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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
Heart 
Update 123

 
 
गौरव थोड़ी देर बाद बेडरूम से बाहर आया तो उसने अंकिता को हर तरफ देखा. उसे नही पता था कि अंकिता जा चुकी है. घर में हर तरफ देखने के बाद उसने बाहर देखा.
 
उसकी कार यहाँ नही है. मतलब की वो चली गयी. बिना कुछ कहेबिना कुछ बोले. दिस ईज़ नोट लव. ये प्यार नही ज़हर है मेरे लिए जो मुझे बर्बाद कर देगा.”
अंकिता घर आते ही अपने बेडरूम में आकर बिस्तर पर गिर गयी और रोने लगी. “गौरव क्यों किया ऐसा तुमने मेरे साथ. क्या ये सब करना ज़रूरी था...मैं रोक रही थी और तुम रुक ही नही रहे थे. क्या यही प्यार है.”
 
बहुत देर तक यू ही पड़ी रही अंकिता और उसकी आँखो से रह-रह कर आँसू टपकते रहे. कब आँख लग गयी उसकी, उसे पता ही नही चला.
 
    ##
 
सुबह अचानक 5 बजे आँख खुल गयी उसकी. उसने घड़ी में टाइम देखा. टाइम देखते ही उसे ख्याल आया, “6 बजे की ट्रेन थी गौरव की. कही वो चला तो नही जाएगा.” अब उसका गुस्सा थोड़ा शांत हो गया था.
 
अंकिता ने तुरंत गौरव को फोन मिलाया. रिंग जाती रही पर फोन नही उठाया गौरव ने.
 
पिक अप दा फोन गौरवप्लीज़…”
 
अंकिता ने काई बार ट्राइ किया फोन पर कोई रेस्पॉन्स नही मिला.
 
"कही वो जा तो नही रहा मुझे छोड़ कर?" ये ख्याल आते ही अंकिता फ़ौरन बिस्तर से उठ गयी. अपनी कार की चाबी उठाई उसने और चुपचाप घर से बाहर गयी. कार में बैठ कर वो गौरव के घर की तरफ चल दी. जब वो गौरव के घर पहुँची तो उसे ताला टंगा मिला.
 
मुझसे बात किए बिना चले गये तुम गौरव. क्या इतने नाराज़ हो गये मुझसे?. क्या सारी ग़लती मेरी ही है...क्या तुम्हारी कोई ग़लती नही थी.” अंकिता ने मन ही मन सोचा.
 
अंकिता ने कार तुरंत रेलवे स्टेशन की तरफ मोड़ ली. रेलवे स्टेशन पहुँच कर उसने एंक्वाइरी से पता किया कि पुणे जाने वाली ट्रेन कों से प्लॅटफॉर्म पर मिलेगी. वो तुरंत प्लॅटफॉर्म नो 3 की तरफ दौड़ी.
 
गौरव उसे प्लॅटफॉर्म पर ही मिल गया. वो एक बेंच पर गुम्सुम बैठा था. सर लटका हुआ था उसका और एक टक ज़मीन की तरफ देख रहा था वो. अंकिता चुपचाप उसके पास आकर बैठ गयी.
 
जा रहे हो मुझे छोड़ कर तुम.” अंकिता बड़े प्यार से बोली.
 
गौरव ने कोई जवाब नही दिया.
 
क्या बात भी नही करोगे मुझसे.” अंकिता ने गौरव के कंधे पर हाथ रख कर कहा.
 
गौरव चुपचाप बैठा रहा.
 
आय ऍम सॉरी गौरवप्लीज़ मुझे यू छोड़ कर मत जाओ.” अंकिता गिड़गिडाई
 
कल कॉन गया था छोड़ कर. तुम ही थी ना. क्या हक़ है तुम्हे मुझे रोकने का.” गौरव ने गुस्से में कहा.
 
गौरव मुझे कोई भी सज़ा दे दो पर मुझे छोड़ कर मत जाओ.”
 
तुम्हारा प्यार ज़हर बन गया है मेरे लिए. दिल करता है मर जाऊ कही जाकर.” गौरव गुस्से में बोला.
 
अंकिता फूट-फूट कर रोने लगी गौरव की बात सुन कर. "प्लीज़ ऐसा मत कहो...जो भी सज़ा देनी है दे दो मुझे पर ऐसे मत जाओ."
 
नाटक मत करो मेरे सामने. दफ़ा हो जाओ यहाँ से....मैं तुमसे कोई बात नही करना चाहतागौरव गुस्से में बोला.
 
कर लेना जो करना है तुम्हे मेरे साथ. नही रोकूंगी तुम्हे...छोटी सी ग़लती की इतनी बड़ी सज़ा मत दो मुझे.”
 
हां जैसे कि मैं तो तुम्हारे शरीर का भूका हूँ. कल भी कुछ ऐसा ही बोल रही थी. तुमने ही गिराया था ना मुझे बेड से नीचे. अभी तक कमर दुख रही है मेरी.”
 
मुझे भी दर्द है अभी तक वहाँ. मुझसे सहा नही जा रहा था. और तुम हट नही रहे थे...मुझे गुस्सा गया था. तुम मेरी जगह होते तो क्या करते?”
 
चलो ठीक है धक्का दिया कोई बात नही. गिरने से मेरी कमर टूट गयी उसकी भी कोई बात नही. तुम तो भाग गयी बिना बताए. मैं घर में ढूढ़ता रहा तुम्हे पागलो की तरह. पर तुम वहाँ होती तो मिलती. तुमसे प्यार करना मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल साबित हो रही है.”
 
अंकिता गौरव के कदमो में बैठ गयी. “मर जाऊगी मैं अगर तुम गये मुझे छोड़ कर तो...प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.”
 
उठो लोग देख रहे हैं. किसी ने तुम्हे पहचान लिया तो किरकिरी होगी तुम्हारी.” गौरव ने कहा.
 
होने दो….मुझे उसकी चिंता नही है...तुम चले गये तो मैं बिखर जाऊगी.”
 
अजीब हो तुम भी. कल तो मुझे छोड़ कर भाग गयी थी. अब मैं जा रहा हूँ तो मुझे रोक रही हो.”
 
दिल के हाथो मजबूर हूँ नाक्या करूँतुम्हारे बिना नही जी सकती मैं." अंकिता सुबक्ते हुए बोली
 
सोचो मुझ पर क्या बीती होगी जब तुम घर से बिना बताए चली गयी थी.” गौरव ने कहा.
 
मुझे अपनी भूल का अहसास है गौरव. तुम जो सज़ा दोगे मुझे मंजूर होगी.”
 
तुम्हारे साथ सेक्स नही कर पाउन्गा अब मैं. तुम्हे छूने का मन नही करेगा अब.”
 
अगर तुम्हे लगता है कि यही मेरी सज़ा है तो मंजूर है मुझे. वैसे इस से बड़ी सज़ा हो भी नही सकती मेरे लिए कि मेरा प्यार मुझे प्यार ना करे.” अंकिता रोते हुए बोली.
 
मैं मजबूर हूँ. कल की घटना के बाद तुम्हारे पास आने का मन नही करेगा.”
 
ठीक है मेरे करीब मत आना. मेरे साथ तो रहोगे ना.” अंकिता ने कहा.
 
तभी अंकिता का फोन बज उठा. फोन उसके पापा का था.
 
कहाँ हो तुम बेटा...सुबह सुबह कहा चली गयी.?”
 
पापा मैं गौरव के साथ हूँ.मैं घर नही आउन्गि अब. मैं गौरव से शादी कर रही हूँ आज. मुझे माफ़ कर दीजिएगा. अगर आपको मंजूर नही तो मुझे मंदिर में आकर गोली मार दीजिएगा. आज मैने गौरव से शादी नही की तो मैं मर जाऊगी. सॉरी पापापर मैं अपने दिल के हाथो मजबूर हूँ.” अंकिता ने फोन काट दिया.
 
भावनाओ में बह कर अंकिता वो बोल गयी जो होश में कभी भी नही बोल सकती थी.
 
ये क्या बोल रही हो. ये अचानक शादी का प्लान कैसे बन गया.” गौरव ने पूछा.
 
क्या तुम खुश नही हो. क्या मुझसे शादी नही करना चाहते.”
 
करना चाहता हूँपर.” गौरव सोच में पड़ गया.
 
परवर कुछ नही. अपने पापा को बोल चुकी हूँ मैं. हम आज ही शादी करेंगे.” अंकिता सुबक्ते हुए बोली.
 
गौरव गहरी सोच में डूब गया.
 
तुम शादी नही करना चाहते मुझसे है ना. मैने तुम्हारी जिंदगी ज़हर बना दी है इसलिए तुम शादी नही करना चाहते मुझसे. मेरी छ्होटी सी भूल की बहुत बड़ी सज़ा दे रहे हो तुम मुझे." अंकिता की आँखे भर आई.
 
गौरव ने अंकिता को बाहों में भर लिया, “बस..बस चुप हो जाओ. इतना प्यार मत दो मुझे की मैं संभाल भी ना पाउ. मुझे नही पता था कि इतना प्यार करती हो तुम मुझे. मुझे यही लग रहा था कि मेरा ही दिमाग़ खराब है. पर जब तुमने अपने पापा से शादी के बारे में बोल दिया तो मैं हैरान रह गया. मुझे यकीन नही हो रहा था कि तुम ही हो मेरे सामने. मुझे ये सब सपना सा लग रहा है.”
 
ये सपना नही हक़ीक़त है गौरव. बहुत प्यार करती हूँ तुम्हे मैं. अंकिता ने कहा.
 
"क्यों चली गयी थी तुम कल मुझे अकेला छोड़ कर."
 
"कह तो रही हूँ मुझसे भूल हो गयी. आगे से ऐसा नही होगा.”
 
आओ घर चलते हैं. आराम से बैठ कर डिसाइड करते हैं कि शादी कैसे और कहा करनी है. अपर्णा, आशुतोष, सौरभ, पूजा और ऋतू को भी बुला लेंगे. थोड़ी हेल्प हो जाएगी.”
 
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RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 03-01-2020, 12:21 PM



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