03-01-2020, 11:25 AM
Update 112
बाते करते-करते गौरव और ऋतू गेट से बाहर आ गये. वो गाड़ी में घुसे ही थे कि अंकिता ने कहा, “तुमने कॅमरा ठीक से लगाया था ना”
“हां क्यों क्या हुआ?”
“कोई वीडियो नही आ रही है. मुश्किल से एक मिनिट वीडियो आई फिर अचानक बंद हो गयी.” अंकिता ने कहा.
“क्या! ऐसा कैसे हो सकता है.” गौरव हैरान रह गया.
“एसपी ने ज़रूर कुछ गड़बड़ कर दी होगी कॅमरा में” ऋतू ने कहा.
“मुझे भी यही लगता है. ” अंकिता ने कहा.
“अब क्या होगा गौरव. हम ये नही जान पाएँगे कि वो क्या कर रहा है.” ऋतू ने कहा.
“तुम लोग चिंता मत करो उसकी जिंदगी हमारी मुट्ठी में है. हम……” गौरव बोलता बोलता रुक गया क्योंकि अंकिता बीच में बोल पड़ी,”ओ.ऍम.जी. क्या ये पूजा है!”
गौरव ने तुरंत लॅपटॉप स्क्रीन पर देखा, “शायद… मैं पूजा से कभी नही मिला. वही होगी.”
“क्या हालत बना दी है उसने उसकी. ओह गॉड एक भी कपड़ा नही है उसके शरीर पर. मुझसे नही देखा जाता ये.” ऋतू ने कहा.
“आख़िर ये चाहता क्या है. क्या उसे अपनी जान प्यारी नही है.” अंकिता ने कहा.
“साइको है वो. कब क्या करेगा कुछ भरोसा नही. लेकिन जो भी हो किलर07 से वो नही बचेगा.”
“मगर पूजा का क्या होगा?” अंकिता ने सवाल किया.
“हम उसे कुछ नही….” गौरव बोलते बोलते रुक गया क्योंकि तभी उसका फोन बजने लगा था.
“हेलो”
“आअहह…मिस्टर गौरव पांडे कमाल कर दिया तुमने. बहुत सुना था किलर07 के बारे में. तुमने ये मुझपे यूज़ किया. बहुत बढ़िया गेम खेली तुमने मेरे साथ.”
“अच्छी लगी ना गेम. अभी तो शुरूवात है बेटा आगे देख क्या क्या होता है तेरे साथ.” गौरव ने कहा.
“आगे जो भी होगा मेरी मर्ज़ी से होगा. ये गेम अब मेरे तरीके से आगे बढ़ेगी. तुम्हे पूजा की लाइव वीडियो आ रही होगी. बहुत बेचैन नज़र आ रही है बेचारी मेरी आर्ट का हिस्सा बन-ने के लिए. 10 मिनिट में मैं पहुँच रहा हूँ उसके पास उसकी आर्ट बनाने के लिए. अगर उसे जींदा देखना चाहते हो तो आंटिडोट की सारी डोस मुझे दे दो चुपचाप. मैं वादा करता हूँ कि उसे कुछ नही करूँगा. अड्रेस तुम्हे बता ही दिया है मैने. वही पहुँच जाओ आंटिडोट ले कर. नही आए तो नतीजा बहुत बुरा होगा. मैं तो मारूँगा पर तुम्हारे लिए और तुम्हारे दोस्त सौरभ के लिए ऐसी आर्ट छोड़ जाऊगा पूजा क़ी, जिसे तुम जिंदगी भर नही भूल पाओगे. चाय्स तुम्हारी है…” साइको ने फोन काट दिया.
“क्या हुआ गौरव…क्या ये एसपी का फोन था.” अंकिता ने पूछा.
“हां…वो ये गेम अपने तरीके से खेलना चाहता है. आंटिडोट चाहता है वो. इसके बदले पूजा को छोड़ने के लिए तैयार है. मुझे आंटिडोट लेकर उसी जगह बुलाया है जहा पूजा को क़ैद कर रखा है उसने.”
“कहाँ है पूजा?” अंकिता ने पूछा.
“मसूरी की तरफ जो रास्ता जाता है उसी पर एक फार्म हाउस पर छुपा रखा है उसने उसे. लोकेशन पता है मुझे.”
“तो क्या इरादा है तुम्हारा?” अंकिता ने कहा.
“देखो इस वक्त पूजा सबसे बड़ी प्राइयारिटी है. एसपी साइको है कुछ भी कर सकता है. फिलहाल तो वो भी यही है और हम भी यही हैं. हमें उस से पहले पहुँचना होगा फार्म हाउस. चलो जल्दी…ऋतू तुम हटो मैं ड्राइव करता हूँ.” गौरव ने कहा. गाड़ी स्टार्ट करते ही गौरव ने सौरभ को फोन मिलाया और सारी सिचुयेशन उसे बता दी.
बाते करते-करते गौरव और ऋतू गेट से बाहर आ गये. वो गाड़ी में घुसे ही थे कि अंकिता ने कहा, “तुमने कॅमरा ठीक से लगाया था ना”
“हां क्यों क्या हुआ?”
“कोई वीडियो नही आ रही है. मुश्किल से एक मिनिट वीडियो आई फिर अचानक बंद हो गयी.” अंकिता ने कहा.
“क्या! ऐसा कैसे हो सकता है.” गौरव हैरान रह गया.
“एसपी ने ज़रूर कुछ गड़बड़ कर दी होगी कॅमरा में” ऋतू ने कहा.
“मुझे भी यही लगता है. ” अंकिता ने कहा.
“अब क्या होगा गौरव. हम ये नही जान पाएँगे कि वो क्या कर रहा है.” ऋतू ने कहा.
“तुम लोग चिंता मत करो उसकी जिंदगी हमारी मुट्ठी में है. हम……” गौरव बोलता बोलता रुक गया क्योंकि अंकिता बीच में बोल पड़ी,”ओ.ऍम.जी. क्या ये पूजा है!”
गौरव ने तुरंत लॅपटॉप स्क्रीन पर देखा, “शायद… मैं पूजा से कभी नही मिला. वही होगी.”
“क्या हालत बना दी है उसने उसकी. ओह गॉड एक भी कपड़ा नही है उसके शरीर पर. मुझसे नही देखा जाता ये.” ऋतू ने कहा.
“आख़िर ये चाहता क्या है. क्या उसे अपनी जान प्यारी नही है.” अंकिता ने कहा.
“साइको है वो. कब क्या करेगा कुछ भरोसा नही. लेकिन जो भी हो किलर07 से वो नही बचेगा.”
“मगर पूजा का क्या होगा?” अंकिता ने सवाल किया.
“हम उसे कुछ नही….” गौरव बोलते बोलते रुक गया क्योंकि तभी उसका फोन बजने लगा था.
“हेलो”
“आअहह…मिस्टर गौरव पांडे कमाल कर दिया तुमने. बहुत सुना था किलर07 के बारे में. तुमने ये मुझपे यूज़ किया. बहुत बढ़िया गेम खेली तुमने मेरे साथ.”
“अच्छी लगी ना गेम. अभी तो शुरूवात है बेटा आगे देख क्या क्या होता है तेरे साथ.” गौरव ने कहा.
“आगे जो भी होगा मेरी मर्ज़ी से होगा. ये गेम अब मेरे तरीके से आगे बढ़ेगी. तुम्हे पूजा की लाइव वीडियो आ रही होगी. बहुत बेचैन नज़र आ रही है बेचारी मेरी आर्ट का हिस्सा बन-ने के लिए. 10 मिनिट में मैं पहुँच रहा हूँ उसके पास उसकी आर्ट बनाने के लिए. अगर उसे जींदा देखना चाहते हो तो आंटिडोट की सारी डोस मुझे दे दो चुपचाप. मैं वादा करता हूँ कि उसे कुछ नही करूँगा. अड्रेस तुम्हे बता ही दिया है मैने. वही पहुँच जाओ आंटिडोट ले कर. नही आए तो नतीजा बहुत बुरा होगा. मैं तो मारूँगा पर तुम्हारे लिए और तुम्हारे दोस्त सौरभ के लिए ऐसी आर्ट छोड़ जाऊगा पूजा क़ी, जिसे तुम जिंदगी भर नही भूल पाओगे. चाय्स तुम्हारी है…” साइको ने फोन काट दिया.
“क्या हुआ गौरव…क्या ये एसपी का फोन था.” अंकिता ने पूछा.
“हां…वो ये गेम अपने तरीके से खेलना चाहता है. आंटिडोट चाहता है वो. इसके बदले पूजा को छोड़ने के लिए तैयार है. मुझे आंटिडोट लेकर उसी जगह बुलाया है जहा पूजा को क़ैद कर रखा है उसने.”
“कहाँ है पूजा?” अंकिता ने पूछा.
“मसूरी की तरफ जो रास्ता जाता है उसी पर एक फार्म हाउस पर छुपा रखा है उसने उसे. लोकेशन पता है मुझे.”
“तो क्या इरादा है तुम्हारा?” अंकिता ने कहा.
“देखो इस वक्त पूजा सबसे बड़ी प्राइयारिटी है. एसपी साइको है कुछ भी कर सकता है. फिलहाल तो वो भी यही है और हम भी यही हैं. हमें उस से पहले पहुँचना होगा फार्म हाउस. चलो जल्दी…ऋतू तुम हटो मैं ड्राइव करता हूँ.” गौरव ने कहा. गाड़ी स्टार्ट करते ही गौरव ने सौरभ को फोन मिलाया और सारी सिचुयेशन उसे बता दी.