03-01-2020, 11:34 AM
Update 114
“जहाँ हो वही रुक जाओ वरना गोली सर के आर-पार हो जाएगी तुम्हारे.” अंकिता साइको से कोई 10 कदम दूर थी और उसने उसके सर को निशाना बना रखा था. उसके साथ ऋतू भी बंदूक ताने खड़ी थी.
“ओह ए एस पी साहिबा. आप भी हैं यहाँ. बहुत खूब. अब और मज़ा आएगा.” साइको ने कहा.
“ये कुल्हाड़ी एक तरफ गिरा दो और हाथ उपर करो अपने.” अंकिता ने कहा.
साइको ने कुल्हाड़ी ज़मीन पर गिरा दी लेकिन बहुत फुर्ती से उसने अपनी जेब से पिस्टल निकाली और अंकिता की तरफ फाइयर किया. अंकिता के हाथ से बंदूक गिर गयी क्योंकि गोली अंकिता के उसी हाथ में लगी थी जिसमे बंदूक थी. ऋतू ने तुरंत फाइयर किया साइको पर. गोली छाती पर लगी उसके पर वो मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ता रहा.
“सर में गोली मारो ऋतू… आहह” अंकिता ने दर्द से कराहते हुए कहा. उसके हाथ से खून बह रहा था.
“अपनी बंदूक नीचे फेंक दो वरना ए एस पी साहिबा की खोपड़ी मेरे निशाने पर है.”
“मेरी चिंता मत करो….शूट दा बस्टर्ड.” अंकिता ने कहा.
मगर अगले ही पल ऋतू के हाथ से भी बंदूक गिर गयी. उसके हाथ से भी खून बहने लगा.
“मेरा निशाना कभी नही चुकता. तुम्हारा भेजा भी उड़ा सकता था. मगर जब तुम दोनो हिम्मत करके यहाँ तक आए हो तो तुम्हारी मौत कुछ ख़ास होनी चाहिए.
एसपी अंकिता के पास आया और उसने उसके उपर लात बरसानी शुरू कर दी. “साली बड़ी बेशरम है तू. खाई से गिरकर भी बच गयी.”
“कुत्ते दूर हट जा उनसे नही तो.” गौरव चिल्लाया.
“अरे मार इस कुतिया को रहा हूँ और चिल्ला ये कुत्ता रहा है. कुछ कनेक्षन लगता है. इंट्रेस्टिंग सिचुयेशन. कुतिया जल्दी बता क्यों चिल्ला रहा है ये तेरे लिए. तुम लोग ड्यूटी करते थे या इस्क़ फरमाते थे. तभी कहूँ मुझे पकड़ क्यों नही पाए हिहिहीही. खूब समझता था तुझे कुछ करो…कुछ करो. पर तू तो शायद गौरव का लंड लेकर पड़ी रहती होगी बिस्तर पर. मुझे पकड़ने का टाइम ही नही होगा तुम्हारे पास.”
“ऐसी बेहूदा बाते मत कर कमिने. आअहह…” गौरव बोलते बोलते दर्द से कराह उठा.
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“जहाँ हो वही रुक जाओ वरना गोली सर के आर-पार हो जाएगी तुम्हारे.” अंकिता साइको से कोई 10 कदम दूर थी और उसने उसके सर को निशाना बना रखा था. उसके साथ ऋतू भी बंदूक ताने खड़ी थी.
“ओह ए एस पी साहिबा. आप भी हैं यहाँ. बहुत खूब. अब और मज़ा आएगा.” साइको ने कहा.
“ये कुल्हाड़ी एक तरफ गिरा दो और हाथ उपर करो अपने.” अंकिता ने कहा.
साइको ने कुल्हाड़ी ज़मीन पर गिरा दी लेकिन बहुत फुर्ती से उसने अपनी जेब से पिस्टल निकाली और अंकिता की तरफ फाइयर किया. अंकिता के हाथ से बंदूक गिर गयी क्योंकि गोली अंकिता के उसी हाथ में लगी थी जिसमे बंदूक थी. ऋतू ने तुरंत फाइयर किया साइको पर. गोली छाती पर लगी उसके पर वो मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ता रहा.
“सर में गोली मारो ऋतू… आहह” अंकिता ने दर्द से कराहते हुए कहा. उसके हाथ से खून बह रहा था.
“अपनी बंदूक नीचे फेंक दो वरना ए एस पी साहिबा की खोपड़ी मेरे निशाने पर है.”
“मेरी चिंता मत करो….शूट दा बस्टर्ड.” अंकिता ने कहा.
मगर अगले ही पल ऋतू के हाथ से भी बंदूक गिर गयी. उसके हाथ से भी खून बहने लगा.
“मेरा निशाना कभी नही चुकता. तुम्हारा भेजा भी उड़ा सकता था. मगर जब तुम दोनो हिम्मत करके यहाँ तक आए हो तो तुम्हारी मौत कुछ ख़ास होनी चाहिए.
एसपी अंकिता के पास आया और उसने उसके उपर लात बरसानी शुरू कर दी. “साली बड़ी बेशरम है तू. खाई से गिरकर भी बच गयी.”
“कुत्ते दूर हट जा उनसे नही तो.” गौरव चिल्लाया.
“अरे मार इस कुतिया को रहा हूँ और चिल्ला ये कुत्ता रहा है. कुछ कनेक्षन लगता है. इंट्रेस्टिंग सिचुयेशन. कुतिया जल्दी बता क्यों चिल्ला रहा है ये तेरे लिए. तुम लोग ड्यूटी करते थे या इस्क़ फरमाते थे. तभी कहूँ मुझे पकड़ क्यों नही पाए हिहिहीही. खूब समझता था तुझे कुछ करो…कुछ करो. पर तू तो शायद गौरव का लंड लेकर पड़ी रहती होगी बिस्तर पर. मुझे पकड़ने का टाइम ही नही होगा तुम्हारे पास.”
“ऐसी बेहूदा बाते मत कर कमिने. आअहह…” गौरव बोलते बोलते दर्द से कराह उठा.
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