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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
Tongue 
 “उसने वीडियो क्योब बंद कर दी?” अंकिता ने पूछा.

 
ये तो वही बता सकता है मेडम. वहाँ जाकर देखते हैं कि क्या माजरा है.”
 
वो जगह बहुत सुनसान है गौरव. चारो तरफ खेत हैं. मसूरी की पहाड़ियाँ भी नज़दीक ही हैं. हमें बहुत ज़्यादा सतर्क रहना होगा.” सौरभ ने कहा.
 
15 मिनिट में वो लोग उस फार्म हाउस के नज़दीक पहुँच गये. गौरव ने अचानक गाड़ी को राइट टर्न दिया और गाड़ी झाड़ियों में घुसा दी.
 
क्या कर रहे हो गौरवअंकिता ने तुरंत उसे टोका.
 
गौरव ने झाड़ियों के बीच गाड़ी रोक दी और बोला, “यहाँ से पैदल ही जाऊगा मैं. यहाँ से 10 मिनिट पैदल का रास्ता है. फार्म हाउस के ज़्यादा नज़दीक जाना ठीक नही होगा. तुम सब लोग अपने मोबायल चेक करो, सिग्नल है कि नही. सौरभ तुम झाड़ियों के रास्ते वहाँ पहुँचना और नज़र रखना चारो तरफ.”
 
क्या! तुम वहाँ अकेले जाओगे?” अंकिता ने कहा.
 
हां उसने मुझे ही बुलाया है आंटिडोट लेकर.मैं सामने के रास्ते से जाऊगा और सौरभ झाड़ियों के रास्ते से.तुम सभी पिस्टल थाम लो हाथो में. हमारा सामना किस चीज़ से होने वाला है हमें कुछ नही पता. हर वक्त सतर्क रहना. मैं चलता हूँ.” गौरव ने आंटिडोट निकाल ली बेग से और गाड़ी का दरवाजा खोलने लगा.
 
गौरव!” अंकिता ने आवाज़ दी.
 
हां मेडम?”
 
टेक केर
 
ऑफ कोर्स.” गौरव गाड़ी से बाहर गया. आंटिडोट्स उसने अपनी पॉकेट में डाल ली और झाड़ियों से बाहर आकर फार्म हाउस की तरफ चल दिया.
 
चाँदनी रात थी इसलिए सड़क पर काफ़ी रोशनी थी. मगर हर तरफ खौफनाक सन्नाटा था. वहाँ के सन्नाटे को देख कर किसी की भी रूह काँप सकती थी. दूर-दूर तक कोई भी दीखाई नही दे रहा था. सड़क पूरी तरह सुनसान थी.
 
सौरभ झाड़ियों के रास्ते दबे पाँव फार्म हाउस की तरफ बढ़ रहा था. हाथ में पिस्टल थी उसके. उसकी आँखो में हर वक्त बस पूजा का चेहरा घूम रहा था. “मैं तुम्हे कुछ नही होने दूँगा पूजा. कुछ नही होने दूँगा.”
 
गौरव 10 मिनिट में तेज कदमो से फार्म हाउस के बाहर पहुँच गया. फार्म हाउस काफ़ी बड़ा था और चारो तरफ चार दीवारी थी उसके. “क्या यही वो फार्म हाउस है जहा उसने पूजा को च्छूपा रखा है. यहाँ तो बस एक छोटा सा कमरा दिख रहा है. कही हम ग़लत जगह तो नही गये,” गौरव ने सोचा.
 
जब सौरभ झाड़ियों से होता हुआ चार दीवारी के नज़दीक पहुँचा तो उसने भी कुछ ऐसा हो सोचा जैसा कि गौरव सोच रहा था. “ये फार्म हाउस तो नही लगता. सिर्फ़ एक छ्होटा सा कमरा है.” सौरभ ने सोचा.
 
सौरभ दीवार फाँद कर अंदर गया और झाड़ियों में चूपते छुपाते उस छोटे से कमरे की तरफ बढ़ने लगा. गौरव भी पूरी सतर्कता से चारो तरफ देखता हुआ उसी कमरे की तरफ बढ़ रहा था. दोनो ने एक दूसरे को देख लिया था.
 
दोनो एक साथ कमरे के नज़दीक पहुँचे. सौरभ उस कमरे के बाईं तरफ था और गौरव डायन तरफ. दोनो दबे पाँव कमरे की दीवार से आकर सॅट गये.
 
तुम्हे क्या लगता है, क्या हम सही जगह पर हैं.” सौरभ ने कहा.
 
जगह तो यही होनी चाहिए. वैसे बहुत अजीब बिहेव कर रहा है ये साइको. ढूंडना तो उसे हमें चाहिए आंटिडोट लेने के लिए.” गौरव ने कहा.
 
उसे मिल गयी होगी आंटिडोट तभी वो ऐसे बिहेव कर रहा है.” सौरभ ने कहा.
 
नही ऐसा नही हो सकता. मानता हूँ कि इंडिया में ये किसी ना किसी के पास मिल सकती है पर वक्त तो लगेगा ना ढूँडने में.”
 
हां पर इस संभावना से इनकार तो नही किया जा सकता ना.” सौरभ ने कहा.
 
हां पॉसिबिलिटी तो हैइसमे कोई शक की बात नही है.”
 
इस कमरे पर ताला लगा है, इसे खोल कर देंखे. अगर यही वो फार्म हाउस है तो पूजा को यही होना चाहिएसौरभ ने कहा.
 
हां तुम ताला तोडो मैं तुम्हे कवर करता हूँ.”
 
भाई मैं तोड़ने को नही बोल रहा हूँ. इसे मैं खोलने जा रहा हूँ.” सौरभ ने धीरे से कहा.
 
ज़्यादा वक्त नही लगाया सौरभ ने ताला खोलने में.
 
सौरभ और गौरव दरवाजा खुलते ही बंदूक तान कर अंदर घुस गये.
 
"यहाँ तो कोई भी नही है." सौरभ ने कहा.
 
"एक मिनिट लेकिन ये वही कमरा है जिसमे कि उसने पूजा को रख रखा था."
 
"ओह हां वो देखो दीवार पर कॅमरा लगे हैं"
 
"आख़िर क्या चाहता है ये हरामी. क्या उसे आंटिडोट नही चाहिए." गौरव ने कहा.
 
"मेरी बात मान उसे आंटिडोट मिल चुकी है. नही तो वो हमसे पहले मौजूद होता यहाँ"
 
"हमसे पहले तो वो आया ही था और कुछ करके गया है यहाँ. क्या करके गया है यही सोचने की बात है" बोलते बोलते गौरव की नज़र कमरे के एक कोने में रखे डस्टबिन पर गयी. ".ऍम.जी. सौरभ निकलो यहाँ से उसने बॉम्ब रखा है शायद यहाँ," गौरव चिल्लाया.
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RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 03-01-2020, 11:28 AM



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