03-01-2020, 12:05 PM
कुछ देर बाद जब अंकिता का गुस्सा शांत हुआ तो उसने गौरव को फोन मिलाया. मगर फोन स्विच्ड ऑफ था. कुछ देर बाद अंकिता घर गयी गौरव के मगर वहाँ ताला टंगा मिला उसे. अंकिता का पूरा दिन और पूरी रात बेचैनी भरी गुज़री. बार बार फोन ट्राइ किया अंकिता ने गौरव का मगर फोन हर बार स्विच्ड ऑफ ही मिला.
अंकिता को उम्मीद थी कि गौरव, सौरभ की शादी में ज़रूर आएगा इसलिए शादी के महोत्सव में बस उसे ही ढूंड रही थी.
वर माला हो गयी थी सौरभ और पूजा की और वो दोनो फूलो से सजे स्टेज पर बैठे थे. आशुतोष और अपर्णा दूल्हा दुल्हन को बधाई देने पहुँचे तो सौरभ ने पूछा, “थे कहाँ तुम दोनो. फोन भी नही उठा रहे थे. ये कोई तरीका है क्या. मेरी शादी हो रही है और सभी दोस्त गायब हैं.”
“सॉरी गुरु…हम घर गये थे…अपर्णा को कपड़े चेंज करने थे.”
“तो ये चली जाती तुम साथ क्यों गये थे. यहाँ कोई भी नही है कुछ संभालने वाला. तुम्हारी शादी होगी ना तो मैं भी गायब हो जाऊगा.” सौरभ ने गुस्से में कहा.
“हां अपर्णा बहुत बुरा लग रहा है मुझे. हमारी शादी हो रही है और कोई हमारे साथ नही है. अंकिता भी नही दिख रही कही. एक बार दिखी थी फिर ना जाने कहाँ गायब हो गयी.” पूजा ने कहा.
“गौरव का भी कुछ अता पता नही. उसका फोन भी नही मिल रहा. पता नही इतना बिज़ी कैसे हो गया कि शादी में आने का वक्त भी नही है उसके पास.” सौरभ ने कहा.
“अंकिता को तो पता होगा उसके बारे में?” पूजा ने पूछा.
“नही उसे भी नही पता कुछ…वो तो खुद हमसे पूछ रही थी गौरव के बारे में.” अपर्णा ने कहा.
अंकिता ने आशुतोष और अपर्णा को स्टेज पर देखा तो उसने सोचा कि वो भी उन्ही के साथ जा कर सगन दे दे. वो भी स्टेज पर चढ़ गयी.
“मिल गयी फ़ुर्सत आपको हमसे मिलने की?” पूजा ने कहा.
अंकिता कुछ नही बोल पाई.
“अंकिता गौरव कहाँ है. क्या उसके पास मेरी शादी में आने का भी वक्त नही है?” सौरभ ने कहा.
अंकिता ने सेगन का लीफाफा पूजा को थमा दिया और बोली, “मुझे नही पता वो कहाँ है.”
“ये लो शैतान का नाम लिया और शैतान हाज़िर.” सौरभ ने कहा.
अंकिता ने तुरंत पीछे मूड कर देखा. गौरव स्टेज की तरफ ही आ रहा था.
गौरव ने अंकिता को छोड़ कर सभी को विश किया. अंकिता प्यासी निगाहों से उसकी तरफ देखती रही पर गौरव ने एक बार भी उसकी तरफ नही देखा.
“मिल गया वक्त तुम्हे मेरी शादी में आने का. मुझे तो लग रहा था कि तुम आओगे ही नही.” सौरभ ने कहा.
“सॉरी यार मैं किसी काम में बिज़ी था.”
अंकिता बस गौरव को ही देख रही थी. उसका दिल बहुत भारी हो रहा था ये देख कर कि वो उसे इग्नोर कर रहा है. वो सभी से हंस कर बाते कर रहा था मगर अंकिता की तरफ देख भी नही रहा था. बर्दास्त नही कर पाई अंकिता ये तिरस्कार. दिल बहुत भावुक हो गया उसका. जिसके लिए वो कल से परेशान थी वो उसे एक नज़र देख भी नही रहा था. बहुत थामा अंकिता ने खुद को मगर भावनाओ को संभाल नही पाई और जब आँसू बरसने शुरू हुए तो फिर थामे नही. वो अपने आँसू किसी को दिखाना नही चाहती थी इसलिए तुरंत बिना कुछ कहे स्टेज से उतर गयी. बस पूजा ने देखे उसके आँसू बाकी सभी बातों में खोए थे.
अंकिता को उम्मीद थी कि गौरव, सौरभ की शादी में ज़रूर आएगा इसलिए शादी के महोत्सव में बस उसे ही ढूंड रही थी.
वर माला हो गयी थी सौरभ और पूजा की और वो दोनो फूलो से सजे स्टेज पर बैठे थे. आशुतोष और अपर्णा दूल्हा दुल्हन को बधाई देने पहुँचे तो सौरभ ने पूछा, “थे कहाँ तुम दोनो. फोन भी नही उठा रहे थे. ये कोई तरीका है क्या. मेरी शादी हो रही है और सभी दोस्त गायब हैं.”
“सॉरी गुरु…हम घर गये थे…अपर्णा को कपड़े चेंज करने थे.”
“तो ये चली जाती तुम साथ क्यों गये थे. यहाँ कोई भी नही है कुछ संभालने वाला. तुम्हारी शादी होगी ना तो मैं भी गायब हो जाऊगा.” सौरभ ने गुस्से में कहा.
“हां अपर्णा बहुत बुरा लग रहा है मुझे. हमारी शादी हो रही है और कोई हमारे साथ नही है. अंकिता भी नही दिख रही कही. एक बार दिखी थी फिर ना जाने कहाँ गायब हो गयी.” पूजा ने कहा.
“गौरव का भी कुछ अता पता नही. उसका फोन भी नही मिल रहा. पता नही इतना बिज़ी कैसे हो गया कि शादी में आने का वक्त भी नही है उसके पास.” सौरभ ने कहा.
“अंकिता को तो पता होगा उसके बारे में?” पूजा ने पूछा.
“नही उसे भी नही पता कुछ…वो तो खुद हमसे पूछ रही थी गौरव के बारे में.” अपर्णा ने कहा.
अंकिता ने आशुतोष और अपर्णा को स्टेज पर देखा तो उसने सोचा कि वो भी उन्ही के साथ जा कर सगन दे दे. वो भी स्टेज पर चढ़ गयी.
“मिल गयी फ़ुर्सत आपको हमसे मिलने की?” पूजा ने कहा.
अंकिता कुछ नही बोल पाई.
“अंकिता गौरव कहाँ है. क्या उसके पास मेरी शादी में आने का भी वक्त नही है?” सौरभ ने कहा.
अंकिता ने सेगन का लीफाफा पूजा को थमा दिया और बोली, “मुझे नही पता वो कहाँ है.”
“ये लो शैतान का नाम लिया और शैतान हाज़िर.” सौरभ ने कहा.
अंकिता ने तुरंत पीछे मूड कर देखा. गौरव स्टेज की तरफ ही आ रहा था.
गौरव ने अंकिता को छोड़ कर सभी को विश किया. अंकिता प्यासी निगाहों से उसकी तरफ देखती रही पर गौरव ने एक बार भी उसकी तरफ नही देखा.
“मिल गया वक्त तुम्हे मेरी शादी में आने का. मुझे तो लग रहा था कि तुम आओगे ही नही.” सौरभ ने कहा.
“सॉरी यार मैं किसी काम में बिज़ी था.”
अंकिता बस गौरव को ही देख रही थी. उसका दिल बहुत भारी हो रहा था ये देख कर कि वो उसे इग्नोर कर रहा है. वो सभी से हंस कर बाते कर रहा था मगर अंकिता की तरफ देख भी नही रहा था. बर्दास्त नही कर पाई अंकिता ये तिरस्कार. दिल बहुत भावुक हो गया उसका. जिसके लिए वो कल से परेशान थी वो उसे एक नज़र देख भी नही रहा था. बहुत थामा अंकिता ने खुद को मगर भावनाओ को संभाल नही पाई और जब आँसू बरसने शुरू हुए तो फिर थामे नही. वो अपने आँसू किसी को दिखाना नही चाहती थी इसलिए तुरंत बिना कुछ कहे स्टेज से उतर गयी. बस पूजा ने देखे उसके आँसू बाकी सभी बातों में खोए थे.