03-01-2020, 11:24 AM
अचानक एक इंजेक्षन गढ़ गया एसपी की गर्दन में. उसने मूड कर देखा तो उसके पीछे गौरव खड़ा था.
एसपी के हाथ काँपने लगे इंजेक्षन लगते ही. बंदूक छूट गयी उसके हाथ से. “ये क्या लगा दिया तुमने मुझे.”
“किलर07 इंजेक्षन है ये. तुम्हारे ऑर्गन्स को अंदर से डेस्ट्राय करेगा. शुरूवात हो चुकी है. 30 मिनिट बाद तुम तड़प तड़प कर मर जाओगे.”
“यू बस्टर्ड…मैं तुम्हे छोड़ूँगा नही.”
“अपनी चिंता कर साले…10 मिनिट में तुझे आंटिडोट नही मिली इसकी तो तड़प-तड़प कर मरेगा. उसके बाद हर 15 मिनिट बाद तुझे एक आंटिडोट की ज़रूरत पड़ेगी. 10 आंटिडोट लेनी होगी तुझे तब जाकर तेरी जान बचेगी. और ये किलर07 इंजेक्षन इंपोर्टेड है. यहाँ इंडिया में ना ये इंजेक्षन मिलेगा और ना ही इसका आंटिडोट. इंजेक्षन भी मेरे पास है और आंटिडोट भी.”
एसपी के मूह से खून निकलने लगा. उसके चेहरे पर ख़ौफ़ साफ दीखाई दे रहा था.
“क्या बात है. बहुत सुंदर ख़ौफ़ है आपके चेहरे पर. पूजा कहा है जल्दी बताओ वरना कोई आंटिडोट नही मिलेगी तुम्हे.”
“पहले मुझे पहली आंटिडोट दो फिर बताउन्गा.”
“नही मिलेगी. जल्दी बताओ वरना तुम्हे कोई भी आंटिडोट नही मिलेगी.”
“ठीक है बताता हूँ आहह.” एसपी कराहते हुए बोला.
एसपी ने उस जगह का पता बता दिया जहा उसने पूजा को च्छूपा रखा था.
“वेरी गुड. अब 10 मिनिट में जंगल पहुँचो. पहली आंटिडोट तुम्हे वही मिलेगी. ये पेन अपनी जेब में रखना. कॅमरा लगा है इसमे. कोई भी ऐसी वैसी हरकत की तो मेरा मूड खराब हो जाएगा और मैं सारी आंटिडोट्स डेस्ट्राय कर दूँगा.” गौरव ने कहा
“10 मिनिट में मैं जंगल नही पहुँच सकता.” एसपी गिड़गिदाया.
“वो मेरी प्रॉब्लम नही है. चलो ऋतू चलते हैं.”
“मुझे पहली आंटिडोट तो दे दो आहह.” एसपी दर्द से कराहते हुए बोला.
“जंगल पहुँचने से पहले कोई आंटिडोट नही मिलेगी तुम्हे. तुम्हारा खेल ख़तम हुआ मिस्टर साइको अब हमारी बारी है.”
जैसे ही एसपी की जेब में पेन रखा था गौरव ने गाड़ी में बैठी अंकिता को लॅपटॉप पर लाइव पिक्चर मिलने लगी थी.
“ग्रेट गौरव…प्लान कामयाब रहा. देखते हैं अब एसपी साहिब चुपचाप जंगल आते हैं कि नही. मुझे उम्मीद है कि पूजा का पता तो तुमने लगा ही लिया होगा.” अंकिता ने कहा
गौरव और ऋतू एसपी के कमरे से निकल कर चुपचाप गेट की तरफ बढ़ रहे थे.
“शूकर है बुलेटप्रूफ जॅकेट पहन रखी थी नही तो आज गया था काम से.” गौरव ने धीमी आवाज़ में कहा.
“तुम्हे क्या लगता है क्या वो आएगा जंगल में.” ऋतू ने पूछा.
“उसे आना पड़ेगा. हमने अपना काम कर दिया है. जस्ट वेट एन्ड वाच कि आगे क्या होता है. और अगर वो नही भी आया जंगल तो भी मौत तो उसकी निस्चित है ही. उसे कोई नही बचा सकता. किलर07 से कोई नही बचा आज तक. ये इंजेक्षन ज़्यादातर इंटरनॅशनल स्पाइस यूज़ करते हैं. मोस्ट सीक्रेट वेपन है और उतना ही लेथल भी.” गौरव ने कहा.
“तुम्हे कैसे पता इतना कुछ. और ये इंजेक्षन तुम्हे मिला कैसे.”
“मेरा एक बहुत ख़ास दोस्त Cईआ एजेंट है. पीछे साल वो इंडिया आया हुआ था एक ख़ास मिशन पर. उसी ने मुझे दिया था ये. मैने सोचा भी नही था तब कि कभी इसका यूज़ भी करूँगा. मगर मैने इसे संभाल कर रख लिया था. देखो आज काम आ गया.”
एसपी के हाथ काँपने लगे इंजेक्षन लगते ही. बंदूक छूट गयी उसके हाथ से. “ये क्या लगा दिया तुमने मुझे.”
“किलर07 इंजेक्षन है ये. तुम्हारे ऑर्गन्स को अंदर से डेस्ट्राय करेगा. शुरूवात हो चुकी है. 30 मिनिट बाद तुम तड़प तड़प कर मर जाओगे.”
“यू बस्टर्ड…मैं तुम्हे छोड़ूँगा नही.”
“अपनी चिंता कर साले…10 मिनिट में तुझे आंटिडोट नही मिली इसकी तो तड़प-तड़प कर मरेगा. उसके बाद हर 15 मिनिट बाद तुझे एक आंटिडोट की ज़रूरत पड़ेगी. 10 आंटिडोट लेनी होगी तुझे तब जाकर तेरी जान बचेगी. और ये किलर07 इंजेक्षन इंपोर्टेड है. यहाँ इंडिया में ना ये इंजेक्षन मिलेगा और ना ही इसका आंटिडोट. इंजेक्षन भी मेरे पास है और आंटिडोट भी.”
एसपी के मूह से खून निकलने लगा. उसके चेहरे पर ख़ौफ़ साफ दीखाई दे रहा था.
“क्या बात है. बहुत सुंदर ख़ौफ़ है आपके चेहरे पर. पूजा कहा है जल्दी बताओ वरना कोई आंटिडोट नही मिलेगी तुम्हे.”
“पहले मुझे पहली आंटिडोट दो फिर बताउन्गा.”
“नही मिलेगी. जल्दी बताओ वरना तुम्हे कोई भी आंटिडोट नही मिलेगी.”
“ठीक है बताता हूँ आहह.” एसपी कराहते हुए बोला.
एसपी ने उस जगह का पता बता दिया जहा उसने पूजा को च्छूपा रखा था.
“वेरी गुड. अब 10 मिनिट में जंगल पहुँचो. पहली आंटिडोट तुम्हे वही मिलेगी. ये पेन अपनी जेब में रखना. कॅमरा लगा है इसमे. कोई भी ऐसी वैसी हरकत की तो मेरा मूड खराब हो जाएगा और मैं सारी आंटिडोट्स डेस्ट्राय कर दूँगा.” गौरव ने कहा
“10 मिनिट में मैं जंगल नही पहुँच सकता.” एसपी गिड़गिदाया.
“वो मेरी प्रॉब्लम नही है. चलो ऋतू चलते हैं.”
“मुझे पहली आंटिडोट तो दे दो आहह.” एसपी दर्द से कराहते हुए बोला.
“जंगल पहुँचने से पहले कोई आंटिडोट नही मिलेगी तुम्हे. तुम्हारा खेल ख़तम हुआ मिस्टर साइको अब हमारी बारी है.”
जैसे ही एसपी की जेब में पेन रखा था गौरव ने गाड़ी में बैठी अंकिता को लॅपटॉप पर लाइव पिक्चर मिलने लगी थी.
“ग्रेट गौरव…प्लान कामयाब रहा. देखते हैं अब एसपी साहिब चुपचाप जंगल आते हैं कि नही. मुझे उम्मीद है कि पूजा का पता तो तुमने लगा ही लिया होगा.” अंकिता ने कहा
गौरव और ऋतू एसपी के कमरे से निकल कर चुपचाप गेट की तरफ बढ़ रहे थे.
“शूकर है बुलेटप्रूफ जॅकेट पहन रखी थी नही तो आज गया था काम से.” गौरव ने धीमी आवाज़ में कहा.
“तुम्हे क्या लगता है क्या वो आएगा जंगल में.” ऋतू ने पूछा.
“उसे आना पड़ेगा. हमने अपना काम कर दिया है. जस्ट वेट एन्ड वाच कि आगे क्या होता है. और अगर वो नही भी आया जंगल तो भी मौत तो उसकी निस्चित है ही. उसे कोई नही बचा सकता. किलर07 से कोई नही बचा आज तक. ये इंजेक्षन ज़्यादातर इंटरनॅशनल स्पाइस यूज़ करते हैं. मोस्ट सीक्रेट वेपन है और उतना ही लेथल भी.” गौरव ने कहा.
“तुम्हे कैसे पता इतना कुछ. और ये इंजेक्षन तुम्हे मिला कैसे.”
“मेरा एक बहुत ख़ास दोस्त Cईआ एजेंट है. पीछे साल वो इंडिया आया हुआ था एक ख़ास मिशन पर. उसी ने मुझे दिया था ये. मैने सोचा भी नही था तब कि कभी इसका यूज़ भी करूँगा. मगर मैने इसे संभाल कर रख लिया था. देखो आज काम आ गया.”