03-01-2020, 11:44 AM
Update 116
“सॉरी टू से एसपी साहिब. मगर मैं तो अंडर सस्पेंशन हूँ…आपको गिरफ्तार नही कर सकता. ए एस पी साहिबा ने अभी जॉइन ही नही किया है वापिस क्योंकि आपके दिए घाव अभी भरे ही नही थे ठीक से. यहाँ कोई नही है ऐसा जो गिरफ्तार कर सके आपको. कोई और रास्ता बतायें इंसाफ़ का.” गौरव ने कहा.
“दूसरे पोलीस वालो को बुला लो. सिकन्दर को बुला लो….या फिर चौहान को बुला लो.”
“बुला लेंगे पहले एक गेम हो जाए. आपने बहुत गेम खेली हमारे साथ अब हमें भी थोड़ा सा मौका दीजिए.” गौरव ने कहा.
“गेम कैसी गेम…” साइको के चेहरे का रंग उड़ गया.
“मैं कुछ सवाल करूँगा तुम जवाब देते जाना. अगर एक मिनिट में जवाब नही दिया तो ये कुल्हाड़ी चल जाएगी और तुम्हारे शरीर से कुछ कट कर अलग हो जाएगा.” गौरव ने कहा.
“मैं किसी सवाल का जवाब नही दूँगा. मेरे हाथ काट गये हैं. आइ नीड मेडिकल अटेन्षन फर्स्ट. जैल में पूछ लेना जो पूछना है.” साइको चिल्लाया.
“सीसी… कोन है?” गौरव ने सवाल किया.
“मुझे नही पता.”
“बस एक मिनिट है तुम्हारे पास. दुबारा नही पूछूँगा मैं. जवाब नही दिया तुमने एक मिनिट में तो तुम्हारा बायाँ पाँव काट दूँगा इस कुल्हाड़ी से.” गौरव ने कहा.
“एक मिनिट बीत गया पर साइको ने कोई जवाब नही दिया.”
गौरव ने कुल्हाड़ी उठाई पाँव काटने के लिए तो साइको तुरंत बोला, “मैं ही सीसी हूँ.”
“वो कैसे…तुम्हारा नाम तो राहुल महाजन है ना.” गौरव ने आश्चर्य में कहा.
“हां मेरे कुछ दोस्त मुझे कॉलेज टाइम से सीसी बोलते हैं.”
“तो क्या सुरिंदर और कर्नल देवेंदर सिंग तुम्हारे कॉलेज के दोस्त थे.”
“हां….”
“तो क्या तुमने ही सुरिंदर को कहा था अपर्णा के खिलाफ गवाही देने के लिए. और वो राज़ी क्यों हुआ.” सौरभ ने पूछा.
“मैने उसे कन्विन्स किया कि अपर्णा ही साइको है…तुम गवाही दे दो क्योंकि मैं एसपी होने के नाते गवाही देता अच्छा नही लगूंगा. दोस्त था मेरा मेरी बात मान गया.”
“अपने ही दोस्त को फिर तुमने मार दिया.” गौरव ने कहा.
“मारना ज़रूरी था उसे नही तो मेरा आशु खुल सकता था कभी भी.” साइको ने कहा.
“देवेंदर सिंग के घर पर तुम ही रह रहे थे…है ना.” सौरभ ने पूछा.
“हां…देवेंदर ज़्यादातर शहर से बाहर ही रहता था. इसलिए उसका घर किराए पर ले लिया.”
“कर्नल है कहाँ?”
“उसने एक दिन पैंटिंग देख ली थी मेरी. इसलिए मारना पड़ा उसे भी. मार कर जंगल में गाढ दिया उसे.”
“क्या सब इनस्पेक्टर विजय से तुम्हारा कोई रिश्ता था?” गौरव ने पूछा.
“रागिनी को जंगल के ठिकाने पर ले जा रहा था मैं तो विजय ने देख लिया था मुझे. वो जंगल में एक लड़की के साथ रंगरलिया मना रहा था. मैं उसे और उसके साथ जो लड़की थी दोनो को मार देना चाहता था पर विजय मेरे पैरो में गिर गया. बोला मुझे अपने साथ मिला लो. मैने उसे उसके साथ जो लड़की थी उसे मारने को कहा. उसने तुरंत उसका गला काट दिया. मैने रागिनी के मर्डर की वीडियो उसे दी थी ताकि वो आर्टिस्टिक मर्डर सीख पाए.”
“हां देखी है मैने वो सीडी…लेकिन वो अधूरी ही थी.” गौरव ने कहा.
“2 सीडी दी थी मैने उसे.” साइको ने कहा.
“ब्लॅक स्कॉर्पियो किसकी यूज़ करते थे. तुम्हारे नाम तो कोई ब्लॅक स्कॉर्पियो नही थी.”
“अपने नाम की गाड़ी यूज़ क्यों करता भला. मैं कर्नल की गाड़ी यूज़ कर रहा था.”
“बहुत खूब…कॉलेज के दोस्त की गाड़ी भी हथिया ली और घर भी हथिया लिया.” गौरव ने कहा.
“और फिर बेचारे को मार कर जंगल में गाढ दिया.” ऋतू ने कहा.
“तुम पर कोई हमला नही हुआ था है ना. तुम ज़बरदस्ती नाटक करके हमें गुमराह करने के लिए हॉस्पिटल में रहे ताकि तुम पर शक ना जाए. डॉक्टर अनिल तुम्हारे दोस्त हैं, इसलिए ज़्यादा दिक्कत नही हुई तुम्हे. आइक्यू में पड़े रहे बिना मतलब. अपर्णा के घर पर हमला तुमने ही किया था ना. और जब सब कुछ तुम्हारे कंट्रोल में था तब तुम भाग क्यों गये थे वहाँ से.” गौरव ने पूछा.
“हां मैं ही गया था डॉक्टर अनिल को बोल कर कि सीक्रेट ऑपरेशन पर जा रहा हूँ. मगर जब अपर्णा के घर सब अंडर कंट्रोल था तभी डॉक्टर अनिल का फोन आया और उसने मुझे बताया कि जल्दी वापिस आ जाओ तुम्हारा कोई जूनियर तुम्हे ढूंड रहा है यहाँ. बाद में पता चला कि चौहान आया था मुझसे मिलने. खैर मुझे सब कुछ छोड़ कर बीच में ही जाना पड़ा. काश उस दिन इस रंडी को उठा लाता तो ये नौबत ना आती.”
“सॉरी टू से एसपी साहिब. मगर मैं तो अंडर सस्पेंशन हूँ…आपको गिरफ्तार नही कर सकता. ए एस पी साहिबा ने अभी जॉइन ही नही किया है वापिस क्योंकि आपके दिए घाव अभी भरे ही नही थे ठीक से. यहाँ कोई नही है ऐसा जो गिरफ्तार कर सके आपको. कोई और रास्ता बतायें इंसाफ़ का.” गौरव ने कहा.
“दूसरे पोलीस वालो को बुला लो. सिकन्दर को बुला लो….या फिर चौहान को बुला लो.”
“बुला लेंगे पहले एक गेम हो जाए. आपने बहुत गेम खेली हमारे साथ अब हमें भी थोड़ा सा मौका दीजिए.” गौरव ने कहा.
“गेम कैसी गेम…” साइको के चेहरे का रंग उड़ गया.
“मैं कुछ सवाल करूँगा तुम जवाब देते जाना. अगर एक मिनिट में जवाब नही दिया तो ये कुल्हाड़ी चल जाएगी और तुम्हारे शरीर से कुछ कट कर अलग हो जाएगा.” गौरव ने कहा.
“मैं किसी सवाल का जवाब नही दूँगा. मेरे हाथ काट गये हैं. आइ नीड मेडिकल अटेन्षन फर्स्ट. जैल में पूछ लेना जो पूछना है.” साइको चिल्लाया.
“सीसी… कोन है?” गौरव ने सवाल किया.
“मुझे नही पता.”
“बस एक मिनिट है तुम्हारे पास. दुबारा नही पूछूँगा मैं. जवाब नही दिया तुमने एक मिनिट में तो तुम्हारा बायाँ पाँव काट दूँगा इस कुल्हाड़ी से.” गौरव ने कहा.
“एक मिनिट बीत गया पर साइको ने कोई जवाब नही दिया.”
गौरव ने कुल्हाड़ी उठाई पाँव काटने के लिए तो साइको तुरंत बोला, “मैं ही सीसी हूँ.”
“वो कैसे…तुम्हारा नाम तो राहुल महाजन है ना.” गौरव ने आश्चर्य में कहा.
“हां मेरे कुछ दोस्त मुझे कॉलेज टाइम से सीसी बोलते हैं.”
“तो क्या सुरिंदर और कर्नल देवेंदर सिंग तुम्हारे कॉलेज के दोस्त थे.”
“हां….”
“तो क्या तुमने ही सुरिंदर को कहा था अपर्णा के खिलाफ गवाही देने के लिए. और वो राज़ी क्यों हुआ.” सौरभ ने पूछा.
“मैने उसे कन्विन्स किया कि अपर्णा ही साइको है…तुम गवाही दे दो क्योंकि मैं एसपी होने के नाते गवाही देता अच्छा नही लगूंगा. दोस्त था मेरा मेरी बात मान गया.”
“अपने ही दोस्त को फिर तुमने मार दिया.” गौरव ने कहा.
“मारना ज़रूरी था उसे नही तो मेरा आशु खुल सकता था कभी भी.” साइको ने कहा.
“देवेंदर सिंग के घर पर तुम ही रह रहे थे…है ना.” सौरभ ने पूछा.
“हां…देवेंदर ज़्यादातर शहर से बाहर ही रहता था. इसलिए उसका घर किराए पर ले लिया.”
“कर्नल है कहाँ?”
“उसने एक दिन पैंटिंग देख ली थी मेरी. इसलिए मारना पड़ा उसे भी. मार कर जंगल में गाढ दिया उसे.”
“क्या सब इनस्पेक्टर विजय से तुम्हारा कोई रिश्ता था?” गौरव ने पूछा.
“रागिनी को जंगल के ठिकाने पर ले जा रहा था मैं तो विजय ने देख लिया था मुझे. वो जंगल में एक लड़की के साथ रंगरलिया मना रहा था. मैं उसे और उसके साथ जो लड़की थी दोनो को मार देना चाहता था पर विजय मेरे पैरो में गिर गया. बोला मुझे अपने साथ मिला लो. मैने उसे उसके साथ जो लड़की थी उसे मारने को कहा. उसने तुरंत उसका गला काट दिया. मैने रागिनी के मर्डर की वीडियो उसे दी थी ताकि वो आर्टिस्टिक मर्डर सीख पाए.”
“हां देखी है मैने वो सीडी…लेकिन वो अधूरी ही थी.” गौरव ने कहा.
“2 सीडी दी थी मैने उसे.” साइको ने कहा.
“ब्लॅक स्कॉर्पियो किसकी यूज़ करते थे. तुम्हारे नाम तो कोई ब्लॅक स्कॉर्पियो नही थी.”
“अपने नाम की गाड़ी यूज़ क्यों करता भला. मैं कर्नल की गाड़ी यूज़ कर रहा था.”
“बहुत खूब…कॉलेज के दोस्त की गाड़ी भी हथिया ली और घर भी हथिया लिया.” गौरव ने कहा.
“और फिर बेचारे को मार कर जंगल में गाढ दिया.” ऋतू ने कहा.
“तुम पर कोई हमला नही हुआ था है ना. तुम ज़बरदस्ती नाटक करके हमें गुमराह करने के लिए हॉस्पिटल में रहे ताकि तुम पर शक ना जाए. डॉक्टर अनिल तुम्हारे दोस्त हैं, इसलिए ज़्यादा दिक्कत नही हुई तुम्हे. आइक्यू में पड़े रहे बिना मतलब. अपर्णा के घर पर हमला तुमने ही किया था ना. और जब सब कुछ तुम्हारे कंट्रोल में था तब तुम भाग क्यों गये थे वहाँ से.” गौरव ने पूछा.
“हां मैं ही गया था डॉक्टर अनिल को बोल कर कि सीक्रेट ऑपरेशन पर जा रहा हूँ. मगर जब अपर्णा के घर सब अंडर कंट्रोल था तभी डॉक्टर अनिल का फोन आया और उसने मुझे बताया कि जल्दी वापिस आ जाओ तुम्हारा कोई जूनियर तुम्हे ढूंड रहा है यहाँ. बाद में पता चला कि चौहान आया था मुझसे मिलने. खैर मुझे सब कुछ छोड़ कर बीच में ही जाना पड़ा. काश उस दिन इस रंडी को उठा लाता तो ये नौबत ना आती.”