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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
Update 124

 
अचानक गौरव अंकिता से अलग हो गया.
 
क्या हुआ?”
 
एक मिनिटअभी आया.”
 
गौरव कमरे से बाहर गया. एक मिनिट बाद वो एक गद्दा ले कर आया कमरे में और उसे वही रख दिया जहाँ वो पीछले दिन गिरा था.
 
ये क्या कर रहे हो ...”
 
अपनी कमर को बचाने का इंतज़ाम कर रहा हूँ.”
 
हाहहाहा....धक्का नही दूँगी तुम्हे आज चिंता मत करो.”
 
तुम्हारे मूड का कुछ भरोसा नही. अपनी कमर बचाने का इंतज़ाम करना ज़रूरी है.”
 
गौरव बेड पर चढ़ कर अंकिता के उपर गया और उसकी टाँगो को उठा कर अपने कंधो पर रख लिया. गौरव ने अपने लंड को पकड़ कर अंकिता की चूत पर रखा तो वो काँप उठी. आँखे बंद करली उसने अपनी.
 
"अंकिता दर्द देना नही चाहता तुम्हे पर दिल के हाथो मजबूर हूँ. थोड़ा सा सहना होगा तुम्हे.
 
"ये प्यार दर्द क्यों देता है गौरव."
 
"दर्द में भी मज़ा आएगा मेडम...आँखे बंद करके इस पल में खोने की कोशिश करो...हहहे."
 
"हँसो मत वरना गिरा दूँगी तुम्हे."
 
"नही ऐसा मत करना. मेरी कमर पहले ही दुख रही है."
 
गौरव ने अपने लंड को अंकिता की चूत पर रगड़ा तो अंकिता ने तुरंत आँखे बंद करके अपना मूह भींच लिया.
 
"हाहहाहा...अभी वक्त है मेडम जी...अभी उन्हे गले मिल लेने दो."
 
"मुझे इस बारे में कुछ भी नही पता. प्लीज़ मेरा मज़ाक मत उड़ाओ..."
 
" एस पी साहिबा बहुत डाँट पीलाई है आपने मुझे. अब मेरी बारी है आपको सताने की."
 
"उफ्फ कहाँ फँस गयी मैं."
 
"बहुत अच्छी जगह फँसी हो. अब मैं रहा हूँ तुम्हारे अंदर...भींच लो दाँत अपने हहेहहे."
 
ये सुनते ही अंकिता के चेहरे पर शिकन गयी. उसने अपना मूह भींच लिया और बिस्तर पर बिछी चादर को मुट्ठी में दबोच लिया.
 
गौरव ने अंकिता के अंदर परवेश शुरू किया तो अंकिता ने और ज़ोर से मूह भींच लिया. उसकी साँसे बहुत तेज चलने लगी. असह्निय पीड़ा हो रही थी अंकिता को मगर उसने ओफ तक नही की. जब उसने गौरव के लंड पर ध्यान केंद्रित किया और उसे खुद में समाते हुए महसूस किया तो पीड़ा का अहसास ख़तम होता गया और मिलन की ख़ुशी धीरे धीरे उसके चेहरे पर उभरने लगी. दोनो अब एक सुंदर संभोग के लिए तैयार थे.
 
प्यार में आई इस बाधा को पार कर लिया दोनो ने. प्यार वैसे कभी किसी बाधा को टिकने भी नही देता. बहुत खूबसूरत संभोग हुआ दोनो के बीच. जितना अनमोल उनका प्यार था उतना ही अनमोल उनका संभोग था. दोनो पूरे जोश में प्यार कर रहे थे. पूरा बिस्तर हिल रहा था उनके प्यार के झटको के साथ. तूफान थमने का नाम ही नही ले रहा था. दोनो पसीने-पसीने हो गये थे पर रुकने को तैयार नही थे. ऐसा तूफ़ानी प्यार सिर्फ़ प्यार में डूबे लोग ही कर सकते हैं. जो सिर्फ़ सेक्स के लिए एक दूसरे के करीब आते हैं वो इस तूफान को कभी महसूस नही कर पाते.
 
जब तूफान थमा तो दोनो बुरी तरह हांप रहे थे. साँसे बहुत तेज चल रही थी दोनो की.
 
एस पी साहिबा ये क्या किया.”
 
क्या हुआ?”
 
आज नीचे नही गिराया तो मेरी पीठ छील डाली तुमने नाख़ून मार मार कर.”
 
सॉरी मुझे होश ही नही रहा. आगे से ध्यान रखूँगी.” अंकिता ने कहा.
 
आगे से और ज़्यादा मारना. आइ लाइक इट. मुझे फीडबॅक मिलता रहता है कि हर एक धक्का तुम्हे कितना आनंद दे रहा है.”
 
चुप हो जाओ वरना…”
 
रिज़ाइन कर चुका हूँ मैं भूल गयी.... हहेहहे.”
 
क्या तुम जॉइन नही करोगे?”
 
नहीमेरा मन कुछ और करने का है. सौरभ के साथ डीटेक्टिव एजेन्सी खोलने का प्लान बना रहा हूँ.”
 
डीटेक्टिव एजेन्सी वाओग्रेट.”
 
हांदेखना खूब तर्रक्कि करेंगे हम.”
 
जानती हूँ मैं.तुम जो भी काम करोगे तर्रक्कि मिलेगी ही मिलेगी... क्योंकि बहुत मेहनत से करते हो सब कुछ.”
 
ह्म्म्म... बाते कम काम ज़्यादा. एक बार और हो जाए प्यारबोलिए क्या है इरादा." गौरव ने कहा.
 
जैसी तुम्हारी मर्ज़ी. तुम्हारी पत्नी हूँ मैं तुम्हारी बॉस नही. मुझसे पूछने की ज़रूरत नही है.”
दोनो के होठ एक दूसरे से जुड़ गये और प्यार का तूफान फिरसे शुरू हो गया.
 
……………………………………
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RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 03-01-2020, 12:24 PM



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