03-01-2020, 11:59 AM
Update 118
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अंकिता शादी की भीड़- भाड़ में अकेली परेशान सी घूम रही थी. उसकी नज़र आशुतोष और अपर्णा पर पड़ी तो तुरंत उनके पास आई दौड़ कर.
“तुम लोगो ने गौरव को देखा कहीं. उसका फोन भी नही मिल रहा.” अंकिता ने पूछा.
“मेडम हम अभी आए हैं. अपर्णा को ड्रेस चेंज करनी थी. घर गये थे.” आशुतोष ने कहा.
“गौरव पुणे वापिस जा रहा है ना कल. शायद पॅकिंग में बिज़ी होगा.” अपर्णा ने कहा.
“वैसे गौरव सर ने रिज़ाइन करके ठीक नही किया. उनका सस्पेंशन तो वापिस हो ही गया था.” आशुतोष ने कहा.
“ह्म्म…अच्छा तुम लोगो को गौरव कहीं दिखे तो उसे बोल देना कि मुझसे मिल ले.” अंकिता ने कहा.
“तुम्हारी एंगेज्मेंट है ना परसो. मैं तो भूल ही गयी थी.” अपर्णा ने कहा
“हां…प्लीज़ मेरा मेसेज ज़रूर दे देना उसे.”
“हां दे देंगे आप चिंता मत कीजिए.”
कल जबसे गौरव अंकिता के रूम से निकला था गुस्से में तबसे अंकिता की उस से बात नही हुई थी. कल से ही फोन ऑफ था उसका. अंकिता जब घर गयी गौरव के तो वहाँ ताला मिला उसे. यही कारण था कि अंकिता बहुत बेचैन थी गौरव से मिलने के लिए और शादी के समारोह में बस उसे ही ढूंड रही थी. वो शादी में आए हर व्यक्ति को गौर से देख रही थी. दिल बस यही दुआ कर रहा था कि काश गौरव दिख जाए.
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अंकिता शादी की भीड़- भाड़ में अकेली परेशान सी घूम रही थी. उसकी नज़र आशुतोष और अपर्णा पर पड़ी तो तुरंत उनके पास आई दौड़ कर.
“तुम लोगो ने गौरव को देखा कहीं. उसका फोन भी नही मिल रहा.” अंकिता ने पूछा.
“मेडम हम अभी आए हैं. अपर्णा को ड्रेस चेंज करनी थी. घर गये थे.” आशुतोष ने कहा.
“गौरव पुणे वापिस जा रहा है ना कल. शायद पॅकिंग में बिज़ी होगा.” अपर्णा ने कहा.
“वैसे गौरव सर ने रिज़ाइन करके ठीक नही किया. उनका सस्पेंशन तो वापिस हो ही गया था.” आशुतोष ने कहा.
“ह्म्म…अच्छा तुम लोगो को गौरव कहीं दिखे तो उसे बोल देना कि मुझसे मिल ले.” अंकिता ने कहा.
“तुम्हारी एंगेज्मेंट है ना परसो. मैं तो भूल ही गयी थी.” अपर्णा ने कहा
“हां…प्लीज़ मेरा मेसेज ज़रूर दे देना उसे.”
“हां दे देंगे आप चिंता मत कीजिए.”
कल जबसे गौरव अंकिता के रूम से निकला था गुस्से में तबसे अंकिता की उस से बात नही हुई थी. कल से ही फोन ऑफ था उसका. अंकिता जब घर गयी गौरव के तो वहाँ ताला मिला उसे. यही कारण था कि अंकिता बहुत बेचैन थी गौरव से मिलने के लिए और शादी के समारोह में बस उसे ही ढूंड रही थी. वो शादी में आए हर व्यक्ति को गौर से देख रही थी. दिल बस यही दुआ कर रहा था कि काश गौरव दिख जाए.