05-01-2020, 08:13 AM
रूपा जब ज़मीन पर झाड़ू लगा रही थी तब मेरी नज़र उसके उभारो पर गयी. उसके दोनो उरोज आज भी उस दिन की तरह एक दम सख़्त हो रहे थे. रूपा को देख कर मुझे उसकी रात वाली सूरत याद आने लग गयी जब वो अपने चेहरे पर अलग-अलग तरह के भाव ला रही थी. जैसे जैसे अमित उसमे धक्के लगता उसके मुँह से सिसकारिया निकालने लग जाती. उसने सिसकारिया लेते हुए अपने दोनो होंठो को एक दूसरे के साथ कस कर जाकड़ लिया था ताकि मुँह से ज़्यादा तेज आवाज़ ना निकल सके.. हर धक्के के साथ उसके चेहरे के भाव बदल से जाते थे.
पर जब भी अमित मेरे बारे मे उस से पूछता था उसके चेहरे के भाव एक दम अलग ही हो जाते थे. जैसे की वो मेरे बारे मे सुन कर बोहोत जल भुन सी गयी हो. एक अजीब सी फिकर एक अजीब सी चिंता उसके चेहरे पर घर कर लेती थी.
मेरा ध्यान अब भी उसकी छाती पर ही था उसने हाफ़ कट बाजू वाला ब्लाउस पहना हुआ था. ऑर ब्लाउस मे से उसके क्लीवेज सॉफ नज़र आ रहे थे. उसके दोनो उरोज ऐसा लग रहा था जैसे ब्लाउस कूद कर अभी बाहर आ जाएगे. उसका रंग थोड़ा दबा हुआ था ब्लॅक तो नही कहा जा सकता पर हल्का सांवला ज़रूर था.
झाड़ू लगाते हुए पता नही कब उसने मुझे अपनी छाती घूरते हुए देख लिया मुझे पता ही नही चला..
ऐसे क्या देख रही हो मेम्साब ? आप से ज़्यादा सुंदर नही है..हहहे
उसकी बात सुन कर मैं बुरी तरह से चोव्न्क गयी. क्या क्या क्या देख रही हू कुछ भी तो नही. ऑर क्या मुझसे ज़्यादा सुंदर नही है.? मैने लगभग बुरी तरह से हॅड-बदाते हुए कहा.
अरे मेम्साब वही जो अभी आप देख रही थी कहते हुए उसने अपना एक हाथ अपने उरोज पर रख दिया.
मेरी दोनो आँखे शरम से नीचे हो गयी. क्या बकवास कर रही हो ? ऐसा कुछ नही है मैं तो वो बस तुम्हारे ब्लाउस की डिज़ाइन देख रही थी.
मेंसाब् मिश्रा मेम्साब आप के बारे मे पूछ रही थी.? कह रही थी कि जब उनके घर जाना तो उनसे कह देना कि मुझसे बात कर ले. उसने बात को वही घुमा कर ख़तम करते हुए कहा.
कब पूछ रही थी मिसेज़. मिश्रा मेरे बारे मे ? मैने उस से थोड़ा गंभीर होते हुए पूछा
जी अभी थोड़ी देर पहले ही जब मैं उनके यहाँ काम करने गयी थी यहा आने से पहले तब ही कहा था कि आप से बोल दू कि मिश्राइन जी से बात कर लो.
ठीक है मैं बात कर लुगी उनसे. मैने बात को ज़्यादा आगे ना बढ़ाते हुए उसे गंभीर होते हुए जवाब दे दिया.
थोड़ी ही देर मे वो अपना काम ख़तम करके चली गयी. ओर मैने दरवाजा बंद कर लिया. उसके जाने के बाद ही मैने म्र्स. मिश्रा को फ़ोन लगाया.
मिसेज़. मिश्रा हमारे पड़ोस मे ही रहती है. उनकी शादी अभी कुछ महीने पहले ही हुई थी. मिसेज़. मिश्रा के पति किसी MणC मे काम करते है, ऑर किसी ऑफीसर पोस्ट पर है. 2-4 पार्टी मे हम दोनो की एक साथ मुलाकात हुई थी ओर मेरी उस से काफ़ी अच्छी दोस्ती भी हो गयी थी. फ़ोन की दो तीन घंटी बजने के बाद ही फ़ोन उठा लिया गया.
पर जब भी अमित मेरे बारे मे उस से पूछता था उसके चेहरे के भाव एक दम अलग ही हो जाते थे. जैसे की वो मेरे बारे मे सुन कर बोहोत जल भुन सी गयी हो. एक अजीब सी फिकर एक अजीब सी चिंता उसके चेहरे पर घर कर लेती थी.
मेरा ध्यान अब भी उसकी छाती पर ही था उसने हाफ़ कट बाजू वाला ब्लाउस पहना हुआ था. ऑर ब्लाउस मे से उसके क्लीवेज सॉफ नज़र आ रहे थे. उसके दोनो उरोज ऐसा लग रहा था जैसे ब्लाउस कूद कर अभी बाहर आ जाएगे. उसका रंग थोड़ा दबा हुआ था ब्लॅक तो नही कहा जा सकता पर हल्का सांवला ज़रूर था.
झाड़ू लगाते हुए पता नही कब उसने मुझे अपनी छाती घूरते हुए देख लिया मुझे पता ही नही चला..
ऐसे क्या देख रही हो मेम्साब ? आप से ज़्यादा सुंदर नही है..हहहे
उसकी बात सुन कर मैं बुरी तरह से चोव्न्क गयी. क्या क्या क्या देख रही हू कुछ भी तो नही. ऑर क्या मुझसे ज़्यादा सुंदर नही है.? मैने लगभग बुरी तरह से हॅड-बदाते हुए कहा.
अरे मेम्साब वही जो अभी आप देख रही थी कहते हुए उसने अपना एक हाथ अपने उरोज पर रख दिया.
मेरी दोनो आँखे शरम से नीचे हो गयी. क्या बकवास कर रही हो ? ऐसा कुछ नही है मैं तो वो बस तुम्हारे ब्लाउस की डिज़ाइन देख रही थी.
मेंसाब् मिश्रा मेम्साब आप के बारे मे पूछ रही थी.? कह रही थी कि जब उनके घर जाना तो उनसे कह देना कि मुझसे बात कर ले. उसने बात को वही घुमा कर ख़तम करते हुए कहा.
कब पूछ रही थी मिसेज़. मिश्रा मेरे बारे मे ? मैने उस से थोड़ा गंभीर होते हुए पूछा
जी अभी थोड़ी देर पहले ही जब मैं उनके यहाँ काम करने गयी थी यहा आने से पहले तब ही कहा था कि आप से बोल दू कि मिश्राइन जी से बात कर लो.
ठीक है मैं बात कर लुगी उनसे. मैने बात को ज़्यादा आगे ना बढ़ाते हुए उसे गंभीर होते हुए जवाब दे दिया.
थोड़ी ही देर मे वो अपना काम ख़तम करके चली गयी. ओर मैने दरवाजा बंद कर लिया. उसके जाने के बाद ही मैने म्र्स. मिश्रा को फ़ोन लगाया.
मिसेज़. मिश्रा हमारे पड़ोस मे ही रहती है. उनकी शादी अभी कुछ महीने पहले ही हुई थी. मिसेज़. मिश्रा के पति किसी MणC मे काम करते है, ऑर किसी ऑफीसर पोस्ट पर है. 2-4 पार्टी मे हम दोनो की एक साथ मुलाकात हुई थी ओर मेरी उस से काफ़ी अच्छी दोस्ती भी हो गयी थी. फ़ोन की दो तीन घंटी बजने के बाद ही फ़ोन उठा लिया गया.