03-01-2020, 11:30 AM
फार्म हाउस पर बहुत ही भयानक मंज़र था. खून से लथपथ पड़े थे गौरव और सौरभ ज़मीन पर. कमरे से बाहर कदम तो रख लिया था दोनो ने मगर फिर भी ब्लास्ट की चपेट में आ ही गये थे. दोनो के ही हाथो से बंदूक छूट चुकी थी और उन्हे ये होश भी नही था कि वो इस वक्त कहाँ पड़े हैं.
सौरभ ने आँख खोल कर देखी तो उसे कुछ ऐसा दीखा जिसे देख कर उसकी रूह काँप उठी. “गौरव! वो आ रहा है. तुम्हारी गन है ना तुम्हारे पास मेरी तो ना जाने कहाँ गयी.”
“आअहह…. सौरभ मेरी गन भी पता नही कहा है. मुझसे तो उठा भी नही जा रहा है.” गौरव ने कहा.
“उठना होगा गौरव अपने दाई तरफ देखो वो हमारी तरफ आ रहा है.” सौरभ ने कहा.
गौरव ने दाई तरफ गर्दन घुमा कर देखा,“ओह गॉड…तुम सही कह रहे थे. इसे आंटिडोट मिल गया है. ये सिर्फ़ नाटक कर रहा था हमें यहाँ बुलाने के लिए.”
साइको उनकी तरफ बढ़ रहा था. उसके हाथ में एक बेसबॉल बॅट था.
“कैसा लग रहा है आप दोनो को. उम्मीद करता हूँ कि आप यहाँ कंफर्टबल महसूस कर रहे होंगे. बॉम्ब ब्लास्ट का हिस्सा बन-ना भी किस्मत वालो को ही नसीब होता है…हिहिहिहीही.” साइको ने कहा.
“तो तू खुद क्यों नही हिस्सा बना इस ब्लास्ट का साले. कभी खुद को भी मौका दिया कर.” गौरव चिल्लाया.
“ह्म्म… रस्सी जल गयी पर बल नही गये. कोई बात नही…अभी बल निकाल देता हूँ सारे.” साइको ने बेसबॉल बॅट बरसाना शुरू कर दिया गौरव के उपर.
सबसे ज़्यादा उसे टाँगो पर वार किया ताकि वो उठ ना पाए. पेट में भी काई वार किए उसने. गौरव के मूह से खून बहने लगा पेट पर बेसबॉल के वार के कारण. सौरभ पड़ा पड़ा चुपचाप सब देख रहा था. बहुत कोशिश की उसने उठने की पर उठ नही पाया. जब साइको का ध्यान सौरभ पर गया तो वो गौरव को छोड़ कर उस पर टूट पड़ा. उसकी भी टाँगो पर बेसुमार वार किए उसने बेसबॉल बॅट के. पेट में भी अनगिनत बार मारा बॅट उसने. सौरभ की हालत भी गौरव जैसी हो गयी. बॉम्ब ब्लास्ट के बाद साइको की ये मार एक तरह से डबल जेपर्डी थी उन दोनो के लिए.
“कहा से मिला आंटिडोट तुझे…आअहह..” गौरव ने पूछा
“बहुत बढ़िया गेम खेली थी तूने मेरे साथ. मैं तो ऑलमोस्ट फँस ही गया था. मगर मैने होश से काम लिया. तुम्हारा पेन हटाया सबसे पहले अपनी जेब से. फिर अपने दोस्त डॉक्टर अनिल को फोन मिलाया. वैसे किलर07, सीक्रेट वेपन है पर इसका तोड़ उसे पता था. मेरे घर के नज़दीक ही घर है उसका. उसने तुरंत आ कर मुझे मास्टर डोस दे दी. उसी से बात बन गयी… क्यों कैसी रही…हहेहहे.”
“बहुत बढ़िया रही सर. लेकिन जो भी है सर आज आपने साबित कर दिया कि आप सच में नपुंश्क हैं. धोके से बॉम्ब से उड़ा दिया हमें…और अब कायर की तरह हमारे शरीर का कचूमर बना दिया…आअहह.” गौरव ने कहा.
“चुप कर ज़्यादा बकवास मत कर तुझे नही पता कि मुझे नपुंश्क कहने पर क्या हाल किया था मैने अपनी बीवी का.”
“तुम्हारी बीवी भी थी…किस बेवकूफ़ ने शादी की तुमसे...हाहहाहा,” गौरव ने कहा.
“हां थी. मेरी पीठ पीछे मेरे ही छ्होटे भाई से गान्ड मरवाती थी. मैने रंगे हाथो पकड़ लिया तो उसने नपुंश्क कहा मुझे. बस कुल्हाड़ी ले कर काट दिया मैने उसे और अपने छोटे भाई को. बहुत मज़ा आया था मुझे पहला खून करते वक्त. बहुत देर तक उन दोनो के खून से खेलता रहा था मैं. आज भी वो दिन याद करता हूँ तो दिल झूम उठता है. वो मेरा अब तक का बेस्ट मर्डर था.” साइको बड़ी करूरता से सब कुछ बता रहा था.
“तो मेरा शक सही निकला तू सच में नपुंश्क है. बल्कि नपुंश्क से बढ़कर बुजदिल और कायर भी है.” गौरव ने कहा.
“तेरी ज़ुबान तुझे बहुत भयानक मौत दिलवाएगी आज.” साइको ने बात गौरव के सर पर वार करने के लिए उपर आकाश की ऑर उठा लिया. मगर तभी कुछ सोच कर वो रुक गया, “नही तडपा-तडपा कर मारूँगा तुझे मैं. क्यों ना एक गेम हो जाए. पूजा को लेकर आता हूँ. तुम लोग उसे कमरे में ढूंड रहे थे और वो पेड़ के पीछे छुपी थी. एक नंबर की कमिनि है साली. अभी लेकर आता हूँ रंडी को. गेम का मुख्य हिस्सा उसे ही बनाएँगे. लेकिन पहले ये बंदूकें हटा लूँ यहाँ से. गेम का मज़ा खराब कर सकती हैं ये… हहेहहे. तुम्हारे पास मोबायल भी होंगे वो भी मुझे दे दो जहन्नुम में मोबायल का क्या काम…हिहिहीही. ” साइको गन्स और मोब्लेस ले कर वहाँ से चला गया.
“सौरभ…तू ठीक तो है ना” गौरव ने कहा.
“यार हाथ पाँव काम नही कर रहे. अब वो पूजा को ला रहा है. मेरी आँखो के सामने कोई घिनोनी गेम खेलगा वो और मैं कुछ भी नही कर पाउन्गा.” सौरभ ने कहा.
“ऐसा मत सोचो सौरभ. जब हम सोचते हैं कि हम कुछ नही कर पाएँगे, वही से एक नयी संभावना तैयार होती है कुछ अलग और बेहतर करने की.”
“मेरा शरीर बॉम्ब ब्लास्ट के कारण बुरी तरह ज़ख्मी है, उपर से उसने मार-मार कर रही सही जान भी निकाल दी. मैं अपनी मर्ज़ी से हाथ की उंगलियाँ भी नही हिला पा रहा हूँ, क्या बेहतर और अलग कर पाउन्गा.”
“मेरा भी यही हाल है दोस्त वरना तो क्या वो मेरी जेब से मोबायल निकाल कर ले जाता. लेकिन मैं उठुंगा ज़रूर तू देखना. साइको के हाथो मौत मुझे मंजूर नही. मुझे यकीन है कि कुछ तो बचा हुआ है मेरे अंदर अभी भी जिसके सहारे मैं उठ सकता हूँ.” गौरव ने उठने की पूरी कोशिश की पर उठ नही पाया.
सौरभ ने आँख खोल कर देखी तो उसे कुछ ऐसा दीखा जिसे देख कर उसकी रूह काँप उठी. “गौरव! वो आ रहा है. तुम्हारी गन है ना तुम्हारे पास मेरी तो ना जाने कहाँ गयी.”
“आअहह…. सौरभ मेरी गन भी पता नही कहा है. मुझसे तो उठा भी नही जा रहा है.” गौरव ने कहा.
“उठना होगा गौरव अपने दाई तरफ देखो वो हमारी तरफ आ रहा है.” सौरभ ने कहा.
गौरव ने दाई तरफ गर्दन घुमा कर देखा,“ओह गॉड…तुम सही कह रहे थे. इसे आंटिडोट मिल गया है. ये सिर्फ़ नाटक कर रहा था हमें यहाँ बुलाने के लिए.”
साइको उनकी तरफ बढ़ रहा था. उसके हाथ में एक बेसबॉल बॅट था.
“कैसा लग रहा है आप दोनो को. उम्मीद करता हूँ कि आप यहाँ कंफर्टबल महसूस कर रहे होंगे. बॉम्ब ब्लास्ट का हिस्सा बन-ना भी किस्मत वालो को ही नसीब होता है…हिहिहिहीही.” साइको ने कहा.
“तो तू खुद क्यों नही हिस्सा बना इस ब्लास्ट का साले. कभी खुद को भी मौका दिया कर.” गौरव चिल्लाया.
“ह्म्म… रस्सी जल गयी पर बल नही गये. कोई बात नही…अभी बल निकाल देता हूँ सारे.” साइको ने बेसबॉल बॅट बरसाना शुरू कर दिया गौरव के उपर.
सबसे ज़्यादा उसे टाँगो पर वार किया ताकि वो उठ ना पाए. पेट में भी काई वार किए उसने. गौरव के मूह से खून बहने लगा पेट पर बेसबॉल के वार के कारण. सौरभ पड़ा पड़ा चुपचाप सब देख रहा था. बहुत कोशिश की उसने उठने की पर उठ नही पाया. जब साइको का ध्यान सौरभ पर गया तो वो गौरव को छोड़ कर उस पर टूट पड़ा. उसकी भी टाँगो पर बेसुमार वार किए उसने बेसबॉल बॅट के. पेट में भी अनगिनत बार मारा बॅट उसने. सौरभ की हालत भी गौरव जैसी हो गयी. बॉम्ब ब्लास्ट के बाद साइको की ये मार एक तरह से डबल जेपर्डी थी उन दोनो के लिए.
“कहा से मिला आंटिडोट तुझे…आअहह..” गौरव ने पूछा
“बहुत बढ़िया गेम खेली थी तूने मेरे साथ. मैं तो ऑलमोस्ट फँस ही गया था. मगर मैने होश से काम लिया. तुम्हारा पेन हटाया सबसे पहले अपनी जेब से. फिर अपने दोस्त डॉक्टर अनिल को फोन मिलाया. वैसे किलर07, सीक्रेट वेपन है पर इसका तोड़ उसे पता था. मेरे घर के नज़दीक ही घर है उसका. उसने तुरंत आ कर मुझे मास्टर डोस दे दी. उसी से बात बन गयी… क्यों कैसी रही…हहेहहे.”
“बहुत बढ़िया रही सर. लेकिन जो भी है सर आज आपने साबित कर दिया कि आप सच में नपुंश्क हैं. धोके से बॉम्ब से उड़ा दिया हमें…और अब कायर की तरह हमारे शरीर का कचूमर बना दिया…आअहह.” गौरव ने कहा.
“चुप कर ज़्यादा बकवास मत कर तुझे नही पता कि मुझे नपुंश्क कहने पर क्या हाल किया था मैने अपनी बीवी का.”
“तुम्हारी बीवी भी थी…किस बेवकूफ़ ने शादी की तुमसे...हाहहाहा,” गौरव ने कहा.
“हां थी. मेरी पीठ पीछे मेरे ही छ्होटे भाई से गान्ड मरवाती थी. मैने रंगे हाथो पकड़ लिया तो उसने नपुंश्क कहा मुझे. बस कुल्हाड़ी ले कर काट दिया मैने उसे और अपने छोटे भाई को. बहुत मज़ा आया था मुझे पहला खून करते वक्त. बहुत देर तक उन दोनो के खून से खेलता रहा था मैं. आज भी वो दिन याद करता हूँ तो दिल झूम उठता है. वो मेरा अब तक का बेस्ट मर्डर था.” साइको बड़ी करूरता से सब कुछ बता रहा था.
“तो मेरा शक सही निकला तू सच में नपुंश्क है. बल्कि नपुंश्क से बढ़कर बुजदिल और कायर भी है.” गौरव ने कहा.
“तेरी ज़ुबान तुझे बहुत भयानक मौत दिलवाएगी आज.” साइको ने बात गौरव के सर पर वार करने के लिए उपर आकाश की ऑर उठा लिया. मगर तभी कुछ सोच कर वो रुक गया, “नही तडपा-तडपा कर मारूँगा तुझे मैं. क्यों ना एक गेम हो जाए. पूजा को लेकर आता हूँ. तुम लोग उसे कमरे में ढूंड रहे थे और वो पेड़ के पीछे छुपी थी. एक नंबर की कमिनि है साली. अभी लेकर आता हूँ रंडी को. गेम का मुख्य हिस्सा उसे ही बनाएँगे. लेकिन पहले ये बंदूकें हटा लूँ यहाँ से. गेम का मज़ा खराब कर सकती हैं ये… हहेहहे. तुम्हारे पास मोबायल भी होंगे वो भी मुझे दे दो जहन्नुम में मोबायल का क्या काम…हिहिहीही. ” साइको गन्स और मोब्लेस ले कर वहाँ से चला गया.
“सौरभ…तू ठीक तो है ना” गौरव ने कहा.
“यार हाथ पाँव काम नही कर रहे. अब वो पूजा को ला रहा है. मेरी आँखो के सामने कोई घिनोनी गेम खेलगा वो और मैं कुछ भी नही कर पाउन्गा.” सौरभ ने कहा.
“ऐसा मत सोचो सौरभ. जब हम सोचते हैं कि हम कुछ नही कर पाएँगे, वही से एक नयी संभावना तैयार होती है कुछ अलग और बेहतर करने की.”
“मेरा शरीर बॉम्ब ब्लास्ट के कारण बुरी तरह ज़ख्मी है, उपर से उसने मार-मार कर रही सही जान भी निकाल दी. मैं अपनी मर्ज़ी से हाथ की उंगलियाँ भी नही हिला पा रहा हूँ, क्या बेहतर और अलग कर पाउन्गा.”
“मेरा भी यही हाल है दोस्त वरना तो क्या वो मेरी जेब से मोबायल निकाल कर ले जाता. लेकिन मैं उठुंगा ज़रूर तू देखना. साइको के हाथो मौत मुझे मंजूर नही. मुझे यकीन है कि कुछ तो बचा हुआ है मेरे अंदर अभी भी जिसके सहारे मैं उठ सकता हूँ.” गौरव ने उठने की पूरी कोशिश की पर उठ नही पाया.