03-01-2020, 11:36 AM
“गौरव प्लीज़ हट जाओ तुम मेरे उपर से. तुम ऑलरेडी बहुत ज़ख्मी हो.” अंकिता ने कहा.
“नही ये दर्द मैं तो सह लूँगा पर आपको मिला तो मर जाऊगा. और तो कुछ बस में नही है मेरे इस वक्त. इतना तो कर ही सकता हूँ अपने प्यार के लिए.” गौरव ने कहा.
“इतना प्यार क्यों करते हो मुझे तुम.” अंकिता ने पूछा.
तभी एक और वार हुआ गौरव की पीठ पर. “आआअहह…प्यार बस हो गया आपसे…. क्यों करता हूँ नही जानता.”
फार्म हाउस की दीवार से आशुतोष और अपर्णा ने जब अंदर झाँक कर देखा तो उनकी रूह काँप उठी.
“आशुतोष शूट हिम.” अपर्णा ने धीरे से कहा
“श्ह्ह चुप रहो…ऐसे बिना सोचे समझे कुछ नही करना है. देखो अगर मेरा निशाना चूक गया तो वो बोखलाहट में सभी को गोलियों से भुन सकता है. उसका निशाना बहुत तेज है. इतनी दूर से मैं फाइयर तो कर सकता हूँ पर ये श्योर्ठी नही दे सकता कि गोली उसे ही लगेगी. और ज़रा सी चूक सबकी जान जोखिम में डाल सकती है. अभी वो टॉर्चर कर रहा है सभी को. और उसे गोली लग भी गयी तो हमारा मकसद अधूरा रह जाएगा. इसे तडपा-तडपा कर मारना है अपर्णा.” आशुतोष ने कहा.
“हां इसी चक्कर में ये सब उसके चंगुल में फँस गये हैं. तुम समझते क्यों नही. शूट हिम इन दा हेड एन्ड फीनिस हिम फॉर गुड.”
“हां वो सब तो ठीक है पर मैं ये कह रहा हूँ कि अगर निशाना चूक गया तो क्या होगा. सीने पर गोली मारने का भी कोई फायदा नही क्योंकि बुलेटप्रूफ जॅकेट पहन रखी होगी इसने.”
“तो क्या हम चुपचाप यहाँ खड़े तमासा देखते रहें.”
तभी उन्हे साइको के चिल्लाने की आवाज़ सुनाई दी, “मिस्टर गौरव अब अगला वार तुम्हारे सर पर होगा. मुझे यकीन है कि तुम्हारी खोपड़ी फॅट जाएगी इस वार से और तुम तुरंत जहन्नुम चले जाओगे. बचना चाहते हो तो हट जाओ इस कुतिया के उपर से.”
“कर जो करना है. मैं हटने वाला नही हूँ यू बस्टर्ड.” गौरव चिल्लाया.
“गौरव प्लीज़ तुम हट जाओ. सर पर वार तुम्हारी जान ले लेगा. नही देख पाउन्गि मैं ये. प्लीज़. लेट मी फेस इट.” अंकिता ने बहुत कोशिश की पर गौरव नही हटा उसके उपर से.
“गुड बाय मिस्टर पांडे…गो टू हेल.” साइको चिल्लाया.
आशुतोष ने अब रुकना ठीक नही समझा. उसने साइको के सर पर निशाना लगाया और तुरंत फाइयर कर दिया. गोली साइको के कान को छू कर निकल गयी.
गोली चला कर आशुतोष और अपर्णा तुरंत नीचे बैठ गये. “ओह गॉड वो बच गया…” आशुतोष ने कहा.
“आअहह…कॉन है मादरचोड़ वहाँ. सामने आओ जल्दी वरना इन दोनो को गोलियों से भुन दूँगा.” साइको चिल्लाया. उसके कान से खून बह रहा था.
“जिस बात का डर था वही हुआ. अब क्या करें.” आशुतोष ने कहा.
“मैं जाती हूँ दीवार कूद कर. तुम तब तक कुछ सोचो.” अपर्णा ने कहा.
“नही तुम कही नही जाओगी.” आशुतोष ने अपर्णा का हाथ थाम लिया.
“आशुतोष वो गोली मार देगा उनको. हमें कुछ तो करना होगा ना.”
“तुम यही रूको मैं जा रहा हूँ. तुम वहाँ गयी तो मैं कुछ नही कर पाउन्गा.”
“नही तुम यहाँ रुकोगे तो कुछ उम्मीद रहेगी. मैं यहाँ रुक कर क्या करूँगी.”
“तुम्हे मेरे सर की कसम. प्लीज़ मुझे जाने दो. और अपनी बंदूक मुझे दे दो. एक बंदूक हाथ में रखूँगा और एक छुपा कर रखूँगा.”
“ये ग़लत बात है. कसम देना चीटिंग माना जाता है.” अपर्णा ने कहा
“मैं 10 तक गिनूंगा जल्दी सामने आओ वरना सभी को गोली मार दूँगा मैं.” साइको चिल्लाया.
“अपर्णा एक किस दे दो जाते-जाते. पता नही बाद में मौका लगे या ना लगे.” आशुतोष ने अपर्णा के चेहरे पर हाथ रख कर कहा.
“शट अप… ऐसा मत बोलो. मुझे अपने अंग-अंग पर तुम्हारे होंटो की चुअन महसूस करनी है…तुम्हे बस एक किस की पड़ी है. तुम्हे कुछ नही होगा…..जाओ” अपर्णा ने कहा.
“सोच लो. मैं जानवर बन सकता हूँ तुम्हारे साथ.”
“देखा जाएगा.”
“आइ लव यू अपर्णा…तुम यही रुकना. चाहे कुछ हो जाए…यहाँ से हिलना मत.” आशुतोष ने कहा.
“नही ये दर्द मैं तो सह लूँगा पर आपको मिला तो मर जाऊगा. और तो कुछ बस में नही है मेरे इस वक्त. इतना तो कर ही सकता हूँ अपने प्यार के लिए.” गौरव ने कहा.
“इतना प्यार क्यों करते हो मुझे तुम.” अंकिता ने पूछा.
तभी एक और वार हुआ गौरव की पीठ पर. “आआअहह…प्यार बस हो गया आपसे…. क्यों करता हूँ नही जानता.”
फार्म हाउस की दीवार से आशुतोष और अपर्णा ने जब अंदर झाँक कर देखा तो उनकी रूह काँप उठी.
“आशुतोष शूट हिम.” अपर्णा ने धीरे से कहा
“श्ह्ह चुप रहो…ऐसे बिना सोचे समझे कुछ नही करना है. देखो अगर मेरा निशाना चूक गया तो वो बोखलाहट में सभी को गोलियों से भुन सकता है. उसका निशाना बहुत तेज है. इतनी दूर से मैं फाइयर तो कर सकता हूँ पर ये श्योर्ठी नही दे सकता कि गोली उसे ही लगेगी. और ज़रा सी चूक सबकी जान जोखिम में डाल सकती है. अभी वो टॉर्चर कर रहा है सभी को. और उसे गोली लग भी गयी तो हमारा मकसद अधूरा रह जाएगा. इसे तडपा-तडपा कर मारना है अपर्णा.” आशुतोष ने कहा.
“हां इसी चक्कर में ये सब उसके चंगुल में फँस गये हैं. तुम समझते क्यों नही. शूट हिम इन दा हेड एन्ड फीनिस हिम फॉर गुड.”
“हां वो सब तो ठीक है पर मैं ये कह रहा हूँ कि अगर निशाना चूक गया तो क्या होगा. सीने पर गोली मारने का भी कोई फायदा नही क्योंकि बुलेटप्रूफ जॅकेट पहन रखी होगी इसने.”
“तो क्या हम चुपचाप यहाँ खड़े तमासा देखते रहें.”
तभी उन्हे साइको के चिल्लाने की आवाज़ सुनाई दी, “मिस्टर गौरव अब अगला वार तुम्हारे सर पर होगा. मुझे यकीन है कि तुम्हारी खोपड़ी फॅट जाएगी इस वार से और तुम तुरंत जहन्नुम चले जाओगे. बचना चाहते हो तो हट जाओ इस कुतिया के उपर से.”
“कर जो करना है. मैं हटने वाला नही हूँ यू बस्टर्ड.” गौरव चिल्लाया.
“गौरव प्लीज़ तुम हट जाओ. सर पर वार तुम्हारी जान ले लेगा. नही देख पाउन्गि मैं ये. प्लीज़. लेट मी फेस इट.” अंकिता ने बहुत कोशिश की पर गौरव नही हटा उसके उपर से.
“गुड बाय मिस्टर पांडे…गो टू हेल.” साइको चिल्लाया.
आशुतोष ने अब रुकना ठीक नही समझा. उसने साइको के सर पर निशाना लगाया और तुरंत फाइयर कर दिया. गोली साइको के कान को छू कर निकल गयी.
गोली चला कर आशुतोष और अपर्णा तुरंत नीचे बैठ गये. “ओह गॉड वो बच गया…” आशुतोष ने कहा.
“आअहह…कॉन है मादरचोड़ वहाँ. सामने आओ जल्दी वरना इन दोनो को गोलियों से भुन दूँगा.” साइको चिल्लाया. उसके कान से खून बह रहा था.
“जिस बात का डर था वही हुआ. अब क्या करें.” आशुतोष ने कहा.
“मैं जाती हूँ दीवार कूद कर. तुम तब तक कुछ सोचो.” अपर्णा ने कहा.
“नही तुम कही नही जाओगी.” आशुतोष ने अपर्णा का हाथ थाम लिया.
“आशुतोष वो गोली मार देगा उनको. हमें कुछ तो करना होगा ना.”
“तुम यही रूको मैं जा रहा हूँ. तुम वहाँ गयी तो मैं कुछ नही कर पाउन्गा.”
“नही तुम यहाँ रुकोगे तो कुछ उम्मीद रहेगी. मैं यहाँ रुक कर क्या करूँगी.”
“तुम्हे मेरे सर की कसम. प्लीज़ मुझे जाने दो. और अपनी बंदूक मुझे दे दो. एक बंदूक हाथ में रखूँगा और एक छुपा कर रखूँगा.”
“ये ग़लत बात है. कसम देना चीटिंग माना जाता है.” अपर्णा ने कहा
“मैं 10 तक गिनूंगा जल्दी सामने आओ वरना सभी को गोली मार दूँगा मैं.” साइको चिल्लाया.
“अपर्णा एक किस दे दो जाते-जाते. पता नही बाद में मौका लगे या ना लगे.” आशुतोष ने अपर्णा के चेहरे पर हाथ रख कर कहा.
“शट अप… ऐसा मत बोलो. मुझे अपने अंग-अंग पर तुम्हारे होंटो की चुअन महसूस करनी है…तुम्हे बस एक किस की पड़ी है. तुम्हे कुछ नही होगा…..जाओ” अपर्णा ने कहा.
“सोच लो. मैं जानवर बन सकता हूँ तुम्हारे साथ.”
“देखा जाएगा.”
“आइ लव यू अपर्णा…तुम यही रुकना. चाहे कुछ हो जाए…यहाँ से हिलना मत.” आशुतोष ने कहा.