“हू ईज़ तीस.” आशुतोष ने अंदर से आवाज़ लगाई.
“आशु दरवाजा खोलो”
“ये तो ए एस पी साहिबा की आवाज़ है.” आशुतोष ने कहा.
गौरव ने तुरंत आयेज बढ़ कर दरवाजा खोला. दरवाजे के बाहर सच में अंकिता खड़ी थी.
गौरव अपने पीछे दरवाजा बंद करके अंकिता का हाथ पकड़ कर उसे एक तरफ ले गया.
“आप यहाँ क्या कर रही हैं.”
“रोक नही पाई खुद को गौरव. प्लीज़ मुझे अपने साथ रहने दो. मैं घर जा कर भी तो बेचैन ही रहूंगी.”
“मेरे साथ क्यों रहना चाहती हैं आप.”
“आइ केर फॉर यू”
“काश झूठ ही सही एक बार तो कह देती मुझे वो बात जिसे सुन ने के लिए मैं दिन रात बेचैन रहता हूँ.”
“कहना तो बहुत कुछ चाहती थी पर……” अंकिता बोलते बोलते रुक गयी फिर गहरी साँस ले कर बोली, “खैर छोड़ो”
“अब आप यहाँ आ ही गयी हैं तो अकेले वापिस भी नही भेज सकता. आपने हर्ट किया है मुझे. मेरी कोई भी बात नही मानती हैं आप. हां भाई ए एस पी साहिबा जो हैं आप….क्यों मानेगी मेरी बात आप.”
“प्लीज़ गौरव ये ताना देना बंद करो…मैं साथ रहूंगी तो कुछ मदद ही करूँगी. कोई बोझ नही बनूँगी तुम पर.”
“ठीक है आओ अंदर.”
अंकिता गौरव के पीछे-पीछे अंदर आ गयी.
“हाई एवेरिवन…मुझे उम्मीद है की मेरी उपस्थिति किसी को परेशान नही करेगी.” अंकिता ने कहा.
“मैं आपको ब्रीफ में सारी सिचुयेशन बताता हूँ.” गौरव ने अंकिता को अपना प्लान बताया.
“ह्म्म मगर पहले हमें ये पता करना होगा कि साइको घर पर है कि नही.”
“वो मैने पता कर लिया है. वो घर पर ही है”
“ह्म्म लेकिन उसे घर से बाहर कॉन लाएगा.”
“ऋतू से रिक्वेस्ट कर रहे हैं हम. पर ये डर रही है.”
“डरने की बात भी है. बहुत चालाक और धूर्त है साइको.वो आसानी से इस जाल में फस्ने वाला नही है.”
“लेकिन हम क्या करें. हमारे पास वक्त कम है. जो भी करना है तुरंत करना है.”
“लेकिन ये सीसी कॉन है. एसपी का नाम तो राहुल महाजन है.” अंकिता ने कहा.
“इसका जवाब तो साइको को ही देना होगा. हम बहुत परेशान रहे इस सीसी को लेकर. बस अब और नही. “ गौरव ने कहा.
“अपर्णा कैसे पहचाना तुमने साइको को. कब और कैसे आई उसकी फोटो तुम्हारे सामने.” अंकिता ने पूछा
अपर्णा की तो साँस अटक गयी ये सवाल सुन कर. उसने आशुतोष की तरफ देखा. आशुतोष मन ही मन हंस दिया अपर्णा की हालत पर. उसे पता था कि अपर्णा दुविधा में है इसलिए अंकिता के प्रश्न का जवाब खुद दे दिया, “अपर्णा कुछ बुक्स उठा रही थी टेबल से. उठाते वक्त एक किताब नीचे गिर गयी. उसमें कुछ फोटोस थी. एक फोटो एसपी साहिब की भी थी उसमें.”
“लेकिन आप लोग एक बात का जवाब दे. एसपी से तो काफ़ी फ्रीक्वेंट्ली मिलते होंगे आप लोग. फिर आपने उसकी आवाज़ क्यों नही पहचानी कभी.” ऋतू ने पूछा.
“क्योंकि साइको के रूप में, एसपी बिल्कुल डिफरेंट आवाज़ रखता होगा. तुम ये बताओ…ये काम तुम करोगी कि नही. रिपोर्टर होने के कारण तुम ये काम आसानी से कर सकती हो.” गौरव ने कहा.
“ठीक है मैं तैयार हूँ. मुझे कैसे…कैसे क्या करना है सब बता दो.
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“आशु दरवाजा खोलो”
“ये तो ए एस पी साहिबा की आवाज़ है.” आशुतोष ने कहा.
गौरव ने तुरंत आयेज बढ़ कर दरवाजा खोला. दरवाजे के बाहर सच में अंकिता खड़ी थी.
गौरव अपने पीछे दरवाजा बंद करके अंकिता का हाथ पकड़ कर उसे एक तरफ ले गया.
“आप यहाँ क्या कर रही हैं.”
“रोक नही पाई खुद को गौरव. प्लीज़ मुझे अपने साथ रहने दो. मैं घर जा कर भी तो बेचैन ही रहूंगी.”
“मेरे साथ क्यों रहना चाहती हैं आप.”
“आइ केर फॉर यू”
“काश झूठ ही सही एक बार तो कह देती मुझे वो बात जिसे सुन ने के लिए मैं दिन रात बेचैन रहता हूँ.”
“कहना तो बहुत कुछ चाहती थी पर……” अंकिता बोलते बोलते रुक गयी फिर गहरी साँस ले कर बोली, “खैर छोड़ो”
“अब आप यहाँ आ ही गयी हैं तो अकेले वापिस भी नही भेज सकता. आपने हर्ट किया है मुझे. मेरी कोई भी बात नही मानती हैं आप. हां भाई ए एस पी साहिबा जो हैं आप….क्यों मानेगी मेरी बात आप.”
“प्लीज़ गौरव ये ताना देना बंद करो…मैं साथ रहूंगी तो कुछ मदद ही करूँगी. कोई बोझ नही बनूँगी तुम पर.”
“ठीक है आओ अंदर.”
अंकिता गौरव के पीछे-पीछे अंदर आ गयी.
“हाई एवेरिवन…मुझे उम्मीद है की मेरी उपस्थिति किसी को परेशान नही करेगी.” अंकिता ने कहा.
“मैं आपको ब्रीफ में सारी सिचुयेशन बताता हूँ.” गौरव ने अंकिता को अपना प्लान बताया.
“ह्म्म मगर पहले हमें ये पता करना होगा कि साइको घर पर है कि नही.”
“वो मैने पता कर लिया है. वो घर पर ही है”
“ह्म्म लेकिन उसे घर से बाहर कॉन लाएगा.”
“ऋतू से रिक्वेस्ट कर रहे हैं हम. पर ये डर रही है.”
“डरने की बात भी है. बहुत चालाक और धूर्त है साइको.वो आसानी से इस जाल में फस्ने वाला नही है.”
“लेकिन हम क्या करें. हमारे पास वक्त कम है. जो भी करना है तुरंत करना है.”
“लेकिन ये सीसी कॉन है. एसपी का नाम तो राहुल महाजन है.” अंकिता ने कहा.
“इसका जवाब तो साइको को ही देना होगा. हम बहुत परेशान रहे इस सीसी को लेकर. बस अब और नही. “ गौरव ने कहा.
“अपर्णा कैसे पहचाना तुमने साइको को. कब और कैसे आई उसकी फोटो तुम्हारे सामने.” अंकिता ने पूछा
अपर्णा की तो साँस अटक गयी ये सवाल सुन कर. उसने आशुतोष की तरफ देखा. आशुतोष मन ही मन हंस दिया अपर्णा की हालत पर. उसे पता था कि अपर्णा दुविधा में है इसलिए अंकिता के प्रश्न का जवाब खुद दे दिया, “अपर्णा कुछ बुक्स उठा रही थी टेबल से. उठाते वक्त एक किताब नीचे गिर गयी. उसमें कुछ फोटोस थी. एक फोटो एसपी साहिब की भी थी उसमें.”
“लेकिन आप लोग एक बात का जवाब दे. एसपी से तो काफ़ी फ्रीक्वेंट्ली मिलते होंगे आप लोग. फिर आपने उसकी आवाज़ क्यों नही पहचानी कभी.” ऋतू ने पूछा.
“क्योंकि साइको के रूप में, एसपी बिल्कुल डिफरेंट आवाज़ रखता होगा. तुम ये बताओ…ये काम तुम करोगी कि नही. रिपोर्टर होने के कारण तुम ये काम आसानी से कर सकती हो.” गौरव ने कहा.
“ठीक है मैं तैयार हूँ. मुझे कैसे…कैसे क्या करना है सब बता दो.
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