम्मत दिलाई। बोलीं
" तुम भी ,न अरे ये ये उनकी माँ और मेरी समधन के लिए है ,
लेकिन सुजाता तेरा आइडिया बुरा नहीं है , दर्द तो उसे बहुत होगा लेकिन ट्राई करने में क्या हर्ज है। "
मैंने बात बदलने की कोशिश की ,और मॉम से पुछा ,
" लेकिन मम्मी आप मेरी सास पर तो अपने दामाद को चढाने की बात कर रही थीं न। "
" अरे मैं क्या अब तो तेरी सास खुद तैयार है मेरे दामाद का घोंटने को , एकदम चढ़ेगा मेरा मुन्ना लेकिन उस छिनार के पिछवाड़े का क्या होगा। जब वो तेरी सास के आगे के छेद की सेवा करेगा तो उनकी चबुतरे ऐसी चौड़ी गांड में , सटासट ,गपागप ,... फिर एक बार मलाई खिलाने के बाद कुछ तो रिचार्ज होने में टाइम लगेगा तो बिचारी के भोसड़े में , ... है न मस्त। "
और बियर की तीसरी ग्लास ख़तम करते बोलीं ,
लेकिन ये मत सोचो की तेरे उसके लिए हम कुछ नहीं लाये हैं ,सुजाता दिखा न।
और सुजाता ने एक और पैकेट खोला और एक नया जखीरा उनके सामने रख दिया ,
हैंडकफ्स स्टील ग्रे लेकिन अंदर से वेलवेट पैडिंग ,
ब्लाइंडफोल्ड ,
तरह तरह के गैग्स
और वो भी सोफी की 'सहेली ' के हाथ में दे दिया।
और उस के साथ ही एक सरप्राइज पैकेट भी ,
" खोल के देख न , ये असली चीज है मेरे जीजू के लिए मेरी ओर से गिफ्ट ,"
सिलिकॉन बट प्लग्स और जो पहला उन्होंने खोला ,वही खतरनाक था ,जायन्ट साइज ,
कम से कम साढ़े चार इंच अंदर और ढाई इंच मोटा , डेढ़ इंच बाहर रहता।
सोफी की 'सहेली ; बोल पड़ी ,
कुछ ज्यादा बड़ा तो नहीं है , चेहरे पर चिन्ता की रेखा साफ़ साफ़ दिख रही थी।
" अरे वो तो है लेकिन कुछ दिन के बाद शुरू के लिए ये है"
और सुजाता ने एक और पैकेट खोल के दिखाया ,
बिगनर्स ऐनल ट्रेनींग किट उस पर लिखा था और उस की साइज अंदर की मुश्किल से ढाई इंच रही होगी।
कुछ दिन ये ट्राई करने के बाद मीडियम साइज और फिर जो अभी तू देख रही थी न वो , फिर जीजू को पिछवाड़े का पूरा मजा मिलेगा।
और भी चीजें थीं ऐनल , ऐनल डाइलेटर ,एनिमा किट जो एक बट प्लग में फिट हो जाता था।
बियर का चौथा ग्लास ख़तम हो रहा था ,साथ में स्नैक्स।
मम्मी को लगता है कुछ शक होगया था ,सोफी से बोलीं ,
तेरी सहेली को लगता है पहले भी कभी देखा है और सोफी की सहेली को बुला के पास बैठा लिया।
मुझे लगा की चोरी अब पकड़ी गयी ,
लेकिन सोफी बोली , शायद आप लोग जब पहली बार मेरे पार्लर में आयी थीं तब देखा होगा ,उस दिन वो ,...
वो मॉम के पास में 'बैठी ' और मम्मी एकदम ध्यान से देख रही थीं ,
" हाँ हो सकता है लेकिन लगता है की कभी उससे पहले भी ,... ' वो बोलीं।
अब मुझसे नहीं रहा गया। सोफी तो बाजी जीत ही चुकी थी , मम्मी इतनी देर में भी नहीं पहचान पायी।
मैं जोर जोर से हंसने लगी ,
" अरे मम्मी आपने मेरी शादी में देखा होगा इन्हें सबसे पहले। "
और मेरे साथ सोफी और वो भी हंसने लगे , अब पहचानी मम्मी ,
मम्मी खुश भी बहुत हुयी ,तुरंत उन्होंने सोफी की उनकी नजर उतारी लेकिन हजार गारिया पड़ी उनपर ,
" अइसन मस्त माल चलो घर बताती हूँ तुझे। '