05-01-2020, 08:17 AM
सुमन वो सब बाते जैसे उसका दिमाग़ पढ़ते हुए बोल रही थी....सुमन की बात सुनकर आश्चर्य के साथ डिंपल का मुँह खुलता चला गया...वो भी समझ चुकी थी की डिंपल ने ये बात ताड़ ली है की उसके दिल में राहुल के लिए क्या है...इसलिए अब छुपाने का कोई फायदा नही है..
डिंपल : "लेकिन तुम ये कैसे करोगी...वो भला तुम्हारी बात क्यो मानेगा...''
सुमन : "वो तुम मुझपर छोड़ दो...लेकिन उसके बाद तुम्हे वो करना पड़ेगा जो मैं चाहती हूँ ...''
डिंपल ने बिना सोचे समझे बोल दिया : "मंजूर है...''
उसके बाद सुमन ने डिंपल को कुछ समझाकर वापिस बाहर भेज दिया और तभी अंदर आने को कहा जब राहुल अंदर की तरफ आ जाए..और इस बीच उसने सभी लेडीज़ को वोड्का के डबल ग्लास सर्व करवा दिए...ताकि वो पीकर मस्त हो जाए...सुमन ने भी बाहर निकल कर अपने पति को साइड में लेजाकर अपनी योजना समझाई......वो भी अपनी बीबी के दिमाग़ की दाद दिए बिना नही रह सका...
अब खेल ऐसा होने वाला था की वहां बैठे ठर्कियों का भी भला होने वाला था और राहुल के प्यार में सुलग रही डिंपल का भी...सुमन ने तो आज सिर्फ़ सूत्रधार का काम करना था बस..
डिंपल जब सभी को वोड्का सर्व कर रही थी तो सुमन उठकर अंदर की तरफ चल दी...और पीछे मुड़कर उसने राहुल को इशारे से अंदर आने के लिए कहा...
राहुल तो पहले से ही काफ़ी उत्तेजित था....डिंपल के कपड़े देखकर उसका लंड बैठने का नाम ही नही ले रहा था...ऐसे में सुमन ने जिस अंदाज में उसे अंदर आने का इशारा किया था तो उससे रहा नही गया...वो उठकर जाने लगा तो शशांक ने उसे टोक दिया : "अरे भाई ....कहाँ चल दिए....अगली गेम शुरू होने वाली है...''
राहुल : "मेरे पेट में कुछ गड़बड़ सी लग रही है...मैं वॉशरूम होकर आता हूँ ...आप खेलिए...''
शशांक : "नही दोस्त...ऐसे नही चलेगा...या तो तुम्हारे आने तक का वेट करेंगे या फिर अपनी जगह सबा को खेलने के लिए बिठाकर जाओ...''
वैसे तो ऐसा ज़रूरी नही था की वो तीन पत्ती का खेल खेले ही...लेकिन सबा का नाम सुनकर वहां बैठे सभी के लंड में एकदम कड़कपन सा आ गया...कपूर साहब भी बोल पड़े : "हाँ भाई....ऐसे तो खेल बीच में ही रुक जाएगा...इससे अच्छा अपनी वाइफ को बोलो की आकर बैठ जाए...जब तुम वापिस आओ तो वहां से आगे तुम खेल लेना ...''
राहुल के साथ सबा अक्सर घर पर भी ये खेल खेला करती थी...इसलिए राहुल को खेल की चिंता नही थी...उसे बस ये डर था की कही इन सब मर्दो के बीच बैठने से वो मना ना कर दे...उसने सबा की तरफ देखा जो उनकी बाते बड़े गौर से सुन रही थी, उसने सर हिलाकर झट से हाँ कर दी ...राहुल को तो विश्वास ही नही हुआ की वो इतनी जल्दी मान जाएगी...
पिछले दो दिनों से इतने पैसे जीतने के बाद उसकी भी इस खेल में रूचि बड़ चुकी थी...और थोड़ा बहुत नशे का असर भी था जो उसे खुलकर खेल खेलने के लिए भी उकसा रहा था...इसलिए उसने खुद ही हाँ कर दी और उठकर उन मर्दों के बीच आकर बैठ गयी.
राहुल भागकर अंदर चल दिया...सुमन पहले से ही अंदर जा चुकी थी...लेडीज़ ने भी तंबोला की गेम खेलनी शुरू कर दी..और साथ में दारू भी चल रही थी...इसलिए सुमन की अनुपस्थिति का किसी को भी एहसास नही हो रहा था.
अंदर पहुँचते ही राहुल ने सुमन को बुरी तरह से दबोच लिया और उसके मुम्मो को जोर-२ से दबाने लगा...सुमन ने भी अपनी टॉप को ऊपर उठाकर अपने बूब्स उसके सामने परोस दिए और वो उन्हे अपने तेज दांतो से नोचने लगा..
सुमन : "अहह......मेरी जान.......क्या बात है.....इतने एक्साइटिड तो सुबह भी नही थे....लगता है डिंपल को देखकर तुम्हारा ये हाल है...''
डिंपल का नाम सुनते ही राहुल ने भी ठीक उसी तरह से चोंक कर उसे देखा जैसे डिंपल ने राहुल का नाम सुनकर उसे देखा था...
सुमन : ''घबराओ मत...ये सब चलता है....इनफेक्ट वो भी तुम्हारे लिए ही वो ड्रेस पहन कर अपने जलवे दिखा रही है...''
राहुल : "मेरे लिए....??''
सुमन : "हाँ ....तुम्हारे लिए.....यकीन नही होता तो पीछे मुड़कर देख लो...''
राहुल पीछे मुड़ा तो उसके चेहरे से पसीने निकलने लग गए ...पीछे डिंपल खड़ी थी...
डिंपल : "लेकिन तुम ये कैसे करोगी...वो भला तुम्हारी बात क्यो मानेगा...''
सुमन : "वो तुम मुझपर छोड़ दो...लेकिन उसके बाद तुम्हे वो करना पड़ेगा जो मैं चाहती हूँ ...''
डिंपल ने बिना सोचे समझे बोल दिया : "मंजूर है...''
उसके बाद सुमन ने डिंपल को कुछ समझाकर वापिस बाहर भेज दिया और तभी अंदर आने को कहा जब राहुल अंदर की तरफ आ जाए..और इस बीच उसने सभी लेडीज़ को वोड्का के डबल ग्लास सर्व करवा दिए...ताकि वो पीकर मस्त हो जाए...सुमन ने भी बाहर निकल कर अपने पति को साइड में लेजाकर अपनी योजना समझाई......वो भी अपनी बीबी के दिमाग़ की दाद दिए बिना नही रह सका...
अब खेल ऐसा होने वाला था की वहां बैठे ठर्कियों का भी भला होने वाला था और राहुल के प्यार में सुलग रही डिंपल का भी...सुमन ने तो आज सिर्फ़ सूत्रधार का काम करना था बस..
डिंपल जब सभी को वोड्का सर्व कर रही थी तो सुमन उठकर अंदर की तरफ चल दी...और पीछे मुड़कर उसने राहुल को इशारे से अंदर आने के लिए कहा...
राहुल तो पहले से ही काफ़ी उत्तेजित था....डिंपल के कपड़े देखकर उसका लंड बैठने का नाम ही नही ले रहा था...ऐसे में सुमन ने जिस अंदाज में उसे अंदर आने का इशारा किया था तो उससे रहा नही गया...वो उठकर जाने लगा तो शशांक ने उसे टोक दिया : "अरे भाई ....कहाँ चल दिए....अगली गेम शुरू होने वाली है...''
राहुल : "मेरे पेट में कुछ गड़बड़ सी लग रही है...मैं वॉशरूम होकर आता हूँ ...आप खेलिए...''
शशांक : "नही दोस्त...ऐसे नही चलेगा...या तो तुम्हारे आने तक का वेट करेंगे या फिर अपनी जगह सबा को खेलने के लिए बिठाकर जाओ...''
वैसे तो ऐसा ज़रूरी नही था की वो तीन पत्ती का खेल खेले ही...लेकिन सबा का नाम सुनकर वहां बैठे सभी के लंड में एकदम कड़कपन सा आ गया...कपूर साहब भी बोल पड़े : "हाँ भाई....ऐसे तो खेल बीच में ही रुक जाएगा...इससे अच्छा अपनी वाइफ को बोलो की आकर बैठ जाए...जब तुम वापिस आओ तो वहां से आगे तुम खेल लेना ...''
राहुल के साथ सबा अक्सर घर पर भी ये खेल खेला करती थी...इसलिए राहुल को खेल की चिंता नही थी...उसे बस ये डर था की कही इन सब मर्दो के बीच बैठने से वो मना ना कर दे...उसने सबा की तरफ देखा जो उनकी बाते बड़े गौर से सुन रही थी, उसने सर हिलाकर झट से हाँ कर दी ...राहुल को तो विश्वास ही नही हुआ की वो इतनी जल्दी मान जाएगी...
पिछले दो दिनों से इतने पैसे जीतने के बाद उसकी भी इस खेल में रूचि बड़ चुकी थी...और थोड़ा बहुत नशे का असर भी था जो उसे खुलकर खेल खेलने के लिए भी उकसा रहा था...इसलिए उसने खुद ही हाँ कर दी और उठकर उन मर्दों के बीच आकर बैठ गयी.
राहुल भागकर अंदर चल दिया...सुमन पहले से ही अंदर जा चुकी थी...लेडीज़ ने भी तंबोला की गेम खेलनी शुरू कर दी..और साथ में दारू भी चल रही थी...इसलिए सुमन की अनुपस्थिति का किसी को भी एहसास नही हो रहा था.
अंदर पहुँचते ही राहुल ने सुमन को बुरी तरह से दबोच लिया और उसके मुम्मो को जोर-२ से दबाने लगा...सुमन ने भी अपनी टॉप को ऊपर उठाकर अपने बूब्स उसके सामने परोस दिए और वो उन्हे अपने तेज दांतो से नोचने लगा..
सुमन : "अहह......मेरी जान.......क्या बात है.....इतने एक्साइटिड तो सुबह भी नही थे....लगता है डिंपल को देखकर तुम्हारा ये हाल है...''
डिंपल का नाम सुनते ही राहुल ने भी ठीक उसी तरह से चोंक कर उसे देखा जैसे डिंपल ने राहुल का नाम सुनकर उसे देखा था...
सुमन : ''घबराओ मत...ये सब चलता है....इनफेक्ट वो भी तुम्हारे लिए ही वो ड्रेस पहन कर अपने जलवे दिखा रही है...''
राहुल : "मेरे लिए....??''
सुमन : "हाँ ....तुम्हारे लिए.....यकीन नही होता तो पीछे मुड़कर देख लो...''
राहुल पीछे मुड़ा तो उसके चेहरे से पसीने निकलने लग गए ...पीछे डिंपल खड़ी थी...