03-01-2020, 11:12 AM
कुछ देर बाद आशुतोष के छोटे से कमरे में पूरी टास्क फोर्स इकट्ठा होती है.
“साइको का पता तो चल गया मगर अब उसे ट्रॅप करना भी एक चुनोती से कम नही है. एसपी साहिब के घर पर काफ़ी सुरक्षा इंतज़ाम हैं. हर तरफ गन्मन हैं. उसके घर में किसी भी परकार का आर्टिस्टिक मर्डर संभव नही है. किसी भी तरह उसे उसके घर से बाहर निकालना होगा. तभी हम कुछ कर पाएँगे. हमारे पास ज़्यादा वक्त भी नही है. जो भी करना है आज की रात ही करना है क्योंकि पूजा की जान ख़तरे में है. हमें साइको को भी मारना है और पूजा को भी बचाना है.” गौरव ने कहा.
“लेकिन उसे बाहर निकालेंगे कैसे.” सौरभ ने कहा.
गौरव ने सभी को अपना प्लान बताया. उसका प्लान सुन कर सभी के होश उड़ गये. सभी एक दूसरे की तरफ देख रहे थे.
“यार गौरव बहुत ही चॅलेंजिंग है ये काम. पर इसे करेगा कौन. हम में से कोई भी वहाँ गया तो उसे शक हो जाएगा.”
“ये काम ऋतू बहुत अच्छे ढंग से कर सकती है” गौरव ने कहा.
ये सुनते ही ऋतू चोंक गयी. “ क्या?”
“हां ऋतू इस वक्त तुम्ही हमारी होप हो”
“यार हम पोलीस को इन्वॉल्व क्यों नही करते…ये कोई बच्चो का खेल नही है.”
“पोलीस फोर्स उसके हाथ में है. उसके खिलाफ ऑपरेशन स्टार्ट करने से पहले ही उसे खबर मिल जाएगी. और हो सकता है हम सभी को जैल में डाल दिया जाए. ये काम सिर्फ़ हमें ही करना होगा.”
“मुझसे ये नही होगा…मैं वहाँ जा कर फँस गयी तो. मेरी पैंटिंग ना बन जाए कही इस चक्कर में.” ऋतू ने कहा.
तभी अचानक कमरे का दरवाजा खड़का. सभी फ़ौरन हरकत में आ गये. आशुतोष,गौरव और सौरभ ने अपनी अपनी पिस्टल निकाल ली.
“कौन हो सकता है?”
“वैसे मैने भोलू को कुछ समान लाने को बोला था हो सकता है वो हो.”
“मैं देखता हूँ सर की कौन है.” आशुतोष ने कहा.
“आशुतोष….ध्यान से.” अपर्णा ने कहा.
“शूकर है अपर्णा कुछ तो बोली. आशुतोष तो छा गया.” सौरभ ने चुस्की ली.
“गुरु…” आशुतोष ने सौरभ की तरफ अपर्णा को लेकर मज़ाक ना करने का इशारा किया.
“साइको का पता तो चल गया मगर अब उसे ट्रॅप करना भी एक चुनोती से कम नही है. एसपी साहिब के घर पर काफ़ी सुरक्षा इंतज़ाम हैं. हर तरफ गन्मन हैं. उसके घर में किसी भी परकार का आर्टिस्टिक मर्डर संभव नही है. किसी भी तरह उसे उसके घर से बाहर निकालना होगा. तभी हम कुछ कर पाएँगे. हमारे पास ज़्यादा वक्त भी नही है. जो भी करना है आज की रात ही करना है क्योंकि पूजा की जान ख़तरे में है. हमें साइको को भी मारना है और पूजा को भी बचाना है.” गौरव ने कहा.
“लेकिन उसे बाहर निकालेंगे कैसे.” सौरभ ने कहा.
गौरव ने सभी को अपना प्लान बताया. उसका प्लान सुन कर सभी के होश उड़ गये. सभी एक दूसरे की तरफ देख रहे थे.
“यार गौरव बहुत ही चॅलेंजिंग है ये काम. पर इसे करेगा कौन. हम में से कोई भी वहाँ गया तो उसे शक हो जाएगा.”
“ये काम ऋतू बहुत अच्छे ढंग से कर सकती है” गौरव ने कहा.
ये सुनते ही ऋतू चोंक गयी. “ क्या?”
“हां ऋतू इस वक्त तुम्ही हमारी होप हो”
“यार हम पोलीस को इन्वॉल्व क्यों नही करते…ये कोई बच्चो का खेल नही है.”
“पोलीस फोर्स उसके हाथ में है. उसके खिलाफ ऑपरेशन स्टार्ट करने से पहले ही उसे खबर मिल जाएगी. और हो सकता है हम सभी को जैल में डाल दिया जाए. ये काम सिर्फ़ हमें ही करना होगा.”
“मुझसे ये नही होगा…मैं वहाँ जा कर फँस गयी तो. मेरी पैंटिंग ना बन जाए कही इस चक्कर में.” ऋतू ने कहा.
तभी अचानक कमरे का दरवाजा खड़का. सभी फ़ौरन हरकत में आ गये. आशुतोष,गौरव और सौरभ ने अपनी अपनी पिस्टल निकाल ली.
“कौन हो सकता है?”
“वैसे मैने भोलू को कुछ समान लाने को बोला था हो सकता है वो हो.”
“मैं देखता हूँ सर की कौन है.” आशुतोष ने कहा.
“आशुतोष….ध्यान से.” अपर्णा ने कहा.
“शूकर है अपर्णा कुछ तो बोली. आशुतोष तो छा गया.” सौरभ ने चुस्की ली.
“गुरु…” आशुतोष ने सौरभ की तरफ अपर्णा को लेकर मज़ाक ना करने का इशारा किया.